मेरा क़िरदार ही मेरी पहचान है।
वरना बाज़ीगर बनने का शौक़ लिए घूम रहे यहाँ लाखों इंसान है।.... बाज़ीगर
वरना बाज़ीगर बनने का शौक़ लिए घूम रहे यहाँ लाखों इंसान है।.... बाज़ीगर
ना मैं काबिले तारीफ़ हूं, ना काबिल ए हसीन।
इक उलझा हुआ इंसान हू सुलझे मिजाज़ का।
इक उलझा हुआ इंसान हू सुलझे मिजाज़ का।