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हर उम्र के लोगों से पूछा गया उनका अनुभव...

हम तो आशिक थे... बस ये सोचकर हमसे पूछा ही नहीं...!!
तुमने अगर अब तक रोया नहीं है खूब...

यकीन मानों वैसा कोई यार मिला नहीं तुम्हें...!!
बंद दरवाजों की शिकायत थी सब शहर हैं गांव का मकान खाली है...

पड़ोस के बच्चों ने मगर चौखट रंगकर जिम्मेदारी निभाई होली में...!!
बच्चे अब सयानें हो जाते हैं कम ही उम्र में...

कहां दिखता है कोई खेलनें के लिए पागल लड़का...!!
ये हमारी लत है की नशा है अकेले रहना...

ये चमक ये महफिलें हमें नागवार हैं अब...!!
उनसे नजर जो मिल जाए एक दफा...

सब समझ जाते हैं की मैं आपे में नहीं रहा...!!
कल की चांदनी हमसे देखी नहीं गई...

अब तो लगता है अंधेरे से ही इश्क है...🥲💯
सोचे जाएंगे तमाम तरीके की जिया कैसे जाए...

एक दफा दिल टूटने दीजिए मरना आसान लगेगा...!!
मैं लड़ रहा था बेवजह पूरे शहर से रोज़...

ये पाया शोर सारा मेरे अंदर ही समाया था...!!
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सब जवाब चाहता था मैं कभी ऐसा भी था...

सिर्फ़ सुकून चाहिए मैं ऐसा सा हो गया हूं अब...!!
मैं तुम्हें दुबारा चाह लूंगा उसी तरह...

मगर ये जान लो कि लौट मत आना वापस...!!
थोड़ा थोड़ा कहते कहते...
इश्क काफी हो गया है...

थोड़ा थोड़ा मरते मरते...
जीना साकी आ गया है...!!
मैं मोहताज़ तो नहीं उनकी यादों का...

मगर वो आ जाती हैं तो हमें ऐतराज नहीं...!!
https://www.instagram.com/vaibhav_singh_gupta?igsh=bmNrNTByZnF6cHgy

Thankyou for following me on Instagram.🙏🏻😊 And making it 100k family.

Very excited 😁 for the upcoming reels and posts.
हमसे बेहतर कौन समझेगा रंग बदलती दुनियां को...

हम बेचारे इश्क के मारे होकर भी देखो जिंदा हैं...!!
ये सब्र ही तो नहीं आता हमें बताओ क्या करें...
टूट का चाहा था अब चाह कर टूटना है क्या करें...

हमें नहीं जानना क्या हुआ होगा कैसा कुछ भी...
मसअला यूं है की जिया नहीं जा रहा क्या करें...!!
2024/06/15 16:20:43
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