आये ना रात काली...!
हर घर में मने खुशिया, हर घर में हो दिवाली...!!
हर घर में हो सदा ही, माँ लक्ष्मी का डेरा...!
हर शाम हो सुनहरी, और महके हर सवेरा...!!
दिल हो सभी के निर्मल, ना ही द्वेष भाव आये...!
मन में रहे ना शंका, सुरो में मिठास लाये...!!
हर घर में हो उजाला, आये ना रात काली...!
हर घर में मने खुशिया, हर घर में हो दिवाली...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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𝑯𝒂𝒑𝒑𝒀 𝑫𝒊𝒘𝒂𝑳
हर घर में मने खुशिया, हर घर में हो दिवाली...!!
हर घर में हो सदा ही, माँ लक्ष्मी का डेरा...!
हर शाम हो सुनहरी, और महके हर सवेरा...!!
दिल हो सभी के निर्मल, ना ही द्वेष भाव आये...!
मन में रहे ना शंका, सुरो में मिठास लाये...!!
हर घर में हो उजाला, आये ना रात काली...!
हर घर में मने खुशिया, हर घर में हो दिवाली...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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𝑯𝒂𝒑𝒑𝒀 𝑫𝒊𝒘𝒂𝑳
चलो आज फिर एक दीप जलाया जाये...!
रूठे हुये को फिर मनाया जाए...!!
पोंछ कर आँखों में छिपी उदासी को...!
जख्मो पे मलहम लगाया जाए...!!
पकड़ लो हाथ खेले फिर से...!
मोहल्ले का चक्कर एक लगाया जाए...!!
भूल जाए गिले-शिकवे सब पुराने...!
आओ मिलकर ये त्यौहार मनाया जाए...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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𝑯𝒂𝒑𝒑𝒀 𝑫𝒊𝒘𝒂𝑳
रूठे हुये को फिर मनाया जाए...!!
पोंछ कर आँखों में छिपी उदासी को...!
जख्मो पे मलहम लगाया जाए...!!
पकड़ लो हाथ खेले फिर से...!
मोहल्ले का चक्कर एक लगाया जाए...!!
भूल जाए गिले-शिकवे सब पुराने...!
आओ मिलकर ये त्यौहार मनाया जाए...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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𝑯𝒂𝒑𝒑𝒀 𝑫𝒊𝒘𝒂𝑳
दिवाली के दीपक जग-मगाए आपके आँगन में...!
सात रंग सजे इस साल आपके आँगन में...!!
आया है ये त्यौहार खुशियाँ लेके...!
हर ख़ुशी सजे इस साल आपके आँगन में...!!
रौशनी से हो रोशन हर लम्हा आपका...!
हर ख़ुशी सजे इस साल आपके आँगन में...!!
दुआ हम करते है आप सलामत रहे...!
हर दुआ सजे इस साल आपके आँगन में...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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सात रंग सजे इस साल आपके आँगन में...!!
आया है ये त्यौहार खुशियाँ लेके...!
हर ख़ुशी सजे इस साल आपके आँगन में...!!
रौशनी से हो रोशन हर लम्हा आपका...!
हर ख़ुशी सजे इस साल आपके आँगन में...!!
दुआ हम करते है आप सलामत रहे...!
हर दुआ सजे इस साल आपके आँगन में...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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कैदखाने हैं बिना सलाखों के...!!
कुछ यूं चर्चे हैं तेरी आँखों के...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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कुछ यूं चर्चे हैं तेरी आँखों के...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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कितनी खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी...!
बना दीजिये इनको किस्मत हमारी...!!
इस ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए...!
अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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बना दीजिये इनको किस्मत हमारी...!!
इस ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए...!
अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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तुम्हारा नाम लिखने की इजाज़त छिन गई जब से...!!
कोई भी लफ़्ज़ लिखता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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कोई भी लफ़्ज़ लिखता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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ज़िंदगी अब के मेरा नाम न शामिल करना...!!
अगर ये तय है कि यही खेल दोबारा होगा...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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अगर ये तय है कि यही खेल दोबारा होगा...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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पहले तुझे बनाया बना कर मिटा दिया...!!
जितने भी फ़ैसले किए सारे ग़लत किए...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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जितने भी फ़ैसले किए सारे ग़लत किए...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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हज़ारों मौसमों की हुक्मरानी है मेरे दिल पर...!!
मैं जब भी हँसता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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मैं जब भी हँसता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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हर इक मुफ़लिस के माथे पर अलम की दास्तानें हैं...!!
कोई चेहरा भी पढ़ता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं..!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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कोई चेहरा भी पढ़ता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं..!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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पटाखो की आवाज़ से गूंज रहा संसार...!!
दीपक की रोशनी...!
ओर अपनो का प्यार...!
मुबारक हो आपको दिवाली का त्योहार...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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दीपक की रोशनी...!
ओर अपनो का प्यार...!
मुबारक हो आपको दिवाली का त्योहार...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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मुस्कुराते हंसते दीप जलाना...!
जीवन में नई खुशियां लाना...!!
दुख दर्द अपने भूलकर सभी...!
अपने दोस्तों को तुम गले लगाना...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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जीवन में नई खुशियां लाना...!!
दुख दर्द अपने भूलकर सभी...!
अपने दोस्तों को तुम गले लगाना...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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दुश्मन-ए-जाँ है मगर जान से प्यारा भी है...!!
ऐसा इस शहर में एक शख़्स हमारा भी है...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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ऐसा इस शहर में एक शख़्स हमारा भी है...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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मुल्क तो मुल्क घरों पर भी है क़ब्ज़ा उस का...!!
अब तो घर भी नहीं चलते हैं सियासत के बग़ैर...!!
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अब तो घर भी नहीं चलते हैं सियासत के बग़ैर...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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कुछ ज़ुल्म ओ सितम सहने की आदत भी है हम को...!!
कुछ ये है कि दरबार में सुनवाई भी कम है...!!
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कुछ ये है कि दरबार में सुनवाई भी कम है...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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ज़िंदगी रोक के अक्सर यही कहती है मुझे...!!
तुझ को जाना था किधर और किधर आ गया है...!!
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तुझ को जाना था किधर और किधर आ गया है...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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इश्क़ के मारों को आदाब कहाँ आते हैं...!!
तेरे कूचे में चले आए इजाज़त के बग़ैर...!!
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तेरे कूचे में चले आए इजाज़त के बग़ैर...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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ख़ुद से तो आए न थे अहल-ए-ज़मीं सुनता है...!
क्यूँ उन्हें भेज के अब उन की नहीं सुनता है...!!
ये अगर सच है तो फिर आज इसे साबित कर...!
कि सुना है तू सर-ए-अर्श-ए-बरीं सुनता है...!!
वो जो सुनता नहीं तेरी तो गिला कैसा है...!
तू भी कब उस की मेरे ख़ाक-नशीं सुनता है...!!
बिगड़े बच्चे की तरह शोर मचाए जाए...!
ये मेरा दिल किसी की भी नहीं सुनता है...!!
हुस्न के हुस्न तग़ाफ़ुल से परेशान न हो...!
ग़ौर से बात कहाँ कोई हसीं सुनता है...!!
भूक इफ़्लास दग़ा जुर्म की बोहतात 'सादिक़'...!
फिर भी लगता है तुझे कोई कहीं सुनता है...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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क्यूँ उन्हें भेज के अब उन की नहीं सुनता है...!!
ये अगर सच है तो फिर आज इसे साबित कर...!
कि सुना है तू सर-ए-अर्श-ए-बरीं सुनता है...!!
वो जो सुनता नहीं तेरी तो गिला कैसा है...!
तू भी कब उस की मेरे ख़ाक-नशीं सुनता है...!!
बिगड़े बच्चे की तरह शोर मचाए जाए...!
ये मेरा दिल किसी की भी नहीं सुनता है...!!
हुस्न के हुस्न तग़ाफ़ुल से परेशान न हो...!
ग़ौर से बात कहाँ कोई हसीं सुनता है...!!
भूक इफ़्लास दग़ा जुर्म की बोहतात 'सादिक़'...!
फिर भी लगता है तुझे कोई कहीं सुनता है...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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डाकिए के भेष में आया था वक़्त और...!!
एक ख़ाली यादों का लिफ़ाफ़ा दे गया...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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एक ख़ाली यादों का लिफ़ाफ़ा दे गया...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
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मुझे तेरा साथ सादिक़, जिंदगीभर नहीं चाहिये...!!
बल्कि जब तक तु साथ है, तब तक जिंदगी चाहिये...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
✪༺ ──•◈•── ──•◈•──༻✪
बल्कि जब तक तु साथ है, तब तक जिंदगी चाहिये...!!
𝑲𝑰𝑵𝑮 𝑺𝑨𝑯𝑨𝑩
✪༺ ──•◈•── ──•◈•──༻✪