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तेरी उलझन का हल ये सोचा है",,
_____,,,,☹️🖤

अब बिछड़ जाए हम तो अच्छा है.…!¡!😔🖇️🚬
जब्त_ए_गम ने बचा लिया वर्ना",,
______,,,,🖤🥀

हम कोई दास्तान हो जाते.…!¡!😔🖇️🚬
वो मुझे काफिरों में गिनते है",,
_____,,,,☹️🖤

जो नहीं जानते खुदा क्या है.…!¡!😔🖇️🚬
मर जाते है ये इस दिल में कई",,
_____,,,,🖤🍁

अरमानों के जनाजे उठा नहीं करते.…!¡!😔🖇️🚬
अपनी ही मोहब्बत से मुकरना पड़ा मुझे",,
_____,,,,☹️🖤

जब रोता देखा उसे किसी और के लिए.…!¡!😔🖇️🚬
और मंजर भी मुहैय्या थे बसारत को मगर",,
______,,,,🖤🍁

मेरी आंखों ने फकत आप का रस्ता देखा.…!¡!😔🖇️🚬
दुख दर्द से सदियों का ताल्लुक है हमारा",,
_____,,,,☹️🥀

आंखों की उदासी हमें विरासत में मिली है.…!¡!😔🖇️🚬
खाएं जाती थी कोई फ़िक्र उसे",,
_____,,,,☹️🥀

ऐसे हंसता था जैसे रोया हो.…!¡!😔🖇️🚬
मेरी दीवानगी को तू ना देख इस तरह",,
______,,,,🥀🖤

ये देख मै दीवाना हुआ हूं किस तरह...!¡!😔🖇️🚬
कभी आऊंगा तो जुल्फें भी संवारूंगा तेरी",,
_____,,,,🙃🤞

सुना है बहुत जुए है तेरे सिर में...!¡!😬😁
हम आंखों से अपनी दास्तां बयां करते रहे",,
_____,,,,🖤🥀

कमबख्त ने ये पूछ लिया हम रो क्यों रहे है...!¡!😔🖇️🚬
कैसे मुमकिन है कोई दाग दिखाई देता ,
मैनें चाहा है तुझे इश्क में अंधा हो कर ।।
जाते - जाते उसके आखिरी अल्फाज़ यही थे

जी सको तो जी लेना मर जाओ तो बेहतर होगा..🖤🖤
"कोई सुलह करा दे ज़िंदगी की उलझनों से मेरी..
बड़ी तलब है हमें भी खुल कर मुस्कुराने की....💔😔
कहता है महफूज़ रहे वो घर में बंद दीवारों में",,
_____,,,,☹️🍁

बता द्रोपदी कहा लुटी थी, घर में कि बाजारों में...!¡!😔🖇️🚬
एक मोहब्बत का मशघला ले कर",,
______,,,,🖤🍁

जिंदगी खूब तबाह की हमने...!¡!😔🖇️🚬
जबसे झुमके उतार दिए तुमने,
सोने का भाव गिर गया है.❤️😅
इश्क़ और चाय एक जैसी होती हैं साहब,
इनको जीतना पकाओगे उतना रंग आएगा।❤️🌺
लड़को ने प्रेम में कुछ किया या नहीं लिया,
प्रेमिका के साथ सेल्फी लेने में अव्वल रहें।❤️🥹
मुंतशिर हसरतें अरमानों का टूटा घर नहीं देखा",,
_____,,,,☹️🖤

तुमने बस्तियां देखी है,
अभी शहर नहीं देखा...!¡!😔🖇️🚬
2025/07/05 12:58:39
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