Telegram Web Link
राजपुताना मध्य भारत सभा -1918
सद् विधा प्रचारिणी -1920
राजस्थान सेवा संघ -1919
मारवाड़ हितकारिणी सभा -1921


अच्छा प्रश्न....❤️👍
3
स्रोत:- राजस्थान क्रोनोलॉजी vol.48
👍32
1927 में 'अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद्' की स्थापना बॉम्बे में की गई।

इसके अध्यक्ष दीवान रामचन्द्रराव तथा उपाध्यक्ष विजयसिंह पथिक बने।

रामनारायण चौधरी को राजपूताना एवं मध्यप्रान्त का सचिव बनाया गया।

1928 में 'राजपूताना देशी राज्य लोक परिषद' की स्थापना की गई। इसका प्रथम अधिवेशन 1931 (अजमेर में) में हुआ। इसके अध्यक्ष रामनारायण चौधरी थे।

कांग्रेस ने 1938 में हरिपुरा सम्मेलन में प्रजामण्डल को समर्थन दिया। उस समय कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चन्द्र बोस थे।

बहुत बार रिपिट प्रश्न...❤️👆
फेटिया प्रिंट -आकोला (चितौड़गढ़)
यहाँ का दाबू प्रिंट प्रसिद्ध है
3
▪️गलालेंग (गुलाल सिंह) नाना भाई और काली बाई के अलावा गलालेंग एक और नाम है, जिसकी किंवदंतियाँ इस क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय हैं। वागड़ के लोगों के लिए गलालेंगे शौर्य का प्रतीक है। गुलाल सिंह ने 21 साल की अल्पायु में कडाना की लडाई के दौरान अपनी वफादारी निभाते हुए खुद को न्योछावर कर दिया था। गलालेंग के नाम पर लोकगाथा रची गई है तथा अमरिया जोगी द्वारा गाई जाने वाली गाथा अति प्रसिद्ध है

[RPSC Research Assistant(Eval. Deptt 10-07-2025]
वर्ष 2026 में जुलाई तक 26 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के लिए परीक्षाएं ❤️👍🏼
4
थर्ड ग्रेड पद बढ़ोतरी और एग्जाम डेट को लेकर आलोक राज जी जवाब 👆❤️
Online Notes Store | Online Notes, Quiz & Employment News Portal
थर्ड ग्रेड पद बढ़ोतरी और एग्जाम डेट को लेकर आलोक राज जी जवाब 👆❤️
भले ही पद दो तीन गुना करके भर्ती तीन चार महीने आगे चली जाओ वो मंजूर होगा लेकिन ये 7500 वाली भर्ती से तो कुछ नहीं बँटने वाला

सिर्फ एक ही मांग …थर्ड ग्रेड भर्ती कम से कम 20000 पदों पर हो ❤️
5
बप्पा रावल कि राजधानी... नागदा ( उदयपुर)❤️👍🏼
5
Online Notes Store | Online Notes, Quiz & Employment News Portal
बप्पा रावल कि राजधानी... नागदा ( उदयपुर)❤️👍🏼
मेवाड़ की राजधानियों का क्रम -

नागदा - बप्पा रावल
आहड़-अलट
चितौड़-जैत्रसिंह
उदयपुर-उदय सिंह
गोगुंदा-उदय सिंह
कुंभलगढ़-राणा प्रताप
चावंड -राणा प्रताप
चितौड़गढ़- अमर सिंह
उदयपुर-भीम सिंह


#important ❤️👍🏼
2👍1
मीणा विद्रोह (1851-1860):

1851 ई. में उदयपुर राज्य के जहाजपुर परगने में जब नई भूमि व राजस्व व्यवस्था लागू की गई, तो इसके विरोध में मीणा समुदाय ने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। महाराणा ने जहाजपुर में मेहता रघुनाथसिंह को नए हाकिम के रूप में नियुक्त किया।

विद्रोह के कारण :

1.प्रशासनिक सुधारों के नाम पर की जा रही अत्यधिक धनवसूली

2.राजस्व व जमीन की नई व्यवस्थाओं से जनजातीय जीवन व अधिकारों पर हस्तक्षेप ।

3.अंग्रेजों द्वारा स्थानीय परंपराओं की अनदेखी

#important #फैक्ट ❤️
1
देवलपाल विद्रोह (1867): 1867 में खैरवाड़ा और डूंगरपुर के मध्य स्थित देवलपाल के भीलों ने उत्पात मचाया। यह विद्रोह मेवाड़ भील कोर द्वारा कुचल दिया गया।

* बांसवाड़ा विद्रोह (1872-1875): सन् 1872 से 1875 के बीच बांसवाड़ा राज्य में लगातार कई भील विद्रोह हुए। चिलकारी और शेरगढ़ गाँवों के भील छापामार गतिविधियों द्वारा सक्रिय रहे।

#फैक्ट ❤️
डूंगरपुर राज्य का समझौता : डूंगरपुर की सिमूर वारू,देवल, और नन्दू पालों के भीलों ने ब्रिटिश सत्ता के साथ समझौता कर लिया था। यह एक प्रकार से सशर्त आत्मसमर्पण था।

उदयपुर के भीलों का संघर्ष : उदयपुर राज्य के भीलों ने किसी प्रकार की समझौता शर्तें स्वीकार नहीं कीं। उन्होंने न तो अंग्रेजों और न ही उदयपुर दरबार के सामने आत्मसमर्पण किया।

#फैक्ट ❤️
गरासिया भीलों का विद्रोह (1826): जनवरी 1826 में गरासिया भील मुखियाओं दौलत सिंह और गोविन्दराम ने विद्रोह छेड़ दिया। यह संघर्ष लंबा चला और अंततः 1826 में दौलत सिंह के आत्मसमर्पण के बाद समाप्त हुआ।

बांसवाड़ा का विद्रोह (1836): सन् 1836 में बांसवाड़ा राज्य में भील उपद्रव हुए, जिन्हें अंग्रेजी सेना की मदद से बांसवाड़ा के महारावल ने शीघ्र नियंत्रित कर लिया।

#important #फैक्ट ❤️
👍21
काफी शानदार सवाल.....

सही उत्तर...... अजीत सिंह होगा जबकि शासक भीम सिंह था

❤️👍
3
हाकिम खां सूरी....... महाराणा प्रताप के मुख्य सेनापति था

मुगल सेनापति..... मान सिंह
❤️👍
5
2025/10/26 13:26:56
Back to Top
HTML Embed Code: