Major Milestone in India’s Semiconductor Journey as one of India’s first end-to-end OSAT Pilot Line Facility Launched in Sanand, Gujarat
By 2032 World to Face 1 Million Semiconductor Talent Shortfall; India Poised to Bridge the Gap and Lead in Semiconductor Talent: Shri Ashwini Vaishnaw
#prelims
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By 2032 World to Face 1 Million Semiconductor Talent Shortfall; India Poised to Bridge the Gap and Lead in Semiconductor Talent: Shri Ashwini Vaishnaw
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👍3
🔆 “Democrats and Dissenters” – रामचंद्र गुहा
📘 लोकतंत्र, असहमति और न्याय पर निबंध
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “भारत में लोकतंत्र इसलिए जीवित है क्योंकि राजनेताओं ने इसे बचाया नहीं, बल्कि जनता ने इसे संभाला है।”
📌 निबंध में उपयोग: लोकतांत्रिक स्थायित्व, संस्थाएँ, जनविश्वास
✅ असहमति पर
🗨️ “असहमति रहित लोकतंत्र असल में लोकतंत्र नहीं है।”
📌 निबंध में उपयोग: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विरोध का अधिकार, बहुलतावाद
✅ पर्यावरण पर
🗨️ “भारत के पर्यावरणीय आंदोलन हमें याद दिलाते हैं कि विकास यदि टिकाऊ नहीं है तो वह आत्मघाती है।”
📌 निबंध में उपयोग: सतत विकास, जलवायु न्याय, नीतिगत सुधार
✅ समानता पर
🗨️ “भारत महानता का दावा नहीं कर सकता यदि उसकी आधी आबादी न्याय और गरिमा से वंचित है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, लैंगिक समानता, समावेशी विकास
✅ इतिहास और नागरिकता पर
🗨️ “अच्छा लोकतांत्रिक बनने के लिए पहले अच्छा नागरिक बनना जरूरी है, जो इतिहास के बोझ और विशेषाधिकार दोनों को समझता हो।”
📌 निबंध में उपयोग: नागरिक जिम्मेदारी, संवैधानिक नैतिकता, राष्ट्र-निर्माण
#essay
📘 लोकतंत्र, असहमति और न्याय पर निबंध
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “भारत में लोकतंत्र इसलिए जीवित है क्योंकि राजनेताओं ने इसे बचाया नहीं, बल्कि जनता ने इसे संभाला है।”
📌 निबंध में उपयोग: लोकतांत्रिक स्थायित्व, संस्थाएँ, जनविश्वास
✅ असहमति पर
🗨️ “असहमति रहित लोकतंत्र असल में लोकतंत्र नहीं है।”
📌 निबंध में उपयोग: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विरोध का अधिकार, बहुलतावाद
✅ पर्यावरण पर
🗨️ “भारत के पर्यावरणीय आंदोलन हमें याद दिलाते हैं कि विकास यदि टिकाऊ नहीं है तो वह आत्मघाती है।”
📌 निबंध में उपयोग: सतत विकास, जलवायु न्याय, नीतिगत सुधार
✅ समानता पर
🗨️ “भारत महानता का दावा नहीं कर सकता यदि उसकी आधी आबादी न्याय और गरिमा से वंचित है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, लैंगिक समानता, समावेशी विकास
✅ इतिहास और नागरिकता पर
🗨️ “अच्छा लोकतांत्रिक बनने के लिए पहले अच्छा नागरिक बनना जरूरी है, जो इतिहास के बोझ और विशेषाधिकार दोनों को समझता हो।”
📌 निबंध में उपयोग: नागरिक जिम्मेदारी, संवैधानिक नैतिकता, राष्ट्र-निर्माण
#essay
❤10
🔆 भारत में भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण
📍 परिचय
भूमि क्षरण प्राकृतिक और मानवीय गतिविधियों के कारण भूमि की गुणवत्ता और उत्पादकता में गिरावट है, जबकि मरुस्थलीकरण का अर्थ है शुष्क क्षेत्रों में उपजाऊ भूमि का अधिक शुष्क हो जाना। 2015–2019 के बीच, भारत ने 30.51 मिलियन हेक्टेयर स्वस्थ भूमि खोई, जो कि इसके कुल भूमि क्षेत्रफल का लगभग 9.45% है।
📍 भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण के कारण
✅ कृषि कारण: अत्यधिक खेती, उर्वरकों का अधिक उपयोग, तीव्र सिंचाई, एक फसल प्रणाली (जैसे पंजाब–हरियाणा चावल-गेहूं चक्र)।
✅ पर्यावरणीय कारण: वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक चराई (घास के मैदान में 2005–15 के बीच 18 से 12 मिलियन हेक्टेयर की कमी)।
✅ भौगोलिक कारण: तीव्र ढालों पर खेती, खारी/क्षारीय मिट्टियाँ, अनियमित वर्षा, शुष्क/अर्ध-शुष्क परिस्थितियाँ (जैसे थार मरुस्थल)।
✅ मानवजनित कारण: खनन, शहरीकरण, बाढ़ के मैदानों पर अतिक्रमण (जैसे बेंगलुरु शहरी विस्तार 2000–10)।
✅ प्राकृतिक कारण: वायु/जल कटाव, प्राकृतिक खारीकरण, बाढ़ (जैसे केरल बाढ़ 2018)।
✅ जलवायु परिवर्तन: अत्यधिक वर्षा, समुद्र स्तर में वृद्धि, सूखा (जैसे बुंदेलखंड, मराठवाड़ा)।
📍 प्रभाव
✅ सामाजिक: गरीबी, खाद्य असुरक्षा, जबरन पलायन, अधिकार असुरक्षा।
✅ पर्यावरणीय: जैव विविधता की हानि, कार्बन अवशोषण में कमी, मिट्टी का कटाव, चरम मौसम।
✅ आर्थिक: उत्पादकता में गिरावट, बाजार अस्थिरता, गरीबी के जाल।
✅ स्वास्थ्य: विषाक्त मिट्टी के संपर्क, श्वसन और जलजनित रोग, कुपोषण, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ।
📍 सरकारी उपाय
✅ नेशनल मिशन फॉर ग्रीन इंडिया (GIM) – क्षतिग्रस्त पारिस्थितिक तंत्रों की पुनर्स्थापना।
✅ कंपेनसेटरी अफोरेस्टेशन (CAMPA) – वन हानि की भरपाई।
✅ सॉइल हेल्थ कार्ड योजना – सतत मिट्टी प्रबंधन को बढ़ावा।
✅ बॉन चैलेंज कमिटमेंट – 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर क्षतिग्रस्त भूमि की पुनर्स्थापना।
📍 वैश्विक पहलें
✅ UNCCD (1994) – वैश्विक स्तर पर मरुस्थलीकरण से लड़ना।
✅ लैंड डिग्रेडेशन न्यूट्रैलिटी फंड (2018) – पुनर्स्थापना परियोजनाओं के लिए वित्त।
✅ UN डिकेड ऑन इकोसिस्टम रेस्टोरेशन (2021–30)।
📍 आगे का रास्ता
✅ सतत भूमि प्रबंधन और वृक्षारोपण को बढ़ावा दें।
✅ प्रौद्योगिकी अपनाएं: पृथ्वी अवलोकन, एआई, ड्रोन।
✅ स्थानीय शासन और समुदाय की भागीदारी को मजबूत करें।
✅ जल संचयन, वर्षा जल प्रबंधन का विस्तार करें।
✅ पुनर्स्थापना के लिए आर्थिक प्रोत्साहन और नवोन्मेषी वित्त जुटाएं।
📍 निष्कर्ष
26 मिलियन हेक्टेयर पुनर्स्थापना के 2030 लक्ष्य को पूरा करने के लिए, भारत को नीति समन्वय (MGNREGS, PMKSY), प्रौद्योगिकी का उपयोग और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना होगा। एक प्रौद्योगिकी-संचालित, समावेशी दृष्टिकोण पारिस्थितिक तंत्रों की सुरक्षा और SDGs 2, 3, 6 & 15 सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
#Geography #Environment #GS3 #GS1
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📍 परिचय
भूमि क्षरण प्राकृतिक और मानवीय गतिविधियों के कारण भूमि की गुणवत्ता और उत्पादकता में गिरावट है, जबकि मरुस्थलीकरण का अर्थ है शुष्क क्षेत्रों में उपजाऊ भूमि का अधिक शुष्क हो जाना। 2015–2019 के बीच, भारत ने 30.51 मिलियन हेक्टेयर स्वस्थ भूमि खोई, जो कि इसके कुल भूमि क्षेत्रफल का लगभग 9.45% है।
📍 भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण के कारण
✅ कृषि कारण: अत्यधिक खेती, उर्वरकों का अधिक उपयोग, तीव्र सिंचाई, एक फसल प्रणाली (जैसे पंजाब–हरियाणा चावल-गेहूं चक्र)।
✅ पर्यावरणीय कारण: वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक चराई (घास के मैदान में 2005–15 के बीच 18 से 12 मिलियन हेक्टेयर की कमी)।
✅ भौगोलिक कारण: तीव्र ढालों पर खेती, खारी/क्षारीय मिट्टियाँ, अनियमित वर्षा, शुष्क/अर्ध-शुष्क परिस्थितियाँ (जैसे थार मरुस्थल)।
✅ मानवजनित कारण: खनन, शहरीकरण, बाढ़ के मैदानों पर अतिक्रमण (जैसे बेंगलुरु शहरी विस्तार 2000–10)।
✅ प्राकृतिक कारण: वायु/जल कटाव, प्राकृतिक खारीकरण, बाढ़ (जैसे केरल बाढ़ 2018)।
✅ जलवायु परिवर्तन: अत्यधिक वर्षा, समुद्र स्तर में वृद्धि, सूखा (जैसे बुंदेलखंड, मराठवाड़ा)।
📍 प्रभाव
✅ सामाजिक: गरीबी, खाद्य असुरक्षा, जबरन पलायन, अधिकार असुरक्षा।
✅ पर्यावरणीय: जैव विविधता की हानि, कार्बन अवशोषण में कमी, मिट्टी का कटाव, चरम मौसम।
✅ आर्थिक: उत्पादकता में गिरावट, बाजार अस्थिरता, गरीबी के जाल।
✅ स्वास्थ्य: विषाक्त मिट्टी के संपर्क, श्वसन और जलजनित रोग, कुपोषण, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ।
📍 सरकारी उपाय
✅ नेशनल मिशन फॉर ग्रीन इंडिया (GIM) – क्षतिग्रस्त पारिस्थितिक तंत्रों की पुनर्स्थापना।
✅ कंपेनसेटरी अफोरेस्टेशन (CAMPA) – वन हानि की भरपाई।
✅ सॉइल हेल्थ कार्ड योजना – सतत मिट्टी प्रबंधन को बढ़ावा।
✅ बॉन चैलेंज कमिटमेंट – 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर क्षतिग्रस्त भूमि की पुनर्स्थापना।
📍 वैश्विक पहलें
✅ UNCCD (1994) – वैश्विक स्तर पर मरुस्थलीकरण से लड़ना।
✅ लैंड डिग्रेडेशन न्यूट्रैलिटी फंड (2018) – पुनर्स्थापना परियोजनाओं के लिए वित्त।
✅ UN डिकेड ऑन इकोसिस्टम रेस्टोरेशन (2021–30)।
📍 आगे का रास्ता
✅ सतत भूमि प्रबंधन और वृक्षारोपण को बढ़ावा दें।
✅ प्रौद्योगिकी अपनाएं: पृथ्वी अवलोकन, एआई, ड्रोन।
✅ स्थानीय शासन और समुदाय की भागीदारी को मजबूत करें।
✅ जल संचयन, वर्षा जल प्रबंधन का विस्तार करें।
✅ पुनर्स्थापना के लिए आर्थिक प्रोत्साहन और नवोन्मेषी वित्त जुटाएं।
📍 निष्कर्ष
26 मिलियन हेक्टेयर पुनर्स्थापना के 2030 लक्ष्य को पूरा करने के लिए, भारत को नीति समन्वय (MGNREGS, PMKSY), प्रौद्योगिकी का उपयोग और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना होगा। एक प्रौद्योगिकी-संचालित, समावेशी दृष्टिकोण पारिस्थितिक तंत्रों की सुरक्षा और SDGs 2, 3, 6 & 15 सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
✅ मुख्य प्रश्न
“भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण भारत की खाद्य सुरक्षा और सतत विकास के लिए गंभीर खतरा हैं। कारणों, प्रभावों और उठाए गए उपायों का गंभीरता से विश्लेषण करें, साथ ही नवोन्मेषी समाधान सुझाएं।” (250 शब्द)
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🔆 भारत–अफ्रीका द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक दोगुना करेगा
📍 क्यों ध्यान में?
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने 20वीं CII भारत–अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव में घोषणा की कि भारत और अफ्रीका का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना करना है, जिसमें मूल्य संवर्धन, प्रौद्योगिकी और सतत साझेदारी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
📍 मुख्य बिंदु:
✅ वर्तमान व्यापार: भारत का निर्यात $42.7 बिलियन, आयात $40 बिलियन — काफी संतुलित लेकिन अप्रयुक्त संभावनाओं के साथ।
✅ प्राथमिक क्षेत्र: कृषि, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा, महत्वपूर्ण खनिज, नवीकरणीय ऊर्जा, आईटी, दूरसंचार और गतिशीलता समाधान।
✅ ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं: अफ्रीका वार्षिक $20 बिलियन का आयात करता है, लेकिन भारत केवल $2 बिलियन की आपूर्ति करता है।
✅ भारत यूपीआई डिजिटल भुगतान, चिकित्सा पर्यटन, लागत-कुशल सेवाएं प्रदान करता है; अफ्रीका महत्वपूर्ण खनिज, पेट्रोलियम और कृषि वस्तुएं प्रदान करता है।
✅ साझा जनसांख्यिकीय लाभ — दोनों क्षेत्रों की युवा आबादी भविष्य की वृद्धि को प्रेरित करती है।
📍 चुनौतियां / प्रभाव:
✅ कच्चे माल के निर्यात से मूल्य संवर्धित उत्पादन की ओर बदलाव की आवश्यकता।
✅ अफ्रीकी संसाधन हितों की सुरक्षा करते हुए संतुलित व्यापार सुनिश्चित करना।
✅ बहुपक्षीय मंचों (WTO, ग्लोबल साउथ) पर सहयोग बढ़ाना।
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📍 क्यों ध्यान में?
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने 20वीं CII भारत–अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव में घोषणा की कि भारत और अफ्रीका का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना करना है, जिसमें मूल्य संवर्धन, प्रौद्योगिकी और सतत साझेदारी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
📍 मुख्य बिंदु:
✅ वर्तमान व्यापार: भारत का निर्यात $42.7 बिलियन, आयात $40 बिलियन — काफी संतुलित लेकिन अप्रयुक्त संभावनाओं के साथ।
✅ प्राथमिक क्षेत्र: कृषि, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा, महत्वपूर्ण खनिज, नवीकरणीय ऊर्जा, आईटी, दूरसंचार और गतिशीलता समाधान।
✅ ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं: अफ्रीका वार्षिक $20 बिलियन का आयात करता है, लेकिन भारत केवल $2 बिलियन की आपूर्ति करता है।
✅ भारत यूपीआई डिजिटल भुगतान, चिकित्सा पर्यटन, लागत-कुशल सेवाएं प्रदान करता है; अफ्रीका महत्वपूर्ण खनिज, पेट्रोलियम और कृषि वस्तुएं प्रदान करता है।
✅ साझा जनसांख्यिकीय लाभ — दोनों क्षेत्रों की युवा आबादी भविष्य की वृद्धि को प्रेरित करती है।
📍 चुनौतियां / प्रभाव:
✅ कच्चे माल के निर्यात से मूल्य संवर्धित उत्पादन की ओर बदलाव की आवश्यकता।
✅ अफ्रीकी संसाधन हितों की सुरक्षा करते हुए संतुलित व्यापार सुनिश्चित करना।
✅ बहुपक्षीय मंचों (WTO, ग्लोबल साउथ) पर सहयोग बढ़ाना।
✅ प्रारंभिक प्रश्न:
निम्नलिखित में से कौन सा क्षेत्र 20वीं CII भारत–अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव 2025 में भारत–अफ्रीका व्यापार सहयोग के प्रमुख क्षेत्र के रूप में उजागर किया गया था?
A. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी
B. ऑटोमोबाइल और किफायती गतिशीलता समाधान
C. परमाणु ऊर्जा उत्पादन
D. समुद्री सीमा सुरक्षा
उत्तर: B
✅ मुख्य प्रश्न:
“भारत–अफ्रीका संबंध साझा इतिहास और पूरकताओं में निहित हैं। 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा करें।” (250 शब्द)
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🔆 “The Ministry of Utmost Happiness” – अरुंधति रॉय
📘 जीवन, गरिमा और प्रतिरोध की कहानी
✅ अन्याय पर
🗨️ “हमारे समय में सामान्यता ही भयावह हो गई है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, मानव अधिकार, असमानता
✅ मानवीय गरिमा पर
🗨️ “प्यार करना। प्यार पाना। अपनी नगण्यता को कभी न भूलना।”
📌 निबंध में उपयोग: मानवीय मूल्य, नैतिकता, सहानुभूति
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “एकमात्र आशा वही आवाज़ है जो चुप होने से इनकार करती है।”
📌 निबंध में उपयोग: असहमति, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक स्थायित्व
✅ अल्पसंख्यकों और हाशिये पर
🗨️ “अन्याय के बाद आने वाली खामोशी ही सबसे भयानक चीज़ है।”
📌 निबंध में उपयोग: हाशियाकरण, सामाजिक सद्भाव, समावेशी लोकतंत्र
✅ प्रतिरोध पर
🗨️ “अंत में केवल छोटी-छोटी बातें मायने रखती हैं। बड़ी बातें तो बस कहानियों में होती हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: जमीनी परिवर्तन, व्यक्तिगत जिम्मेदारी, नैतिक जीवन
#essay
📘 जीवन, गरिमा और प्रतिरोध की कहानी
✅ अन्याय पर
🗨️ “हमारे समय में सामान्यता ही भयावह हो गई है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, मानव अधिकार, असमानता
✅ मानवीय गरिमा पर
🗨️ “प्यार करना। प्यार पाना। अपनी नगण्यता को कभी न भूलना।”
📌 निबंध में उपयोग: मानवीय मूल्य, नैतिकता, सहानुभूति
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “एकमात्र आशा वही आवाज़ है जो चुप होने से इनकार करती है।”
📌 निबंध में उपयोग: असहमति, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक स्थायित्व
✅ अल्पसंख्यकों और हाशिये पर
🗨️ “अन्याय के बाद आने वाली खामोशी ही सबसे भयानक चीज़ है।”
📌 निबंध में उपयोग: हाशियाकरण, सामाजिक सद्भाव, समावेशी लोकतंत्र
✅ प्रतिरोध पर
🗨️ “अंत में केवल छोटी-छोटी बातें मायने रखती हैं। बड़ी बातें तो बस कहानियों में होती हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: जमीनी परिवर्तन, व्यक्तिगत जिम्मेदारी, नैतिक जीवन
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🔆 मन की बात (125वां एपिसोड) से मुख्य बातें
📍 क्यों ध्यान में?
प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक आपदाओं, सांस्कृतिक मील के पत्थरों, और खेल तथा नवाचार में उपलब्धियों के बीच राष्ट्र को संबोधित किया।
📍 मुख्य विशेषताएं:
✅ आपदा राहत: बाढ़ और भूस्खलन को स्वीकार किया; NDRF, सेना, स्थानीय लोगों की प्रशंसा की जिन्होंने ड्रोन, जीवन डिटेक्टर, हेलीकॉप्टर के साथ बचाव किया।
✅ जम्मू-कश्मीर खेल मील के पत्थर: पुलवामा में पहला डे-नाइट क्रिकेट मैच; डल झील में पहला खेलो इंडिया जल क्रीड़ा महोत्सव।
✅ युवा और UPSC: UPSC के निकट-क्वालिफायर्स को निजी क्षेत्र में नौकरी खोजने में मदद के लिए प्रतिभा सेतु पोर्टल का शुभारंभ।
✅ सांस्कृतिक कूटनीति: रूस में रामायण प्रदर्शनियां, इटली में वाल्मीकि की मूर्ति, कनाडा में श्री राम की मूर्ति।
✅ जमीनी कहानियां:
• सोलर दीदी (बिहार की देवकी) ने सौर पंप के साथ गांव की खेती को बदला।
• जितेंद्र सिंह राठौर (सूरत) प्रथम विश्व युद्ध से शहीदों की कहानियां/फोटो संरक्षित कर रहे हैं।
📍 संदेश:
प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल, आत्मनिर्भर भारत, और खेल और संस्कृति के माध्यम से एकता पर जोर दिया।
✨ #MannKiBaat #DisasterRelief #PratibhaSetu
📍 क्यों ध्यान में?
प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक आपदाओं, सांस्कृतिक मील के पत्थरों, और खेल तथा नवाचार में उपलब्धियों के बीच राष्ट्र को संबोधित किया।
📍 मुख्य विशेषताएं:
✅ आपदा राहत: बाढ़ और भूस्खलन को स्वीकार किया; NDRF, सेना, स्थानीय लोगों की प्रशंसा की जिन्होंने ड्रोन, जीवन डिटेक्टर, हेलीकॉप्टर के साथ बचाव किया।
✅ जम्मू-कश्मीर खेल मील के पत्थर: पुलवामा में पहला डे-नाइट क्रिकेट मैच; डल झील में पहला खेलो इंडिया जल क्रीड़ा महोत्सव।
✅ युवा और UPSC: UPSC के निकट-क्वालिफायर्स को निजी क्षेत्र में नौकरी खोजने में मदद के लिए प्रतिभा सेतु पोर्टल का शुभारंभ।
✅ सांस्कृतिक कूटनीति: रूस में रामायण प्रदर्शनियां, इटली में वाल्मीकि की मूर्ति, कनाडा में श्री राम की मूर्ति।
✅ जमीनी कहानियां:
• सोलर दीदी (बिहार की देवकी) ने सौर पंप के साथ गांव की खेती को बदला।
• जितेंद्र सिंह राठौर (सूरत) प्रथम विश्व युद्ध से शहीदों की कहानियां/फोटो संरक्षित कर रहे हैं।
📍 संदेश:
प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल, आत्मनिर्भर भारत, और खेल और संस्कृति के माध्यम से एकता पर जोर दिया।
✅ प्रारंभिक प्रश्न:
निम्नलिखित में से कौन सी पहल UPSC के निकट-क्वालिफायर्स को नौकरी के अवसर प्रदान करने के लिए शुरू की गई?
A. मिशन कर्मयोगी
B. प्रतिभा सेतु
C. डिजिटल इंडिया पोर्टल
D. स्किल इंडिया कनेक्ट
उत्तर: B
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🔆 अवैध आव्रजन और नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019
📍 UPSC पिछले वर्ष का प्रश्न
अवैध सीमा पार आव्रजन भारत की सुरक्षा के लिए किस प्रकार खतरा उत्पन्न करता है? इसे रोकने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करें, साथ ही उन कारकों को उजागर करें जो इस प्रकार के आव्रजन को प्रोत्साहित करते हैं। (2014)
📍 अवैध आव्रजन
नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार, अवैध प्रवासी वह विदेशी है जो वैध दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश करता है या अनुमत अवधि से अधिक रहता है। उत्पीड़न, गरीबी और सामाजिक-आर्थिक कारणों से प्रेरित, अवैध आव्रजन एक संवेदनशील मुद्दा है जो सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है।
📍 अवैध आव्रजन के कारण
✅ आर्थिक कठिनाई – गरीबी, बेरोजगारी → प्रवासी विदेश में जीविका की तलाश करते हैं।
✅ बेहतर जीवन स्तर – बेहतर परिस्थितियों का आकर्षण, "अमेरिकन ड्रीम।"
✅ मानव तस्करी नेटवर्क – कम पकड़ के जोखिम के साथ लाभकारी तस्करी।
✅ राजनीतिक/धार्मिक उत्पीड़न – शरणार्थी उत्पीड़न से भागते हैं (जैसे रोहिंग्या)।
✅ जनसंख्या दबाव – उच्च घनत्व, सीमित संसाधन आव्रजन को बढ़ावा देते हैं।
✅ प्राकृतिक आपदाएं – बाढ़, चक्रवात जीवित रहने के लिए आव्रजन को प्रेरित करते हैं।
✅ सामाजिक नेटवर्क – मौजूदा प्रवासी समुदाय नए प्रवासियों को आकर्षित करते हैं।
📍 अवैध आव्रजन के प्रभाव
✅ आर्थिक शोषण – प्रवासी अनौपचारिक नौकरियों में, शोषण के प्रति संवेदनशील।
✅ मानवाधिकार उल्लंघन – अमानवीय व्यवहार, जबरन वसूली, यौन हिंसा।
✅ गिरफ्तारी/निर्वासन का खतरा – हिरासत में कठोर परिस्थितियां।
✅ सामाजिक तनाव – जनसांख्यिकीय बदलाव, नौकरी/संसाधन प्रतिस्पर्धा।
✅ संगठित अपराध को बढ़ावा – तस्करी और मानव तस्करी नेटवर्क फलते-फूलते हैं।
📍 आव्रजन से निपटने में चुनौतियां
✅ अपर्याप्त डेटा → प्रवाह को ट्रैक करना कठिन।
✅ छिद्रपूर्ण सीमाएं → आसान पारगमन।
✅ कमजोर नियमन → अनैतिक यात्रा एजेंसियां।
✅ समन्वय की कमी → वैश्विक सहयोग की आवश्यकता।
✅ संगठित अपराध की भागीदारी।
✅ कानूनी/विधायी अंतर → कोई व्यापक कानून ढांचा नहीं।
📍 अवैध आव्रजन को रोकने के उपाय
✅ अंतरराष्ट्रीय सहयोग – सीमा पार सहयोग, मानवाधिकार संरक्षण।
✅ मानव तस्करी से मुकाबला – कड़ी कानून प्रवर्तन समन्वय (इंटरपोल)।
✅ स्थानीय एजेंसियों की क्षमता निर्माण – सुरक्षित जाऐं प्रशिक्षित जाऐं के तहत प्रशिक्षण।
✅ संगठित अपराध का मुकाबला – UNTOC प्रोटोकॉल का उपयोग कर सिंडिकेट पर कार्रवाई।
✅ शरणार्थियों और प्रवासियों में अंतर – उत्पीड़न से शरण के रूप में भारत की भूमिका बनाए रखना।
✅ सीमा प्रबंधन – बाड़, फ्लडलाइटिंग, एंटी-टनलिंग ऑपरेशन, CIBMS तैनाती।
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📍 UPSC पिछले वर्ष का प्रश्न
अवैध सीमा पार आव्रजन भारत की सुरक्षा के लिए किस प्रकार खतरा उत्पन्न करता है? इसे रोकने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करें, साथ ही उन कारकों को उजागर करें जो इस प्रकार के आव्रजन को प्रोत्साहित करते हैं। (2014)
📍 अवैध आव्रजन
नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार, अवैध प्रवासी वह विदेशी है जो वैध दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश करता है या अनुमत अवधि से अधिक रहता है। उत्पीड़न, गरीबी और सामाजिक-आर्थिक कारणों से प्रेरित, अवैध आव्रजन एक संवेदनशील मुद्दा है जो सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है।
📍 अवैध आव्रजन के कारण
✅ आर्थिक कठिनाई – गरीबी, बेरोजगारी → प्रवासी विदेश में जीविका की तलाश करते हैं।
✅ बेहतर जीवन स्तर – बेहतर परिस्थितियों का आकर्षण, "अमेरिकन ड्रीम।"
✅ मानव तस्करी नेटवर्क – कम पकड़ के जोखिम के साथ लाभकारी तस्करी।
✅ राजनीतिक/धार्मिक उत्पीड़न – शरणार्थी उत्पीड़न से भागते हैं (जैसे रोहिंग्या)।
✅ जनसंख्या दबाव – उच्च घनत्व, सीमित संसाधन आव्रजन को बढ़ावा देते हैं।
✅ प्राकृतिक आपदाएं – बाढ़, चक्रवात जीवित रहने के लिए आव्रजन को प्रेरित करते हैं।
✅ सामाजिक नेटवर्क – मौजूदा प्रवासी समुदाय नए प्रवासियों को आकर्षित करते हैं।
📍 अवैध आव्रजन के प्रभाव
✅ आर्थिक शोषण – प्रवासी अनौपचारिक नौकरियों में, शोषण के प्रति संवेदनशील।
✅ मानवाधिकार उल्लंघन – अमानवीय व्यवहार, जबरन वसूली, यौन हिंसा।
✅ गिरफ्तारी/निर्वासन का खतरा – हिरासत में कठोर परिस्थितियां।
✅ सामाजिक तनाव – जनसांख्यिकीय बदलाव, नौकरी/संसाधन प्रतिस्पर्धा।
✅ संगठित अपराध को बढ़ावा – तस्करी और मानव तस्करी नेटवर्क फलते-फूलते हैं।
📍 आव्रजन से निपटने में चुनौतियां
✅ अपर्याप्त डेटा → प्रवाह को ट्रैक करना कठिन।
✅ छिद्रपूर्ण सीमाएं → आसान पारगमन।
✅ कमजोर नियमन → अनैतिक यात्रा एजेंसियां।
✅ समन्वय की कमी → वैश्विक सहयोग की आवश्यकता।
✅ संगठित अपराध की भागीदारी।
✅ कानूनी/विधायी अंतर → कोई व्यापक कानून ढांचा नहीं।
📍 अवैध आव्रजन को रोकने के उपाय
✅ अंतरराष्ट्रीय सहयोग – सीमा पार सहयोग, मानवाधिकार संरक्षण।
✅ मानव तस्करी से मुकाबला – कड़ी कानून प्रवर्तन समन्वय (इंटरपोल)।
✅ स्थानीय एजेंसियों की क्षमता निर्माण – सुरक्षित जाऐं प्रशिक्षित जाऐं के तहत प्रशिक्षण।
✅ संगठित अपराध का मुकाबला – UNTOC प्रोटोकॉल का उपयोग कर सिंडिकेट पर कार्रवाई।
✅ शरणार्थियों और प्रवासियों में अंतर – उत्पीड़न से शरण के रूप में भारत की भूमिका बनाए रखना।
✅ सीमा प्रबंधन – बाड़, फ्लडलाइटिंग, एंटी-टनलिंग ऑपरेशन, CIBMS तैनाती।
✅ मुख्य प्रश्न:
अवैध आव्रजन भारत में जनसांख्यिकीय, सुरक्षा और सामाजिक-आर्थिक चुनौतियां उत्पन्न करता है। सीमा सुरक्षा और मानवीय चिंताओं के बीच संतुलन बनाने के लिए भारत कौन से उपाय अपना सकता है? (250 शब्द)
✨ #Migration #InternalSecurity #GS2 #GS1 #security #mains
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🔆 “The Battle of Belonging” – शशि थरूर
📘 राष्ट्रवाद, पहचान और लोकतंत्र पर विचार
✅ राष्ट्रवाद पर
🗨️ “राष्ट्रवाद कभी बहिष्करणकारी विचार नहीं बनना चाहिए; भारतीय होने के लिए यह समावेशी होना चाहिए।”
📌 निबंध में उपयोग: देशभक्ति बनाम अंधराष्ट्रवाद, बहुलतावाद, राष्ट्र की अवधारणा
✅ पहचान पर
🗨️ “भारत की पहचान हमेशा बहुस्तरीय, बहुल और समावेशी रही है — न कभी एकरूपी, न ही सांप्रदायिक।”
📌 निबंध में उपयोग: एकता में विविधता, संस्कृति, सामाजिक सद्भाव
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “लोकतंत्र केवल वोट डालने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है जो बहुमत नहीं बना सकते।”
📌 निबंध में उपयोग: संवैधानिक नैतिकता, अल्पसंख्यक अधिकार, क़ानून का शासन
✅ नागरिकता पर
🗨️ “सच्चा भारतीय वही है जो भाषा, धर्म, जाति और समुदाय के सभी भेदों को स्वयं का हिस्सा मानता है।”
📌 निबंध में उपयोग: समावेशी लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, सहिष्णुता
✅ अस्तित्व पर
🗨️ “अस्तित्व की असली लड़ाई इस बात पर है कि भारत की परिभाषा कौन तय करेगा — बहिष्कृत करने वाले कुछ लोग, या समावेशी बहुसंख्यक।”
📌 निबंध में उपयोग: राष्ट्र-निर्माण, पहचान, संवैधानिक मूल्य
#essay
📘 राष्ट्रवाद, पहचान और लोकतंत्र पर विचार
✅ राष्ट्रवाद पर
🗨️ “राष्ट्रवाद कभी बहिष्करणकारी विचार नहीं बनना चाहिए; भारतीय होने के लिए यह समावेशी होना चाहिए।”
📌 निबंध में उपयोग: देशभक्ति बनाम अंधराष्ट्रवाद, बहुलतावाद, राष्ट्र की अवधारणा
✅ पहचान पर
🗨️ “भारत की पहचान हमेशा बहुस्तरीय, बहुल और समावेशी रही है — न कभी एकरूपी, न ही सांप्रदायिक।”
📌 निबंध में उपयोग: एकता में विविधता, संस्कृति, सामाजिक सद्भाव
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “लोकतंत्र केवल वोट डालने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है जो बहुमत नहीं बना सकते।”
📌 निबंध में उपयोग: संवैधानिक नैतिकता, अल्पसंख्यक अधिकार, क़ानून का शासन
✅ नागरिकता पर
🗨️ “सच्चा भारतीय वही है जो भाषा, धर्म, जाति और समुदाय के सभी भेदों को स्वयं का हिस्सा मानता है।”
📌 निबंध में उपयोग: समावेशी लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, सहिष्णुता
✅ अस्तित्व पर
🗨️ “अस्तित्व की असली लड़ाई इस बात पर है कि भारत की परिभाषा कौन तय करेगा — बहिष्कृत करने वाले कुछ लोग, या समावेशी बहुसंख्यक।”
📌 निबंध में उपयोग: राष्ट्र-निर्माण, पहचान, संवैधानिक मूल्य
#essay
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भारत में स्वास्थ्य बीमा की वृद्धि:
✅pmjay (2018): 58.8 करोड़ व्यक्तियों (2023-24) को कवर करते हुए, इन-पेशेंट देखभाल के लिए प्रति वर्ष प्रति घरेलू 5 लाख कवर प्रदान करता है।
✅STATE SCHEMES (SHIPS): अधिकांश राज्य समानांतर कार्यक्रम चलाते हैं, साथ में ~ of 16,000 करोड़ के बजट के साथ एक समान आबादी को कवर करते हैं।
✅combined व्यय: ~ ₹ ₹ 28,000 करोड़ सालाना, वास्तविक शब्दों में 8-25% (2018-2024) में बढ़ रहा है।
✅Coverage बनाम उपयोग: जबकि आधिकारिक कवरेज अधिक है, केवल 35% बीमाकृत अस्पताल के रोगी वास्तव में योजनाओं का उपयोग कर सकते हैं (HCES 2022-23)।
#स्वास्थ्य
✅pmjay (2018): 58.8 करोड़ व्यक्तियों (2023-24) को कवर करते हुए, इन-पेशेंट देखभाल के लिए प्रति वर्ष प्रति घरेलू 5 लाख कवर प्रदान करता है।
✅STATE SCHEMES (SHIPS): अधिकांश राज्य समानांतर कार्यक्रम चलाते हैं, साथ में ~ of 16,000 करोड़ के बजट के साथ एक समान आबादी को कवर करते हैं।
✅combined व्यय: ~ ₹ ₹ 28,000 करोड़ सालाना, वास्तविक शब्दों में 8-25% (2018-2024) में बढ़ रहा है।
✅Coverage बनाम उपयोग: जबकि आधिकारिक कवरेज अधिक है, केवल 35% बीमाकृत अस्पताल के रोगी वास्तव में योजनाओं का उपयोग कर सकते हैं (HCES 2022-23)।
#स्वास्थ्य
🔆 Bharati: कृषि-खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए Apeda का धक्का 🌾🌍
📍 समाचार में क्यों?
2 सितंबर 2025 को, अपेडा ने पीयूष गोयल और यूएई के डॉ। थानी अल ज़ेयौदी की अध्यक्षता में फूड एंड बेवरेज सेक्टर स्टेकहोल्डर्स मीटिंग के दौरान कृषि-खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत पहल शुरू की।
📍key सुविधाएँ
✅ Bharati = Agritech, लचीलापन, उन्नति और तकनीक ऊष्मायन के लिए भारत का केंद्र
✅ लक्ष्य: पायलट के तहत 100 एग्री-फूड स्टार्टअप (सितम्बर 2025)
✅ लक्ष्य: 2030 तक $ 50 बिलियन का निर्यात प्राप्त करें
✅ पर ध्यान केंद्रित करें:
• जीआई-टैग्ड, ऑर्गेनिक, आयुष, प्रोसेस्ड फूड्स
• एआई-आधारित गुणवत्ता, ब्लॉकचेन ट्रेसबिलिटी, आईओटी कोल्ड चेन, समुद्री प्रोटोकॉल
✅ द्वारा समर्थित: IITs, NITs, Agri-Inversities, State Boards
📍objectives
✅ उच्च-मूल्य, टेक-चालित कृषि निर्यात को बढ़ावा देना
✅ उद्यमशीलता, नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा दें
✅ स्केलेबल, लागत प्रभावी निर्यात समाधान का निर्माण करें
✅ आत्मनिर्धरभर भारत के साथ संरेखित, स्थानीय के लिए मुखर, स्टार्टअप इंडिया
📍Prelims MCQ
Q. भारत पहल हाल ही में Apeda द्वारा लॉन्च की गई है:
A) कृषि भूमि रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करें
बी) बाजरा उत्पादन को बढ़ावा देना
ग) कृषि-खाद्य निर्यात स्टार्टअप को संभाला
घ) ग्रामीण खाद्य प्रसंस्करण पार्क स्थापित करें
✅ उत्तर: c) कृषि-खाद्य निर्यात स्टार्टअप को संभाला
📍mains GS3 प्रश्न
Q. भारत जैसी पहल भारत की मदद भारत को कृषि-खाद्य निर्यात में वैश्विक नेता बनने में कैसे कर सकती है? स्टार्टअप नवाचार और निर्यात सक्षम होने के संदर्भ में चर्चा करें।
#Bharati #agriculture
#goverment_schemes
📍 समाचार में क्यों?
2 सितंबर 2025 को, अपेडा ने पीयूष गोयल और यूएई के डॉ। थानी अल ज़ेयौदी की अध्यक्षता में फूड एंड बेवरेज सेक्टर स्टेकहोल्डर्स मीटिंग के दौरान कृषि-खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत पहल शुरू की।
📍key सुविधाएँ
✅ Bharati = Agritech, लचीलापन, उन्नति और तकनीक ऊष्मायन के लिए भारत का केंद्र
✅ लक्ष्य: पायलट के तहत 100 एग्री-फूड स्टार्टअप (सितम्बर 2025)
✅ लक्ष्य: 2030 तक $ 50 बिलियन का निर्यात प्राप्त करें
✅ पर ध्यान केंद्रित करें:
• जीआई-टैग्ड, ऑर्गेनिक, आयुष, प्रोसेस्ड फूड्स
• एआई-आधारित गुणवत्ता, ब्लॉकचेन ट्रेसबिलिटी, आईओटी कोल्ड चेन, समुद्री प्रोटोकॉल
✅ द्वारा समर्थित: IITs, NITs, Agri-Inversities, State Boards
📍objectives
✅ उच्च-मूल्य, टेक-चालित कृषि निर्यात को बढ़ावा देना
✅ उद्यमशीलता, नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा दें
✅ स्केलेबल, लागत प्रभावी निर्यात समाधान का निर्माण करें
✅ आत्मनिर्धरभर भारत के साथ संरेखित, स्थानीय के लिए मुखर, स्टार्टअप इंडिया
📍Prelims MCQ
Q. भारत पहल हाल ही में Apeda द्वारा लॉन्च की गई है:
A) कृषि भूमि रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करें
बी) बाजरा उत्पादन को बढ़ावा देना
ग) कृषि-खाद्य निर्यात स्टार्टअप को संभाला
घ) ग्रामीण खाद्य प्रसंस्करण पार्क स्थापित करें
✅ उत्तर: c) कृषि-खाद्य निर्यात स्टार्टअप को संभाला
📍mains GS3 प्रश्न
Q. भारत जैसी पहल भारत की मदद भारत को कृषि-खाद्य निर्यात में वैश्विक नेता बनने में कैसे कर सकती है? स्टार्टअप नवाचार और निर्यात सक्षम होने के संदर्भ में चर्चा करें।
#Bharati #agriculture
#goverment_schemes
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🔆 “The White Tiger” – अरविंद अडिगा
📘 गरीबी, भ्रष्टाचार, असमानता और महत्वाकांक्षा की कहानी
✅ असमानता पर
🗨️ “एक गरीब आदमी की ज़िंदगी की कहानी उसके शरीर पर गहरे अक्षरों में लिखी होती है।”
📌 निबंध में उपयोग: गरीबी, सामाजिक न्याय, असमानता
✅ भ्रष्टाचार पर
🗨️ “दुनिया में दो तरह के आदमी हैं — बड़े पेट वाले और छोटे पेट वाले। और उनकी दो ही तकदीरें हैं: खाना, या खा लिए जाना।”
📌 निबंध में उपयोग: भ्रष्टाचार, शासन की विफलता, सार्वजनिक जीवन में नैतिकता
✅ सामाजिक गतिशीलता पर
🗨️ “जिस क्षण आप दुनिया की सुंदरता को पहचान लेते हैं, उसी क्षण आप गुलाम रहना छोड़ देते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: शिक्षा, सशक्तिकरण, स्वतंत्रता
✅ विकास पर
🗨️ “भारत दो देशों में बँटा हुआ है: एक उजाले का भारत और दूसरा अंधेरे का भारत।”
📌 निबंध में उपयोग: क्षेत्रीय असमानता, समावेशी विकास, सामाजिक विषमता
✅ नैतिकता और महत्वाकांक्षा पर
🗨️ “आप यह उम्मीद नहीं कर सकते कि जो आदमी गंदगी में जी रहा है, वह सुगंधित महके।”
📌 निबंध में उपयोग: नैतिक दुविधा, सामाजिक पतन, विकास का विरोधाभास
#essay
📘 गरीबी, भ्रष्टाचार, असमानता और महत्वाकांक्षा की कहानी
✅ असमानता पर
🗨️ “एक गरीब आदमी की ज़िंदगी की कहानी उसके शरीर पर गहरे अक्षरों में लिखी होती है।”
📌 निबंध में उपयोग: गरीबी, सामाजिक न्याय, असमानता
✅ भ्रष्टाचार पर
🗨️ “दुनिया में दो तरह के आदमी हैं — बड़े पेट वाले और छोटे पेट वाले। और उनकी दो ही तकदीरें हैं: खाना, या खा लिए जाना।”
📌 निबंध में उपयोग: भ्रष्टाचार, शासन की विफलता, सार्वजनिक जीवन में नैतिकता
✅ सामाजिक गतिशीलता पर
🗨️ “जिस क्षण आप दुनिया की सुंदरता को पहचान लेते हैं, उसी क्षण आप गुलाम रहना छोड़ देते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: शिक्षा, सशक्तिकरण, स्वतंत्रता
✅ विकास पर
🗨️ “भारत दो देशों में बँटा हुआ है: एक उजाले का भारत और दूसरा अंधेरे का भारत।”
📌 निबंध में उपयोग: क्षेत्रीय असमानता, समावेशी विकास, सामाजिक विषमता
✅ नैतिकता और महत्वाकांक्षा पर
🗨️ “आप यह उम्मीद नहीं कर सकते कि जो आदमी गंदगी में जी रहा है, वह सुगंधित महके।”
📌 निबंध में उपयोग: नैतिक दुविधा, सामाजिक पतन, विकास का विरोधाभास
#essay
👍2
🔆 सौर ऊर्जा: भारत का उगता हुआ क्षेत्र
📚 GS3 – भूगोल | पर्यावरण | ऊर्जा संक्रमण
📍सौर ऊर्जा क्या है?
✅ फोटोवोल्टाइक (PV): सिलिकॉन-आधारित सौर कोशिकाओं का उपयोग करके सूर्य की रोशनी को DC बिजली में परिवर्तित करता है, जिसे बाद में AC में बदला जाता है।
✅ कंसंट्रेटेड सोलर पावर (CSP): दर्पण/लेंस का उपयोग करके गर्मी उत्पन्न करता है → भाप → टरबाइन।
📍भारत की स्थिति (2025)
✅ स्थापित क्षमता: 100.33 GW (2014 में 2.82 GW से)।
✅ 84.10 GW कार्यान्वयनाधीन + 47.49 GW टेंडर में।
✅ भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में 47% योगदान।
✅ प्रमुख राज्य: राजस्थान (भदला सोलर पार्क), गुजरात, कर्नाटक।
📍फायदे
✅ शून्य उत्सर्जन और जल संरक्षण → शुष्क क्षेत्रों के लिए आदर्श।
✅ लागत प्रभावी → PV की लागत में एक दशक में 90% की गिरावट।
✅ स्थापना, रखरखाव और अनुसंधान एवं विकास में रोजगार सृजन।
✅ ऊर्जा सुरक्षा → जीवाश्म ईंधन आयात कम करता है।
✅ विकेंद्रीकृत रूफटॉप सोलर → ग्रिड विफलताओं के खिलाफ मजबूत।
📍चुनौतियाँ
✅ सूरज की रोशनी पर निर्भरता → रात/बादल वाले दिन बिजली नहीं।
✅ भंडारण लागत → बैटरियां अभी भी महंगी।
✅ बड़े सौर फार्मों की भूमि और पारिस्थितिक प्रभाव।
✅ सौर पैनलों के निर्माण और पुनर्चक्रण की चुनौतियाँ।
📍उभरते रुझान
✅ एग्री-वोल्टाइक: एक ही जमीन पर सौर ऊर्जा + फसलें।
✅ BIPV: भवन-एकीकृत फोटोवोल्टाइक (छत, मुखौटे)।
✅ फ्लोटवोल्टाइक: जलाशयों पर सौर पैनल, वाष्पीकरण कम करता है।
✅ पेरोव्स्काइट कोशिकाएं: अगली पीढ़ी के उच्च दक्षता वाले सामग्री।
📍मुख्य सरकारी योजनाएं
✅ राष्ट्रीय सौर मिशन (2010): प्रमुख सौर प्रोत्साहन।
✅ PM-KUSUM (2019): सौर पंप + विकेंद्रीकृत ग्रामीण ऊर्जा (लक्ष्य ~35 लाख पंप)।
✅ PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (2024): 2027 तक 1 करोड़ घरों के लिए रूफटॉप सोलर।
✅ सोलर पार्क योजना: डेवलपर्स के लिए प्लग-एंड-प्ले इन्फ्रा।
✅ PLI योजना: घरेलू सोलर मॉड्यूल निर्माण को बढ़ावा।
📍निष्कर्ष
✅ 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म क्षमता के लक्ष्य के साथ, सौर ऊर्जा भारत की ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु प्रतिबद्धताओं, और हरित रोजगार का केंद्र है। नवाचार + भंडारण + नीति समर्थन भारत को वैश्विक सौर नेता बनाएंगे।
#SolarEnergy #UPSCMains #EnergyTransition #GS3 #GS1
📚 GS3 – भूगोल | पर्यावरण | ऊर्जा संक्रमण
📍सौर ऊर्जा क्या है?
✅ फोटोवोल्टाइक (PV): सिलिकॉन-आधारित सौर कोशिकाओं का उपयोग करके सूर्य की रोशनी को DC बिजली में परिवर्तित करता है, जिसे बाद में AC में बदला जाता है।
✅ कंसंट्रेटेड सोलर पावर (CSP): दर्पण/लेंस का उपयोग करके गर्मी उत्पन्न करता है → भाप → टरबाइन।
📍भारत की स्थिति (2025)
✅ स्थापित क्षमता: 100.33 GW (2014 में 2.82 GW से)।
✅ 84.10 GW कार्यान्वयनाधीन + 47.49 GW टेंडर में।
✅ भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में 47% योगदान।
✅ प्रमुख राज्य: राजस्थान (भदला सोलर पार्क), गुजरात, कर्नाटक।
📍फायदे
✅ शून्य उत्सर्जन और जल संरक्षण → शुष्क क्षेत्रों के लिए आदर्श।
✅ लागत प्रभावी → PV की लागत में एक दशक में 90% की गिरावट।
✅ स्थापना, रखरखाव और अनुसंधान एवं विकास में रोजगार सृजन।
✅ ऊर्जा सुरक्षा → जीवाश्म ईंधन आयात कम करता है।
✅ विकेंद्रीकृत रूफटॉप सोलर → ग्रिड विफलताओं के खिलाफ मजबूत।
📍चुनौतियाँ
✅ सूरज की रोशनी पर निर्भरता → रात/बादल वाले दिन बिजली नहीं।
✅ भंडारण लागत → बैटरियां अभी भी महंगी।
✅ बड़े सौर फार्मों की भूमि और पारिस्थितिक प्रभाव।
✅ सौर पैनलों के निर्माण और पुनर्चक्रण की चुनौतियाँ।
📍उभरते रुझान
✅ एग्री-वोल्टाइक: एक ही जमीन पर सौर ऊर्जा + फसलें।
✅ BIPV: भवन-एकीकृत फोटोवोल्टाइक (छत, मुखौटे)।
✅ फ्लोटवोल्टाइक: जलाशयों पर सौर पैनल, वाष्पीकरण कम करता है।
✅ पेरोव्स्काइट कोशिकाएं: अगली पीढ़ी के उच्च दक्षता वाले सामग्री।
📍मुख्य सरकारी योजनाएं
✅ राष्ट्रीय सौर मिशन (2010): प्रमुख सौर प्रोत्साहन।
✅ PM-KUSUM (2019): सौर पंप + विकेंद्रीकृत ग्रामीण ऊर्जा (लक्ष्य ~35 लाख पंप)।
✅ PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (2024): 2027 तक 1 करोड़ घरों के लिए रूफटॉप सोलर।
✅ सोलर पार्क योजना: डेवलपर्स के लिए प्लग-एंड-प्ले इन्फ्रा।
✅ PLI योजना: घरेलू सोलर मॉड्यूल निर्माण को बढ़ावा।
📍निष्कर्ष
✅ 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म क्षमता के लक्ष्य के साथ, सौर ऊर्जा भारत की ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु प्रतिबद्धताओं, और हरित रोजगार का केंद्र है। नवाचार + भंडारण + नीति समर्थन भारत को वैश्विक सौर नेता बनाएंगे।
#SolarEnergy #UPSCMains #EnergyTransition #GS3 #GS1
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🔆 भारत–थाईलैंड संयुक्त सैन्य अभ्यास मैत्री–XIV मेघालय में शुरू 🪖🇮🇳🇹🇭
📍मुख्य विशेषताएँ
✅ फोकस: कंपनी-स्तरीय आतंकवाद विरोधी संचालन अर्ध-शहरी इलाके में संयुक्त राष्ट्र चार्टर अध्याय VII के तहत
✅ शामिल हैं:
• सामरिक अभ्यास
• संयुक्त योजना
• विशेष हथियार कौशल
• शारीरिक फिटनेस और छापा संचालन
✅ 48 घंटे की सत्यापन अभ्यास के साथ समाप्त जो वास्तविक संचालन का अनुकरण करता है
✅ भारतीय दल: 120 कर्मी (मद्रास रेजिमेंट)
✅ थाई दल: 53 कर्मी (1ला इन्फैंट्री बटालियन, 14वीं ब्रिगेड)
✅ पिछला (13वां) संस्करण थाईलैंड (टक प्रांत) में आयोजित
✅ 2006 में स्थापित, मैत्री द्विपक्षीय सैन्य संबंधों और क्षेत्रीय शांति को मजबूत करता है
#ExerciseMAITREE #IndiaThailandDefence
📍मुख्य विशेषताएँ
✅ फोकस: कंपनी-स्तरीय आतंकवाद विरोधी संचालन अर्ध-शहरी इलाके में संयुक्त राष्ट्र चार्टर अध्याय VII के तहत
✅ शामिल हैं:
• सामरिक अभ्यास
• संयुक्त योजना
• विशेष हथियार कौशल
• शारीरिक फिटनेस और छापा संचालन
✅ 48 घंटे की सत्यापन अभ्यास के साथ समाप्त जो वास्तविक संचालन का अनुकरण करता है
✅ भारतीय दल: 120 कर्मी (मद्रास रेजिमेंट)
✅ थाई दल: 53 कर्मी (1ला इन्फैंट्री बटालियन, 14वीं ब्रिगेड)
✅ पिछला (13वां) संस्करण थाईलैंड (टक प्रांत) में आयोजित
✅ 2006 में स्थापित, मैत्री द्विपक्षीय सैन्य संबंधों और क्षेत्रीय शांति को मजबूत करता है
📍प्रारंभिक MCQ
प्रश्न. अभ्यास मैत्री भारत और किसके बीच द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है:
A) म्यांमार
B) वियतनाम
C) थाईलैंड
D) श्रीलंका
✅ उत्तर: C) थाईलैंड
#ExerciseMAITREE #IndiaThailandDefence
❤1
🔆 भारती: एपीडा की कृषि-खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने की पहल 🌾🌍
📍समाचार में क्यों?
2 सितंबर 2025 को, एपीडा ने भारती पहल शुरू की, कृषि-खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, फूड एंड बेवरेज सेक्टर स्टेकहोल्डर्स मीटिंग के दौरान, जिसकी अध्यक्षता पियूष गोयल और यूएई के डॉ. थानी अल ज़ेयौदी ने की।
📍मुख्य विशेषताएं
✅ भारती = भारत का एग्रीटेक, लचीलापन, उन्नति और तकनीकी इनक्यूबेशन केंद्र
✅ लक्ष्य: पायलट के तहत 100 कृषि-खाद्य स्टार्टअप्स को सशक्त बनाना (सितंबर 2025)
✅ लक्ष्य: 2030 तक $50 बिलियन निर्यात
✅ फोकस:
• GI टैग वाले, जैविक, आयुष, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ
• AI आधारित गुणवत्ता, ब्लॉकचेन ट्रेसबिलिटी, IoT कोल्ड चेन, समुद्री प्रोटोकॉल
✅ समर्थित: IITs, NITs, कृषि विश्वविद्यालय, राज्य बोर्ड
📍उद्देश्य
✅ उच्च-मूल्य, तकनीक संचालित कृषि निर्यात को बढ़ावा देना
✅ उद्यमिता, नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देना
✅ स्केलेबल, लागत प्रभावी निर्यात समाधान बनाना
✅ आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल, स्टार्टअप इंडिया के साथ संरेखित
#BHARATI #agriculture
#goverment_schemes
📍समाचार में क्यों?
2 सितंबर 2025 को, एपीडा ने भारती पहल शुरू की, कृषि-खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, फूड एंड बेवरेज सेक्टर स्टेकहोल्डर्स मीटिंग के दौरान, जिसकी अध्यक्षता पियूष गोयल और यूएई के डॉ. थानी अल ज़ेयौदी ने की।
📍मुख्य विशेषताएं
✅ भारती = भारत का एग्रीटेक, लचीलापन, उन्नति और तकनीकी इनक्यूबेशन केंद्र
✅ लक्ष्य: पायलट के तहत 100 कृषि-खाद्य स्टार्टअप्स को सशक्त बनाना (सितंबर 2025)
✅ लक्ष्य: 2030 तक $50 बिलियन निर्यात
✅ फोकस:
• GI टैग वाले, जैविक, आयुष, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ
• AI आधारित गुणवत्ता, ब्लॉकचेन ट्रेसबिलिटी, IoT कोल्ड चेन, समुद्री प्रोटोकॉल
✅ समर्थित: IITs, NITs, कृषि विश्वविद्यालय, राज्य बोर्ड
📍उद्देश्य
✅ उच्च-मूल्य, तकनीक संचालित कृषि निर्यात को बढ़ावा देना
✅ उद्यमिता, नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देना
✅ स्केलेबल, लागत प्रभावी निर्यात समाधान बनाना
✅ आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल, स्टार्टअप इंडिया के साथ संरेखित
📍प्रारंभिक MCQ
प्रश्न. एपीडा द्वारा हाल ही में शुरू की गई भारती पहल का उद्देश्य है:
A) कृषि भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण
B) बाजरा उत्पादन को बढ़ावा देना
C) कृषि-खाद्य निर्यात स्टार्टअप्स का इनक्यूबेशन
D) ग्रामीण खाद्य प्रसंस्करण पार्क स्थापित करना
✅ उत्तर: C) कृषि-खाद्य निर्यात स्टार्टअप्स का इनक्यूबेशन
📍मुख्य GS3 प्रश्न
प्रश्न. भारती जैसी पहलों से भारत को कृषि-खाद्य निर्यात में वैश्विक नेता बनने में कैसे मदद मिल सकती है? स्टार्टअप नवाचार और निर्यात सशक्तिकरण के संदर्भ में चर्चा करें।
#BHARATI #agriculture
#goverment_schemes
👍1
🔆 आदि वाणी – भारत की पहली AI-संचालित जनजातीय भाषाओं के लिए अनुवादक
📍 शुरुआत की गई: जनजातीय कार्य मंत्रालय (01 सितम्बर 2025, नई दिल्ली)
📍 कार्यक्रम: डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में जनजातीय गौरव वर्ष समारोह का हिस्सा
✅ आदि वाणी क्या है?
• भारत का पहला AI-संचालित जनजातीय भाषा अनुवादक
• IIT दिल्ली के नेतृत्व में गठबंधन द्वारा विकसित, जिसमें BITS पिलानी, IIIT हैदराबाद, IIIT नव रायपुर, और जनजातीय अनुसंधान संस्थान (झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मेघालय) शामिल हैं
✅ मुख्य विशेषताएँ:
• हिंदी, अंग्रेजी और जनजातीय भाषाओं के बीच रीयल-टाइम टेक्स्ट और स्पीच अनुवाद
• छात्रों के लिए इंटरैक्टिव लर्निंग मॉड्यूल
• लोककथाओं, मौखिक परंपराओं और विरासत का डिजिटलीकरण
• जनजातीय भाषाओं में स्वास्थ्य सलाह, प्रधानमंत्री के भाषण, सरकारी संदेश के सबटाइटल
• संताली, भीली, मुंडारी, गोंडी का समर्थन (कुई और गारो विकासाधीन)
✅ महत्व:
• दूरदराज के जनजातीय क्षेत्रों में संचार अंतर को पाटता है
• शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और शासन तक पहुंच बढ़ाता है
• जनजातीय उद्यमिता को सशक्त बनाता है
• कम लागत वाली नवाचार (~व्यावसायिक उपकरणों की 1/10 लागत)
• अनुमानित लाभार्थी: 20 लाख+ जनजातीय युवा और परिवर्तन नेता
📍 दृष्टि 2047:
डिजिटल इंडिया, एक भारत श्रेष्ठ भारत, पीएम जनमन, आदि कर्मयोगी अभियान, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के साथ मेल खाता है → जनजातीय विरासत को संरक्षित करते हुए एक समावेशी विकसित भारत का निर्माण।
📍 शुरुआत की गई: जनजातीय कार्य मंत्रालय (01 सितम्बर 2025, नई दिल्ली)
📍 कार्यक्रम: डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में जनजातीय गौरव वर्ष समारोह का हिस्सा
✅ आदि वाणी क्या है?
• भारत का पहला AI-संचालित जनजातीय भाषा अनुवादक
• IIT दिल्ली के नेतृत्व में गठबंधन द्वारा विकसित, जिसमें BITS पिलानी, IIIT हैदराबाद, IIIT नव रायपुर, और जनजातीय अनुसंधान संस्थान (झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मेघालय) शामिल हैं
✅ मुख्य विशेषताएँ:
• हिंदी, अंग्रेजी और जनजातीय भाषाओं के बीच रीयल-टाइम टेक्स्ट और स्पीच अनुवाद
• छात्रों के लिए इंटरैक्टिव लर्निंग मॉड्यूल
• लोककथाओं, मौखिक परंपराओं और विरासत का डिजिटलीकरण
• जनजातीय भाषाओं में स्वास्थ्य सलाह, प्रधानमंत्री के भाषण, सरकारी संदेश के सबटाइटल
• संताली, भीली, मुंडारी, गोंडी का समर्थन (कुई और गारो विकासाधीन)
✅ महत्व:
• दूरदराज के जनजातीय क्षेत्रों में संचार अंतर को पाटता है
• शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और शासन तक पहुंच बढ़ाता है
• जनजातीय उद्यमिता को सशक्त बनाता है
• कम लागत वाली नवाचार (~व्यावसायिक उपकरणों की 1/10 लागत)
• अनुमानित लाभार्थी: 20 लाख+ जनजातीय युवा और परिवर्तन नेता
📍 दृष्टि 2047:
डिजिटल इंडिया, एक भारत श्रेष्ठ भारत, पीएम जनमन, आदि कर्मयोगी अभियान, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के साथ मेल खाता है → जनजातीय विरासत को संरक्षित करते हुए एक समावेशी विकसित भारत का निर्माण।
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🔆 कृषि मंत्री संघ की उच्च स्तरीय बैठक किसानों की शिकायतों पर
📍 शिवराज सिंह चौहान द्वारा मुख्य घोषणाएं:
✅ किसानों की शिकायतों, सुझावों और सहायता के लिए समर्पित पोर्टल स्थापित किया जाएगा।
✅ मंत्री व्यक्तिगत रूप से शिकायतों की समीक्षा करेंगे ताकि त्वरित समाधान हो सके।
✅ नकली/अधिमान्य उर्वरक, बीज और कीटनाशकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई।
✅ किसानों को नुकसान से बचाने के लिए केवल प्रमाणित बायोस्टिमुलेंट्स की बिक्री होगी।
✅ अधिकारियों को शिकायतों के निपटान में पारदर्शिता, विश्वसनीयता और संवेदनशीलता सुनिश्चित करने के निर्देश।
📍 अन्य निर्देश:
• किसानों में सूचित बायोस्टिमुलेंट्स के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी।
• पीएम-किसान सम्मान निधि और पीएमएफबीवाई के तहत शिकायतों का त्वरित समाधान और किसान प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।
• सख्त अनुपालन के लिए अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ समन्वय बनाए रखना होगा।
📍 स्वदेशी संकल्प:
• बैठक का समापन अधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वदेशी अपनाओ’ आह्वान के अनुरूप स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और बढ़ावा देने के संकल्प के साथ हुआ।
📍 प्रारंभिक निष्कर्ष:
• किसानों की शिकायत निवारण डिजिटल पोर्टल और प्रमाणित इनपुट विनियमन से जुड़ा है।
• योजनाओं का महत्व: पीएम-किसान सम्मान निधि और पीएम फसल बीमा योजना।
#governance
📍 शिवराज सिंह चौहान द्वारा मुख्य घोषणाएं:
✅ किसानों की शिकायतों, सुझावों और सहायता के लिए समर्पित पोर्टल स्थापित किया जाएगा।
✅ मंत्री व्यक्तिगत रूप से शिकायतों की समीक्षा करेंगे ताकि त्वरित समाधान हो सके।
✅ नकली/अधिमान्य उर्वरक, बीज और कीटनाशकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई।
✅ किसानों को नुकसान से बचाने के लिए केवल प्रमाणित बायोस्टिमुलेंट्स की बिक्री होगी।
✅ अधिकारियों को शिकायतों के निपटान में पारदर्शिता, विश्वसनीयता और संवेदनशीलता सुनिश्चित करने के निर्देश।
📍 अन्य निर्देश:
• किसानों में सूचित बायोस्टिमुलेंट्स के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी।
• पीएम-किसान सम्मान निधि और पीएमएफबीवाई के तहत शिकायतों का त्वरित समाधान और किसान प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।
• सख्त अनुपालन के लिए अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ समन्वय बनाए रखना होगा।
📍 स्वदेशी संकल्प:
• बैठक का समापन अधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वदेशी अपनाओ’ आह्वान के अनुरूप स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और बढ़ावा देने के संकल्प के साथ हुआ।
📍 प्रारंभिक निष्कर्ष:
• किसानों की शिकायत निवारण डिजिटल पोर्टल और प्रमाणित इनपुट विनियमन से जुड़ा है।
• योजनाओं का महत्व: पीएम-किसान सम्मान निधि और पीएम फसल बीमा योजना।
📍 मुख्य प्रश्न:
किसान कल्याण योजनाओं को मजबूत करने में शिकायत निवारण तंत्र का महत्व चर्चा करें। कृषि शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी कैसे मदद कर सकती है?
#governance