राजस्थान का पहला कछुआ संरक्षण केंद्र 
स्थान – चंबल नदी के किनारे, धौलपुर प्रस्ताव – WWF द्वारा राजस्थान चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ऑफिस को भेजा गया
संस्थाएँ – TSA फाउंडेशन इंडिया व वन विभाग
पूर्व सफल प्रयास –
राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य में बाटागुर प्रजाति के कछुओं का संरक्षण
3,267 कछुआ शावक चंबल नदी में छोड़े गए
160 नेस्ट सुरक्षित रखकर हैचरी में विकसित किए गए
संरक्षण की आवश्यकता –
बारिश में तेज बहाव से अंडे व बच्चे बह जाते हैं
जंगली जानवरों द्वारा अंडों के खाए जाने से प्रजातियाँ संकट में
  स्थान – चंबल नदी के किनारे, धौलपुर प्रस्ताव – WWF द्वारा राजस्थान चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ऑफिस को भेजा गया
संस्थाएँ – TSA फाउंडेशन इंडिया व वन विभाग
पूर्व सफल प्रयास –
राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य में बाटागुर प्रजाति के कछुओं का संरक्षण
3,267 कछुआ शावक चंबल नदी में छोड़े गए
160 नेस्ट सुरक्षित रखकर हैचरी में विकसित किए गए
संरक्षण की आवश्यकता –
बारिश में तेज बहाव से अंडे व बच्चे बह जाते हैं
जंगली जानवरों द्वारा अंडों के खाए जाने से प्रजातियाँ संकट में
