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🌟 हमारे साथ दिव्य जयपुर - करौली यात्रा में शामिल हों – 7 से 10 मई, 2025 🌟

तैयार हो जाइए एक आत्मिक यात्रा के लिए, जो आपको जयपुर के भव्य शहर में 15 से अधिक दिव्य स्थल और ऐतिहासिक चमत्कारों की यात्रा कराएगी! 🙏

*एकादशी के दिन हम राधा गोविंद देव जी मंदिर, राधा गोपीनाथ देव जी मंदिर और राधा मदन मोहन मंदिर का दर्शन करेंगे—तीन पवित्र मंदिर जो शास्त्रों के अनुसार भक्तों को वैकुंठ पहुंचाने का विश्वास रखते हैं* । इस शुभ दिन पर आध्यात्मिक सुख और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने का यह दुर्लभ अवसर न चूकें! 🙏

_*मुख्य स्थलों की सूची:*_

- राधा गोविंद देव जी मंदिर
- राधा गोपीनाथ देव जी मंदिर
- राधा मदन मोहन मंदिर
- राधा विनोद मंदिर
- जल महल
- हवा महल
- करौली
- जंतर मंतर
- *तारकेश्वर महादेव*
- और भी बहुत कुछ!

हम पवित्र मंदिरों, भव्य महलों और जयपुर की समृद्ध संस्कृति का अनुभव करेंगे, और इस यात्रा के दौरान हमें मार्गदर्शन मिलेगा एच.जी. उद्धव प्रभुजी और एच.जी. कुंजवसिनी माता जी द्वारा। 🌸🕊️

*_प्राइसिंग विकल्प:_*

- ए.सी. ट्रेन/ए.सी. रूम: ₹6999
- स्लीपर ट्रेन/ए.सी. रूम: ₹5499
- बिना ट्रेन/ए.सी. रूम: ₹4499

*इसमें क्या शामिल है:*

- ए.सी. ट्रेन/स्लीपर ट्रेन टिकट
- ए.सी. रूम आवास
- आरामदायक यात्रा के लिए ए.सी. बस
- स्वादिष्ट नाश्ता, लंच और डिनर
- कथा और कीर्तन से आत्मा की उन्नति

आध्यात्मिक सुख आपका इंतजार कर रहा है!
यह सिर्फ एक यात्रा नहीं है; यह एक अविस्मरणीय यात्रा है भक्ति और दिव्य अनुभवों की। स्थान सीमित हैं, इसलिए इस आशीर्वादित यात्रा का हिस्सा बनने का अपना अवसर न खोएं! 🌟

_*रजिस्ट्रेशन विवरण:*_

- रजिस्ट्रेशन शुल्क: ₹2000 (नॉन – रिफंडेबल, प्रति व्यक्ति)
- स्पेस जल्दी भर रहे हैं! आज ही रजिस्टर करें और अपनी सीट सुरक्षित करें!

👉 *[रजिस्ट्रेशन फॉर्म लिंक]* https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeJOSbiOY5Hw6uOezKBB9p0b5eZ5up9OXM3J1wzGoDz8xhxVA/viewform?usp=sharing👈

आइए, इस यात्रा को एक जीवनभर के अनुभव में बदलें!
🌷🛕
Surrender your worries, let go of fears, and allow Krishna’s presence to fill your soul in Mangal Aarti 🙇‍♂️🙏
हरे कृष्ण
*मंगलवार*, *कामदा एकादशी*
*पारणा:* *बुधवार* सुबह
6:25 से 10:34 वदोड़रा, सूरत, अमदावाद, खंभात
6:40-10:43 राजकोट, जामनगर, द्वारका

*Isckon Baroda daily Darshan and updates Whatsapp*
https://chat.whatsapp.com/K1pBwij2tzZD60F5JxlmWw

युधिष्ठिर ने पूछा: वासुदेव! आपको नमस्कार है! कृपया आप यह बताइये कि चैत्र शुक्लपक्ष में किस नाम की एकादशी होती है?

भगवान श्रीकृष्ण बोले: राजन्! एकाग्रचित्त होकर यह पुरातन कथा सुनो, जिसे वशिष्ठजी ने राजा दिलीप के पूछने पर कहा था।

वशिष्ठजी बोले: राजन्! चैत्र शुक्लपक्ष में ‘कामदा’ नाम की एकादशी होती है। वह परम पुण्यमयी है। पापरुपी ईँधन के लिए तो वह दावानल ही है।

प्राचीन काल की बात है: नागपुर नाम का एक सुन्दर नगर था, जहाँ सोने के महल बने हुए थे। उस नगर में पुण्डरीक आदि महा भयंकर नाग निवास करते थे। पुण्डरीक नाम का नाग उन दिनों वहाँ राज्य करता था। गन्धर्व, किन्नर और अप्सराएँ भी उस नगरी का सेवन करती थीं। वहाँ एक श्रेष्ठ अप्सरा थी, जिसका नाम ललिता था। उसके साथ ललित नामवाला गन्धर्व भी था। वे दोनों पति पत्नी के रुप में रहते थे। दोनों ही परस्पर काम से पीड़ित रहा करते थे। ललिता के हृदय में सदा पति की ही मूर्ति बसी रहती थी और ललित के हृदय में सुन्दरी ललिता का नित्य निवास था।

एक दिन की बात है। नागराज पुण्डरीक राजसभा में बैठकर मनोरंजन कर रहा था। उस समय ललित का गान हो रहा था किन्तु उसके साथ उसकी प्यारी ललिता नहीं थी। गाते-गाते उसे ललिता का स्मरण हो आया। अत: उसके पैरों की गति रुक गयी और जीभ लड़खड़ाने लगी।

नागों में श्रेष्ठ कर्कोटक को ललित के मन का सन्ताप ज्ञात हो गया, अत: उसने राजा पुण्डरीक को उसके पैरों की गति रुकने और गान में त्रुटि होने की बात बता दी। कर्कोटक की बात सुनकर नागराज पुण्डरीक की आँखे क्रोध से लाल हो गयीं। उसने गाते हुए कामातुर ललित को शाप दिया: ‘दुर्बुद्धे! तू मेरे सामने गान करते समय भी पत्नी के वशीभूत हो गया, इसलिए राक्षस हो जा।’

महाराज पुण्डरीक के इतना कहते ही वह गन्धर्व राक्षस हो गया। भयंकर मुख, विकराल आँखें और देखनेमात्र से भय उपजानेवाला रुप - ऐसा राक्षस होकर वह कर्म का फल भोगने लगा।

ललिता अपने पति की विकराल आकृति देख मन ही मन बहुत चिन्तित हुई। भारी दु:ख से वह कष्ट पाने लगी। सोचने लगी: ‘क्या करुँ? कहाँ जाऊँ? मेरे पति पाप से कष्ट पा रहे हैं…’

वह रोती हुई घने जंगलों में पति के पीछे-पीछे घूमने लगी। वन में उसे एक सुन्दर आश्रम दिखायी दिया, जहाँ एक मुनि शान्त बैठे हुए थे। किसी भी प्राणी के साथ उनका वैर विरोध नहीं था। ललिता शीघ्रता के साथ वहाँ गयी और मुनि को प्रणाम करके उनके सामने खड़ी हुई। मुनि बड़े दयालु थे। उस दु:खिनी को देखकर वे इस प्रकार बोले: ‘शुभे! तुम कौन हो? कहाँ से यहाँ आयी हो? मेरे सामने सच-सच बताओ।’

ललिता ने कहा: महामुने! वीरधन्वा नामवाले एक गन्धर्व हैं। मैं उन्हीं महात्मा की पुत्री हूँ। मेरा नाम ललिता है। मेरे स्वामी अपने पाप दोष के कारण राक्षस हो गये हैं। उनकी यह अवस्था देखकर मुझे चैन नहीं है। ब्रह्मन्! इस समय मेरा जो कर्त्तव्य हो, वह बताइये। विप्रवर! जिस पुण्य के द्वारा मेरे पति राक्षसभाव से छुटकारा पा जायें, उसका उपदेश कीजिये।

ॠषि बोले: भद्रे! इस समय चैत्र मास के शुक्लपक्ष की ‘कामदा’ नामक एकादशी तिथि है, जो सब पापों को हरनेवाली और उत्तम है। तुम उसीका विधिपूर्वक व्रत करो और इस व्रत का जो पुण्य हो, उसे अपने स्वामी को दे डालो। पुण्य देने पर क्षणभर में ही उसके शाप का दोष दूर हो जायेगा।

राजन्! मुनि का यह वचन सुनकर ललिता को बड़ा हर्ष हुआ। उसने एकादशी को उपवास करके द्वादशी के दिन उन ब्रह्मर्षि के समीप ही भगवान वासुदेव के (श्रीविग्रह के) समक्ष अपने पति के उद्धार के लिए यह वचन कहा: ‘मैंने जो यह ‘कामदा एकादशी’ का उपवास व्रत किया है, उसके पुण्य के प्रभाव से मेरे पति का राक्षसभाव दूर हो जाय।’

वशिष्ठजी कहते हैं: ललिता के इतना कहते ही उसी क्षण ललित का पाप दूर हो गया। उसने दिव्य देह धारण कर लिया। राक्षसभाव चला गया और पुन: गन्धर्वत्व की प्राप्ति हुई।

नृपश्रेष्ठ! वे दोनों पति पत्नी ‘कामदा’ के प्रभाव से पहले की अपेक्षा भी अधिक सुन्दर रुप धारण करके विमान पर आरुढ़ होकर अत्यन्त शोभा पाने लगे। यह जानकर इस एकादशी के व्रत का यत्नपूर्वक पालन करना चाहिए।

मैंने लोगों के हित के लिए तुम्हारे सामने इस व्रत का वर्णन किया है। ‘कामदा एकादशी’ ब्रह्महत्या आदि पापों तथा पिशाचत्व आदि दोषों का नाश करनेवाली है। राजन्! इसके पढ़ने और सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है।
* *वृंदावन धाम यात्रा 2025*

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📅 *तारीख:* *10 मई – 15 मई*

💰 *शुल्क:* *₹8000/- प्रति व्यक्ति*

📝 *पंजीकरण शुल्क:* *₹3000/- प्रति व्यक्ति*

⚠️ *सीटें सीमित हैं – अपना स्थान सुरक्षित करने के लिए अभी रजिस्ट्रेशन करें!*

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*हमारे द्वारा दी जाने वाली सुविधाएँ:*
🚆 *3AC ट्रेन यात्रा*
🏨 *आरामदायक AC कमरे*
🚌 *स्थानीय यात्रा हेतु AC बस*
🍛 *3 बार स्वादिष्ट लजीज प्रसादम*
🪔 *रोजाना कथा व कीर्तन*
*और भी बहुत कुछ…*

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*शुभ आध्यात्मिक स्थल:*
🏛 *वृंदावन के 7 मुख्य मंदिर*
🌾 *नंदगांव*
🌸 *बरसाना*
🌿 *रमन रेती*
🕉 *मथुरा जन्मभूमि*
🌼 *रावल – श्री राधारानी का जन्मस्थान*
*गोवर्धन परिक्रमा*
*35+ से अधिक स्थलों के दर्शन*

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🔗 *रजिस्ट्रेशन लिंक :* https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeJOSbiOY5Hw6uOezKBB9p0b5eZ5up9OXM3J1wzGoDz8xhxVA/viewform?usp=sharing👈


📞 *प्रश्नों और जानकारी हेतु संपर्क करें – हमें कॉल या मैसेज करें*
*🔔 महत्वपूर्ण सूचना: केवल 10 सीटें शेष*

* जयपुर एवं वृंदावन धाम यात्रा – आज ही अपना स्थान सुरक्षित करें 🛕**

सभी इच्छुक भक्तों को सूचित किया जाता है कि आगामी जयपुर एवं वृंदावन धाम यात्रा के लिए केवल 10 सीटें ही शेष हैं

सीमित सीट्स के कारण पंजीकरण पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जा रहा है

कृपया समय रहते अपना पंजीकरण पूर्ण करें, अन्यथा सीट्स उपलब्ध न होने की स्थिति बन सकती है ⚠️

*पंजीकरण लिंक:*: –https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeJOSbiOY5Hw6uOezKBB9p0b5eZ5up9OXM3J1wzGoDz8xhxVA/viewform?usp=sharing🔗

सीमित सीटें | शीघ्र पंजीकरण अनिवार्य


अधिक जानकारी या सहायता हेतु कृपया संपर्क करें ☎️
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Don’t chase happiness. Sit still. Krishna will find you in the stillness.💙🖤🙏 Isckon Vrindavan Mangal Darshan @gaurangas_group
हरे कृष्ण
गुरुवार, *वरुथिनी एकादशी*

*पारणा:* शुक्रवार सुबह
6:12 से 10:27 वदोड़रा, सूरत, अमदावाद, खंभात
6:26 से 10:36 राजकोट, जामनगर, द्वारका

*Whatsapp*
https://chat.whatsapp.com/K1pBwij2tzZD60F5JxlmWw

युधिष्ठिर ने पूछा: हे वासुदेव! वैशाख मास के कृष्णपक्ष में किस नाम की एकादशी होती है? कृपया उसकी महिमा बताइये।

भगवान श्रीकृष्ण बोले: राजन्! वैशाख (गुजरात महाराष्ट्र के अनुसार चैत्र ) कृष्णपक्ष की एकादशी ‘वरुथिनी’ के नाम से प्रसिद्ध है। यह इस लोक और परलोक में भी सौभाग्य प्रदान करनेवाली है। ‘वरुथिनी’ के व्रत से सदा सुख की प्राप्ति और पाप की हानि होती है। ‘वरुथिनी’ के व्रत से ही मान्धाता तथा धुन्धुमार आदि अन्य अनेक राजा स्वर्गलोक को प्राप्त हुए हैं। जो फल दस हजार वर्षों तक तपस्या करने के बाद मनुष्य को प्राप्त होता है, वही फल इस ‘वरुथिनी एकादशी’ का व्रत रखनेमात्र से प्राप्त हो जाता है।

नृपश्रेष्ठ! घोड़े के दान से हाथी का दान श्रेष्ठ है। भूमिदान उससे भी बड़ा है। भूमिदान से भी अधिक महत्त्व तिलदान का है। तिलदान से बढ़कर स्वर्णदान और स्वर्णदान से बढ़कर अन्नदान है, क्योंकि देवता, पितर तथा मनुष्यों को अन्न से ही तृप्ति होती है। विद्वान पुरुषों ने कन्यादान को भी इस दान के ही समान बताया है। कन्यादान के तुल्य ही गाय का दान है, यह साक्षात् भगवान का कथन है। इन सब दानों से भी बड़ा विद्यादान है। मनुष्य ‘वरुथिनी एकादशी’ का व्रत करके विद्यादान का भी फल प्राप्त कर लेता है। जो लोग पाप से मोहित होकर कन्या के धन से जीविका चलाते हैं, वे पुण्य का क्षय होने पर यातनामक नरक में जाते हैं। अत: सर्वथा प्रयत्न करके कन्या के धन से बचना चाहिए उसे अपने काम में नहीं लाना चाहिए। जो अपनी शक्ति के अनुसार अपनी कन्या को आभूषणों से विभूषित करके पवित्र भाव से कन्या का दान करता है, उसके पुण्य की संख्या बताने में चित्रगुप्त भी असमर्थ हैं। ‘वरुथिनी एकादशी’ करके भी मनुष्य उसीके समान फल प्राप्त करता है।

राजन्! रात को जागरण करके जो भगवान मधुसूदन का पूजन करते हैं, वे सब पापों से मुक्त हो परम गति को प्राप्त होते हैं। अत: पापभीरु मनुष्यों को पूर्ण प्रयत्न करके इस एकादशी का व्रत करना चाहिए। यमराज से डरनेवाला मनुष्य अवश्य ‘वरुथिनी एकादशी’ का व्रत करे। राजन्! इसके पढ़ने और सुनने से सहस्र गौदान का फल मिलता है और मनुष्य सब पापों से मुक्त होकर विष्णुलोक में प्रतिष्ठित होता है।
https://youtube.com/shorts/y4qTK5VoyGY?si=vLmDReSxwjcs7Nkp

_अक्षय तृतीया_ / _चंदन यात्रा_ 🌟
_30th April 2025, Wednesday_

महत्व और इस दिन की कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ :

_चंदन यात्रा_🪵: अक्षय तृतीया से शुरू होकर 21 दिनों तक, गर्मी के कारण, भगवान पर चंदन का लेप किया जाता है। श्री माधवेंद्र पूरी को स्वयं भगवान से आदेश प्राप्त हुए और यह सेवा तब से _चंदन यात्रा_ के नाम से जानी जाती है।

1. _भगवान परशुराम_ का आविर्भाव हुआ था इसीलिए आज परशुराम जयंती भी है 🙏
2. _माँ गंगा_ का धरती अवतरण हुआ था 🌊
3. _त्रेता युग_ का प्रारंभ 🔥
4. _सुदामा_ का द्वारका में कृष्ण से मिलन 💕
5. सूर्य भगवान ने पांडवों को _अक्षय पात्र_ दिया 🥣
6. वेदव्यास जी ने _महाकाव्य महाभारत की रचना_ गणेश जी के माध्यम से _प्रारम्भ की थी।_ 📚
7. प्रथम तीर्थंकर _आदिनाथ ऋषभदेवजी भगवान_ के 13 महीने का कठिन उपवास का _पारणा इक्षु (गन्ने) के रस से किया_ था 🥤
8. प्रसिद्ध धाम _श्री बद्री नारायण धाम_ के कपाट खोले जाते है 🏔️
9. _जगन्नाथ भगवान_ के सभी _रथों को बनाना प्रारम्भ_ किया जाता है 🛕
10. आदि शंकराचार्य ने _कनकधारा स्तोत्र_ की रचना की थी। 📖
11. _कुबेर_ को खजाना मिला और देव खजांची बनें 💰
12. _माँ अन्नपूर्णा_ का प्राकट्य 🍚

🕉 _*अक्षय*_ का मतलब है जिसका कभी क्षय (नाश) न हो!! अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है! 🤩

May this day of "AKSHAYA TRITIYA" bring you spiritual Success and Prosperity which never diminishes !!🙏🏻

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।
https://youtu.be/1Qtkqs3JkwM
हरे कृष्णा! 🙏

*अक्षय तृतीया* का यह अत्यंत शुभ और मंगलमय 🌸दिन आपके जीवन में अपार समृद्धि और शुभता लेकर आए!

🫴चलिए जानते हैं इस पावन पर्व से जुड़े कुछ अद्भुत और रोचक तथ्य, जो हमारे उत्साह को और भी बढ़ा दें💓!!

💖गौरांग ग्रुप (Gaurangas Group) की ओर से आपको और आपके परिवार को
अक्षय तृतीया की हार्दिक 🙇शुभकामनाएं!
राधा श्यामसुंदर की कृपा आप पर सदा बनी रहे।

🏦दान करें और पुण्य कमाएँ:
आप किसी भी राशि का दान कर सकते हैं:
*GPay / Paytm / PhonePe:*
moib1208@oksbi
7600156255

हमसे जुड़ें और आध्यात्मिकता को जीवन में अपनाएं:

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🌟 "If someone is fortunate enough to understand Bhagavad-gītā in that line of disciplic succession, without motivated interpretation, then he surpasses all studies of Vedic wisdom, and all scriptures of the world. One will find in the Bhagavad-gītā all that is contained in other scriptures, but the reader will also find things which are not to be found elsewhere. That is the specific standard of the Gītā. It is the perfect theistic science because it is directly spoken by the Supreme Personality of Godhead, Lord Śrī Kṛṣṇa."
( Bhagavad-gītā 1.1 Purport )
2025/07/03 16:55:13
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