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🔆 “A Matter of the Heart: Education in India” – अनुराग बेहार
📘 शिक्षा और भारत की जमीनी हकीकत पर विचार

शिक्षा और समानता पर
🗨️ “यदि शिक्षा सबसे वंचित बच्चे की सेवा नहीं करती, तो उसने अपना उद्देश्य खो दिया है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, समावेशी विकास, शिक्षा में समानता

शिक्षक पर
🗨️ “अच्छा शिक्षक वह नहीं है जो केवल ज्ञान दे, बल्कि वह है जो आत्मविश्वास पैदा करे।”
📌 निबंध में उपयोग: मानव पूंजी, शिक्षक प्रशिक्षण, शिक्षा की नैतिकता

ग्रामीण भारत पर
🗨️ “दूरदराज़ गाँव का स्कूल केवल पढ़ाई की जगह नहीं है, यह गरिमा का स्थान है।”
📌 निबंध में उपयोग: ग्रामीण विकास, जमीनी सशक्तिकरण, शिक्षा = सशक्तिकरण

लोकतंत्र और नागरिकता पर
🗨️ “लोकतंत्र तभी जीवित रहता है जब शिक्षा नागरिकों को सवाल पूछने योग्य बनाती है।”
📌 निबंध में उपयोग: आलोचनात्मक सोच, नागरिक मूल्य, संवैधानिक नैतिकता

विकास पर
🗨️ “कोई भी समाज तब तक प्रगति नहीं कर सकता जब तक वह अपने बच्चों के दिमाग में निवेश नहीं करता।”
📌 निबंध में उपयोग: मानव विकास, कल्याणकारी राज्य, दीर्घकालिक विकास

#essay
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🔆 आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बाढ़ : चरम मौसम और शासकीय खामियाँ

📍 प्रसंग
2024 में आंध्र प्रदेश में 2 दिनों में वार्षिक वर्षा का 27% दर्ज हुआ।
विजयनगरम ने अगस्त में 46% अतिरिक्त वर्षा दर्ज की।
लगातार वर्षों में अत्यधिक वर्षा से मानसून पैटर्न में बदलाव दिख रहा है।

📍 बाढ़ के कारण
जलाशयों पर दबाव – श्रीशैलम (94%) और नागार्जुन सागर (96%) पहले से भरे हुए।
इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमज़ोरियाँ – प्राकाशम बैराज का टूटा गेट, भद्राचलम के पास कमजोर तटबंध।
शहरी समस्याएँ – अतिक्रमित नालियाँ, कंक्रीट सतहें, अधूरा डीसिल्टिंग।
छोटी नदियों की अनदेखी – बरसात में ये ही गला घोंटने वाली बाधा बनती हैं।

📍 शासन संबंधी खामियाँ
आपदा प्रबंधन ने जीवन बचाए, पर जोखिम कम करने में ढील।
हर साल राहत राशि (जैसे तेलंगाना में ₹1 करोड़ प्रति जिला) तो मिलती है, लेकिन तटबंध मज़बूती और डायवर्जन चैनल अधूरे रहते हैं।
लगातार विजयवाड़ा में जलभराव, अधूरे बुडमेरु कार्यों की ओर इशारा करता है।

📍 आगे का रास्ता
जलाशय प्रबंधन – रीयल-टाइम मॉडलिंग, पहले से जल स्तर कम करना।
शहरी नियोजन – नालों का संरक्षण, जल सोखने योग्य भूमि सुरक्षित करना।
इन्फ्रास्ट्रक्चर रख-रखाव – तटबंध और स्लूइस का नियमित मेंटेनेंस, राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त।
चरम मौसम को स्वीकारें, पर भाग्यवादिता से बचें—संरचनात्मक सुधार से नुकसान घटाया जा सकता है।

📍 UPSC प्रासंगिकता
• GS1 (भूगोल): मानसून अस्थिरता व चरम वर्षा।
• GS3 (आपदा प्रबंधन): बाढ़ नियंत्रण व संस्थागत तैयारी।
• GS2 (शासन): राहत बनाम दीर्घकालिक लचीलापन।

#governance #geography
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🔆 नंदा देवी महोत्सव ⛰️

📍मुख्य आकर्षण
देवी नंदा और सुनंदा की मूर्तियों का विसर्जन के साथ समापन।
संयुक्त रूप से आयोजित श्री राम सेवक सभा और नैनीताल जिला प्रशासन द्वारा।
मुख्य स्थल: नैना देवी मंदिर, जहां भक्तों ने पूजा अर्चना की।
धार्मिक अनुष्ठान + सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शामिल थीं (जैसे, अल्मोड़ा समूह, भक्ति गीत लाइव प्रसारित)।
मूर्तियों को शाही जुलूस में शहर के विभिन्न हिस्सों से ले जाया गया और फिर झील में विसर्जित किया गया।
अंतरधार्मिक सद्भाव: अंजुमन-ए-बाल्टिस्तान शिया समुदाय ने अंतिम दिन भक्तों को जल अर्पित किया।

📍सांस्कृतिक महत्व
धार्मिक भक्ति + लोक परंपराओं का मेल।
उत्तराखंड की साम्प्रदायिक सद्भाव और साझा सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।

#NandaDeviFestival #UttarakhandCulture #art_and_culture
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🔆 भारत में ट्रांसजेंडर: चुनौतियाँ और सशक्तिकरण के लिए रोडमैप

📍 वर्तमान स्थिति और आंकड़े
ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत परिभाषित → इसमें हिजड़ा, किन्नर, अरवानी, जोगता शामिल हैं।
तीसरे लिंग की मान्यता और स्व-पहचान के अधिकार।
जनसंख्या: 4.88 लाख (जनगणना 2011) | साक्षरता: 46% (राष्ट्रीय 74% के मुकाबले) | कार्यबल: 38% (UNDP)।

📍 संवैधानिक अधिकार
अनुच्छेद 14 → कानून के समक्ष समानता।
अनुच्छेद 19(1)(a) → अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, पोशाक, लिंग पहचान।
अनुच्छेद 21 → जीवन, गरिमा, स्वतंत्रता का अधिकार।

📍 मुख्य चुनौतियाँ
आर्थिक
96% को नौकरी से वंचित किया गया (NHRC), भीख माँगने/सेक्स वर्क पर निर्भरता।
बैंकिंग तक सीमित पहुंच; केवल 15% ने औपचारिक ऋण लिया।
गरीबी, बेघरता, कल्याण योजनाओं से बहिष्कार।

सामाजिक
60% ड्रॉपआउट दर (UNDP) स्कूलों में कलंक के कारण।
92% को रोजाना हिंसा/दुरुपयोग का सामना (NHRC)।
स्वास्थ्य सेवा से वंचित — 27% को इलाज से मना किया गया (NALSA)।

राजनीतिक
न्यूनतम प्रतिनिधित्व — केवल 3 ने 2024 के चुनाव लड़े।
2019 अधिनियम का कमजोर क्रियान्वयन, राज्य स्तरीय बोर्डों का अभाव।
मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड प्राप्त करने में बाधाएँ।

व्यवहारिक
परिवार द्वारा अस्वीकृति → 45% अवसाद दर (IJP)।
मीडिया स्टीरियोटाइप कलंक को बढ़ावा देते हैं।
पुलिस, शिक्षकों, नौकरशाहों में संवेदनशीलता की कमी।

📍 नैतिक आयाम
मानव गरिमा और न्याय का उल्लंघन (अनुच्छेद 14)।
सहानुभूति और करुणा की कमी → युवाओं में 31% आत्महत्या की प्रवृत्ति।
लगातार कलंक पूर्ण नागरिकता को सीमित करता है।

📍 सरकारी पहल
2019 अधिनियम → अधिकारों की सुरक्षा, भेदभाव निषेध।
राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर परिषद → नीति सलाहकार।
SMILE योजना → पुनर्वास, शिक्षा, कौशल समर्थन।
गरिमा गृह → स्वास्थ्य सेवा और भोजन के साथ आश्रय।
आयुष्मान भारत TG प्लस → ₹5 लाख का कवरेज जिसमें लिंग परिवर्तन सर्जरी शामिल।
कौशल विकास कार्यक्रम और राष्ट्रीय पोर्टल → छात्रवृत्ति, पहचान प्रमाण पत्र, डिजिटल समावेशन।

📍 आगे का रोडमैप
स्कूलों, कार्यस्थलों, न्यायपालिका में भेदभाव विरोधी नियम (मद्रास HC का उदाहरण)।
लिंग स्व-पहचान की प्रक्रियाओं को सरल बनाना।
समावेशी भर्ती और उद्यमिता के लिए प्रोत्साहन।
मानसिक स्वास्थ्य समर्थन के साथ ट्रांस-फ्रेंडली क्लीनिक स्थापित करना (ओडिशा, कर्नाटक मॉडल)।
मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक जागरूकता अभियान → कथाओं को सामान्य बनाना और कलंक कम करना।

मुख्य अभ्यास प्रश्न
प्रश्न: भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय को किन प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और उनके सार्थक समावेशन एवं सशक्तिकरण के लिए प्रभावी उपाय प्रस्तावित करें। (250 शब्द, 15 अंक)


#SocialJustice #VulnerableSections #society #mains

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🔆 “The Anarchy” – विलियम डैलरिम्पल
📘 ईस्ट इंडिया कंपनी की लालच, हिंसा और उपनिवेशवाद की कहानी

कॉरपोरेट शक्ति पर
🗨️ “ईस्ट इंडिया कंपनी अपने समय का सबसे उन्नत पूंजीवादी संगठन थी — पहला जिसने नियंत्रण से बाहर होकर तबाही मचाई।”
📌 निबंध में उपयोग: कॉरपोरेट जवाबदेही, पूंजीवाद, नियमन

औपनिवेशवाद पर
🗨️ “एक व्यापारिक कंपनी ने खुद को आक्रामक उपनिवेशी शक्ति में बदल दिया।”
📌 निबंध में उपयोग: साम्राज्यवाद, शोषण, वैश्वीकरण के समानांतर

लालच और नैतिकता पर
🗨️ “कंपनी भारत बनाने नहीं, बल्कि लूटने आई थी।”
📌 निबंध में उपयोग: शासन में नैतिकता, भ्रष्टाचार, संसाधनों का शोषण

राज्य बनाम कंपनी पर
🗨️ “उसने राज्य और कंपनी, सार्वजनिक हित और निजी लालच की रेखा को धुंधला कर दिया।”
📌 निबंध में उपयोग: सार्वजनिक बनाम निजी हित, नियमन, राज्य की जिम्मेदारी

आज के लिए सबक पर
🗨️ “कंपनी की कहानी कॉरपोरेट दुनिया की पहली बड़ी चेतावनी है।”
📌 निबंध में उपयोग: व्यवसाय में नैतिकता, CSR, वैश्विक शासन

#essay
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🔆 भारत में दालों के बारे में मुख्य तथ्य 🌾

📍दालों के बारे में
फलोसी (Fabaceae) परिवार के खाद्य बीज।
प्रोटीन, फाइबर, पोषक तत्वों में उच्च, वसा में कम।
नाइट्रोजन-फिक्सिंग → मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है।
सूखे होने पर लंबी शेल्फ लाइफ।

📍जलवायु आवश्यकताएँ
तापमान: 20–27°C, वर्षा: 25–60 सेमी, रेतीली-लोमी मिट्टी।
रबी दालें (60%) – चना, मसूर → हल्की ठंड की जरूरत।
खरीफ दालें – मूंग, उड़द, अरहर → गर्म जलवायु की जरूरत।

📍भारत का उत्पादन
विश्व में सबसे बड़ा उत्पादक (25%), उपभोक्ता (27%), आयातक (14%)।
प्रमुख राज्य: मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक।
दालें = अनाज क्षेत्र का 20% लेकिन उत्पादन केवल 7–10%।
चना प्रमुख (40%), उसके बाद तूर (15–20%), उड़द और मूंग (8–10%)।

📍आयात (2024-25)
रिकॉर्ड आयात: 7.3 मिलियन टन, 5.5 बिलियन USD।
स्रोत: कनाडा, रूस, ऑस्ट्रेलिया, मोजाम्बिक, तंजानिया, म्यांमार, अमेरिका।
एल नीनो सूखे के कारण आयात बढ़ा → उत्पादन घटकर 24.2 मिलियन टन (2023-24), आंशिक सुधार 25.2 मिलियन टन।

📍चुनौतियाँ
MSP में चावल/गेहूं पक्षपात; दालों की कमजोर खरीद।
जलवायु संवेदनशीलता (बारिश पर निर्भर, सूखा/मानसून झटके)।
कम उत्पादकता: 660 किग्रा/हेक्टेयर बनाम विश्व औसत 909 किग्रा/हेक्टेयर।
छोटे खेत, कमजोर अनुसंधान एवं विकास, मिट्टी और कीट समस्याएँ।
उच्च कटाई के बाद नुकसान (5–10%)।

📍सरकारी पहल
NFSM-दालें, PM-AASHA, NMSA, RKVY, HY बीज मिशन।

📍आगे का रास्ता
HYV और बायोफोर्टिफाइड किस्मों को बढ़ावा (लोहा युक्त मसूर, तुअर हाइब्रिड)।
सूक्ष्म सिंचाई, धान-फालो दालें, प्रिसिजन फार्मिंग का विस्तार।
MSP/खरीद में सुधार, सब्सिडी पुनर्संतुलन, विविधीकरण को प्रोत्साहन।
भंडारण, प्रसंस्करण, FPO लिंक मजबूत करें।
अनुसंधान एवं विकास + विस्तार सेवाओं को बढ़ावा (KVKs, IPM, इंटरक्रॉपिंग)।
2.5–3 मिलियन टन बफर स्टॉक बनाए रखें, आयात को गतिशील रूप से नियंत्रित करें।

📍निष्कर्ष
भारत को नीति पक्षपात, जलवायु जोखिम और आयात निर्भरता से निपटना होगा।
सुधार, अनुसंधान, खरीद और भंडारण के साथ, दालें किसानों की आय और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती हैं।

📍UPSC सिविल सेवा परीक्षा – पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs)

प्रीलिम्स
प्रश्न: भारत में दाल उत्पादन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें: (2020)
 1. उड़द दाल खरीफ और रबी दोनों फसल के रूप में उगाई जा सकती है।
 2. मूंग दाल अकेले लगभग आधे दाल उत्पादन के लिए जिम्मेदार है।
 3. पिछले तीन दशकों में, खरीफ दालों का उत्पादन बढ़ा है, जबकि रबी दालों का उत्पादन घटा है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 2
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (a)



मेन्स
प्रश्न: स्वतंत्रता के बाद भारत में कृषि में हुए विभिन्न प्रकार के क्रांतियों की व्याख्या करें। इन क्रांतियों ने भारत में गरीबी उन्मूलन और खाद्य सुरक्षा में कैसे मदद की है? (2017)
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🔆 ज्ञान भारतम मिशन: पांडुलिपि संरक्षण

📍नोडल मंत्रालय: संस्कृति मंत्रालय
📍उद्देश्य: भारत की पांडुलिपि विरासत का सर्वेक्षण, दस्तावेजीकरण और संरक्षण।
📍कवरेज: संस्थानों, संग्रहालयों, पुस्तकालयों और निजी संग्रहों में 1 करोड़ से अधिक पांडुलिपियाँ
📍मुख्य विशेषताएँ
भारतीय ज्ञान प्रणालियों का एक राष्ट्रीय डिजिटल भंडार स्थापित किया जाएगा।
राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन (NMM) के तहत कार्यान्वित।
बजट बढ़ाकर ₹3.5 करोड़ → ₹60 करोड़ किया गया।

🔆 राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन (NMM)

📍नोडल मंत्रालय: संस्कृति मंत्रालय
📍स्थापित: 2003

📍उद्देश्य
सर्वेक्षण के माध्यम से पांडुलिपियों का पता लगाना
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस में पांडुलिपियों का दस्तावेजीकरण
आधुनिक और स्वदेशी तकनीकों का उपयोग कर पांडुलिपियों का संरक्षण
पांडुलिपि अध्ययन में नई पीढ़ी के विद्वानों को प्रशिक्षित करना
दुर्लभ/संकटग्रस्त पांडुलिपियों को डिजिटाइज करना ताकि व्यापक पहुँच हो सके।
अप्रकाशित कार्यों के महत्वपूर्ण संस्करण प्रकाशित करना
सेमिनार, व्याख्यान, आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से सार्वजनिक जुड़ाव

📍अतिरिक्त बिंदु
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के अंतर्गत कार्य करता है।
डिजिटलीकरण और संरक्षण के लिए तकनीक का उपयोग।
संरक्षण विधियाँ: लेमिनेशन, पुनर्स्थापन, डीएसिडिफिकेशन
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🔆 “Restart: The Last Chance for the Indian Economy” – मिहिर एस. शर्मा
📘 भारत की अर्थव्यवस्था, सुधार और चुनौतियाँ

सुधार पर
🗨️ “भारत को कुछ बड़े सुधारों की नहीं, सैकड़ों छोटे सुधारों की ज़रूरत है।”
📌 निबंध में उपयोग: शासन, नीतिगत सुधार, क्रियान्वयन

अर्थव्यवस्था पर
🗨️ “भारत की अर्थव्यवस्था जुगाड़ पर नहीं, संस्थाओं पर चलनी चाहिए।”
📌 निबंध में उपयोग: संस्थान, आर्थिक स्थिरता, क़ानून का शासन

असमानता पर
🗨️ “भारत का भविष्य इस पर निर्भर करता है कि क्या विकास समावेशी बन सकता है।”
📌 निबंध में उपयोग: समानता, सामाजिक न्याय, विकास मॉडल

रोज़गार पर
🗨️ “वास्तविक संकट विकास का नहीं, रोज़गार का है।”
📌 निबंध में उपयोग: जनसांख्यिकीय लाभांश, रोजगार बनाम स्वचालन, श्रम सुधार

शासन पर
🗨️ “राज्य को कम शासन करना चाहिए, लेकिन बेहतर शासन करना चाहिए।”
📌 निबंध में उपयोग: न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन, कार्यकुशलता, सुशासन

#essay
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🔆 शहरी भीड़भाड़

📍समस्या को समझना
शहरी भीड़भाड़ = समय की हानि, तनाव, और लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क से स्वास्थ्य जोखिम।
फ्लाईओवर, सिग्नल-फ्री सड़कें, और चौड़ीकरण के बावजूद, ट्रैफिक जाम बने रहते हैं और बिगड़ते हैं

📍मुख्य जानकारियाँ (CSE अध्ययन, 50 भारतीय शहर)
पीक आवर यात्रा = गैर-पीक समय की तुलना में लगभग दोगुनी।
वाहनों के खड़े रहने से वायु प्रदूषण बढ़ता है
निजी वाहनों की संख्या बढ़ रही है → उदाहरण के लिए, दिल्ली में 500+ कारें/दिन जुड़ती हैं, लेकिन कारें केवल 7–11% यात्राएं हैं।

📍सार्वजनिक और पैरा-ट्रांजिट रुझान
सार्वजनिक परिवहन की कमी: बसें कम, विश्वसनीयता खराब।
पैरा-ट्रांजिट (ऑटो, ई-रिक्शा): अंतिम मील के लिए महत्वपूर्ण लेकिन बिना नियमन के → भीड़भाड़ बढ़ाता है।

📍प्रस्तावित समाधान
मास ट्रांसपोर्ट (बसें, मेट्रो, ट्राम) का विस्तार करें।
अंतिम मील की सुरक्षा के लिए चलने योग्य फुटपाथ बनाएं।
पैरा-ट्रांजिट को शहरी योजना में शामिल करें।
ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करें (विशेषकर अवैध पार्किंग)।

📍निष्कर्ष
केवल सड़कें भीड़भाड़ को हल नहीं करेंगी — मास ट्रांजिट सिस्टम + शहरी गतिशीलता योजना ही सतत, स्वस्थ शहरों के लिए असली समाधान हैं।

#UrbanTransport #MassTransit #GS1 #GS3
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doc202594627801.pdf
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🔆 अन्नदाताओं को सशक्त बनाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका

📍 क्यों फोकस में?
सरकार कृषि को आधुनिक बनाने के लिए AI, IoT, ड्रोन, सैटेलाइट्स और JAM त्रिमूर्ति का उपयोग कर रही है।
उद्देश्य: उत्पादन बढ़ाना, जोखिम कम करना, किसानों को बीज से बाजार तक सशक्त बनाना।

📍 मुख्य हाइलाइट्स
किसान ई-मित्र चैटबोट – पीएम-किसान, KCC, PMFBY पर 11 भाषाओं में प्रश्नों के उत्तर; 95 लाख से अधिक प्रश्न हल।
NPSS (2024) – AI आधारित कीट और रोग पहचान; 61 फसलों, 400+ कीटों को कवर करता है।
FASAL प्रोजेक्ट (ISRO) – अंतरिक्ष आधारित फसल पूर्वानुमान और स्वास्थ्य निगरानी।
ड्रोन – SMAM के तहत सब्सिडी; नमो ड्रोन दीदी (₹1261 करोड़, 15,000 ड्रोन SHGs के लिए); स्वामित्व योजना के तहत मैपिंग (3.23 लाख गांव)।
JAM त्रिमूर्ति – योजनाओं में DBT; उदाहरण के लिए, अगस्त 2025 में 9.7 करोड़ किसानों को ₹20,500 करोड़ का ट्रांसफर (PM-किसान)।

📍 चुनौतियाँ / प्रभाव
छोटे/सीमांत किसानों के बीच डिजिटल विभाजन।
सब्सिडी के बावजूद ड्रोन/AI अपनाने की उच्च लागत।
निरंतर प्रशिक्षण और अवसंरचना की आवश्यकता।

#Annadata
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🔆 कन्हेरी गुफा परिसर, मुंबई

📍समाचार में
कन्हेरी गुफा परिसर पश्चिमी भारत के सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध स्मारकों में से एक है।

📍कन्हेरी के बारे में
नाम की उत्पत्ति: बुद्धग्यानपद की 9वीं सदी की आत्मकथा से – “कन्हेरी” = आकाश (खा) में लिपटी हुई बेलें (अन्हेरी)।
भूविज्ञान: बेसाल्टिक पहाड़ियाँ, सह्याद्री श्रृंखला का हिस्सा।
बौद्ध महत्व: 2वीं सदी ईस्वी – 12वीं सदी ईस्वी तक फला-फूला; एक बड़ा मठ समुदाय था।
शैलियाँ: थेरेवाद → महायान → प्रारंभिक वज्रयान।
शाही संरक्षक: सातवाहन (2वीं सदी ईस्वी) से लेकर राष्ट्रकूट राजा अमोघवर्ष और सिल्हारा अधीनस्थ कपर्दिन द्वितीय तक।
कार्य: चट्टान में कटे "रिसॉर्ट" → ध्यान हॉल, विहार, शिलालेख।

📍प्रमुख गुफाएँ
गुफा 3: दो विशाल बुद्धों (20 फीट) के साथ मूर्तिकला गैलरी, गुप्तकालीन सारनाथ शैली
गुफा 41: एकादशमुख लोकेश्वर (11-मुख वाला अवलोकितेश्वर) की अनोखी मूर्ति – भारत में अपनी तरह की एकमात्र।
गुफा 90: अवलोकितेश्वर के साथ तारा और भृकुटी, भक्तों को अष्ट-महा-भय (आठ महान भय) से सुरक्षा।
👉 पहलवी में शिलालेख, जो फारसी आगंतुकों (11वीं सदी) को दर्शाते हैं।

📍महाराष्ट्र में चट्टान-कट वास्तुकला
उत्पत्ति: बरबर और नगरजुनी गुफाएँ (मौर्य-अशोक काल, बिहार)
महाराष्ट्र → चट्टान-कट स्थलों का केंद्र (भारत के 1200 में से 1000+)।
प्रसिद्ध: अजंता, एलोरा, औरंगाबाद
एलोरा: हिंदू गुफाएँ (5वीं सदी से); चरमोत्कर्ष = कैलासा मंदिर (गुफा 16)
पतन: पहली सहस्राब्दी के अंत तक → स्वतंत्र पत्थर मंदिर और विहार ने स्थान लिया।

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🔆 भारत के स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र में एआई की भूमिका

📍समाचार में क्यों?
एआई भारत के स्वास्थ्य देखभाल के अंतराल को पूरा करने के लिए एक उपकरण के रूप में उभर रहा है — डॉक्टरों की कमी, खराब बुनियादी ढांचा, और असमान पहुंच — लेकिन यह नैतिकता, डेटा गोपनीयता, और समानता के बारे में चिंताएं भी उठाता है।

📍स्वास्थ्य देखभाल में एआई का महत्व
निदान – एआई स्कैन में सूक्ष्म असामान्यताओं का पता लगाता है (जैसे Nature में स्तन कैंसर पहचान अध्ययन)।
व्यक्तिगत उपचार – आनुवंशिक, जीवनशैली, चिकित्सा डेटा का उपयोग कर सटीक चिकित्सा (जैसे IBM Watson Oncology)।
दवा खोज – एआई अणु डिजाइन को तेज करता है (जैसे Insilico Medicine ने 46 दिनों में फाइब्रोसिस दवा बनाई)।
क्लिनिकल वर्कफ़्लोज़ – NLP EHR प्रबंधन, शेड्यूलिंग, प्रतीक्षा समय कम करने में मदद करता है।
टेलीमेडिसिन और दूरस्थ देखभाल – एआई पहनने योग्य उपकरण, IoT डिवाइस वाइटल्स के लिए; WHO का Sarah चैटबोट स्वास्थ्य प्रचार के लिए।
चिकित्सा प्रशिक्षण – सर्जनों के लिए एआई + VR/AR सिमुलेटर, मेडिकल छात्रों के लिए अनुकूलित सीखना।

📍भारत में चुनौतियां
बुनियादी ढांचा अंतर – कई ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में बिजली और इंटरनेट की कमी।
डेटा समस्याएं – खराब गुणवत्ता, खंडित EHRs, एकीकरण की कमी।
डिजिटल विभाजन – 45% जनसंख्या ऑफ़लाइन (2023)।
नियामक शून्यता – DISHA अधिनियम लंबित, स्पष्ट एआई-स्वास्थ्य नियम नहीं।
नैतिक चिंताएं – पक्षपात, सहमति, गोपनीयता जोखिम।
उच्च लागत – भारत के कम स्वास्थ्य व्यय (1.8% GDP) के मुकाबले एआई सिस्टम महंगे।
भाषाई बाधाएं – 22 आधिकारिक भाषाएं, सैकड़ों बोलियां।

📍ICMR दिशानिर्देश (2023)
10 सिद्धांत – जवाबदेही, स्वायत्तता, गोपनीयता, सहयोग, सुरक्षा, समानता, डेटा अनुकूलन, निष्पक्षता, विश्वसनीयता, पारदर्शिता

📍आगे का रास्ता
एआई-तैयार प्रोटोकॉल के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य संसाधन डेटाबेस को मजबूत करें।
स्थानीय डेटा का उपयोग कर भारत-विशिष्ट एआई मॉडल बनाएं (जैसे IIT-दिल्ली का मलेरिया और टीबी के लिए एआई)।
स्तरीय एआई उपयोग – शहरों में उन्नत एआई, ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत कम-कनेक्टिविटी उपकरण।
नियंत्रित एआई परीक्षण के लिए नियामक सैंडबॉक्स
चिकित्सा प्रशिक्षण में एआई शिक्षा को शामिल करें।
MoHFW के तहत एआई नैतिकता समिति स्थापित करें।
ग्रामीण केंद्रों में डिजिटल स्वास्थ्य अवसंरचना को उन्नत करें।
विश्वास के लिए सार्वजनिक जागरूकता अभियान (जैसे पल्स पोलियो)।

📍UPSC सिविल सेवा परीक्षा – पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs)

प्रारंभिक परीक्षा
प्रश्न 1. वर्तमान विकास की स्थिति के साथ, कृत्रिम बुद्धिमत्ता निम्नलिखित में से कौन-सा प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)
 औद्योगिक इकाइयों में बिजली की खपत कम करना
 अर्थपूर्ण लघु कहानियां और गीत बनाना
 रोग निदान
 टेक्स्ट-टू-स्पीच रूपांतरण
 बिजली की वायरलेस ट्रांसमिशन
नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनें:
(a) 1, 2, 3 और 5 केवल
(b) 1, 3 और 4 केवल
(c) 2, 4 और 5 केवल
(d) 1, 2, 3, 4 और 5
उत्तर: (b)


प्रश्न 2. निम्नलिखित जोड़ों पर विचार करें: (2018)
समाचार में कभी-कभी देखे जाने वाले शब्द — संदर्भ/विषय
1. Belle II प्रयोग — कृत्रिम बुद्धिमत्ता
2. ब्लॉकचेन तकनीक — डिजिटल/क्रिप्टोकरेंसी
3. CRISPR–Cas9 — कण भौतिकी
उपरोक्त जोड़ों में से कौन-सा/से सही मेल खाते हैं?
(a) 1 और 3 केवल
(b) 2 केवल
(c) 2 और 3 केवल
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (b)


मुख्य परीक्षा
प्रश्न 1. वे कौन से श्रम क्षेत्र हैं जिन्हें रोबोट स्थायी रूप से प्रबंधित कर सकते हैं? उन पहलों पर चर्चा करें जो प्रमुख अनुसंधान संस्थानों में सार्थक और लाभकारी नवाचार के लिए अनुसंधान को प्रोत्साहित कर सकती हैं। (2015)


प्रश्न 2. "चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल क्रांति) के उदय ने ई-गवर्नेंस को सरकार का अभिन्न हिस्सा बना दिया है।" चर्चा करें। (2020)


#GS3 #DigitalHealth #PYQ #science_and_technology #ethics



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🔆 “Breaking the Mould: Reimagining India’s Economic Future” – रघुराम राजन व रोहित लांबा
📘 भारत की अर्थव्यवस्था की चुनौतियाँ और संभावनाएँ

रोज़गार पर
🗨️ “भारत की सबसे बड़ी चुनौती विकास नहीं, बल्कि अपने करोड़ों युवाओं के लिए अच्छे रोज़गार पैदा करना है।”
📌 निबंध में उपयोग: जनसांख्यिकीय लाभांश, रोजगार, समावेशी विकास

सुधार पर
🗨️ “भारत में सुधार कभी बड़े धमाके की तरह नहीं हुए; वे हमेशा क्रमिक रहे हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: नीतिगत सुधार, शासन, क्रियान्वयन की चुनौतियाँ

असमानता पर
🗨️ “न्याय के बिना विकास टिकाऊ नहीं हो सकता।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, समावेशी अर्थव्यवस्था, विकास मॉडल

संस्थानों पर
🗨️ “समृद्धि के लिए मज़बूत व्यक्ति नहीं, मज़बूत संस्थाएँ ज़्यादा आवश्यक हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: क़ानून का शासन, संस्थागत मज़बूती, लोकतंत्र

भारत के भविष्य पर
🗨️ “यदि भारत 21वीं सदी में अग्रणी बनना चाहता है तो उसे पुराने सोच का साँचा तोड़ना होगा।”
📌 निबंध में उपयोग: नवाचार, नेतृत्व, राष्ट्र-निर्माण

#essay
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🔆 यूपीएससी मेन्स मॉडल उत्तर – जीएस पेपर III (अर्थव्यवस्था)

📍 प्रश्न: डिसइन्वेस्टमेंट क्या है? क्या लाभकारी सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का डिसइन्वेस्टमेंट भारत जैसे समाजवादी लोकतंत्र के लिए हानिकारक है? अपने विचार प्रस्तुत करें। (10 अंक)

📍 परिचय
डिसइन्वेस्टमेंट का अर्थ है सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) में सरकार के स्वामित्व वाले शेयरों को बेचना या समाप्त करना। इसका मुख्य उद्देश्य वित्तीय बोझ कम करना, राजस्व बढ़ाना और निजी क्षेत्र की दक्षता को प्रोत्साहित करना है।

📍 लाभकारी PSUs के डिसइन्वेस्टमेंट से हानि क्यों नहीं होती
दक्षता और प्रतिस्पर्धा – निजी स्वामित्व बेहतर प्रबंधन और जवाबदेही लाता है।
उदाहरण: IRCTC IPO ने संचालन में सुधार किया।

राजस्व सृजन – विकास के लिए बड़ा गैर-कर राजस्व प्रदान करता है।
उदाहरण: एयर इंडिया की बिक्री ₹18,000 करोड़ में हुई, जिसमें से ₹2700 करोड़ सरकार को मिले।

बाजार अनुशासन – पारदर्शिता और बेहतर शासन।
उदाहरण: नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड का निजीकरण सफल रहा।

मुख्य गतिविधियों पर ध्यान – सरकार नीति निर्माण, विनियमन और जनकल्याण पर ध्यान केंद्रित कर सकती है।

📍 डिसइन्वेस्टमेंट की चिंताएं और जोखिम
सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान – कम मूल्यांकन और सस्ते दामों पर बिक्री का जोखिम।
उदाहरण: लक्ष्मी विलास केस।

सामाजिक उद्देश्य प्रभावित – PSUs रोजगार और किफायती सेवाएं प्रदान करते हैं।
उदाहरण: PSU नौकरियां 17.3 लाख (2013) से घटकर 14.6 लाख (2022) हो गईं।

एकाधिकार/ओलिगोपोली जोखिम – प्रतिस्पर्धा कम हो सकती है।
उदाहरण: एयर इंडिया की टाटा को बिक्री → विमानन में द्वि-एकाधिकार का खतरा।

अल्पकालिक दृष्टिकोण – निजी कंपनियां लाभ को जनकल्याण से ऊपर रख सकती हैं।

📍 आगे का रास्ता
मजबूत PSUs (नवरत्न/मिनिरत्न) को रणनीतिक स्वायत्तता दें।
MNCs के साथ प्रौद्योगिकी सहयोग को प्रोत्साहित करें।
गैर-मुख्य PSUs तक डिसइन्वेस्टमेंट सीमित रखें; रणनीतिक क्षेत्रों में नियंत्रण बनाए रखें।

📍 निष्कर्ष
डिसइन्वेस्टमेंट एक दोधारी तलवार है। यह दक्षता और राजस्व बढ़ाता है, लेकिन अनियंत्रित निजीकरण सामाजिक समानता के लिए खतरा है। भारत के समाजवादी-लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप एक सावधान, पारदर्शी और सुव्यवस्थित डिसइन्वेस्टमेंट नीति आवश्यक है।

#UPSCMains #GS3 #Economy #PSU #Disinvestment
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🔆 “Everybody Loves a Good Drought” – पी. साईनाथ
📘 ग्रामीण भारत, गरीबी और शासन की सच्चाई

गरीबी पर
🗨️ “भारत के गरीब कोई समस्या नहीं हैं जिन्हें हल किया जाए, वे ऐसे नागरिक हैं जिनके अधिकारों का सम्मान होना चाहिए।”
📌 निबंध में उपयोग: गरीबी उन्मूलन, मानव गरिमा, अधिकार आधारित दृष्टिकोण

शासन पर
🗨️ “नीतियाँ डिज़ाइन में नहीं, बल्कि क्रियान्वयन में असफल होती हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: क्रियान्वयन की कमी, शासन सुधार, कल्याणकारी योजनाएँ

ग्रामीण भारत पर
🗨️ “गाँव धन की कमी से नहीं, बल्कि ध्यान और जवाबदेही की कमी से पीड़ित हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: ग्रामीण विकास, विकेंद्रीकरण, पंचायत राज

असमानता पर
🗨️ “विकास उन लोगों को छोड़कर आगे बढ़ गया जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी।”
📌 निबंध में उपयोग: समावेशी विकास, सामाजिक न्याय, समानता

मानव विकास पर
🗨️ “सूखा केवल प्राकृतिक आपदा नहीं है, यह मानवीय विफलता भी है।”
📌 निबंध में उपयोग: आपदा प्रबंधन, पर्यावरणीय न्याय, नीतिगत असफलता
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🔆 “The Idea of India” – सुनील खिलनानी
📘 लोकतंत्र, पहचान और आधुनिक भारत पर विचार

राष्ट्र-निर्माण पर
🗨️ “भारत कोई नाज़ुक जोड़ नहीं, बल्कि लोकतंत्र से बंधी अनेक पहचानों की टिकाऊ मोज़ेक है।”
📌 निबंध में उपयोग: एकता में विविधता, राष्ट्र-निर्माण, बहुलतावाद

लोकतंत्र पर
🗨️ “भारत अकेला देश था जिसने जन्म के समय ही सार्वभौमिक मताधिकार दिया, न कि किसी दूर के वादे के रूप में।”
📌 निबंध में उपयोग: लोकतांत्रिक स्थिरता, राजनीतिक समानता, नेतृत्व दृष्टि

बहुलता पर
🗨️ “भारतीय प्रयोग यह दिखाता है कि पहचानें सीमित नहीं, बल्कि विस्तृत हो सकती हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: सहिष्णुता, सामाजिक सौहार्द, सांस्कृतिक समावेशिता

आधुनिकता और परंपरा पर
🗨️ “भारतीय राज्य को आधुनिकता से समझौता करते हुए गहरे पारंपरिक समाज में जड़ें जमानी पड़ीं।”
📌 निबंध में उपयोग: शासन की दुविधा, सामाजिक सुधार, नीतिगत चुनौतियाँ

भारत के भविष्य पर
🗨️ “चुनौती केवल अस्तित्व की नहीं है, बल्कि स्वतंत्रता को करोड़ों लोगों के जीवन में सार्थक बनाने की है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, विकास, संवैधानिक मूल्य

#essay
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🔆 मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र के लिए राष्ट्रीय अभियान (NAMASTE)
स्वच्छता कर्मचारियों को सुरक्षा और गरिमा के लिए सशक्त बनाना

📍 योजना के बारे में
जुलाई 2023 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) द्वारा शुरू की गई।
उद्देश्य: स्वच्छता कार्य में शून्य मृत्यु दर, खतरनाक सफाई का अंत, और मशीनीकृत, सुरक्षित प्रथाओं को बढ़ावा देना
व्यय: ₹349.7 करोड़ (2023–26), जो सभी 4800+ शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को कवर करता है।

📍 प्रमुख उपलब्धियां (अगस्त 2025 तक)
84,902 सीवर और सेप्टिक टैंक कर्मचारी (SSWs) सत्यापित।
37,980 कूड़ा चुनने वाले सत्यापित और एकीकृत।
45,871 पीपीई किट्स वितरित; 354 सुरक्षा उपकरण किट्स ERSUs को।
54,140 लाभार्थी आयुष्मान भारत–PMJAY और राज्य योजनाओं के तहत कवर।
₹20.36 करोड़ पूंजी सब्सिडी 707 स्वच्छता कर्मचारियों को वितरित।
1,089 कार्यशालाएं खतरनाक सफाई की रोकथाम पर आयोजित।

📍 प्रमुख घटक
SSWs और कूड़ा चुनने वालों का प्रोफाइलिंग और आईडी कार्ड।
व्यावसायिक सुरक्षा प्रशिक्षण + पीपीई किट्स।
आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाइयां (ERSUs)।
आयुष्मान भारत–PMJAY के तहत स्वास्थ्य बीमा।
स्वच्छता उद्यमी योजना (SUY) के माध्यम से आजीविका और उद्यम समर्थन।
SRMS, SBM, DAY-NULM, NSKFDC के साथ समन्वय।
कूड़ा चुनने वालों की गणना ऐप (जून 2025) लॉन्च की गई, जिसमें 2.5 लाख कूड़ा चुनने वालों का प्रोफाइल बनाया जाएगा।

📍 प्रासंगिकता
कर्मचारियों को विषाक्त व्यावसायिक खतरों से सुरक्षा।
गरिमा, सामाजिक सुरक्षा और कौशल विकास प्रदान करता है।
मशीनीकरण + उद्यमिता को प्रोत्साहित करता है (“Sanipreneurs”)।
समावेशी और सतत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करता है।

📍 आगे का रास्ता
कूड़ा चुनने वालों का औपचारिक एकीकरण मटेरियल रिकवरी फैसिलिटीज (MRFs) में।
मजबूत सुरक्षा संस्कृति, जागरूकता अभियान और मंत्रालयों का समन्वय
सामाजिक न्याय, पर्यावरणीय स्थिरता और आजीविका सुरक्षा सुनिश्चित करना

#Governance #SocialJustice
#goverment_schemes
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2025/11/07 06:50:02
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