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क्या ख़ाक लिखूं ये उस बेख़बर के बारे में,,,

कलम कांप उठती है सुन कर नाम उसका.....!! 😒
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जब पगड़ियां पांव में गिरती हैं
तो मोहब्बतें वार दी जाती हैं..
❣️💔
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जिस्म की दरारों से रूह नजर आने लगी ।

बहुत अंदर तक तोड़ गया है मुझे इश्क़ तेरा....✍️😒
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बेहद प्यार साजोकर रखा है तेरे खातिर

जिस दिन हम रूबरू होंगे जी भर के तुझ पर लुटाऊंगा.🥀👌
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चलो अब घर चलें मोहसिन बहुत कर ली आवारगी
वह सब स्कूल के साथी थे उन्हें आखिर बिछड़ना था!!
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जनवरी भी लिखेगी मेरे नाम सिसकियां ही..!!

ए दिसंबर तु मुझे भी अपने साथ लेते जाना..!!
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अपने कमरे में ख्यालों से शिकस्ता हो कर....!!
लग कर दीवारों से दीवार को देखा है कभी...!!!
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मैं माह-ए-दिसम्बर नहीं जो लौट कर आ जाऊँ हर बरस..!

वह रुख़्सत हुआ साल हूँ, जो बिछड़ता है, बिछड़ जाता है।।😒
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दो घड़ी के साथी को हमसफ़र समझतें है

किस क़दर पुराने है हम नये जमाने में....!!❤️💞
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सर्द मौसम में बहुत याद आते हैं..

धुंध में लिपटे हुए....वादे तेरे...!!❤️💞
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डर लगना लाज़िमी है लगाव से ,,

धीरे धीरे हर अज़ीज़ से दूर हुए हैं हम..!!❤️💞
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जिस लड़के को भुला कर बैठती हैं दुल्हन मण्डप में

उस लड़के का चेहरा आखिरी फेरे में याद आ ही जाता है.✍️🍁🍂
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छोड़ो ये वफाओं के किस्से ये उम्रों का रोना है",,
__,,,,🖤🍂
ना पहले कोई अपना ..................Read more
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सरेआम मिठास उसके लबों से भर रहे हैं

रात का काम आज हम दिन में कर रहे हैं...❤️💞
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सर्दी तू कभी जाना नहीं।

तू, है तो वो भी करीब है।❤️💞
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बड़े खूबसूरत होते हैं वो लोग

जो वक़्त पर वक़्त देते हैं। ❤️💞
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यूं कब तक छूता रहूंगा तुम्हें लफ्जों से,

कभी तो मौका दे दो छूने का लबों से..❤️💞
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किसी के साथ तय की गई लंबी यात्रा के पश्चात

अकेले लौटने जितना पीड़ादायक कुछ भी नहीं होता...❤️💞
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विरासत में मेहनत मिली हैं,

हमें हमारी कहानी हम खुद लिखेंगे...!!
#Zalima
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2025/07/09 01:31:38
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