जिद भी बदल जाती हैं साहब कल जिसे
पाने की जिद थी आज उसे भुलाने कि हैं..!!
पाने की जिद थी आज उसे भुलाने कि हैं..!!
नाराज़ हमेशा खुशियां ही रहीं..
ग़मों के कहां इतने नख़रे होते हैं..!!
Good night
ग़मों के कहां इतने नख़रे होते हैं..!!
Good night
बस अपना ही मसला संभाला ना गया,
वरना यूं तो कितनों के काम आए थे हम....
वरना यूं तो कितनों के काम आए थे हम....
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𝐇𝐀𝐐𝐈𝐐𝐀𝐓 𝐒𝐄 𝐒𝐀𝐌𝐍𝐀 𝐇𝐔𝐖𝐀 𝐓𝐎 𝐏𝐓𝐀 𝐂𝐇𝐀𝐋𝐀 !!!!
𝐋𝐎𝐆 𝐒𝐈𝐑𝐅 𝐁𝐀𝐓𝐎 𝐒𝐄 𝐀𝐏𝐍𝐄 𝐓𝐇𝐄 !!!!!
💔🙏⚡️💯
𝐋𝐎𝐆 𝐒𝐈𝐑𝐅 𝐁𝐀𝐓𝐎 𝐒𝐄 𝐀𝐏𝐍𝐄 𝐓𝐇𝐄 !!!!!
💔🙏⚡️💯
मुस्कुरा लिया करो मेरी नादानियों पर ज़रा तुम..
एक तुम्हारी ही खातिर हमने समझदारी छोड़ी है..
Good morning 💝💝
एक तुम्हारी ही खातिर हमने समझदारी छोड़ी है..
Good morning 💝💝
ज़िंदगी आपको सब कुछ देकर भी किसी,
एक चीज़ के लिए फ़क़ीर बना देती है..
🫠🫠🫠🫠🫠🫠🫠🫠
एक चीज़ के लिए फ़क़ीर बना देती है..
🫠🫠🫠🫠🫠🫠🫠🫠
नींद में भी गिरते हैं मेरी आंख से आंसू,
कि तुम ख्वाबों में मेरा हाथ छोड़ देते हो।
जिस डोर के सहारे जुड़े हैं हम दोनो ,
पता नही तुम बार बार वो डोर क्यूं तोड़ देते हो।।
By .js
कि तुम ख्वाबों में मेरा हाथ छोड़ देते हो।
जिस डोर के सहारे जुड़े हैं हम दोनो ,
पता नही तुम बार बार वो डोर क्यूं तोड़ देते हो।।
By .js
अगर रात के समय पेड़ पर कोई पुरुष बैठा हुआ दिखे...
तो अमूमन लोग उससे पूछ ही लेंगे कि वहां क्या कर रहा है?
लेकिन कोई महिला बैठी दिख जाए तो सीधे चुड़ैल-चुड़ैल चिल्लाकर भाग जाते हैं!
ये फर्क है महिला और पुरुष में !
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
तो अमूमन लोग उससे पूछ ही लेंगे कि वहां क्या कर रहा है?
लेकिन कोई महिला बैठी दिख जाए तो सीधे चुड़ैल-चुड़ैल चिल्लाकर भाग जाते हैं!
ये फर्क है महिला और पुरुष में !
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
Forwarded from अनकहे जज्बात 🖤💋
जिस रोज़ तुम मुझे महसूस करना छोड़ दोगे,
उसी रोज़ मैं खुद को तुम्हारी ज़िंदगी से मिटा दूंगी..!
मुझे वो प्रेम नहीं चाहिए, जिसे पाने के लिए मुझे तुमसे लड़ना पड़े, हर बार ख़ुद को साबित करना पड़े..!!
प्रेम अगर बोझ बन जाए,
तो वो प्रेम नहीं रहता..!
और मैं कोई ऐसा रिश्ता नहीं चाहती,
जो मेरी रूह तक को थका दे..!!
मैं कोई मोहताज नहीं, जो तुम्हारे वक़्त,
ध्यान और स्वीकृति पर जिए..!
मुझे चाहिए वो साथ,
जो मौन में भी मेरा नाम समझ ले-ना कि वो,
जो मेरी चीख़ों को भी अनसुना कर दे..!!
मैं तुमसे लड़ने नहीं,
तुम्हारे साथ जीने आई थी..!
🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺
उसी रोज़ मैं खुद को तुम्हारी ज़िंदगी से मिटा दूंगी..!
मुझे वो प्रेम नहीं चाहिए, जिसे पाने के लिए मुझे तुमसे लड़ना पड़े, हर बार ख़ुद को साबित करना पड़े..!!
प्रेम अगर बोझ बन जाए,
तो वो प्रेम नहीं रहता..!
और मैं कोई ऐसा रिश्ता नहीं चाहती,
जो मेरी रूह तक को थका दे..!!
मैं कोई मोहताज नहीं, जो तुम्हारे वक़्त,
ध्यान और स्वीकृति पर जिए..!
मुझे चाहिए वो साथ,
जो मौन में भी मेरा नाम समझ ले-ना कि वो,
जो मेरी चीख़ों को भी अनसुना कर दे..!!
मैं तुमसे लड़ने नहीं,
तुम्हारे साथ जीने आई थी..!
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