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| यो धुर्वाणि परित्यज्य अधूर्वम परिषेवते |
| धुर्वाणि तस्य नश्यन्ति अधूर्वम नष्टमेव च |


जो मनुष्य निश्चित कार्यों को छोड़कर
अनिश्चित के पीछे दौड़ता हैं

उसके निश्चित कार्य भी नष्ट हो जाते हैं
और अननिश्चित तो नष्ट ही हुआ रहता हैं..



𝙷𝙰𝚁 𝙷𝙰𝚁 𝙼𝙰𝙷𝙰𝙳𝙴𝚅 🌺
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साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्...🔱📿


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तुम प्रेम की कितनी ही परिभाषायें कहो,
मैं केवल शिव कहूँगी.....🌺

💫

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जय शिव शंभू......🥰

हर हर महादेव 🕉️📿
31🙏13🥰3💯1
भटक भटक के मै जग हारी,

संकट में दिया ना किसी ने साथ !!

सुलझ गई हर एक समस्या ,

महादेव ने जब पकड़ा हाथ !!

!! हर हर महादेव !!

❤️🌸🕉🚩

#उपाध्याय
32🙏18💯1
शिव..
अनकहा
सा भीतर,
विश्वास हैं
अनंत हृदय में
खास हैं ...
कर्म शिव
धर्म शिव
खुली किताब
कहीं
कहीं
मर्म शिव,
शिव
वेदना में
शिव
आनंद हैं ,
विरह के
आँसू
मिलन के रँग हैं
"शिव" प्रेम हैं..!!

हर हर महादेव 🙏
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सबसे बड़ा तेरा दरबार है,

तू ही सब का पालनहार है......

सजा दे या माफी महादेव,

तू ही हमारी सरकार है...............

हर हर महादेव...🙏

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तुम प्रेम की कितनी ही परिभाषायें कहो,

मैं केवल शिव कहूँगी.....🌺
💫

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संसार तुम्हारा है शंभू,

मैं तो केवल भक्त हूँ तुम्हारा....🌺💫

जय शिव शंभू......🥰
हर हर महादेव 🕉️📿
सुप्रभात.........🌺

#Bhavsar...✍️
29🙏19🥰2💯1
नंदी के कानों तक जब
सच्ची पुकार जाती है ,
तो शिव जी तक बिना कहे ही
बात पहुंच जाती है !!

हर_हर_महादेव 🙏

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ओम में ही आस्था,
ओम में ही विश्वास,
ओम में ही शक्ति,
ओम में ही सारा संसार,
ओम से होती है
अच्छे दिन की शुरुआत,
बोलो ओम नम: शिवाय….🙏🙏

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पढ़ा जगत का हर ज्ञान मिला ना मुक्ति द्वार,

मोक्ष मिला आखिर जो "शिव" नाम पढ़ा एक बार  !!

हर हर महादेव 🙏

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शिवजी को क्यों प्रिय है सावन?

शिवपुराण और पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना है। एक मान्यता  है कि माता पार्वती ने सावन के महीने में ही भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तप किया था और सोमवार का व्रत रखा था। भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया था। तभी से सावन के सोमवार का विशेष महत्व है।

समुद्र मंथन
पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवता और असुरों ने समुद्र मंथन किया था, तो उसमें सबसे पहले ‘हलाहल’ नामक विष निकला। उस विष से सृष्टि को खतरा था। तब भगवान शिव ने उस विष को पी लिया, जिससे उनका गला नीला हो गया और वे ‘नीलकंठ’ कहलाए। विष के प्रभाव को शांत करने के लिए देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया। तभी से सावन में शिवजी को जल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।

       
🙏🏻 हर हर महादेव 💚 🔱




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2025/07/12 05:37:14
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