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बप्पा रावल कि राजधानी... नागदा ( उदयपुर)❤️👍🏼
मेवाड़ की राजधानियों का क्रम -
नागदा - बप्पा रावल
आहड़-अलट
चितौड़-जैत्रसिंह
उदयपुर-उदय सिंह
गोगुंदा-उदय सिंह
कुंभलगढ़-राणा प्रताप
चावंड -राणा प्रताप
चितौड़गढ़- अमर सिंह
उदयपुर-भीम सिंह
#important ❤️👍🏼
नागदा - बप्पा रावल
आहड़-अलट
चितौड़-जैत्रसिंह
उदयपुर-उदय सिंह
गोगुंदा-उदय सिंह
कुंभलगढ़-राणा प्रताप
चावंड -राणा प्रताप
चितौड़गढ़- अमर सिंह
उदयपुर-भीम सिंह
#important ❤️👍🏼
❤2👍1
मीणा विद्रोह (1851-1860):
1851 ई. में उदयपुर राज्य के जहाजपुर परगने में जब नई भूमि व राजस्व व्यवस्था लागू की गई, तो इसके विरोध में मीणा समुदाय ने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। महाराणा ने जहाजपुर में मेहता रघुनाथसिंह को नए हाकिम के रूप में नियुक्त किया।
विद्रोह के कारण :
1.प्रशासनिक सुधारों के नाम पर की जा रही अत्यधिक धनवसूली ।
2.राजस्व व जमीन की नई व्यवस्थाओं से जनजातीय जीवन व अधिकारों पर हस्तक्षेप ।
3.अंग्रेजों द्वारा स्थानीय परंपराओं की अनदेखी
#important #फैक्ट ❤️☘
1851 ई. में उदयपुर राज्य के जहाजपुर परगने में जब नई भूमि व राजस्व व्यवस्था लागू की गई, तो इसके विरोध में मीणा समुदाय ने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। महाराणा ने जहाजपुर में मेहता रघुनाथसिंह को नए हाकिम के रूप में नियुक्त किया।
विद्रोह के कारण :
1.प्रशासनिक सुधारों के नाम पर की जा रही अत्यधिक धनवसूली ।
2.राजस्व व जमीन की नई व्यवस्थाओं से जनजातीय जीवन व अधिकारों पर हस्तक्षेप ।
3.अंग्रेजों द्वारा स्थानीय परंपराओं की अनदेखी
#important #फैक्ट ❤️☘
❤1
देवलपाल विद्रोह (1867): 1867 में खैरवाड़ा और डूंगरपुर के मध्य स्थित देवलपाल के भीलों ने उत्पात मचाया। यह विद्रोह मेवाड़ भील कोर द्वारा कुचल दिया गया।
* बांसवाड़ा विद्रोह (1872-1875): सन् 1872 से 1875 के बीच बांसवाड़ा राज्य में लगातार कई भील विद्रोह हुए। चिलकारी और शेरगढ़ गाँवों के भील छापामार गतिविधियों द्वारा सक्रिय रहे।
#फैक्ट ❤️☘
* बांसवाड़ा विद्रोह (1872-1875): सन् 1872 से 1875 के बीच बांसवाड़ा राज्य में लगातार कई भील विद्रोह हुए। चिलकारी और शेरगढ़ गाँवों के भील छापामार गतिविधियों द्वारा सक्रिय रहे।
#फैक्ट ❤️☘
डूंगरपुर राज्य का समझौता : डूंगरपुर की सिमूर वारू,देवल, और नन्दू पालों के भीलों ने ब्रिटिश सत्ता के साथ समझौता कर लिया था। यह एक प्रकार से सशर्त आत्मसमर्पण था।
उदयपुर के भीलों का संघर्ष : उदयपुर राज्य के भीलों ने किसी प्रकार की समझौता शर्तें स्वीकार नहीं कीं। उन्होंने न तो अंग्रेजों और न ही उदयपुर दरबार के सामने आत्मसमर्पण किया।
#फैक्ट ❤️☘
उदयपुर के भीलों का संघर्ष : उदयपुर राज्य के भीलों ने किसी प्रकार की समझौता शर्तें स्वीकार नहीं कीं। उन्होंने न तो अंग्रेजों और न ही उदयपुर दरबार के सामने आत्मसमर्पण किया।
#फैक्ट ❤️☘
गरासिया भीलों का विद्रोह (1826): जनवरी 1826 में गरासिया भील मुखियाओं दौलत सिंह और गोविन्दराम ने विद्रोह छेड़ दिया। यह संघर्ष लंबा चला और अंततः 1826 में दौलत सिंह के आत्मसमर्पण के बाद समाप्त हुआ।
बांसवाड़ा का विद्रोह (1836): सन् 1836 में बांसवाड़ा राज्य में भील उपद्रव हुए, जिन्हें अंग्रेजी सेना की मदद से बांसवाड़ा के महारावल ने शीघ्र नियंत्रित कर लिया।
#important #फैक्ट ❤️☘
बांसवाड़ा का विद्रोह (1836): सन् 1836 में बांसवाड़ा राज्य में भील उपद्रव हुए, जिन्हें अंग्रेजी सेना की मदद से बांसवाड़ा के महारावल ने शीघ्र नियंत्रित कर लिया।
#important #फैक्ट ❤️☘
👍2❤1
गवरी/राई - मेवाड़ (पुरुष)
गैर नृत्य - मेवाड़ (पुरुष)
नेजा - मेवाड़ (युगल)
द्विचक्री (युगल)
युद्ध (पुरुष)
घूमरा (स्त्री)
हाथीमना (पुरुष)
भैरव पूजा (युगल)
भील जनजाति के नृत्य.....❤️👍
गैर नृत्य - मेवाड़ (पुरुष)
नेजा - मेवाड़ (युगल)
द्विचक्री (युगल)
युद्ध (पुरुष)
घूमरा (स्त्री)
हाथीमना (पुरुष)
भैरव पूजा (युगल)
भील जनजाति के नृत्य.....❤️👍
❤2
गौर (युगल)
लूर (स्त्री)
गरबा (स्त्री)
मांदल (स्त्री)
गर्वा (स्त्री)
घूमर (स्त्री)
रायण (पुरुष)
जवारा (युगल)
मोरिया - कोटा क्षेत्र (पुरुष)
कूद मेवाड़ - (मिश्रित युगल)
वालर मेवाड़ - (मिश्रित युगल)
गरासिया जनजाति के नृत्य....❤️👍
लूर (स्त्री)
गरबा (स्त्री)
मांदल (स्त्री)
गर्वा (स्त्री)
घूमर (स्त्री)
रायण (पुरुष)
जवारा (युगल)
मोरिया - कोटा क्षेत्र (पुरुष)
कूद मेवाड़ - (मिश्रित युगल)
वालर मेवाड़ - (मिश्रित युगल)
गरासिया जनजाति के नृत्य....❤️👍
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कंजर जनजाति ❤️👍
चकरी(स्त्री)
धाकड़(पुरुष)
कथोड़ी जनजाति ❤️👍
रसिया(युगल)
नेजा(युगल)
विशेष :सर्वाधिक लोक नृत्य भील जनजाति से सम्बन्धित हैं।
चकरी(स्त्री)
धाकड़(पुरुष)
कथोड़ी जनजाति ❤️👍
रसिया(युगल)
नेजा(युगल)
विशेष :सर्वाधिक लोक नृत्य भील जनजाति से सम्बन्धित हैं।
(1) 🧾 जेल प्रहरी भर्ती — 10 गुना लिस्ट / फिजिकल को लेकर आदेश नेक्स्ट वीक में जारी होगा
(2) 🚨 राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती — परिणाम नेक्स्ट वीक में, और फिजिकल नवंबर माह में करवाये जायेगा
(2) 🚨 राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती — परिणाम नेक्स्ट वीक में, और फिजिकल नवंबर माह में करवाये जायेगा
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थप्पड़ कांड SDM छोटू लाल शर्मा आगामी आदेश तक पदस्थापन प्रतीक्षा में
पद का गुमान न कर ए मुसाफिर सोशल मीडिया तुमसे कई गुणा तेज हैं
तीसरी आंख, कैमरे में कैद हुई पुरी वारदात
कुछ नहीं दिखा तो पत्नी द्वारा उन्हीं मजदूरों पर केस करवा दिया,कि इन्होंने मेरी पत्नी के सामने आंख मारी, वाह रे अधिकारी कुछ रास्ता नहीं दिखा तो पत्नी को आगे ले आया
ऐसे गिरे हुए प्रशासनिक अधिकारी जनता की क्या सेवा करते है
पद का गुमान न कर ए मुसाफिर सोशल मीडिया तुमसे कई गुणा तेज हैं
तीसरी आंख, कैमरे में कैद हुई पुरी वारदात
कुछ नहीं दिखा तो पत्नी द्वारा उन्हीं मजदूरों पर केस करवा दिया,
ऐसे गिरे हुए प्रशासनिक अधिकारी जनता की क्या सेवा करते है
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💭 लोकदेवता पाबूजी राठौड़ संबंधित साहित्य
• पाबूजी रा छंद - बीठू मेहाजी
• पाबूजी रा दोहा - लघराज
• पाबू प्रकाश - आशिया मोड जी
• पाबू सोरठा - रामनाथ कविया
• पाबूजी री बात - लक्ष्मी कुमारी चुंडावत
• पाबूजी री वेली - मुकुंद सिंह
• पाबूजी रा छंद - बीठू मेहाजी
• पाबूजी रा दोहा - लघराज
• पाबू प्रकाश - आशिया मोड जी
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• पाबूजी री बात - लक्ष्मी कुमारी चुंडावत
• पाबूजी री वेली - मुकुंद सिंह
❤8
⭕ हरियालो राजस्थान वृक्षारोपण महा अभियान
▪️शुरुआत – 7 अगस्त 2024 (हरियाली तीज), करौली जिले के सपोटरा में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा
महाअभियान का उद्देश्य और लक्ष्य –
▪️प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल 'एक पेड़ मां के नाम' से प्रेरणा लेकर प्रारंभ
▪️5 वर्षों में कुल 50 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य
▪️ वर्ष 2024-25: 7 करोड़ पौधे = लक्ष्य हासिल
▪️वर्ष 2025: 10 करोड़ पौधे = 11.50 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए
▪️अब तक कुल 18.50 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं
▪️एक दिन में 2.5 करोड़ पौधारोपण (27 जुलाई 2025, 76वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव)
▪️29 अगस्त 2025, टोडारायसिंह, टोंक: 60 हजार पौधे लगाकर कीर्तिमान
▪️पौधों की सुरक्षा और निगरानी के लिए जियो टैगिंग और हरियालो राजस्थान मोबाइल एप तैयार
▪️शुरुआत – 7 अगस्त 2024 (हरियाली तीज), करौली जिले के सपोटरा में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा
महाअभियान का उद्देश्य और लक्ष्य –
▪️प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल 'एक पेड़ मां के नाम' से प्रेरणा लेकर प्रारंभ
▪️5 वर्षों में कुल 50 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य
▪️ वर्ष 2024-25: 7 करोड़ पौधे = लक्ष्य हासिल
▪️वर्ष 2025: 10 करोड़ पौधे = 11.50 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए
▪️अब तक कुल 18.50 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं
▪️एक दिन में 2.5 करोड़ पौधारोपण (27 जुलाई 2025, 76वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव)
▪️29 अगस्त 2025, टोडारायसिंह, टोंक: 60 हजार पौधे लगाकर कीर्तिमान
▪️पौधों की सुरक्षा और निगरानी के लिए जियो टैगिंग और हरियालो राजस्थान मोबाइल एप तैयार
