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कर्म तुरंत नहीं बोलता पर जब बोलता है तो सबको चुप कर देता है।
🔔 जय श्री कृष्णा! 🙏💫
वृंदावन की गलियों में आज भी बाँसुरी की वह मधुर तान गूंजती है...
जहाँ हर मन “श्याम” के नाम से पिघल जाता है।
🌿 मंत्र:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय॥
(हे वासुदेव — जो सबके हृदय में बसे हैं, आपको नमस्कार।)
🌸 भावार्थ:
यह मंत्र हमें याद दिलाता है कि भगवान श्रीकृष्ण हर जीव के भीतर हैं — प्रेम, करुणा और सत्य के रूप में। जब हम किसी में अच्छाई देखते हैं, तो दरअसल उसी “वासुदेव” की झलक पाते हैं।
💠 कथा:
एक बार रुक्मिणी जी ने कृष्ण से पूछा — “प्रभु, आप सदा मुस्कुराते क्यों रहते हैं?”
श्रीकृष्ण ने उत्तर दिया — “क्योंकि मेरा विश्वास है कि हर परिस्थिति, चाहे जितनी कठिन हो, मेरे भक्त के भले के लिए ही होती है। जब यह बात मन में बैठ जाती है, तब जीवन स्वयं मुस्कुरा देता है।”
✨ इसलिए जब भी जीवन कठिन लगे,
“कान्हा” के मुस्कुराते रूप को याद करना...
क्योंकि वह हँसी कहती है — “सब अच्छा ही होगा।” 💛
🌼 जय श्री राधे-कृष्णा! 🌼
वृंदावन की गलियों में आज भी बाँसुरी की वह मधुर तान गूंजती है...
जहाँ हर मन “श्याम” के नाम से पिघल जाता है।
🌿 मंत्र:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय॥
(हे वासुदेव — जो सबके हृदय में बसे हैं, आपको नमस्कार।)
🌸 भावार्थ:
यह मंत्र हमें याद दिलाता है कि भगवान श्रीकृष्ण हर जीव के भीतर हैं — प्रेम, करुणा और सत्य के रूप में। जब हम किसी में अच्छाई देखते हैं, तो दरअसल उसी “वासुदेव” की झलक पाते हैं।
💠 कथा:
एक बार रुक्मिणी जी ने कृष्ण से पूछा — “प्रभु, आप सदा मुस्कुराते क्यों रहते हैं?”
श्रीकृष्ण ने उत्तर दिया — “क्योंकि मेरा विश्वास है कि हर परिस्थिति, चाहे जितनी कठिन हो, मेरे भक्त के भले के लिए ही होती है। जब यह बात मन में बैठ जाती है, तब जीवन स्वयं मुस्कुरा देता है।”
✨ इसलिए जब भी जीवन कठिन लगे,
“कान्हा” के मुस्कुराते रूप को याद करना...
क्योंकि वह हँसी कहती है — “सब अच्छा ही होगा।” 💛
🌼 जय श्री राधे-कृष्णा! 🌼
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जीवन के 3 अनमोल वचन:
1. "सत्यमेव जयते" - सत्य की जीत होती है, इसलिए हमेशा सच का साथ दें।
2. "कर्मण्ये वाधिकारस्ते" - कर्म पर ध्यान दें, फल की चिंता न करें।
3. "जहां सुमति वहां संपदा" - अच्छे विचार और अच्छे कर्म से ही सुख और संपदा प्राप्त होती है।
इन वचनों को अपने जीवन में अपनाकर हम सफलता और सुख प्राप्त कर सकते हैं।
1. "सत्यमेव जयते" - सत्य की जीत होती है, इसलिए हमेशा सच का साथ दें।
2. "कर्मण्ये वाधिकारस्ते" - कर्म पर ध्यान दें, फल की चिंता न करें।
3. "जहां सुमति वहां संपदा" - अच्छे विचार और अच्छे कर्म से ही सुख और संपदा प्राप्त होती है।
इन वचनों को अपने जीवन में अपनाकर हम सफलता और सुख प्राप्त कर सकते हैं।
