Telegram Web Link
एडवर्ड मोर्ड्रेके, जो 19वीं सदी में पैदा हुआ था, उसका नाम मेडिकल इतिहास के एक अजीब और दुर्लभ मामले के लिए याद किया जाता है। उसके सर के पीछे एक एक्स्ट्रा फेस था! ये कंडीशन क्रैनियोफेशियल डुप्लिकेशन या डिप्रोसोपस कहलाता है, जो बहुत ही दुर्लभ होती है।

क्या अतिरिक्त चेहरे पर पूरा नियंत्रण नहीं था—ना ये ठीक से बोल सकता था, ना ही अपनी मांसपेशियां चल सकती थीं। लेकिन कहा जाता है कि ये चेहरा अपनी आंखें हिला सकता था, मुस्कुरा सकता था और भाव भी बदल सकता था। लेकिन ये मूवमेंट एडवर्ड के मेन ब्रेन से कनेक्टेड नहीं है।

सबसे अजीब बात ये थी कि लोग मानते हैं कि ये दूसरा चेहरा एडवर्ड के कान में अजीब और डरावने बातें बोला करता था। क्या वजह से वो हमेशा परेशान रहता है और तनाव में रहता है। 19वीं सदी के डॉक्टरों के पास तब इतनी उन्नत तकनीक नहीं थी कि वो इसका सही इलाज कर सकें। इस दुख और तकलीफ भरी जिंदगी से थक कर, एडवर्ड मोर्ड्रेके ने सिर्फ 23 साल की उम्र में अपनी जान ले ली।

आज भी लोग उसकी कहानी सुनकर हैरान हो जाते हैं और ये मिस्ट्री अब तक लोगो को सोचने पर मजबूर करती है।
2025/06/27 23:07:20
Back to Top
HTML Embed Code: