एक शख्स पे कुर्बान करदी मैने अपनी सारी चाहते अब मोहब्बत किसे कहते हैं मुझे मालूम नहीं.....❤️🍃🌹
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छोड़ नहीं रही हूं मैं आपको
बस आपकी खुशी के लिए ही मैं,
आपको आजाद कर रही हूं.....!!🥀✨
बस आपकी खुशी के लिए ही मैं,
आपको आजाद कर रही हूं.....!!🥀✨
फा़सले अब क्यों तुम बढ़ाकर चले गए,
आग दिल में क्यूं तुम लगाकर चले गए...!!
तुम तो कहते थे तुम बिन दिल लगता नहीं,
अब बहाने क्यूं तुम बनाकर चले गए...!!
इंतेहा कर दी मोहब्बत की तुमने कभी,
आज नज़रें फिर क्यूं झुकाकर चले गए...!!
ना जाने क्या कमी रह गई चाहत में मेरी,
जो इस तरह तुम हमें रूलाकर चले गए...!!
मेरी नज़रें अब भी उन्हीं रास्तों पे हैं,
जहां हाथ अपना तुम छुड़ाकर चले गए...!!
आग दिल में क्यूं तुम लगाकर चले गए...!!
तुम तो कहते थे तुम बिन दिल लगता नहीं,
अब बहाने क्यूं तुम बनाकर चले गए...!!
इंतेहा कर दी मोहब्बत की तुमने कभी,
आज नज़रें फिर क्यूं झुकाकर चले गए...!!
ना जाने क्या कमी रह गई चाहत में मेरी,
जो इस तरह तुम हमें रूलाकर चले गए...!!
मेरी नज़रें अब भी उन्हीं रास्तों पे हैं,
जहां हाथ अपना तुम छुड़ाकर चले गए...!!
जानते हो खालीपन क्या है
जब यादें गूंजती हैं,
और सन्नाटा
जवाब देने से कतराता है।
कल जो तुम थे
आज वो एहसास भी अधूरा है।
तेरी गैरहाजिरी का ये बोझ
जाने क्यों
अब हर लम्हें को भारी कर जाता है।।
...........🤍✨
जब यादें गूंजती हैं,
और सन्नाटा
जवाब देने से कतराता है।
कल जो तुम थे
आज वो एहसास भी अधूरा है।
तेरी गैरहाजिरी का ये बोझ
जाने क्यों
अब हर लम्हें को भारी कर जाता है।।
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