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सदियां कम पड़ेंगी
तेरे ख़्याल को दिल से निकालने में..

तू मत सोच की
कुछ पलों की तेरी बेरुखी से
मेरा मन बदल जाएगा...!!🥀
यदि कोई तुम्हें भगवान भरोसे छोड़ गया हो..तो वह तुम्हारा अपराधी नही
उसने तुम पर उपकार किया है वह तुम्हें संसार के सबसे सही पते पर छोड़ गया है l ❤️🌻
तेरे करीब आने वाले हर शख़्स से
            नफ़रत है मुझे......

मैं तुम्हें अपने अलावा किसी के साथ
        नहीं देख सकती।।🥀
एक मुद्दत से आरज़ू थी
उनसे  फुर्सत से मिलने की

उन्हें फुर्सत तो मिली
लेकिन हमारे लिए नहीं!!
🥀💔
यहां सब हारे हुए हैं
कोई अपनों से... तो कोई अपने आप से. l 🩶
Na hawas tere jism ki, na shouk tere husn ka, Bin matlab sa ladka hu, teri sadgi pe marta hun..!!
बड़ी शिद्दत से आजमाते हो सब्र मेरा,

कभी खुद पर गुजरेगी तो बिखर जाओगे।।

🥀.........
तुमसे मिलना और फिर तुमसे बिछड़ना
   बस इस अंतराल। में ही जीवन था,

बाकी तो अब, धड़कनों का शोर बचा है...
💔🥀
भरोसा उसी पर करना
जो निभाने के लायक हो....
         VARNA
कुछ पल का साथ तो
जनाजा उठाने वाले भी देते है.....
जानती हूँ तुम सो गये हो मुझे पढ़ते हुए..
मगर मैं रातभर जागूँगी तुम्हे लिखते हुए..🔱🖤
गुजर गया आज का दिन भी
पहले की तरह,

न हमें फ़ुर्सत मिली और ना
    उन्हें ख़्याल आया....🥀
इत्येवं देव देवस्य महाकालस्य भैरवि,
कीर्तितं पूजनं सम्यक् साधकानां सुखावहम्॥🌷

भगवान शिव ने यह महाकाल स्तोत्र स्वयं माता भैरवी को सुनाया था। हम सभी उनकी कीर्ति का वर्णन करते हैं, उनकी पूजा करते हैं और उनसे हमें सुख प्रदान करने की आराधना करते हैं।🌺🙏

ॐ उमामहेश्वराय नमः 🌻🌹🌼🌷☘️

#हर_हर_महादेव 🌺🕉️🔱🙏🏻🙇🏻‍♂️

#सुप्रभात
कुछ लोग प्रेम ना स्वीकृत करते है
और ना अस्वीकृत,वे बस प्रेम होने के भ्रम में रखते हैं..

शुभ प्रभात 🌞 🌞
माज़ी को अपने हाल पे तौला करोगी तुम

वो  शख्स  बेमिसाल था बोला करोगी तुम
...aaru
लबों से छू कर लफ्ज़ो का कलाम ले लीजिये..
एक बार अपने होंठो से मेरा नाम ले लीजिये..🔱🖤
शक्ल से सुंदर होने का कोई फायदा नहीं..
यदि चरित्र से आप लीचड़ हैं..🔱🖤
छिप जा तू इन आँखों मे कुछ पल के लिए..

मै बंद करू आँखे और सो जाऊ उम्र भर के लिए..🫠🤌🏻
कुछ नहीं बचा मेरे इन खाली हाथों में,
एक हाथ से किस्मत रूठ गई दूसरे से मोहब्बत छूट गई..!!!
"मैं मर्द हूं..."

मैं हँसता हूं ताकि कोई टूट न जाए,
चुप रहता हूं ताकि कोई सवाल न उठाए!
दिल भारी होता है, पर आंखें नम नहीं करता,
क्योंकि मर्द हूं — दर्द बयां नहीं करता!

"तू तो सम्भाल लेता है" कहकर सबने थमा दिया बोझ,
पर किसी ने नहीं पूछा, मैं अंदर से कितना टूटा हूं रोज़!

मैं भी चाहता हूं कोई बस समझ ले बिना कहे,
पर मेरा सुकून भी कमज़ोरी मान लिया गया है इस शहर में!

पत्थर नहीं हूं, मेरे सीने में भी दिल धड़कता है,
पर मर्द होने की सज़ा है चुप रहना और सहते जाना"!!

"हंसता हूं ताकि कोई रो न दे" ☺️❣️
अभी आई है रात , अब कहां सोना है

अभी तो याद करना है उनको, फिर जी भर के  रोना है ..........,, 🥀💔
2025/06/29 17:33:33
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