Forwarded from 🕉 शिव शंभू महादेव 🕉
इत्येवं देव देवस्य महाकालस्य भैरवि,
कीर्तितं पूजनं सम्यक् साधकानां सुखावहम्॥🌷
भगवान शिव ने यह महाकाल स्तोत्र स्वयं माता भैरवी को सुनाया था। हम सभी उनकी कीर्ति का वर्णन करते हैं, उनकी पूजा करते हैं और उनसे हमें सुख प्रदान करने की आराधना करते हैं।🌺🙏
ॐ उमामहेश्वराय नमः 🌻🌹🌼🌷☘️
#हर_हर_महादेव 🌺🕉️🔱🙏🏻🙇🏻♂️
#सुप्रभात
कीर्तितं पूजनं सम्यक् साधकानां सुखावहम्॥🌷
भगवान शिव ने यह महाकाल स्तोत्र स्वयं माता भैरवी को सुनाया था। हम सभी उनकी कीर्ति का वर्णन करते हैं, उनकी पूजा करते हैं और उनसे हमें सुख प्रदान करने की आराधना करते हैं।🌺🙏
ॐ उमामहेश्वराय नमः 🌻🌹🌼🌷☘️
#हर_हर_महादेव 🌺🕉️🔱🙏🏻🙇🏻♂️
#सुप्रभात
माज़ी को अपने हाल पे तौला करोगी तुम
वो शख्स बेमिसाल था बोला करोगी तुम
...aaru
वो शख्स बेमिसाल था बोला करोगी तुम
...aaru
छिप जा तू इन आँखों मे कुछ पल के लिए..
मै बंद करू आँखे और सो जाऊ उम्र भर के लिए..🫠🤌🏻
मै बंद करू आँखे और सो जाऊ उम्र भर के लिए..🫠🤌🏻
कुछ नहीं बचा मेरे इन खाली हाथों में,
एक हाथ से किस्मत रूठ गई दूसरे से मोहब्बत छूट गई..!!!
एक हाथ से किस्मत रूठ गई दूसरे से मोहब्बत छूट गई..!!!
"मैं मर्द हूं..."
मैं हँसता हूं ताकि कोई टूट न जाए,
चुप रहता हूं ताकि कोई सवाल न उठाए!
दिल भारी होता है, पर आंखें नम नहीं करता,
क्योंकि मर्द हूं — दर्द बयां नहीं करता!
"तू तो सम्भाल लेता है" कहकर सबने थमा दिया बोझ,
पर किसी ने नहीं पूछा, मैं अंदर से कितना टूटा हूं रोज़!
मैं भी चाहता हूं कोई बस समझ ले बिना कहे,
पर मेरा सुकून भी कमज़ोरी मान लिया गया है इस शहर में!
पत्थर नहीं हूं, मेरे सीने में भी दिल धड़कता है,
पर मर्द होने की सज़ा है चुप रहना और सहते जाना"!!
"हंसता हूं ताकि कोई रो न दे" ☺️❣️
मैं हँसता हूं ताकि कोई टूट न जाए,
चुप रहता हूं ताकि कोई सवाल न उठाए!
दिल भारी होता है, पर आंखें नम नहीं करता,
क्योंकि मर्द हूं — दर्द बयां नहीं करता!
"तू तो सम्भाल लेता है" कहकर सबने थमा दिया बोझ,
पर किसी ने नहीं पूछा, मैं अंदर से कितना टूटा हूं रोज़!
मैं भी चाहता हूं कोई बस समझ ले बिना कहे,
पर मेरा सुकून भी कमज़ोरी मान लिया गया है इस शहर में!
पत्थर नहीं हूं, मेरे सीने में भी दिल धड़कता है,
पर मर्द होने की सज़ा है चुप रहना और सहते जाना"!!
"हंसता हूं ताकि कोई रो न दे" ☺️❣️