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पागल तो होना ही था, यार नशें दो-दो सम्हालें है

पहिले पढ़ ली सारी ग़ज़लें उसकी, फिर बाँची आँखें है ।।
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प्रेम की हद नहीं परखी जाती !!!
परखी जाती है प्रेम की शिद्दत !!!
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मकान की छत गिरने से एक ही,
परिवार के 11 लोगों की मौत..!

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शहर मे मारे जाते होंगे पति पत्नियों के हाथो,,♥️💯
गाँव मे अब भी पति परमेश्वर ही माने जाते है..see more
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❤️
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पहली मोहबत के लिए दिल जिसे चुनता है,
वो अपना हो न हो दिल पर राज़ उसी का रहता है !
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Forwarded from 🕉 शिव शंभू महादेव 🕉 (..⎯᪵⎯꯭᪳🌿 ⃪ΛЛΛнɪŤΛ ⃪♥️͎᪳᪳𝆺꯭𝅥⎯꯭̽⎯꯭)
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं सभी को 🙏🏻🙏🏻🌺🌺🌼🍃
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ॐ श्री शिवाय नमस्तुभ्यं 🙏🔱❤️
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भेज देती है फ़ोटो... वो जब भी कुछ नया... पहली बार पहनती है... साड़ी, सूट या कुर्तियाँ, वो चाहती है दिखाना
सबसे पहले मुझे... जैसे इश्क़ की किसी रस्म की तरह..!♥️
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आँखें तरसती हैं आप की एक झलक के लिए,
हर सुबह उम्मीद लेकर उठती है
की शायद आज आप मिल जाएं,
लेकिन हर शाम बस एक तन्हा खामोशी दे जाती है।

आप की यादें..वो भी अजीब हैं
कभी धूप में साया बन जाती हैं,
तो कभी बारिश में भी
आंसुओं का एहसास करा जाती हैं।

जब बादल गरजते हैं
दिल में कोई भूली बात गूंज जाती है
और जब पहली बूंद जमीन को छूती है
तो रूह तक भीग जाती है आप की यादों में।

मुझे नहीं पता आप याद करते है या नहीं
पर मेरी सांस में बस आप का नाम गूंजता है
और मेरी हर खामोशी में एक सवाल होता है
"क्या आप को भी मेरी इतनी कमी महसूस होती है"

आप की यादें अब मौसम बन चुकी हैं
हर मौसम में बस आप ही आप बरसते हैं
कभी बूंद बनकर कभी सिसकी बनकर
कभी ख़्याल बनकर तो कभी अधूरी दुआ बनकर ।।

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ये जो थम रही है बात करने की आदत

यकी मानो इसके पीछे की सिसकियां बेहिसाब है

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महसूस कर लेते हैं तुम्हे
ओंस की बुंद की तरह
ये इश्क की बारिश हैं
हर किसी के नसीब में नहीं होता.......
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Forwarded from 🕉 शिव शंभू महादेव 🕉 (..⎯᪵⎯꯭᪳🌿 ⃪ΛЛΛнɪŤΛ ⃪♥️͎᪳᪳𝆺꯭𝅥⎯꯭̽⎯꯭)
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ॐ नमः पार्वती पतये, हर हर महादेव 🙏🏻🔱🪷🍃❤️🥰
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तुम प्रेम में समंदर सा दृढ़ रहना,

      मैं नदी बनकर
तुम में अपना अस्तित्व समाप्त कर दूंगी।।


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बाल खुले थे उसके... औऱ साड़ी भी पहन रखा था... गर्दन के नीचे वाले तिल ने तो... उधम ही मचा रखा था..!💕
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उससे बडा कारीगर आज तक नहीं देखा साहब,

कांच का दिल पत्थर का करके लौटा दिया हमे..!!
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चेहरे पर मुस्कान और दिल वीरान देखे हैं
भरोसे में हुए जो वो नुकसान देखे हैं
कभी पहनावे से ना नापना किसी की हस्ती
मैंने महंगे लिबासों में दो कौड़ी के इंसान देखे हैं ।।✍️
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तुम्हारी आँखें कितनी प्यारी हैं। ऐसे लगता है रातरानी के दो फूल रखे हों। मैं साँझ को देवी के आगे दीप जला के उठता हूँ तो तुम्हारा आभास पाता हूँ। तुम्हारी स्टोरी देखता हूँ और सोचता हूँ , देखना कितना बड़ा सुख है।

कितनी अल्हड़ तुम हो और कितनी सलज तुम मेरी आँखों को दिखती हो। इसी प्रमेय सिद्ध करने का प्यास करता हूँ। और पाता हूँ कि तुम्हारें चेहरे को अपने हाथों में भर तुम्हारें माथे चूमने की प्रायकिता फ़िलहाल शून्य है।

पर मैं जीवन की अनंत प्रायकिताओं को यादृच्छिक पाता हूँ और इस उत्साह से गुलज़ार रहता हूँ किसी रोज़ तुम्हारा सर होगा और मेरे होंठ।
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चुन लेंगे सारे ख्वाब तुम्हारी आँखों से
इक-इक करके तामीर करायेंगे
चाह लो जो तुम हमको रुक्मिणी
हम प्रेम में कृष्ण बन जायेंगे ❤️
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2025/07/12 16:54:05
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