सरल सी हूँ.. मगर दिल में तहों का राज़ है..
हर मुस्कान के पीछे कुछ अनकहा साज़ है...
तुझे चाहा है कुछ इस तरह मेरी सोच ने
जैसे तन्हाई में कोई मीठी आवाज़ है..
लोग कहते हैं मैं तो बड़ी सादा हूँ
क्या बताऊँ..
इश्क़ में कितनी आधी-अधूरी और ज़्यादा हूँ..
तू पढ़ न सका जो मेरी चुप्पियों की जुबां
वो उलझनें मेरी ..मेरी असली दास्तां..
.........💖💚✨
हर मुस्कान के पीछे कुछ अनकहा साज़ है...
तुझे चाहा है कुछ इस तरह मेरी सोच ने
जैसे तन्हाई में कोई मीठी आवाज़ है..
लोग कहते हैं मैं तो बड़ी सादा हूँ
क्या बताऊँ..
इश्क़ में कितनी आधी-अधूरी और ज़्यादा हूँ..
तू पढ़ न सका जो मेरी चुप्पियों की जुबां
वो उलझनें मेरी ..मेरी असली दास्तां..
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Loyalty जैसा कुछ नहीं होता है पार्थ,,,
Option अधिक मिलने पर
कपड़े पसंद करना भी मुश्किल हो जाता है।
Option अधिक मिलने पर
कपड़े पसंद करना भी मुश्किल हो जाता है।
अब नफ़रत है तुझसे, पर अब मोहब्बत नहीं,
कभी दिल था मेरा, अब वो भी क़ुबूलत नहीं।
तेरे जाने का ग़म है, ये झूठ नहीं,
मगर लौट आने की अब हसरत नहीं।
जो पल साथ गुज़रे, वो यादों में हैं,
मगर अब उन लम्हों की चाहत नहीं।
तेरी आँखों में देखा था इक ख़्वाब सा,
अब उस ख़्वाब में भी कोई राहत नहीं।
तू क्या जाने बिछड़ने का आलम मेरा,
मैं ज़िंदा तो हूँ, पर वो सूरत नहीं।
कभी चाहा तुझे जान से भी ज़्यादा,
मगर अब ये दिल वैसी हालत नहीं।
तू पूछेगा कल क्यूँ बदली हूँ मैं,
तो कह दूँगी सीधा — अब मोहब्बत नहीं।
.......🥀✨
कभी दिल था मेरा, अब वो भी क़ुबूलत नहीं।
तेरे जाने का ग़म है, ये झूठ नहीं,
मगर लौट आने की अब हसरत नहीं।
जो पल साथ गुज़रे, वो यादों में हैं,
मगर अब उन लम्हों की चाहत नहीं।
तेरी आँखों में देखा था इक ख़्वाब सा,
अब उस ख़्वाब में भी कोई राहत नहीं।
तू क्या जाने बिछड़ने का आलम मेरा,
मैं ज़िंदा तो हूँ, पर वो सूरत नहीं।
कभी चाहा तुझे जान से भी ज़्यादा,
मगर अब ये दिल वैसी हालत नहीं।
तू पूछेगा कल क्यूँ बदली हूँ मैं,
तो कह दूँगी सीधा — अब मोहब्बत नहीं।
.......🥀✨
रूह में बसे हुए शख्स से कभी नफ़रत नहीं होती
चाहे वो हमें कितनी ही तकलीफ़ क्यों ना दे।।🥀✨
चाहे वो हमें कितनी ही तकलीफ़ क्यों ना दे।।🥀✨
दुआ करती हूं.....
उसे मिले भी ना मुझ जैसा कोई
उम्र भर याद बन रहना चाहतीं हूं
उसके ज़हन में....!🥀#sirftum,,,,,,,
उसे मिले भी ना मुझ जैसा कोई
उम्र भर याद बन रहना चाहतीं हूं
उसके ज़हन में....!🥀#sirftum,,,,,,,
किसी को क्या खबर के रोज़ तेरा नाम लिखते हैं, तेरे बिना भी तुझसे ही हर शाम मिलते हैं।
तू हँसता है तो लगता है खुदा मुस्कुरा गया, और हम तन्हाई में तेरे नाम का जाम लेते हैं।
तेरे ख्यालों में ही उलझी रहती है ये ज़िंदगी, हर धड़कन पे तेरा ही इल्ज़ाम लिखते हैं।
तू किसी और का हो जाए, फिर भी तेरी रहूं, इस पागलपन को लोग इश्क़ का नाम लिखते हैं।,,,,,🥀
न तू मेरा हुआ, न मैं तुझसे जुदा हुई, तेरे बगैर भी तुझे हर पल सलाम लिखते हैं
तू हँसता है तो लगता है खुदा मुस्कुरा गया, और हम तन्हाई में तेरे नाम का जाम लेते हैं।
तेरे ख्यालों में ही उलझी रहती है ये ज़िंदगी, हर धड़कन पे तेरा ही इल्ज़ाम लिखते हैं।
तू किसी और का हो जाए, फिर भी तेरी रहूं, इस पागलपन को लोग इश्क़ का नाम लिखते हैं।,,,,,🥀
न तू मेरा हुआ, न मैं तुझसे जुदा हुई, तेरे बगैर भी तुझे हर पल सलाम लिखते हैं
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काश कोई हमे पाने के लिए हद पाए कर जाता ।।
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