This media is not supported in your browser
VIEW IN TELEGRAM
Har Har Mahadev 🔱
महादेव
ये कोई नहीं जानता को महादेव कोन है सब यह जानते है की उन्होंने किया क्या है
उनकी कई सारी परिभाषाएं पर असल मैं उनकी कोई परिभाषा नहीं है वह हर जगह है अनंत है जिस से इस और अनेकों ब्रह्मांड की ऊर्जा चलती है तो वह अनंत ही है जो हर जगह है जो अजन्मा है जिसका कोई अंत नहीं हो जो सारे तंत्र से ऊपर है ग्रहस्त है परंतु परम योगी जिनसे डर की शुरुआत होती है वोह सबसे भोले भी है जिनका स्वरूप भस्म से रंगा हुआ है और भयानक दिखते है साथ ही साथ उनका ही चंद्रशेखर सबसे सुंदर है विनाश काय शक्ति होने के बाद भी ध्यान मैं शांति मैं है और उनका भयानक शारश्वेर रूप सबसे भयानक और इन सब के बाद भी यह किसी को नहीं पता असल मैं शिव कोन है
ये कोई नहीं जानता को महादेव कोन है सब यह जानते है की उन्होंने किया क्या है
उनकी कई सारी परिभाषाएं पर असल मैं उनकी कोई परिभाषा नहीं है वह हर जगह है अनंत है जिस से इस और अनेकों ब्रह्मांड की ऊर्जा चलती है तो वह अनंत ही है जो हर जगह है जो अजन्मा है जिसका कोई अंत नहीं हो जो सारे तंत्र से ऊपर है ग्रहस्त है परंतु परम योगी जिनसे डर की शुरुआत होती है वोह सबसे भोले भी है जिनका स्वरूप भस्म से रंगा हुआ है और भयानक दिखते है साथ ही साथ उनका ही चंद्रशेखर सबसे सुंदर है विनाश काय शक्ति होने के बाद भी ध्यान मैं शांति मैं है और उनका भयानक शारश्वेर रूप सबसे भयानक और इन सब के बाद भी यह किसी को नहीं पता असल मैं शिव कोन है
This media is not supported in your browser
VIEW IN TELEGRAM
HAR HAR MAHADEV 🙏🙏
🕉️ भगवान शिव के 10 शक्तिशाली मंत्र ।
🔱 ॐ नमः शिवाय
🔱ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं
पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
🔱 ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
🔱 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात
🔱 ॐ सर्वेश्वराय विद्महे, शूलहस्ताय धीमहि | तन्नो रूद्र प्रचोदयात्
🔱 कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् । सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ॥
🔱 ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
🔱 करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥
🔱 ॐ रुद्राय रोगनशाय अगाच च राम ॐ नमः
🔱 ॐ पार्वतीपतये नमः
🕉️🔱 हर हर महादेव 🔱🕉️
JOIN : @OneLoveMahadev
🔱 ॐ नमः शिवाय
🔱ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं
पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
🔱 ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
🔱 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात
🔱 ॐ सर्वेश्वराय विद्महे, शूलहस्ताय धीमहि | तन्नो रूद्र प्रचोदयात्
🔱 कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् । सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ॥
🔱 ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
🔱 करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥
🔱 ॐ रुद्राय रोगनशाय अगाच च राम ॐ नमः
🔱 ॐ पार्वतीपतये नमः
🕉️🔱 हर हर महादेव 🔱🕉️
JOIN : @OneLoveMahadev
🔴 आदि योगी कौन है ?
भगवान महाकाल ही सर्वप्रथम आदि योगी एवम रुद्र व्यवस्था के संस्थापक है … उनका नाम महाकाल पड़ा ही इसी कारण क्योंकि उन्होंने अनंत सृष्टियों के लय विलय काल तक निराधार शून्य में स्थिर रहते हुए तप किया था ….
उन्हें उनके तप के काल के कारण परम पुरुष परमेश्वर ने उन्हें महाकाल कह कर सम्बोधित किया था …
उनका तप ऐसा प्रचण्ड था कि उन्होंने सृष्टि में जितनी भी ऊर्जा है सब स्वयम में अवशोषित कर लिया था अंत मे ईश्वरीय चेतना भी उन्ही में विलय हो गयी थी …
इस से वो प्रथम आकार ब्रम्ह हुए … वास्तव में ब्रम्हा उन्ही का दूसरा नाम है …
शिव तथा भगवान महाकाल भिन्न है … शिव लिंग वास्तव में सृष्टि लिंग है
भगवान महाकाल ने ही इसे परम् पिता आदि ब्रम्ह एवम ब्रम्हाण्डभाँडोदरी आदि माता पराशक्ति के प्रतीक के रुप में स्थापित किया था …
JOIN : @OneLoveMahadev
भगवान महाकाल ही सर्वप्रथम आदि योगी एवम रुद्र व्यवस्था के संस्थापक है … उनका नाम महाकाल पड़ा ही इसी कारण क्योंकि उन्होंने अनंत सृष्टियों के लय विलय काल तक निराधार शून्य में स्थिर रहते हुए तप किया था ….
उन्हें उनके तप के काल के कारण परम पुरुष परमेश्वर ने उन्हें महाकाल कह कर सम्बोधित किया था …
उनका तप ऐसा प्रचण्ड था कि उन्होंने सृष्टि में जितनी भी ऊर्जा है सब स्वयम में अवशोषित कर लिया था अंत मे ईश्वरीय चेतना भी उन्ही में विलय हो गयी थी …
इस से वो प्रथम आकार ब्रम्ह हुए … वास्तव में ब्रम्हा उन्ही का दूसरा नाम है …
शिव तथा भगवान महाकाल भिन्न है … शिव लिंग वास्तव में सृष्टि लिंग है
भगवान महाकाल ने ही इसे परम् पिता आदि ब्रम्ह एवम ब्रम्हाण्डभाँडोदरी आदि माता पराशक्ति के प्रतीक के रुप में स्थापित किया था …
JOIN : @OneLoveMahadev
भगवान शिव के 108 नाम, अर्थ सहित
1. शिव- कल्याण स्वरूप
2. महेश्वर- माया के अधीश्वर
3. शम्भू- आनंद स्वरूप वाले
4. पिनाकी- पिनाक धनुष धारण करने वाले
5. शशिशेखर- सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले
6. वामदेव- अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले
7. विरूपाक्ष. विचित्र आंख वाले( शिव के तीन नेत्र हैं)
8. कपर्दी- जटाजूट धारण करने वाले
9. नीललोहित- नीले और लाल रंग वाले
10. शंकर- सबका कल्याण करने वाले
11. शूलपाणी- हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले
12. खटवांगी- खटिया का एक पाया रखने वाले
13. विष्णुवल्लभ- भगवान विष्णु के अति प्रिय
14. शिपिविष्ट- सितुहा में प्रवेश करने वाले
15. अंबिकानाथ- देवी भगवती के पति
16. श्रीकण्ठ- सुंदर कण्ठ वाले
17. भक्तवत्सल- भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले
18. भव- संसार के रूप में प्रकट होने वाले
19. शर्व- कष्टों को नष्ट करने वाले
20. त्रिलोकेश- तीनों लोकों के स्वामी
21. शितिकण्ठ- सफेद कण्ठ वाले
22. शिवाप्रिय- पार्वती के प्रिय
23. उग्र- अत्यंत उग्र रूप वाले
24. कपाली- कपाल धारण करने वाले
25. कामारी- कामदेव के शत्रु, अंधकार को हरने वाले
26. सुरसूदन- अंधक दैत्य को मारने वाले
27. गंगाधर- गंगा जी को धारण करने वाले
28. ललाटाक्ष- ललाट में आंख वाले
29. महाकाल- कालों के भी काल
30. कृपानिधि- करूणा की खान
31. भीम- भयंकर रूप वाले
32. परशुहस्त- हाथ में फरसा धारण करने वाले
33. मृगपाणी- हाथ में हिरण धारण करने वाले
34. जटाधर- जटा रखने वाले
35. कैलाशवासी- कैलाश के निवासी
36. कवची- कवच धारण करने वाले
37. कठोर- अत्यंत मजबूत देह वाले
38. त्रिपुरांतक- त्रिपुरासुर को मारने वाले
39. वृषांक- बैल के चिह्न वाली ध्वजा वाले
40. वृषभारूढ़- बैल की सवारी वाले
41. भस्मोद्धूलितविग्रह- सारे शरीर में भस्म लगाने वाले
42. सामप्रिय- सामगान से प्रेम करने वाले
43. स्वरमयी- सातों स्वरों में निवास करने वाले
44. त्रयीमूर्ति- वेदरूपी विग्रह करने वाले
45. अनीश्वर- जो स्वयं ही सबके स्वामी है
46. सर्वज्ञ- सब कुछ जानने वाले
47. परमात्मा- सब आत्माओं में सर्वोच्च
48. सोमसूर्याग्निलोचन- चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले
49. हवि- आहूति रूपी द्रव्य वाले
50. यज्ञमय- यज्ञस्वरूप वाले
51. सोम- उमा के सहित रूप वाले
52. पंचवक्त्र- पांच मुख वाले
53. सदाशिव- नित्य कल्याण रूप वाल
54. विश्वेश्वर- सारे विश्व के ईश्वर
55. वीरभद्र- वीर होते हुए भी शांत स्वरूप वाले
56. गणनाथ- गणों के स्वामी
57. प्रजापति- प्रजाओं का पालन करने वाले
58. हिरण्यरेता- स्वर्ण तेज वाले
59. दुर्धुर्ष- किसी से नहीं दबने वाले
60. गिरीश- पर्वतों के स्वामी
61. गिरिश्वर- कैलाश पर्वत पर सोने वाले
62. अनघ- पापरहित
63. भुजंगभूषण- सांपों के आभूषण वाले
64. भर्ग- पापों को भूंज देने वाले
65. गिरिधन्वा- मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले
66. गिरिप्रिय- पर्वत प्रेमी
67. कृत्तिवासा- गजचर्म पहनने वाले
68. पुराराति- पुरों का नाश करने वाले
69. भगवान्- सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न
70. प्रमथाधिप- प्रमथगणों के अधिपति
71. मृत्युंजय- मृत्यु को जीतने वाले
72. सूक्ष्मतनु- सूक्ष्म शरीर वाले
73. जगद्व्यापी- जगत् में व्याप्त होकर रहने वाले
74. जगद्गुरू- जगत् के गुरू
75. व्योमकेश- आकाश रूपी बाल वाले
76. महासेनजनक- कार्तिकेय के पिता
77. चारुविक्रम- सुन्दर पराक्रम वाले
78. रूद्र- भयानक
79. भूतपति- भूतप्रेत या पंचभूतों के स्वामी
80. स्थाणु- स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले
81. अहिर्बुध्न्य- कुण्डलिनी को धारण करने वाले
82. दिगम्बर- नग्न, आकाशरूपी वस्त्र वाले
83. अष्टमूर्ति- आठ रूप वाले
84. अनेकात्मा- अनेक रूप धारण करने वाले
85. सात्त्विक- सत्व गुण वाले
86. शुद्धविग्रह- शुद्धमूर्ति वाले
87. शाश्वत- नित्य रहने वाले
88. खण्डपरशु- टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले
89. अज- जन्म रहित
90. पाशविमोचन- बंधन से छुड़ाने वाले
91. मृड- सुखस्वरूप वाले
92. पशुपति- पशुओं के स्वामी
93. देव- स्वयं प्रकाश रूप
94. महादेव- देवों के भी देव
95. अव्यय- खर्च होने पर भी न घटने वाले
96. हरि- विष्णुस्वरूप
97. पूषदन्तभित्- पूषा के दांत उखाड़ने वाले
98. अव्यग्र- कभी भी व्यथित न होने वाले
99. दक्षाध्वरहर- दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले
100. हर- पापों व तापों को हरने वाले
101. भगनेत्रभिद्- भग देवता की आंख फोड़ने वाले
102. अव्यक्त- इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले
103. सहस्राक्ष- हजार आंखों वाले
104. सहस्रपाद- हजार पैरों वाले
105. अपवर्गप्रद- कैवल्य मोक्ष देने वाले
106. अनंत- देशकालवस्तु रूपी परिछेद से रहित
107. तारक- सबको तारने वाले
108. परमेश्वर- सबसे परम ईश्वर।
𝗝𝗼𝗶𝗻 :- @OneLoveMahadev
1. शिव- कल्याण स्वरूप
2. महेश्वर- माया के अधीश्वर
3. शम्भू- आनंद स्वरूप वाले
4. पिनाकी- पिनाक धनुष धारण करने वाले
5. शशिशेखर- सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले
6. वामदेव- अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले
7. विरूपाक्ष. विचित्र आंख वाले( शिव के तीन नेत्र हैं)
8. कपर्दी- जटाजूट धारण करने वाले
9. नीललोहित- नीले और लाल रंग वाले
10. शंकर- सबका कल्याण करने वाले
11. शूलपाणी- हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले
12. खटवांगी- खटिया का एक पाया रखने वाले
13. विष्णुवल्लभ- भगवान विष्णु के अति प्रिय
14. शिपिविष्ट- सितुहा में प्रवेश करने वाले
15. अंबिकानाथ- देवी भगवती के पति
16. श्रीकण्ठ- सुंदर कण्ठ वाले
17. भक्तवत्सल- भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले
18. भव- संसार के रूप में प्रकट होने वाले
19. शर्व- कष्टों को नष्ट करने वाले
20. त्रिलोकेश- तीनों लोकों के स्वामी
21. शितिकण्ठ- सफेद कण्ठ वाले
22. शिवाप्रिय- पार्वती के प्रिय
23. उग्र- अत्यंत उग्र रूप वाले
24. कपाली- कपाल धारण करने वाले
25. कामारी- कामदेव के शत्रु, अंधकार को हरने वाले
26. सुरसूदन- अंधक दैत्य को मारने वाले
27. गंगाधर- गंगा जी को धारण करने वाले
28. ललाटाक्ष- ललाट में आंख वाले
29. महाकाल- कालों के भी काल
30. कृपानिधि- करूणा की खान
31. भीम- भयंकर रूप वाले
32. परशुहस्त- हाथ में फरसा धारण करने वाले
33. मृगपाणी- हाथ में हिरण धारण करने वाले
34. जटाधर- जटा रखने वाले
35. कैलाशवासी- कैलाश के निवासी
36. कवची- कवच धारण करने वाले
37. कठोर- अत्यंत मजबूत देह वाले
38. त्रिपुरांतक- त्रिपुरासुर को मारने वाले
39. वृषांक- बैल के चिह्न वाली ध्वजा वाले
40. वृषभारूढ़- बैल की सवारी वाले
41. भस्मोद्धूलितविग्रह- सारे शरीर में भस्म लगाने वाले
42. सामप्रिय- सामगान से प्रेम करने वाले
43. स्वरमयी- सातों स्वरों में निवास करने वाले
44. त्रयीमूर्ति- वेदरूपी विग्रह करने वाले
45. अनीश्वर- जो स्वयं ही सबके स्वामी है
46. सर्वज्ञ- सब कुछ जानने वाले
47. परमात्मा- सब आत्माओं में सर्वोच्च
48. सोमसूर्याग्निलोचन- चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले
49. हवि- आहूति रूपी द्रव्य वाले
50. यज्ञमय- यज्ञस्वरूप वाले
51. सोम- उमा के सहित रूप वाले
52. पंचवक्त्र- पांच मुख वाले
53. सदाशिव- नित्य कल्याण रूप वाल
54. विश्वेश्वर- सारे विश्व के ईश्वर
55. वीरभद्र- वीर होते हुए भी शांत स्वरूप वाले
56. गणनाथ- गणों के स्वामी
57. प्रजापति- प्रजाओं का पालन करने वाले
58. हिरण्यरेता- स्वर्ण तेज वाले
59. दुर्धुर्ष- किसी से नहीं दबने वाले
60. गिरीश- पर्वतों के स्वामी
61. गिरिश्वर- कैलाश पर्वत पर सोने वाले
62. अनघ- पापरहित
63. भुजंगभूषण- सांपों के आभूषण वाले
64. भर्ग- पापों को भूंज देने वाले
65. गिरिधन्वा- मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले
66. गिरिप्रिय- पर्वत प्रेमी
67. कृत्तिवासा- गजचर्म पहनने वाले
68. पुराराति- पुरों का नाश करने वाले
69. भगवान्- सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न
70. प्रमथाधिप- प्रमथगणों के अधिपति
71. मृत्युंजय- मृत्यु को जीतने वाले
72. सूक्ष्मतनु- सूक्ष्म शरीर वाले
73. जगद्व्यापी- जगत् में व्याप्त होकर रहने वाले
74. जगद्गुरू- जगत् के गुरू
75. व्योमकेश- आकाश रूपी बाल वाले
76. महासेनजनक- कार्तिकेय के पिता
77. चारुविक्रम- सुन्दर पराक्रम वाले
78. रूद्र- भयानक
79. भूतपति- भूतप्रेत या पंचभूतों के स्वामी
80. स्थाणु- स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले
81. अहिर्बुध्न्य- कुण्डलिनी को धारण करने वाले
82. दिगम्बर- नग्न, आकाशरूपी वस्त्र वाले
83. अष्टमूर्ति- आठ रूप वाले
84. अनेकात्मा- अनेक रूप धारण करने वाले
85. सात्त्विक- सत्व गुण वाले
86. शुद्धविग्रह- शुद्धमूर्ति वाले
87. शाश्वत- नित्य रहने वाले
88. खण्डपरशु- टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले
89. अज- जन्म रहित
90. पाशविमोचन- बंधन से छुड़ाने वाले
91. मृड- सुखस्वरूप वाले
92. पशुपति- पशुओं के स्वामी
93. देव- स्वयं प्रकाश रूप
94. महादेव- देवों के भी देव
95. अव्यय- खर्च होने पर भी न घटने वाले
96. हरि- विष्णुस्वरूप
97. पूषदन्तभित्- पूषा के दांत उखाड़ने वाले
98. अव्यग्र- कभी भी व्यथित न होने वाले
99. दक्षाध्वरहर- दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले
100. हर- पापों व तापों को हरने वाले
101. भगनेत्रभिद्- भग देवता की आंख फोड़ने वाले
102. अव्यक्त- इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले
103. सहस्राक्ष- हजार आंखों वाले
104. सहस्रपाद- हजार पैरों वाले
105. अपवर्गप्रद- कैवल्य मोक्ष देने वाले
106. अनंत- देशकालवस्तु रूपी परिछेद से रहित
107. तारक- सबको तारने वाले
108. परमेश्वर- सबसे परम ईश्वर।
𝗝𝗼𝗶𝗻 :- @OneLoveMahadev
🕉 श्री रुद्राष्टकम 🕉
नमामि शमीशान निर्वाण रूपं विभु व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं ।।
निजं निर्गुणंनिर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं ।।
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीशं ।।
करालंमहाकालकालंकृपालं । गुणागार संसारपारं नतोऽहं ।।
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरं ।।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारूगंगा लसद्भालबालेन्दु कंठे भुजंगा ।।
चलत्कुंडलं भ्रू सुनेत्र विशाल प्रसन्नानं नीलकंठ दयाल ।।
मृगाधीशमर्चाम्बरं मुण्डमालं प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ।।
प्रचंडप्रकृष्टंप्रगल्भं परेशं अखंड अज भानुकोटि प्रकाशं ।।
त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणि । भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यं ।।
कलातीतकल्याणकल्पान्तकारी सदा सज्जनानन्दाता पुरारी।।
चिदानंद संदोह मोहापहारी प्रसीदप्रसीद प्रभां मन्मथारी।।
न यावद् उमानाथ पादारविन्दं भजतीह लोके परे वा नराणां ।।
न तावत्सुख शांन्ति संतापनाशं प्रसीदप्रभो सर्वभूताधिवासं । ।
न जानामि योगंजपं नैवपूजां नतोऽहंसदा सर्वदा शंभुतुभ्यं ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानंप्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ।।
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तंविप्रेण हरतोषये।
🕉🕉🕉🕉🕉
कृपया हमसे जुड़ें
@OneLoveMahadev
नमामि शमीशान निर्वाण रूपं विभु व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं ।।
निजं निर्गुणंनिर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं ।।
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीशं ।।
करालंमहाकालकालंकृपालं । गुणागार संसारपारं नतोऽहं ।।
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरं ।।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारूगंगा लसद्भालबालेन्दु कंठे भुजंगा ।।
चलत्कुंडलं भ्रू सुनेत्र विशाल प्रसन्नानं नीलकंठ दयाल ।।
मृगाधीशमर्चाम्बरं मुण्डमालं प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ।।
प्रचंडप्रकृष्टंप्रगल्भं परेशं अखंड अज भानुकोटि प्रकाशं ।।
त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणि । भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यं ।।
कलातीतकल्याणकल्पान्तकारी सदा सज्जनानन्दाता पुरारी।।
चिदानंद संदोह मोहापहारी प्रसीदप्रसीद प्रभां मन्मथारी।।
न यावद् उमानाथ पादारविन्दं भजतीह लोके परे वा नराणां ।।
न तावत्सुख शांन्ति संतापनाशं प्रसीदप्रभो सर्वभूताधिवासं । ।
न जानामि योगंजपं नैवपूजां नतोऽहंसदा सर्वदा शंभुतुभ्यं ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानंप्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ।।
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तंविप्रेण हरतोषये।
🕉🕉🕉🕉🕉
कृपया हमसे जुड़ें
@OneLoveMahadev
🌹🔅 *भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है।*
🔱🚩 1. आदिनाथ शिव
सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है। 'आदि' का अर्थ प्रारंभ। आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम 'आदिश' भी है।
🔱🚩 2. शिव के अस्त्र-शस्त्र
शिव का धनुष पिनाक, चक्र भवरेंदु और सुदर्शन, अस्त्र पाशुपतास्त्र और शस्त्र त्रिशूल है। उक्त सभी का उन्होंने ही निर्माण किया था।
🔱🚩 3. भगवान शिव का नाग
शिव के गले में जो नाग लिपटा रहता है उसका नाम वासुकि है। वासुकि के बड़े भाई का नाम शेषनाग है।
🔱🚩4. **शिव की अर्द्धांगिनी*"
शिव की पहली पत्नी सती ने ही अगले जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लिया और वही उमा, उर्मि, काली कही गई हैं।
🔱🚩5. शिव के पुत्र
*शिव के प्रमुख 6 पुत्र हैं- गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा। सभी के जन्म की कथा रोचक है।
कृपया हमसे जुड़ें
@OneLoveMahadev
🔱🚩 1. आदिनाथ शिव
सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है। 'आदि' का अर्थ प्रारंभ। आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम 'आदिश' भी है।
🔱🚩 2. शिव के अस्त्र-शस्त्र
शिव का धनुष पिनाक, चक्र भवरेंदु और सुदर्शन, अस्त्र पाशुपतास्त्र और शस्त्र त्रिशूल है। उक्त सभी का उन्होंने ही निर्माण किया था।
🔱🚩 3. भगवान शिव का नाग
शिव के गले में जो नाग लिपटा रहता है उसका नाम वासुकि है। वासुकि के बड़े भाई का नाम शेषनाग है।
🔱🚩4. **शिव की अर्द्धांगिनी*"
शिव की पहली पत्नी सती ने ही अगले जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लिया और वही उमा, उर्मि, काली कही गई हैं।
🔱🚩5. शिव के पुत्र
*शिव के प्रमुख 6 पुत्र हैं- गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा। सभी के जन्म की कथा रोचक है।
कृपया हमसे जुड़ें
@OneLoveMahadev
*🌸🌸श्रावण मास : शिवजी को कौन सा फूल अर्पित करने से, मनोकामनाएँ पूर्ण होती है*🌸🌸
-----------श्रावण मास में शिवजी की पूजा का विशेष महत्व रहता है। पूजा सामग्री कई प्रकार की रहती है परंतु शिवजी को कुछ विशेष प्रकार के फूल ही चढ़ाए जाते हैं।भगवान शिव को कौन कौनसे फूल और पूजा सामग्री अर्पित की जाती है।
*भगवान् शिव को अर्पित किये जाने वाले फूल*
1.धतूरे के फूल
2.हरसिंगार के फूल
3.नागकेसर के सफेद पुष्प
4.सूखे कमल गट्टे
5.कनेर के फूल
6.कुसुम के फूल
7.आंकड़े के फूल
8.कुश के फूल
9.गेंदे के फूल
10 .गुलाब के फूल
11.शंख पुष्पी का फूल
12.बेला के फूल
13.चमेली का फूल
14 शेफालिका का फूल
15.आगस्त्य का फूल
*भगवान् शिव को फूल अर्पित करने से लाभ*
भगवान् शिव को चमेली का फूल चढ़ाने से वाहन सुख मिलता है।
*कमल का फूल,बिल्वपत्र और शंख पुष्पी चढ़ाने से धनलाभ होता है।*
बेला का फूल चढ़ाने से विवाह की समस्या दूर होगी
*संतान प्राप्ति के लिए धतूरा अर्पित करे।*
तनाव दूर करने के लिए शेफालिका का फूल अर्पित करना चाहिए।
*आगस्त्य का फूल चढ़ाने से मान सम्मान की प्राप्ति होती है।*
कनेर का फूल चढ़ाने से वस्त्र आभूषणों की प्राप्ति होती है।
*दूर्वा चढ़ाने लंबी आयु प्राप्त होती है और स्वास्थ लाभ होता है।*
सफेद कमल का फूल चढ़ाने से सुख शांति की प्राप्ति होती है।
*🔱फूलो के अलावा* अन्य सामग्री से भी भगवान् भोलेनाथ की पूजा करते समय अर्पित की जाती है
1.जल अर्पित करने से मन शांत होता है।
2.दूध अर्पित करने से सेहत में लाभ होता है।
3.दही अर्पित करने से स्वभाव में सुधार होता है।
4.शहद अर्पित करने से वाणी में मिठास आती है।
5.घी अर्पित करने से शक्ति बढ़ती है।
6.शक्कर अर्पित करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है।
7.ईत्र अर्पित करने से विचार और भाव पवित्र होते हैं।
8.चन्दन अर्पित करने से मान सम्मान प्राप्त होता है।
9.केसर अर्पित करने से सौम्यता और सौभाग्य की प्राप्त होती है।
🕉🙏🚩🕉🙏🚩🕉
🔱 हर हर महादेव🙏
कृपया हमसे जुड़ें
@OneLoveMahadev
-----------श्रावण मास में शिवजी की पूजा का विशेष महत्व रहता है। पूजा सामग्री कई प्रकार की रहती है परंतु शिवजी को कुछ विशेष प्रकार के फूल ही चढ़ाए जाते हैं।भगवान शिव को कौन कौनसे फूल और पूजा सामग्री अर्पित की जाती है।
*भगवान् शिव को अर्पित किये जाने वाले फूल*
1.धतूरे के फूल
2.हरसिंगार के फूल
3.नागकेसर के सफेद पुष्प
4.सूखे कमल गट्टे
5.कनेर के फूल
6.कुसुम के फूल
7.आंकड़े के फूल
8.कुश के फूल
9.गेंदे के फूल
10 .गुलाब के फूल
11.शंख पुष्पी का फूल
12.बेला के फूल
13.चमेली का फूल
14 शेफालिका का फूल
15.आगस्त्य का फूल
*भगवान् शिव को फूल अर्पित करने से लाभ*
भगवान् शिव को चमेली का फूल चढ़ाने से वाहन सुख मिलता है।
*कमल का फूल,बिल्वपत्र और शंख पुष्पी चढ़ाने से धनलाभ होता है।*
बेला का फूल चढ़ाने से विवाह की समस्या दूर होगी
*संतान प्राप्ति के लिए धतूरा अर्पित करे।*
तनाव दूर करने के लिए शेफालिका का फूल अर्पित करना चाहिए।
*आगस्त्य का फूल चढ़ाने से मान सम्मान की प्राप्ति होती है।*
कनेर का फूल चढ़ाने से वस्त्र आभूषणों की प्राप्ति होती है।
*दूर्वा चढ़ाने लंबी आयु प्राप्त होती है और स्वास्थ लाभ होता है।*
सफेद कमल का फूल चढ़ाने से सुख शांति की प्राप्ति होती है।
*🔱फूलो के अलावा* अन्य सामग्री से भी भगवान् भोलेनाथ की पूजा करते समय अर्पित की जाती है
1.जल अर्पित करने से मन शांत होता है।
2.दूध अर्पित करने से सेहत में लाभ होता है।
3.दही अर्पित करने से स्वभाव में सुधार होता है।
4.शहद अर्पित करने से वाणी में मिठास आती है।
5.घी अर्पित करने से शक्ति बढ़ती है।
6.शक्कर अर्पित करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है।
7.ईत्र अर्पित करने से विचार और भाव पवित्र होते हैं।
8.चन्दन अर्पित करने से मान सम्मान प्राप्त होता है।
9.केसर अर्पित करने से सौम्यता और सौभाग्य की प्राप्त होती है।
🕉🙏🚩🕉🙏🚩🕉
🔱 हर हर महादेव🙏
कृपया हमसे जुड़ें
@OneLoveMahadev
Lingashtakam
Stanza 2:-
देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् ।
रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥
Meaning:-
जो देवताओं और मुनियों द्वारा पूजा जाता है, जो काम आदि का दमन करता है तथा करूणामय शिव का स्वरूप है। जिसने रावण के अहंकार का पतन किया, मैं उस सदाशिव लिंग को बारमबार प्रणाम करता हूं।
🔱 हर हर महादेव🙏
कृपया हमसे जुड़ें
@OneLoveMahadev
Stanza 2:-
देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् ।
रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥
Meaning:-
जो देवताओं और मुनियों द्वारा पूजा जाता है, जो काम आदि का दमन करता है तथा करूणामय शिव का स्वरूप है। जिसने रावण के अहंकार का पतन किया, मैं उस सदाशिव लिंग को बारमबार प्रणाम करता हूं।
🔱 हर हर महादेव🙏
कृपया हमसे जुड़ें
@OneLoveMahadev
Forwarded from Hinduphobic Mass Reporting
चैनल पर ADMIN के दो पद रिक्त शेष हैं , अनुभवी अपना परिचय दें एवं जिम्मेदार एडमिन बनकर सबकी सहायता करें
🖐 Contact ME HERE 👇
@Hindustanibeastbot 🔴
🖐 Contact ME HERE 👇
@Hindustanibeastbot 🔴
Forwarded from ❤️🔥❤️🔥♡♡ⱽᴬᴸᵁᴱ ᴬᴰᴰᴱᴰ ᴹᴬᵀᴱᴿᴵᴬᴸˢ ™ HB
कुछ अति सक्रिय साथियों की @HbreportingAdda के लिए आवश्यकता है ]
इच्छुक तत्काल संपर्क करें-
[[ @Darogasahab ]]
इच्छुक तत्काल संपर्क करें-
[[ @Darogasahab ]]
Forwarded from Hindustani Beast
आपका भी WhatsApp channel का इंतजार खत्म हुआ,
यहां नीचे↓लिंक दे रहा हूं Click करो और फॉलो करो अभी👇
https://whatsapp.com/channel/0029VaMAC0D8vd1TwFXXPC2c
𝗡𝗼𝘁𝗲:- व्हाट्सएप चैनल की विशेषता यह है कि इसके अंतर्गत किसी को भी किसी का कांटेक्ट नंबर शेयर नहीं होगा
राष्ट्र प्रथम :- @Hindustanibeast ✅
और किसी भी साथी को चैनल ज्वाइन करने में किसी भी प्रकार की समस्या अथवा शंका हो तो तत्काल बात करें↓
@Hindustanibeastbot पर ✅
यहां नीचे↓लिंक दे रहा हूं Click करो और फॉलो करो अभी👇
https://whatsapp.com/channel/0029VaMAC0D8vd1TwFXXPC2c
𝗡𝗼𝘁𝗲:- व्हाट्सएप चैनल की विशेषता यह है कि इसके अंतर्गत किसी को भी किसी का कांटेक्ट नंबर शेयर नहीं होगा
राष्ट्र प्रथम :- @Hindustanibeast ✅
और किसी भी साथी को चैनल ज्वाइन करने में किसी भी प्रकार की समस्या अथवा शंका हो तो तत्काल बात करें↓
@Hindustanibeastbot पर ✅
Forwarded from Hindustani Beast
आपका भी WhatsApp channel का इंतजार खत्म हुआ,
यहां नीचे↓लिंक दे रहा हूं Click करो और फॉलो करो अभी👇
https://whatsapp.com/channel/0029VaMAC0D8vd1TwFXXPC2c
𝗡𝗼𝘁𝗲:- व्हाट्सएप चैनल की विशेषता यह है कि इसके अंतर्गत किसी को भी किसी का कांटेक्ट नंबर शेयर नहीं होगा
राष्ट्र प्रथम :- @Hindustanibeast ✅
और किसी भी साथी को चैनल ज्वाइन करने में किसी भी प्रकार की समस्या अथवा शंका हो तो तत्काल बात करें↓
@Hindustanibeastbot पर ✅
यहां नीचे↓लिंक दे रहा हूं Click करो और फॉलो करो अभी👇
https://whatsapp.com/channel/0029VaMAC0D8vd1TwFXXPC2c
𝗡𝗼𝘁𝗲:- व्हाट्सएप चैनल की विशेषता यह है कि इसके अंतर्गत किसी को भी किसी का कांटेक्ट नंबर शेयर नहीं होगा
राष्ट्र प्रथम :- @Hindustanibeast ✅
और किसी भी साथी को चैनल ज्वाइन करने में किसी भी प्रकार की समस्या अथवा शंका हो तो तत्काल बात करें↓
@Hindustanibeastbot पर ✅
Forwarded from Overall Kaand ®
DocScanner 12-21 pm.pdf
9.4 MB