Я настоятельно призываю Генерального секретаря Организации Объединенных Наций г-на Антониу Гутерриша @antonioguterres, а также Председателя и членов Совета Безопасности созвать экстренное заседание для расследования и предотвращения вопиющей агрессии Пакистана; эта агрессия привела к убийству невинных людей, особенно этих невинных спортсменов, и является явным нарушением международного права.
Я также призываю Совет Безопасности принять срочные и эффективные решения для предотвращения повторения подобных преступлений и дестабилизирующих действий со стороны Пакистана, которые угрожают миру и безопасности региона и мира.
Я также настоятельно призываю Организацию исламского сотрудничества (ОИС), Азиатский совет по крикету (АСС) и Международный совет по крикету (МСК) осудить это преступление, поддержать семьи жертв и потребовать объяснений и ответов от пакистанского военного режима.
Я настоятельно призываю лидеров режима #Талибан обратиться к народу Афганистана, а также к политическому и гражданскому обществу страны и начать внутриафганские переговоры для достижения национального примирения, создания легитимной и правовой системы и защиты родины. Они должны искренне, безотлагательно и ответственно выполнить свой исторический долг.
Выражаю глубочайшие соболезнования семьям погибших спортсменов и молюсь о скорейшем выздоровлении пострадавших. Народ Афганистана никогда не забудет кровь своих невинных сыновей, и этот инцидент останется историческим свидетельством в борьбе за правду и справедливость.
حنیف اتمر د افغانستان د اسلامی جمهوریت د بهرنیو چارو وزیر :
د ډېرې ژورې خواشينۍ سره مې خبر تر لاسه کړ چې د #پاکستان د پوځي رژيم په بزدلانه او ظالمانه بمباریو کې د #پکتیکا ولایت د #کرېکټ اته ځوان لوبغاړي شهیدان شوي او څلور نور ټپیان دي. دغه زړور او هېوادپال ځوانان چې د سولې، ورزشي روحیې او ملي یووالي استازي وو، د لوبو له پای وروسته د خپلو کورونو پر لور روان وو، خو د پاکستان د پوځ د بېرحمانه برید ښکار شول.
دا وحشیانه عمل د #افغانستان پر ملي حاکمیت، ځمکنۍ بشپړتیا او د نړیوالو بشري اصولو څرګند تیری دی. د ملکي وګړو او لوبغاړو وژنه هېڅ توجیه نه لري او دا څرګندوي چې د پاکستان پوځ لا هم د ترهګرۍ پالیسۍ او د تاوتریخوالي له لارې د افغانستان د دایمی بی ثباتي هڅې نه دي پرېیښې.
زه له ملګرو ملتونو د سرمنشي ښاغلي انتونیو ګوترېش @antonioguterres او د امنیت شورا له رئیس او غړو څخه په ټینګه غوښتنه کوم، چې د پاکستان د څرګند تیري د څېړنې او د هغه د مخنیوي په موخه بېړنۍ ناسته راوبولي؛ دغه تیری د بېګناه خلکو، په ځانګړي ډول د دغو معصومو ورزشکارانو، د وژنې سبب شوی او د نړیوالو قوانینو ښکاره سرغړونه ده.
همدارنګه له #امنیت_شورا څخه غوښتنه کوم، چې د پاکستان د دې ډول جنایتونو او بېثباتوونکو کړنو د تکرار د مخنیوي لپاره، چې د سیمې او نړۍ سوله او امنیت له ګواښ سره مخ کوي، عاجلې او اغېزمنې پرېکړې وکړي.
همدارنگه زه له اسلامي همکاریو سازمان (OIC)، د آسیا کرېکټ شورا (ACC) او د نړیوال کرېکټ بورډ (ICC) څخه جدي غوښتنه کوم چې دا جنایت وغندي د قربانیانو د کورنیو ملاتړ وکړي، او د پاکستان له نظامي رژيم څخه وضاحت او ځواب وغواړي.
زه د #طالبانو د رژيم له مشرانو څخه په جدي ډول غوښتنه کوم، چې د افغانستان ولس او د هېواد د سياسي او مدني ټولنې ته مراجعه وکړي، او د #ملي_پخلاينې، د مشروع او قانوني نظام د راوستلو او د وطن د دفاع لپاره #بينالافغاني_خبرې اترې پيل کړي. هغوی بايد خپل تاريخي مسؤليت په رښتيني، عاجل او مسؤلانه ډول ترسره کړي.
زه د شهیدشویو لوبغاړو کورنیو ته خپله ژوره خواخوږي وړاندې کوم او د ټپیانو د بېړنۍ روغتیا لپاره دعا کوم. د افغانستان ولس به هېڅکله د خپلو بېګناه زامنو وینه نه هېروي او دا پېښه به د حقیقت او عدالت د تعقیب لپاره تاریخي شواهد پاتې شي.
Я также призываю Совет Безопасности принять срочные и эффективные решения для предотвращения повторения подобных преступлений и дестабилизирующих действий со стороны Пакистана, которые угрожают миру и безопасности региона и мира.
Я также настоятельно призываю Организацию исламского сотрудничества (ОИС), Азиатский совет по крикету (АСС) и Международный совет по крикету (МСК) осудить это преступление, поддержать семьи жертв и потребовать объяснений и ответов от пакистанского военного режима.
Я настоятельно призываю лидеров режима #Талибан обратиться к народу Афганистана, а также к политическому и гражданскому обществу страны и начать внутриафганские переговоры для достижения национального примирения, создания легитимной и правовой системы и защиты родины. Они должны искренне, безотлагательно и ответственно выполнить свой исторический долг.
Выражаю глубочайшие соболезнования семьям погибших спортсменов и молюсь о скорейшем выздоровлении пострадавших. Народ Афганистана никогда не забудет кровь своих невинных сыновей, и этот инцидент останется историческим свидетельством в борьбе за правду и справедливость.
حنیف اتمر د افغانستان د اسلامی جمهوریت د بهرنیو چارو وزیر :
د ډېرې ژورې خواشينۍ سره مې خبر تر لاسه کړ چې د #پاکستان د پوځي رژيم په بزدلانه او ظالمانه بمباریو کې د #پکتیکا ولایت د #کرېکټ اته ځوان لوبغاړي شهیدان شوي او څلور نور ټپیان دي. دغه زړور او هېوادپال ځوانان چې د سولې، ورزشي روحیې او ملي یووالي استازي وو، د لوبو له پای وروسته د خپلو کورونو پر لور روان وو، خو د پاکستان د پوځ د بېرحمانه برید ښکار شول.
دا وحشیانه عمل د #افغانستان پر ملي حاکمیت، ځمکنۍ بشپړتیا او د نړیوالو بشري اصولو څرګند تیری دی. د ملکي وګړو او لوبغاړو وژنه هېڅ توجیه نه لري او دا څرګندوي چې د پاکستان پوځ لا هم د ترهګرۍ پالیسۍ او د تاوتریخوالي له لارې د افغانستان د دایمی بی ثباتي هڅې نه دي پرېیښې.
زه له ملګرو ملتونو د سرمنشي ښاغلي انتونیو ګوترېش @antonioguterres او د امنیت شورا له رئیس او غړو څخه په ټینګه غوښتنه کوم، چې د پاکستان د څرګند تیري د څېړنې او د هغه د مخنیوي په موخه بېړنۍ ناسته راوبولي؛ دغه تیری د بېګناه خلکو، په ځانګړي ډول د دغو معصومو ورزشکارانو، د وژنې سبب شوی او د نړیوالو قوانینو ښکاره سرغړونه ده.
همدارنګه له #امنیت_شورا څخه غوښتنه کوم، چې د پاکستان د دې ډول جنایتونو او بېثباتوونکو کړنو د تکرار د مخنیوي لپاره، چې د سیمې او نړۍ سوله او امنیت له ګواښ سره مخ کوي، عاجلې او اغېزمنې پرېکړې وکړي.
همدارنگه زه له اسلامي همکاریو سازمان (OIC)، د آسیا کرېکټ شورا (ACC) او د نړیوال کرېکټ بورډ (ICC) څخه جدي غوښتنه کوم چې دا جنایت وغندي د قربانیانو د کورنیو ملاتړ وکړي، او د پاکستان له نظامي رژيم څخه وضاحت او ځواب وغواړي.
زه د #طالبانو د رژيم له مشرانو څخه په جدي ډول غوښتنه کوم، چې د افغانستان ولس او د هېواد د سياسي او مدني ټولنې ته مراجعه وکړي، او د #ملي_پخلاينې، د مشروع او قانوني نظام د راوستلو او د وطن د دفاع لپاره #بينالافغاني_خبرې اترې پيل کړي. هغوی بايد خپل تاريخي مسؤليت په رښتيني، عاجل او مسؤلانه ډول ترسره کړي.
زه د شهیدشویو لوبغاړو کورنیو ته خپله ژوره خواخوږي وړاندې کوم او د ټپیانو د بېړنۍ روغتیا لپاره دعا کوم. د افغانستان ولس به هېڅکله د خپلو بېګناه زامنو وینه نه هېروي او دا پېښه به د حقیقت او عدالت د تعقیب لپاره تاریخي شواهد پاتې شي.
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Похоже, даже у этой «публики» (Талибан) пробуждается толика национального самосознания.
Беседа бывшего посла Талибана в Пакистане, Абдула Салама Заифа интересна.
Репортёр: Как нужно относится к Пакистану : как к другу или как к врагу?
Абдул Салам Заиф: Его нельзя рассматривать ни как друга, ни как врага. Опасность нашей политической риторики как раз и заключается в этом: друг, враг.
Репортёр: Должны ли мы доверять ему [Пакистану]?
Абдул Салам Заиф: Никогда! Только интересы. Надо помнить о наших интересах, и учитывать его [Пакистана] интересы. Мы должны отстаивать наши интересы. И не угрожать его [Пакистана] интересам. Я выступаю за взаимодействие с Пакистаном. В отношении Пакистана я не использовал бы слово «ислам». Я не использовал бы слово «брат». Мы совершили ошибку используя такие эпитеты. Мы считали, что исламское братство - это важно...
Этими понятиями злоупотребляют в нашей политике. Я не называл бы их [пакистанцев] братьями и не называл бы их добрыми соседями.
Беседа бывшего посла Талибана в Пакистане, Абдула Салама Заифа интересна.
Репортёр: Как нужно относится к Пакистану : как к другу или как к врагу?
Абдул Салам Заиф: Его нельзя рассматривать ни как друга, ни как врага. Опасность нашей политической риторики как раз и заключается в этом: друг, враг.
Репортёр: Должны ли мы доверять ему [Пакистану]?
Абдул Салам Заиф: Никогда! Только интересы. Надо помнить о наших интересах, и учитывать его [Пакистана] интересы. Мы должны отстаивать наши интересы. И не угрожать его [Пакистана] интересам. Я выступаю за взаимодействие с Пакистаном. В отношении Пакистана я не использовал бы слово «ислам». Я не использовал бы слово «брат». Мы совершили ошибку используя такие эпитеты. Мы считали, что исламское братство - это важно...
Этими понятиями злоупотребляют в нашей политике. Я не называл бы их [пакистанцев] братьями и не называл бы их добрыми соседями.
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Я бы взаимодействовал с ними только как с равными : учитывай мои интересы, буду соблюдать твои интересы. Уважай мои интересы, буду уважать твои интересы. Не создавай мне проблем, я не создам проблем тебе. Мои экономические интересы — в тебя, твои экономические интересы — во мне.
Репортёр: Будет ли Пакистан действовать таким же образом?
Абдул Салам Заиф: Это возможно только тогда, когда мы объединим нашу страну и станем экономически самостоятельными, а в Афганистане появится сильное центральное правительство.
Репортёр: Будет ли Пакистан действовать таким же образом?
Абдул Салам Заиф: Это возможно только тогда, когда мы объединим нашу страну и станем экономически самостоятельными, а в Афганистане появится сильное центральное правительство.
د روسیې بهرنیو چارو وزارت د یوې رسمي خبرپاڼې له لارې د قطر او ترکیې په منځګړیتوب د افغانستان او پاکستان ترمنځ د اوربند او په ډېورنډ کرښه نښتو د پای ته رسېدو تړون هرکلی کړی.
د روسیې د بهرنیو چارو وزارت ویاندې، ماریا زاخارووا، د اکتوبر په ۲۰مه نېټه په یوه خبرپاڼه کې ویلي: «موږ د کابل او اسلاماباد ترمنځ د هغې موافقې هرکلی کوو چې د قطر او ترکیې د چارواکو په منځګړیتوب د دواړو هېوادونو ترمنځ د اوربند او د دښمنیو د ختمېدو په اړه وشوه.»
زاخارووا زیاته کړې، د طالبانو او د پاکستان ژمنتیا چې خپلې شخړې له سیاسي او ډېپلوماټیکو لارو هواروي، د دواړو دوستو هېوادونو ترمنځ د سولې د ټینګښت بنسټ جوړوي او د سیمهییز امنیت لپاره یو مهم ګام بلل کېږي.
هغې له کابل او اسلاماباد څخه غوښتي چې د ترهګرۍ پر ضد د ګډو هڅو په برخه کې د همکاریو دا لړۍ نوره هم وغځوي.
https://www.tg-me.com/thegreatcaravaninfo88/15369
د روسیې د بهرنیو چارو وزارت ویاندې، ماریا زاخارووا، د اکتوبر په ۲۰مه نېټه په یوه خبرپاڼه کې ویلي: «موږ د کابل او اسلاماباد ترمنځ د هغې موافقې هرکلی کوو چې د قطر او ترکیې د چارواکو په منځګړیتوب د دواړو هېوادونو ترمنځ د اوربند او د دښمنیو د ختمېدو په اړه وشوه.»
زاخارووا زیاته کړې، د طالبانو او د پاکستان ژمنتیا چې خپلې شخړې له سیاسي او ډېپلوماټیکو لارو هواروي، د دواړو دوستو هېوادونو ترمنځ د سولې د ټینګښت بنسټ جوړوي او د سیمهییز امنیت لپاره یو مهم ګام بلل کېږي.
هغې له کابل او اسلاماباد څخه غوښتي چې د ترهګرۍ پر ضد د ګډو هڅو په برخه کې د همکاریو دا لړۍ نوره هم وغځوي.
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ИА Караван Инфо
🤝 Россия приветствует соглашение о прекращении огня между движением «Талибан» и Пакистаном
📍 АФГАНИСТАН, 20 октября 2025г. - ИА Караван Инфо. МИД России в официальном пресс-релизе приветствовал соглашение о прекращении огня между Афганистаном и Пакистаном…
📍 АФГАНИСТАН, 20 октября 2025г. - ИА Караван Инфо. МИД России в официальном пресс-релизе приветствовал соглашение о прекращении огня между Афганистаном и Пакистаном…
История повторяется? Почему и как Пакистан стал союзником США? (контент на дари)
ترجمه، اختصار، تتبع و تبصره : غوث جانباز
ماخذ: کتاب اسرار دیپلوماسی (تاریخچه روابط دیپلوماتیک افغانستان - امریکا)
چرا، و چگونه پاکستان به متحد امریکا مبدل گردید؟
ایزینهاور" اولین رئیس جمهور از حزب "جمهوری خواهان امریکا " بود که پس از بیست سال بتاریخ ۲۰ جنوری ۱۹۵۳ به این کُرسی رسید.
او یکی از وکلای مدافع مشهور نیویورک را به نام "جون فوستیر دالیس" که تجربۀ فراوانی در یپلوماسی داشت به حیث وزیر امور خارجۀ خود مقرر کرد.
("دالیس"در مذاکرات صلح با جاپان اشتراک داشته و مأموریت های متعددی را به نمایندگی از ایالات متحدۀ امریکا در سازمان ملل متحد انجام داده بود.)
تمایلات حسنه ای "دالیس" در رابطه به پاکستان قبل از تصدی پُست وزیر امور خارجه نیز مشاهد می شد. "دالیس" باورمند بود که پاکستان سیاست ضد کمونیستی را پیش می برد و از آن تمجید می نمود، در حالیکه پالیسی بی طرفانه ی هند را سیاست منفی ارزیابی می کرد.
افزون بر آن، "جون فوستیر دالیس" سیاست دهلی را ساده لوحانه می نامید و تأکید میکرد که ادارۀ "جواهر لال نیرو" تحت شعاع کمونیزم قرار دارد.
تحول سیاست امریکا در قبال پاکستان برق آساء بود. در جنوری ۱۹۵۳ وزیر امور خارجۀ پاکستان "ظفرالله خان" به واشنگتن سفر نموده و از امریکا تقاضای کمک فوری کرد. پاکستان در زمان مورد بحث در لبۀ قحطی سراسری بود و اشداً به دریافت گندم نیاز داشت.
" دالیس" با اغتنام از فرصت سندی را عنوانی رئیس جمهور "ایزینهاور" ترتیب نموده در آن صرف نظر از دشواری های شدید اقتصادی که پاکستان با آن روبرو بود، بر اهمیت ستراتیژیک اینکشور تأکید نمود. در جون همان سال کانگرس امریکا قانونی را تصویب نمود که در پرتو آن به پاکستان گندم صادر می شد. این عمل واشنگتن در تفاوت فاحش ادارۀ آنکشور در برابر تقاضای مشابه هند در سال ۱۹۵۱ قرار داشت.
در می ۱۹۵۳ "دالیس" در چهارچوب مسافرت ها به کشورهای شرق نزدیک از هند و پاکستان بازدید بعمل آورد. پس از دیدارها با مقامات این کشورها، "دالیس" معتقد شد که ایجاد "سازمان دفاعی شرق میانه" در شرایط کنونی امکان ندارد . پس از مسافرت به کراچی و دهلی جدید، علاقمندی "دالیس" در مورد پاکستان و سردی در استقامت هند افزایش بیشتر یافت.
"جون فوستیر دالیس" نظریات خود را در این مورد به جلسۀ مورخ اول جون۱۹۵۳ شورای امنیت ملی ایالات متحدۀ امریکا ارایه نمود. او حین ابراز نظر در بارۀ پاکستان از اهمیت نظامی و حتی "کیفیت مذهبی" پاکستان یاد آور شده، آنرا یکی از متحدین مهم امریکا خواند.
حین سخنرانی در رادیو "دالیس" یکبار دیگر از سفر اش به شرق میانه یاد آوری نموده و برای نخستین بار از طرح ایجاد "دفاع چند بُعدی در شمال"، در ماورای سرحدات جنوبی اتحاد شوروی به همکاری دول دوست در شرق میانه برای تأمین امنیت حوزۀ جنوب آسیا، یاد آور شد.
"دالیس" ضمناً خاطر نشان ساخت که کشور های عربی در شرایط کنونی غالباً مغروق جروبحث با اسرائیل، انگلستان و فرانسه هستند، بنا نمی توانند هستۀ این "کمربند" دفاعی را تشکیل دهند.
" دالیس" در جلسات سری ولسی جرگۀ امریکا بتاریخ ۲ و ۳ سال ۱۹۵۳ با تأکید و وضاحت هر چه بیشتر نظریۀ ایجاد "دفاع چند بُعدی شمال" را مطرح نموده و از دیدگاه خود دفاع کرد.
" دالیس" به این عقیده بود که "پاکستانی ها، هرگاه لازم بیافتد با دستان خالی علیه کمونیزم به پا برخواهند خاست." شورای امنیت ملی ایالات متحدۀ امریکا به تاریخ ۱۴ جولای ۱۹۵۳ از ابتکار "دالیس" در رابطه به ایجاد "دفاع چند بُعدی شمال" حمایت نموده و مصوبۀ را در زمینه به تصویب رسانید.
نظریۀ " دفاع چند بُعدی شمال " در حقیقت احیاء و ادامۀ ستراتیژی نظامی انگلیس ها در شرایط و نحوی جدیدتر بود. برتانیۀ کبیر برای تأمین منافع خویش در آسیای جنوبی، شرق نزدیک و شرق میانه، طی یک سده، از اردوی مرکب مردمان هندوستان استفاده می کرد. "دالیس" باور داشت که اردوی پاکستان یکجا با نظامیان ترکیه (عضو پیمان ناتو) و به حمایت امریکا می توانند نقش دژِ تسخیر ناپذیری را در برابر تهدید اتحاد شوروی بازی نمایند، و به نحوی معاصری جاگزین اردوی استعماری هند برتانوی در منطقه گردند. رئیس جمهور " ایزینهاور" طرح مذکور را تأئید نموده و به تاریخ ۱۴ جنوری ۱۹۵۴مصوبۀ بذل کمک ها را به امضاء رساند.
"دینیس کوکس" ، یکی از صائب نظران مسائل بین المللی به آن باور است که "واشنگتن ارزیابی و تصور دقیقی از آنکه، پاکستان به چه ترتیبی نیروهای تدافعی شرق میانه را استحکام خواهد بخشید، نداشت." امریکائیها هکذا نمی دانستند که آیا پاکستان از عهدۀ این مأموریت بدر خواهد آمد یا خیر؟
سال ۱۹۵۴، سال افزایش توجه به حوزۀ جنوب آسیا در سیاست امریکا بشمار می رود. در آغاز مارچ همان سال شورای امنیت ملی امریکا سند برنامه ریزی شدۀ را در مورد سیاست امریکا در
ترجمه، اختصار، تتبع و تبصره : غوث جانباز
ماخذ: کتاب اسرار دیپلوماسی (تاریخچه روابط دیپلوماتیک افغانستان - امریکا)
چرا، و چگونه پاکستان به متحد امریکا مبدل گردید؟
ایزینهاور" اولین رئیس جمهور از حزب "جمهوری خواهان امریکا " بود که پس از بیست سال بتاریخ ۲۰ جنوری ۱۹۵۳ به این کُرسی رسید.
او یکی از وکلای مدافع مشهور نیویورک را به نام "جون فوستیر دالیس" که تجربۀ فراوانی در یپلوماسی داشت به حیث وزیر امور خارجۀ خود مقرر کرد.
("دالیس"در مذاکرات صلح با جاپان اشتراک داشته و مأموریت های متعددی را به نمایندگی از ایالات متحدۀ امریکا در سازمان ملل متحد انجام داده بود.)
تمایلات حسنه ای "دالیس" در رابطه به پاکستان قبل از تصدی پُست وزیر امور خارجه نیز مشاهد می شد. "دالیس" باورمند بود که پاکستان سیاست ضد کمونیستی را پیش می برد و از آن تمجید می نمود، در حالیکه پالیسی بی طرفانه ی هند را سیاست منفی ارزیابی می کرد.
افزون بر آن، "جون فوستیر دالیس" سیاست دهلی را ساده لوحانه می نامید و تأکید میکرد که ادارۀ "جواهر لال نیرو" تحت شعاع کمونیزم قرار دارد.
تحول سیاست امریکا در قبال پاکستان برق آساء بود. در جنوری ۱۹۵۳ وزیر امور خارجۀ پاکستان "ظفرالله خان" به واشنگتن سفر نموده و از امریکا تقاضای کمک فوری کرد. پاکستان در زمان مورد بحث در لبۀ قحطی سراسری بود و اشداً به دریافت گندم نیاز داشت.
" دالیس" با اغتنام از فرصت سندی را عنوانی رئیس جمهور "ایزینهاور" ترتیب نموده در آن صرف نظر از دشواری های شدید اقتصادی که پاکستان با آن روبرو بود، بر اهمیت ستراتیژیک اینکشور تأکید نمود. در جون همان سال کانگرس امریکا قانونی را تصویب نمود که در پرتو آن به پاکستان گندم صادر می شد. این عمل واشنگتن در تفاوت فاحش ادارۀ آنکشور در برابر تقاضای مشابه هند در سال ۱۹۵۱ قرار داشت.
در می ۱۹۵۳ "دالیس" در چهارچوب مسافرت ها به کشورهای شرق نزدیک از هند و پاکستان بازدید بعمل آورد. پس از دیدارها با مقامات این کشورها، "دالیس" معتقد شد که ایجاد "سازمان دفاعی شرق میانه" در شرایط کنونی امکان ندارد . پس از مسافرت به کراچی و دهلی جدید، علاقمندی "دالیس" در مورد پاکستان و سردی در استقامت هند افزایش بیشتر یافت.
"جون فوستیر دالیس" نظریات خود را در این مورد به جلسۀ مورخ اول جون۱۹۵۳ شورای امنیت ملی ایالات متحدۀ امریکا ارایه نمود. او حین ابراز نظر در بارۀ پاکستان از اهمیت نظامی و حتی "کیفیت مذهبی" پاکستان یاد آور شده، آنرا یکی از متحدین مهم امریکا خواند.
حین سخنرانی در رادیو "دالیس" یکبار دیگر از سفر اش به شرق میانه یاد آوری نموده و برای نخستین بار از طرح ایجاد "دفاع چند بُعدی در شمال"، در ماورای سرحدات جنوبی اتحاد شوروی به همکاری دول دوست در شرق میانه برای تأمین امنیت حوزۀ جنوب آسیا، یاد آور شد.
"دالیس" ضمناً خاطر نشان ساخت که کشور های عربی در شرایط کنونی غالباً مغروق جروبحث با اسرائیل، انگلستان و فرانسه هستند، بنا نمی توانند هستۀ این "کمربند" دفاعی را تشکیل دهند.
" دالیس" در جلسات سری ولسی جرگۀ امریکا بتاریخ ۲ و ۳ سال ۱۹۵۳ با تأکید و وضاحت هر چه بیشتر نظریۀ ایجاد "دفاع چند بُعدی شمال" را مطرح نموده و از دیدگاه خود دفاع کرد.
" دالیس" به این عقیده بود که "پاکستانی ها، هرگاه لازم بیافتد با دستان خالی علیه کمونیزم به پا برخواهند خاست." شورای امنیت ملی ایالات متحدۀ امریکا به تاریخ ۱۴ جولای ۱۹۵۳ از ابتکار "دالیس" در رابطه به ایجاد "دفاع چند بُعدی شمال" حمایت نموده و مصوبۀ را در زمینه به تصویب رسانید.
نظریۀ " دفاع چند بُعدی شمال " در حقیقت احیاء و ادامۀ ستراتیژی نظامی انگلیس ها در شرایط و نحوی جدیدتر بود. برتانیۀ کبیر برای تأمین منافع خویش در آسیای جنوبی، شرق نزدیک و شرق میانه، طی یک سده، از اردوی مرکب مردمان هندوستان استفاده می کرد. "دالیس" باور داشت که اردوی پاکستان یکجا با نظامیان ترکیه (عضو پیمان ناتو) و به حمایت امریکا می توانند نقش دژِ تسخیر ناپذیری را در برابر تهدید اتحاد شوروی بازی نمایند، و به نحوی معاصری جاگزین اردوی استعماری هند برتانوی در منطقه گردند. رئیس جمهور " ایزینهاور" طرح مذکور را تأئید نموده و به تاریخ ۱۴ جنوری ۱۹۵۴مصوبۀ بذل کمک ها را به امضاء رساند.
"دینیس کوکس" ، یکی از صائب نظران مسائل بین المللی به آن باور است که "واشنگتن ارزیابی و تصور دقیقی از آنکه، پاکستان به چه ترتیبی نیروهای تدافعی شرق میانه را استحکام خواهد بخشید، نداشت." امریکائیها هکذا نمی دانستند که آیا پاکستان از عهدۀ این مأموریت بدر خواهد آمد یا خیر؟
سال ۱۹۵۴، سال افزایش توجه به حوزۀ جنوب آسیا در سیاست امریکا بشمار می رود. در آغاز مارچ همان سال شورای امنیت ملی امریکا سند برنامه ریزی شدۀ را در مورد سیاست امریکا در
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حوزۀ جنوب آسیا به تصویب رساند. در سند مذکور نگرانی زایدالوصفی واشنگتن در رابطه به آیندۀ این حوزه، با در نظر داشت اهمیت، موقعیت ستراتیژیک، منابع بشری و طبیعی و تأثیر گذاری در روابط بین المللی، ابراز می گردید.
شورای امنیت ملی ایالات متحدۀ امریکا ناحیۀ جنوب آسیا را میدان اصلی نبرد در "جنگ سرد" نامیده، از دست دادن آنرا شکست جدی روانی و سیاسی برای جهان غرب تلقی می کرد.
از آنجائیکه طرح تأسیس "سازمان دفاعی شرق میانه" به دلیل اعتراض مصر و سائر کشور های عربی به ناکامی انجامید، در سند مورد بحث، امنیت جنوب آسیا در پیوند با امنیت کشورهای شرق نزدیک و شرق میانه بررسی می گردید. در ترکیب طرح "دفاع چند بُعدی شمال" که بجای "سازمان دفاعی شرق میانه" باید ظهور می کرد، قرار بود دولت های ترکیه، عراق، ایران، پاکستان، هند (در صورت امکان)، تحت رهبری عمومی ایالات متحدۀ امریکا عضویت داشته باشند.
مناطق عمدۀ مورد توجه در حوزۀ مذکور هند و پاکستان بودند. از آنجائیکه هند به دلیل تعقیب سیاست عدم انسلاک از ستراتیژی امریکا هر چه بیشتر فاصله می گرفت، واشنگتن توجه بیشتر خود را به پاکستان معطوف می کرد. سند تعمیق همکاری ها با پاکستان، اشتراک فعالتر این کشور را در جبهۀ مبارزه با کمونیزم در نظر می گرفت. سند در عین حال تسجیل می نمود که از شمولیت پاکستان در سایر اتحادیه ها و سازمان های که در مطابقت با منافع ملی امریکا قرار داشته باشند استقبال و حمایت صورت گیرد.
توجه خاصی در سند به تأمین همکاری ها میان ترکیه و پاکستان مبذول می گردید. در چهار چوب اتحادیه های دو جانبه و چند جانبه، پاکستان مکلف بود در صورت بروز جنگ جهانی، تمام منابع بشری، مادی و نقاط ستراتیژیک قلمرو خود را برای اهداف مشترک تدافعی در اختیار غرب قرار بدهد.
به این ترتیب دیده می شود که این فیصلۀ مهم و ستراتیژیک بیشتر سرسری، بدون ارزیابی عمیق و دقیق بعمل آمده بود. فیصلۀ که طی سالهای متمادی سیاست امریکا را با هند و پاکستان و در کُل حوزۀ جنوب آسیا تعیین کرد. سیاست مذکور نقش فلاکتباری را در سرنوشت افغانستان بازی نمود، چون در روابط پیچیدۀ خویش با کشورهای منطقه از همکاری متقابل ایالات متحدۀ امریکا محروم شد. از آن به بعد برای افغانستان صرف یک منبع دریافت کمک های نظامی باقی مانده بود و این منبع اتحاد شوروی بود...
شورای امنیت ملی ایالات متحدۀ امریکا ناحیۀ جنوب آسیا را میدان اصلی نبرد در "جنگ سرد" نامیده، از دست دادن آنرا شکست جدی روانی و سیاسی برای جهان غرب تلقی می کرد.
از آنجائیکه طرح تأسیس "سازمان دفاعی شرق میانه" به دلیل اعتراض مصر و سائر کشور های عربی به ناکامی انجامید، در سند مورد بحث، امنیت جنوب آسیا در پیوند با امنیت کشورهای شرق نزدیک و شرق میانه بررسی می گردید. در ترکیب طرح "دفاع چند بُعدی شمال" که بجای "سازمان دفاعی شرق میانه" باید ظهور می کرد، قرار بود دولت های ترکیه، عراق، ایران، پاکستان، هند (در صورت امکان)، تحت رهبری عمومی ایالات متحدۀ امریکا عضویت داشته باشند.
مناطق عمدۀ مورد توجه در حوزۀ مذکور هند و پاکستان بودند. از آنجائیکه هند به دلیل تعقیب سیاست عدم انسلاک از ستراتیژی امریکا هر چه بیشتر فاصله می گرفت، واشنگتن توجه بیشتر خود را به پاکستان معطوف می کرد. سند تعمیق همکاری ها با پاکستان، اشتراک فعالتر این کشور را در جبهۀ مبارزه با کمونیزم در نظر می گرفت. سند در عین حال تسجیل می نمود که از شمولیت پاکستان در سایر اتحادیه ها و سازمان های که در مطابقت با منافع ملی امریکا قرار داشته باشند استقبال و حمایت صورت گیرد.
توجه خاصی در سند به تأمین همکاری ها میان ترکیه و پاکستان مبذول می گردید. در چهار چوب اتحادیه های دو جانبه و چند جانبه، پاکستان مکلف بود در صورت بروز جنگ جهانی، تمام منابع بشری، مادی و نقاط ستراتیژیک قلمرو خود را برای اهداف مشترک تدافعی در اختیار غرب قرار بدهد.
به این ترتیب دیده می شود که این فیصلۀ مهم و ستراتیژیک بیشتر سرسری، بدون ارزیابی عمیق و دقیق بعمل آمده بود. فیصلۀ که طی سالهای متمادی سیاست امریکا را با هند و پاکستان و در کُل حوزۀ جنوب آسیا تعیین کرد. سیاست مذکور نقش فلاکتباری را در سرنوشت افغانستان بازی نمود، چون در روابط پیچیدۀ خویش با کشورهای منطقه از همکاری متقابل ایالات متحدۀ امریکا محروم شد. از آن به بعد برای افغانستان صرف یک منبع دریافت کمک های نظامی باقی مانده بود و این منبع اتحاد شوروی بود...
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