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आवाज़ दे के छुप गई हर बार जिंदगी,
हम ऐसे सादा दिल थे के हर बार आ गए..!!
एक शख्स को खुद में शामिल करने का इरादा कर बैठे थे ,

जितनी मोहब्बत बस की थी हम उससे ज्यादा कर बैठे थे ।।

भला क्यों न जाती छोड़कर मुझको एक शहजादे की खातिर वो ,

शतरंज-ए- इश्क में उसे रानी हम खुद को प्यादा कर बैठे थे ।।

तुम्हारा और उनका बिछड़ना तो सपनो मे भी मुमकिन ना था ,

तो हकीकत में हम भी खुद को कान्हा उसको राधा कर बैठे थे ।।
1
पता नहीं ये सभ्य समाज मुझे स्वीकार कर पाएगा या नहीं

क्योंकि ना तो मैंने गिबली ट्रेंड में हिस्सा ले पाया और ना ही पानी में हल्दी घोल पाया !


😁😁😱😱😂😂😜😜😢😢
🤣4🔥1
“मैं तो शापित हूं अपनी हर पसंदीदा चीज़ खो देने के लिए,
तुम मुझसे दूर होकर कभी खुद को दोष मत देना..!!!”
तुम आने का वादा तो करो ,

हम पूरा प्रयागराज न घूमा दे तो कहना ..!

Good night
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खुद को उदास
लिए...😔👆👆😔
Read more.....
🙇‍♂🙇‍♂
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घर होकर भी,
बेघर फिर रहा हु....😒🥺🥺

#zindgi_kuch_to_bta
🔥2
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𝐙𝐢𝐧𝐝𝐚𝐠𝐢 𝐦𝐚𝐢𝐧 𝐛𝐚𝐚𝐫 𝐛𝐚𝐚𝐫 𝐬𝐚𝐡𝐚𝐫𝐚 𝐧𝐡𝐢 𝐦𝐢𝐥𝐭𝐚,🦚🌼💐
𝐛𝐚𝐚𝐫 𝐛𝐚𝐚𝐫 𝐤𝐨𝐢 𝐩𝐲𝐚𝐫 𝐬𝐞 𝐩𝐲𝐚𝐫 𝐧𝐡𝐢 𝐦𝐢𝐥𝐭𝐚,🍀🌿🌺
𝐡𝐚𝐢 𝐣𝐨 𝐩𝐚𝐬𝐬 𝐮𝐬𝐬𝐞 𝐬𝐚𝐦𝐛𝐡𝐚𝐥 𝐤 𝐫𝐚𝐤𝐡𝐧𝐚 ,❄️🌾🍃
𝐤𝐡𝐨 𝐤𝐚𝐫 𝐰𝐨 𝐩𝐡𝐢𝐫 𝐝𝐮𝐛𝐚𝐫𝐚 𝐧𝐡𝐢 𝐦𝐢𝐥𝐭𝐚
𝐬𝐩𝐞𝐜𝐢𝐚𝐥𝐥𝐲 𝐬𝐜𝐡𝐨𝐨𝐥 𝐟𝐫𝐢𝐞𝐧𝐝𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐩𝐚𝐫𝐞𝐧𝐭𝐬🫠
मैं सार लिखूँ संसार लिखूं या महज एक किरदार लिखूँ ,
हर पल में खुशियाँ लिखूं तुझको एक हकदार लिखूँ ।।
Pata He Nahi Chalta ki Yaha Apna kon Hai..
Agar Sab Sath Hai To Fir Badla kon Hai..

Jaane wale to chale Jaate Hai...
Farak isse Padhta hai ki Wapas Palatta kon Hai..👀

Kin kayalo mein Ghuzar Jati hai Sham Meri..
Samaj Nahi Aata Dimag Mein chalta kon Hai...


Janna ho ki Tumhara Bhi Hai kya koi...
To Ye dekhna ki Tumhari Aankhe Padhta kon Hai...

Tekleef ka dusra Naam Hai Zindagi...
Bina Uske Yaha Jee Raha kon Hai..👀🥀


Har Bar Ye Zaruri Nahi ki Tum Samjho Sabko...
Ab ye Samjho ki Tumhe Zaruri Samjta kon Hai..!💕

#mahi
ज़ख्मों पर कोई देर से मरहम लगाए तो नासूर ठीक होने में बहुत वक़्त लगा देते हैं,

कभी कभी घाव इतने गहरे होते हैं कि अपने पक्के निशान बना देते हैं,

दर्द पीड़ा वेदना कष्ट आदि समय के साथ थोड़ा शायद कम हो ही जाता है,

पर लोग आ कर ज़ख्म कुरेद कर फिर से दी हुई तकलीफ का एहसास करा देते हैं।
कभी-कभी हमें खुद को समझ नहीं आता, आखिर हमारे साथ हो क्या रहा है, सबकुछ ठीक करने के बावजूद भी, कुछ भी ठीक नहीं हो पाता है,
ऐसे में हम अपनी तकलीफें, किसी को बता भी नहीं पाते, मन ही मन दुखी होते रहते हैं, और अकेले सहते रहते हैं, फिर आखिर में सोचते हैं
कोई तो हो जिसके कंधे पर सिर रखकर, हम अपने मन का सारा बोझ हल्का कर सके...🖤😌
सब कुछ बनाते बनाते बिगड़ता गया ,

जितना भी आगे बढ़ना चाहा फिसलता गया ।।

मै अपनी चाहत को अंजाम तक नही ले जा पाया ,
जितना करीब जाना चाहा बिछड़ता गया ।।

🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺

Good night

By .jitsharma
2025/07/08 20:16:16
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