प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की एक लाख करोड़ रुपये के परिव्यय वाली प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना की घोषणा
✅ ऐतिहासिक लाल किले से अपने 12वें स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को ₹1 लाख करोड़ के परिव्यय वाली प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोज़गार योजना की घोषणा की।
✅ यह योजना नव नियोजित युवाओं को दो किस्तों में ₹15,000 तक और नियोक्ताओं को नई नौकरी के अवसर पैदा करने के लिए प्रति नए कर्मचारी को 3000 रुपये प्रति माह तक का प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
✅ ₹99,446 करोड़ के परिव्यय के साथ, इस योजना का लक्ष्य दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करना है, जिनमें से 1.92 करोड़ नौकरियां पहली बार कार्यबल में शामिल होंगी। 1 अगस्त, 2025 और 31 जुलाई, 2027 के बीच सृजित नौकरियों पर लागू होंगे।
✅ ऐतिहासिक लाल किले से अपने 12वें स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को ₹1 लाख करोड़ के परिव्यय वाली प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोज़गार योजना की घोषणा की।
✅ यह योजना नव नियोजित युवाओं को दो किस्तों में ₹15,000 तक और नियोक्ताओं को नई नौकरी के अवसर पैदा करने के लिए प्रति नए कर्मचारी को 3000 रुपये प्रति माह तक का प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
✅ ₹99,446 करोड़ के परिव्यय के साथ, इस योजना का लक्ष्य दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करना है, जिनमें से 1.92 करोड़ नौकरियां पहली बार कार्यबल में शामिल होंगी। 1 अगस्त, 2025 और 31 जुलाई, 2027 के बीच सृजित नौकरियों पर लागू होंगे।
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🔆 भारत डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना के तहत सेमीकंडक्टर नवाचार को बढ़ावा देता है
📍 समाचार में क्यों?
भारत सरकार ने घरेलू सेमीकंडक्टर नवाचार को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना के तहत 23 चिप डिजाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी है। एक प्रमुख खिलाड़ी, वर्वसेमी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स ने वैश्विक आत्मनिर्भरता को लक्षित करते हुए भारत-डिज़ाइन की गई चिप्स का रोडमैप प्रस्तुत किया।
📍 DLI योजना क्या है?
✅ घरेलू चिप और SoC (सिस्टम-ऑन-चिप) डिजाइन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई
✅ इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन (EDA) टूल्स तक पहुंच में स्टार्टअप्स और MSMEs का समर्थन करती है
✅ MeitY के तहत चिप्स टू स्टार्टअप (C2S) पहल के पूरक
✅ भारत की सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला में स्थिति को मजबूत करने का लक्ष्य
📍 मुख्य विशेषताएं – वर्वसेमी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स
✅ पहली भारतीय कंपनी जो चिप IPs का वैश्विक निर्यात करती है।
✅ विकासाधीन उन्नत चिप श्रेणियां:
🟩 BLDC ASIC छोटे मोटरों के लिए (जैसे पंखे, उपकरण)
🟩 EVs और ड्रोन के लिए ASIC – प्रिसिजन मोटर-कंट्रोल समाधान
🟩 स्मार्ट ऊर्जा मीटरिंग के लिए ICs पूर्वानुमानित रखरखाव के साथ
🟩 स्पेस, एवियोनिक्स, फोर्स टच, वजन, सेंसिंग के लिए ICs
📍 प्रौद्योगिकी फोकस
✅ एम्बेडेड मशीन लर्निंग
✅ सेल्फ-हीलिंग और फेल-सेफ सिस्टम
✅ पूर्वानुमानित डायग्नोस्टिक्स और कैलिब्रेशन
✅ स्मार्ट, सुरक्षित और कुशल इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए उद्योग-प्रथम सिग्नल-चेन डिजाइन
📍 भारत के दीर्घकालिक लक्ष्य
🔹 चिप्स का वॉल्यूम उत्पादन देर 2026/शुरुआत 2027 तक
🔹 चिप आयात को कम करना, आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करना
🔹 भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में स्थापित करना
📚 GS3 प्रासंगिकता – विज्ञान और प्रौद्योगिकी + अर्थव्यवस्था
✅ रणनीतिक प्रौद्योगिकियों के लिए सरकारी योजनाएं
✅ अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र और सार्वजनिक-निजी तकनीकी सहयोग
#GS3
#prelims
#science_technology
#science_and_technology
📍 समाचार में क्यों?
भारत सरकार ने घरेलू सेमीकंडक्टर नवाचार को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना के तहत 23 चिप डिजाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी है। एक प्रमुख खिलाड़ी, वर्वसेमी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स ने वैश्विक आत्मनिर्भरता को लक्षित करते हुए भारत-डिज़ाइन की गई चिप्स का रोडमैप प्रस्तुत किया।
📍 DLI योजना क्या है?
✅ घरेलू चिप और SoC (सिस्टम-ऑन-चिप) डिजाइन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई
✅ इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन (EDA) टूल्स तक पहुंच में स्टार्टअप्स और MSMEs का समर्थन करती है
✅ MeitY के तहत चिप्स टू स्टार्टअप (C2S) पहल के पूरक
✅ भारत की सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला में स्थिति को मजबूत करने का लक्ष्य
📍 मुख्य विशेषताएं – वर्वसेमी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स
✅ पहली भारतीय कंपनी जो चिप IPs का वैश्विक निर्यात करती है।
✅ विकासाधीन उन्नत चिप श्रेणियां:
🟩 BLDC ASIC छोटे मोटरों के लिए (जैसे पंखे, उपकरण)
🟩 EVs और ड्रोन के लिए ASIC – प्रिसिजन मोटर-कंट्रोल समाधान
🟩 स्मार्ट ऊर्जा मीटरिंग के लिए ICs पूर्वानुमानित रखरखाव के साथ
🟩 स्पेस, एवियोनिक्स, फोर्स टच, वजन, सेंसिंग के लिए ICs
📍 प्रौद्योगिकी फोकस
✅ एम्बेडेड मशीन लर्निंग
✅ सेल्फ-हीलिंग और फेल-सेफ सिस्टम
✅ पूर्वानुमानित डायग्नोस्टिक्स और कैलिब्रेशन
✅ स्मार्ट, सुरक्षित और कुशल इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए उद्योग-प्रथम सिग्नल-चेन डिजाइन
📍 भारत के दीर्घकालिक लक्ष्य
🔹 चिप्स का वॉल्यूम उत्पादन देर 2026/शुरुआत 2027 तक
🔹 चिप आयात को कम करना, आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करना
🔹 भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में स्थापित करना
📚 GS3 प्रासंगिकता – विज्ञान और प्रौद्योगिकी + अर्थव्यवस्था
✅ रणनीतिक प्रौद्योगिकियों के लिए सरकारी योजनाएं
✅ अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र और सार्वजनिक-निजी तकनीकी सहयोग
#GS3
#prelims
#science_technology
#science_and_technology
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🔆 महासागरीय धाराएँ – क्षैतिज गति
📍 यह क्यों महत्वपूर्ण है?
महासागरीय धाराएँ पृथ्वी की जलवायु प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं — ये तापमान को नियंत्रित करती हैं, गर्मी का पुनर्वितरण करती हैं, मानसून को प्रभावित करती हैं, और समुद्री जीवन को बनाए रखती हैं। यह दोनों में एक गर्म विषय है: प्रारंभिक परीक्षा और GS1 मेन्स भूगोल।
📍 महासागरीय धाराओं की क्षैतिज गति
🟩 1. सतही महासागरीय धाराएँ
✅ सौर ऊर्जा द्वारा संचालित वैश्विक वायु प्रणालियों से प्रेरित
✅ भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक गर्मी का स्थानांतरण
✅ स्थानीय और वैश्विक जलवायु पर प्रमुख प्रभाव
✅ उदाहरण:
▪️ गल्फ स्ट्रीम – कैरेबियन में उत्पन्न
▪️ अमेज़न नदी से 150 गुना अधिक पानी ले जाता है
▪️ पश्चिमी यूरोप को गर्म करता है, मानसून चक्रों को प्रभावित करता है
🟩 2. गहरी महासागरीय धाराएँ (थर्मोहेलाइन परिसंचरण)
✅ तापमान और लवणता के कारण पानी के घनत्व में अंतर से उत्पन्न
✅ ध्रुवीय क्षेत्रों में, जमने से नमक पीछे रह जाता है → घना पानी डूबता है
✅ गर्म पानी इसे प्रतिस्थापित करने के लिए ऊपर उठता है
✅ वैश्विक कन्वेयर बेल्ट को सक्रिय करता है – गहरे महासागर परिसंचरण की एक विश्वव्यापी प्रणाली
✅ जलवायु स्थिरता, पोषक तत्व प्रवाह, और कार्बन चक्र बनाए रखता है
📍 शामिल करने के लिए कीवर्ड:
🔹 गल्फ स्ट्रीम
🔹 कन्वेयर बेल्ट
🔹 थर्मोहेलाइन
🔹 गर्मी का पुनर्वितरण
🔹 वायु प्रणालियाँ
🔹 जलवायु नियंत्रण
🔹 लवणता और घनत्व ग्रेडिएंट
🧠 #UPSC #GS1 #geography
📍 यह क्यों महत्वपूर्ण है?
महासागरीय धाराएँ पृथ्वी की जलवायु प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं — ये तापमान को नियंत्रित करती हैं, गर्मी का पुनर्वितरण करती हैं, मानसून को प्रभावित करती हैं, और समुद्री जीवन को बनाए रखती हैं। यह दोनों में एक गर्म विषय है: प्रारंभिक परीक्षा और GS1 मेन्स भूगोल।
📍 महासागरीय धाराओं की क्षैतिज गति
🟩 1. सतही महासागरीय धाराएँ
✅ सौर ऊर्जा द्वारा संचालित वैश्विक वायु प्रणालियों से प्रेरित
✅ भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक गर्मी का स्थानांतरण
✅ स्थानीय और वैश्विक जलवायु पर प्रमुख प्रभाव
✅ उदाहरण:
▪️ गल्फ स्ट्रीम – कैरेबियन में उत्पन्न
▪️ अमेज़न नदी से 150 गुना अधिक पानी ले जाता है
▪️ पश्चिमी यूरोप को गर्म करता है, मानसून चक्रों को प्रभावित करता है
🟩 2. गहरी महासागरीय धाराएँ (थर्मोहेलाइन परिसंचरण)
✅ तापमान और लवणता के कारण पानी के घनत्व में अंतर से उत्पन्न
✅ ध्रुवीय क्षेत्रों में, जमने से नमक पीछे रह जाता है → घना पानी डूबता है
✅ गर्म पानी इसे प्रतिस्थापित करने के लिए ऊपर उठता है
✅ वैश्विक कन्वेयर बेल्ट को सक्रिय करता है – गहरे महासागर परिसंचरण की एक विश्वव्यापी प्रणाली
✅ जलवायु स्थिरता, पोषक तत्व प्रवाह, और कार्बन चक्र बनाए रखता है
📘 UPSC प्रारंभिक परीक्षा बूस्टर
प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सतही महासागरीय धाराओं को मुख्य रूप से संचालित करता है?
a) कोरियोलिस बल
b) लवणता ग्रेडिएंट
✅ c) वैश्विक वायु प्रणालियाँ
d) महासागर के नीचे भूकंप
📘 UPSC मेन्स GS1 (भूगोल) अभ्यास प्रश्न
प्रश्न: क्षैतिज महासागरीय धाराओं की प्रक्रिया और पृथ्वी की जलवायु प्रणाली को नियंत्रित करने में उनकी भूमिका समझाइए। सतही और गहरी महासागरीय धाराओं के निर्माण और प्रभाव में क्या अंतर है? (उत्तर 250 शब्दों में)
📍 शामिल करने के लिए कीवर्ड:
🔹 गल्फ स्ट्रीम
🔹 कन्वेयर बेल्ट
🔹 थर्मोहेलाइन
🔹 गर्मी का पुनर्वितरण
🔹 वायु प्रणालियाँ
🔹 जलवायु नियंत्रण
🔹 लवणता और घनत्व ग्रेडिएंट
🧠 #UPSC #GS1 #geography
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🔆 🚨 आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश – वैज्ञानिक आधार और सहानुभूति की कमी के लिए आलोचना
📍 समाचार में क्यों?
11 अगस्त, 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में सभी आवारा कुत्तों को पकड़ने और जेल में रखने का आदेश दिया।
⚠️ इसे व्यापक रूप से वैज्ञानिक रूप से त्रुटिपूर्ण, कानूनी रूप से संदिग्ध और नैतिक रूप से अस्वीकार्य बताया गया।
📍 सौभाग्य से, यह आदेश 22 अगस्त, 2025 को स्थगित कर दिया गया — लेकिन इस तरह के निर्देश ने तीव्र बहस को जन्म दिया।
📍 मुख्य आलोचनाएं:
✅ मानवीय और वैज्ञानिक विकल्पों को नजरअंदाज किया गया जैसे कि ABC (Animal Birth Control) मॉडल
✅ कुत्तों के सामूहिक आश्रय को वैश्विक स्तर पर असफल दिखाया गया है — जिसके परिणामस्वरूप:
‣ मानसिक तनाव
‣ रोगों का प्रसार
‣ हिंसक कुत्तों की लड़ाई
‣ कुत्तों के सफाई करने वालों के हटने से चूहों की संख्या में वृद्धि
✅ अनुच्छेद 51(ए)(ग) का उल्लंघन: प्रत्येक नागरिक का जीवित प्राणियों के प्रति सहानुभूति का कर्तव्य
✅ इसे MCD के पशु कल्याण, शहरी योजना और वैज्ञानिक शहरी कुत्ता प्रबंधन में खराब रिकॉर्ड के लिए धुंधला पर्दा माना गया
📍 विशेषज्ञ दृष्टिकोण:
🧠 यह आदेश WHO और भारतीय वैज्ञानिक दिशानिर्देशों के खिलाफ था।
📉 जोधपुर के ABC मॉडल की सफलता और दिल्ली की विफलता यह दर्शाती है कि साक्ष्य-आधारित नीति ही एकमात्र टिकाऊ समाधान है।
📍 प्रस्तावित विकल्प:
✅ लक्षित, साक्ष्य-आधारित ABC और टीकाकरण
✅ व्यापक, गैर-वैज्ञानिक हटाने से बचें जो पशु अधिकारों और नागरिक नैतिकता दोनों का उल्लंघन करता है
✅ नीति निर्माण में पशु चिकित्सकों, पशु कल्याण विशेषज्ञों और कानून को शामिल करें
📍 GS2/GS4 नैतिकता कीवर्ड और मुख्य विषय:
🔹 वैज्ञानिक सोच और नीति
🔹 पशु कल्याण और संवैधानिक कर्तव्य
🔹 शहरी शासन
🔹 मानवीय और सहानुभूतिपूर्ण कानून
🔹 अनुच्छेद 51A(g) – मौलिक कर्तव्य
🔹 बिना आवाज़ वाले प्राणियों के अधिकार
🧠 #GS2 #Polity #GS4 #Ethics
📍 समाचार में क्यों?
11 अगस्त, 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में सभी आवारा कुत्तों को पकड़ने और जेल में रखने का आदेश दिया।
⚠️ इसे व्यापक रूप से वैज्ञानिक रूप से त्रुटिपूर्ण, कानूनी रूप से संदिग्ध और नैतिक रूप से अस्वीकार्य बताया गया।
📍 सौभाग्य से, यह आदेश 22 अगस्त, 2025 को स्थगित कर दिया गया — लेकिन इस तरह के निर्देश ने तीव्र बहस को जन्म दिया।
📍 मुख्य आलोचनाएं:
✅ मानवीय और वैज्ञानिक विकल्पों को नजरअंदाज किया गया जैसे कि ABC (Animal Birth Control) मॉडल
✅ कुत्तों के सामूहिक आश्रय को वैश्विक स्तर पर असफल दिखाया गया है — जिसके परिणामस्वरूप:
‣ मानसिक तनाव
‣ रोगों का प्रसार
‣ हिंसक कुत्तों की लड़ाई
‣ कुत्तों के सफाई करने वालों के हटने से चूहों की संख्या में वृद्धि
✅ अनुच्छेद 51(ए)(ग) का उल्लंघन: प्रत्येक नागरिक का जीवित प्राणियों के प्रति सहानुभूति का कर्तव्य
✅ इसे MCD के पशु कल्याण, शहरी योजना और वैज्ञानिक शहरी कुत्ता प्रबंधन में खराब रिकॉर्ड के लिए धुंधला पर्दा माना गया
📍 विशेषज्ञ दृष्टिकोण:
🧠 यह आदेश WHO और भारतीय वैज्ञानिक दिशानिर्देशों के खिलाफ था।
📉 जोधपुर के ABC मॉडल की सफलता और दिल्ली की विफलता यह दर्शाती है कि साक्ष्य-आधारित नीति ही एकमात्र टिकाऊ समाधान है।
📍 प्रस्तावित विकल्प:
✅ लक्षित, साक्ष्य-आधारित ABC और टीकाकरण
✅ व्यापक, गैर-वैज्ञानिक हटाने से बचें जो पशु अधिकारों और नागरिक नैतिकता दोनों का उल्लंघन करता है
✅ नीति निर्माण में पशु चिकित्सकों, पशु कल्याण विशेषज्ञों और कानून को शामिल करें
📍 GS2/GS4 नैतिकता कीवर्ड और मुख्य विषय:
🔹 वैज्ञानिक सोच और नीति
🔹 पशु कल्याण और संवैधानिक कर्तव्य
🔹 शहरी शासन
🔹 मानवीय और सहानुभूतिपूर्ण कानून
🔹 अनुच्छेद 51A(g) – मौलिक कर्तव्य
🔹 बिना आवाज़ वाले प्राणियों के अधिकार
🧠 #GS2 #Polity #GS4 #Ethics
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🔆 “Everybody Loves a Good Drought” – पी. साईनाथ
📘 भारत के ग्रामीण जीवन और विकास की सच्चाई
✅ गरीबी और असमानता पर
🗨️ “गरीबी केवल आय की कमी नहीं है — यह शक्तिहीनता है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास
✅ शासन पर
🗨️ “भारत के गरीब इसलिए गरीब नहीं हैं कि उनमें उद्यमिता की कमी है, वे गरीब इसलिए हैं क्योंकि व्यवस्थाएँ उन्हें न्याय से वंचित करती हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: शासन विफलताएँ, कल्याण योजनाएँ, नीतिगत खामियाँ
✅ ग्रामीण भारत पर
🗨️ “भारत के गाँवों में विकास अक्सर ठेकेदार के बिल के रूप में आता है।”
📌 निबंध में उपयोग: बुनियादी ढाँचा बनाम परिणाम, समावेशी विकास, ग्रामीण अर्थव्यवस्था
✅ सामाजिक न्याय पर
🗨️ “गरीब अदृश्य इसलिए नहीं हैं कि वे मौजूद नहीं, बल्कि इसलिए कि हम उन्हें देखना नहीं चाहते।”
📌 निबंध में उपयोग: हाशियाकरण, प्रतिनिधित्व, नैतिक उत्तरदायित्व
✅ विकास मॉडल पर
🗨️ “सूखा केवल बारिश की कमी नहीं है — यह न्याय की कमी है।”
📌 निबंध में उपयोग: सतत विकास, जलवायु न्याय, समानता
#essays
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📘 भारत के ग्रामीण जीवन और विकास की सच्चाई
✅ गरीबी और असमानता पर
🗨️ “गरीबी केवल आय की कमी नहीं है — यह शक्तिहीनता है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास
✅ शासन पर
🗨️ “भारत के गरीब इसलिए गरीब नहीं हैं कि उनमें उद्यमिता की कमी है, वे गरीब इसलिए हैं क्योंकि व्यवस्थाएँ उन्हें न्याय से वंचित करती हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: शासन विफलताएँ, कल्याण योजनाएँ, नीतिगत खामियाँ
✅ ग्रामीण भारत पर
🗨️ “भारत के गाँवों में विकास अक्सर ठेकेदार के बिल के रूप में आता है।”
📌 निबंध में उपयोग: बुनियादी ढाँचा बनाम परिणाम, समावेशी विकास, ग्रामीण अर्थव्यवस्था
✅ सामाजिक न्याय पर
🗨️ “गरीब अदृश्य इसलिए नहीं हैं कि वे मौजूद नहीं, बल्कि इसलिए कि हम उन्हें देखना नहीं चाहते।”
📌 निबंध में उपयोग: हाशियाकरण, प्रतिनिधित्व, नैतिक उत्तरदायित्व
✅ विकास मॉडल पर
🗨️ “सूखा केवल बारिश की कमी नहीं है — यह न्याय की कमी है।”
📌 निबंध में उपयोग: सतत विकास, जलवायु न्याय, समानता
#essays
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🔆 तीसरा अंतरराष्ट्रीय युवा बौद्ध विद्वान सम्मेलन (ICYBS) – 2025
📍 समाचार में क्यों?
तीसरा ICYBS सफलतापूर्वक डॉ. अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इसे अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महासंघ (IBC) द्वारा आयोजित किया गया, जिसका विषय था:
👉 “21वीं सदी में बुद्ध धर्म में ज्ञान का संचार”।
📍 सम्मेलन के बारे में
✅ स्थान – डॉ. अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली
✅ आयोजक – अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महासंघ (IBC)
✅ उद्देश्य – युवा विद्वानों और बुद्ध की स्थायी शिक्षाओं के बीच संवाद को बढ़ावा देना।
📍 वर्षों के विषय
✅ 2023 – “बौद्ध तीर्थयात्रा” की खोज
✅ 2024 – “शिक्षा, अनुसंधान, स्वास्थ्य सेवा और कल्याण में बुद्ध धर्म का समावेशन”
✅ 2025 – “21वीं सदी में बुद्ध धर्म में ज्ञान का संचार”
🔆 अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महासंघ (IBC) के बारे में
✅ प्रकार – विश्व के सबसे बड़े छत्र संगठन में से एक
✅ स्थापना – 2011
✅ मुख्यालय – नई दिल्ली
✅ मंत्र – “सामूहिक ज्ञान, एकीकृत आवाज”
✅ उद्देश्य:
• वैश्विक बौद्ध चिंताओं को संबोधित करना
• नीति वकालत, सांस्कृतिक संरक्षण, और युवा सहभागिता
• धर्म संवाद को बढ़ावा देना और विरासत का संरक्षण
📍 मुख्य पहल
✅ वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन (2023)
✅ एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन (2024)
✅ अंतरराष्ट्रीय अभिधम्म दिवस (2024)
#history
@CSE_EXAM
@upsc_4_history
📍 समाचार में क्यों?
तीसरा ICYBS सफलतापूर्वक डॉ. अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इसे अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महासंघ (IBC) द्वारा आयोजित किया गया, जिसका विषय था:
👉 “21वीं सदी में बुद्ध धर्म में ज्ञान का संचार”।
📍 सम्मेलन के बारे में
✅ स्थान – डॉ. अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली
✅ आयोजक – अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महासंघ (IBC)
✅ उद्देश्य – युवा विद्वानों और बुद्ध की स्थायी शिक्षाओं के बीच संवाद को बढ़ावा देना।
📍 वर्षों के विषय
✅ 2023 – “बौद्ध तीर्थयात्रा” की खोज
✅ 2024 – “शिक्षा, अनुसंधान, स्वास्थ्य सेवा और कल्याण में बुद्ध धर्म का समावेशन”
✅ 2025 – “21वीं सदी में बुद्ध धर्म में ज्ञान का संचार”
🔆 अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महासंघ (IBC) के बारे में
✅ प्रकार – विश्व के सबसे बड़े छत्र संगठन में से एक
✅ स्थापना – 2011
✅ मुख्यालय – नई दिल्ली
✅ मंत्र – “सामूहिक ज्ञान, एकीकृत आवाज”
✅ उद्देश्य:
• वैश्विक बौद्ध चिंताओं को संबोधित करना
• नीति वकालत, सांस्कृतिक संरक्षण, और युवा सहभागिता
• धर्म संवाद को बढ़ावा देना और विरासत का संरक्षण
📍 मुख्य पहल
✅ वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन (2023)
✅ एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन (2024)
✅ अंतरराष्ट्रीय अभिधम्म दिवस (2024)
#history
@CSE_EXAM
@upsc_4_history
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🔆 भारत को थाईलैंड में 23वें GC में AIBD कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया
📍 समाचार में क्यों?
भारत को एशिया-प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान (AIBD) के कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया है, जो 23वें जनरल कॉन्फ्रेंस (19-21 अगस्त, 2025) के दौरान फुकेत, थाईलैंड में आयोजित हुई — यह पद 2016 के बाद से फिर से प्राप्त हुआ है।
📍 मुख्य बिंदु:
✅ भारत को सबसे अधिक वोट मिले, जो इसके प्रसारण नेतृत्व में वैश्विक विश्वास को पुनः पुष्टि करता है।
✅ AIBD GC के अध्यक्ष के रूप में वर्तमान कार्यकाल अगस्त 2025 तक जारी रहेगा।
✅ गौरव द्विवेदी, प्रसार भारती के CEO, ने सम्मेलन की अध्यक्षता की और भारत का प्रतिनिधित्व किया।
✅ भारत ने द्विपक्षीय साझेदारी और सहयोगी मीडिया विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
📍 AIBD के बारे में:
✅ 1977 में UNESCO के तहत स्थापित
✅ एक क्षेत्रीय अंतर-सरकारी मीडिया निकाय
✅ 45 देशों के 92 सदस्य संगठन
• 26 सरकारी सदस्य (48 प्रसारक)
• एशिया-प्रशांत, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका से 44 संबद्ध सदस्य
✅ भारत एक संस्थापक सदस्य है; जिसका प्रतिनिधित्व प्रसार भारती करता है
📍 AIBD GC 2025 के बारे में:
✅ विषय: “लोगों, शांति और समृद्धि के लिए मीडिया”
✅ फोकस: नीति विनिमय, संसाधन साझा करना, सहकारी मीडिया वातावरण
✨ #अंतरराष्ट्रीय_संबंध #AIBD #सॉफ्टपावर #GS2 #ir
📍 समाचार में क्यों?
भारत को एशिया-प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान (AIBD) के कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया है, जो 23वें जनरल कॉन्फ्रेंस (19-21 अगस्त, 2025) के दौरान फुकेत, थाईलैंड में आयोजित हुई — यह पद 2016 के बाद से फिर से प्राप्त हुआ है।
📍 मुख्य बिंदु:
✅ भारत को सबसे अधिक वोट मिले, जो इसके प्रसारण नेतृत्व में वैश्विक विश्वास को पुनः पुष्टि करता है।
✅ AIBD GC के अध्यक्ष के रूप में वर्तमान कार्यकाल अगस्त 2025 तक जारी रहेगा।
✅ गौरव द्विवेदी, प्रसार भारती के CEO, ने सम्मेलन की अध्यक्षता की और भारत का प्रतिनिधित्व किया।
✅ भारत ने द्विपक्षीय साझेदारी और सहयोगी मीडिया विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
📍 AIBD के बारे में:
✅ 1977 में UNESCO के तहत स्थापित
✅ एक क्षेत्रीय अंतर-सरकारी मीडिया निकाय
✅ 45 देशों के 92 सदस्य संगठन
• 26 सरकारी सदस्य (48 प्रसारक)
• एशिया-प्रशांत, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका से 44 संबद्ध सदस्य
✅ भारत एक संस्थापक सदस्य है; जिसका प्रतिनिधित्व प्रसार भारती करता है
📍 AIBD GC 2025 के बारे में:
✅ विषय: “लोगों, शांति और समृद्धि के लिए मीडिया”
✅ फोकस: नीति विनिमय, संसाधन साझा करना, सहकारी मीडिया वातावरण
✅ प्रारंभिक प्रश्न:
2025 में 23वां AIBD जनरल कॉन्फ्रेंस कहाँ आयोजित किया गया था?
A. नई दिल्ली
B. बैंकॉक
C. फुकेत
D. ढाका
उत्तर: C
✅ मुख्य प्रश्न:
AIBD कार्यकारी बोर्ड की अध्यक्षता में भारत के महत्व पर चर्चा करें। यह वैश्विक मीडिया सहयोग और सॉफ्ट पावर कूटनीति में भारत के बढ़ते नेतृत्व को कैसे दर्शाता है?
✨ #अंतरराष्ट्रीय_संबंध #AIBD #सॉफ्टपावर #GS2 #ir
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🔆 छोटे-छोटे चीजों के भगवान से 5 उद्धरण – अरुंधति रॉय
📘 भारत में प्रेम, हानि, और असमानता की कहानी
✅ असमानता पर
🗨️ “वास्तव में 'बिना आवाज़ वाले' कोई नहीं होते। केवल जानबूझकर चुप कर दिए गए या पसंदीदा रूप से अनसुने होते हैं।”
📌 निबंधों में उपयोग करें: हाशियाकरण, सामाजिक न्याय, प्रतिनिधित्व
✅ जाति और बाधाओं पर
🗨️ “यह अजीब है कि कभी-कभी मृत्यु की याद जीवन की याद से कहीं अधिक समय तक जीवित रहती है जिसे उसने छीन लिया।”
📌 निबंधों में उपयोग करें: जाति उत्पीड़न, ऐतिहासिक अन्याय, असमानता की स्मृति
✅ सामाजिक अन्याय पर
🗨️ “परिवर्तन एक बात है। स्वीकार्यता दूसरी।”
📌 निबंधों में उपयोग करें: सुधार बनाम सामाजिक मानसिकता, समानता के प्रति प्रतिरोध, सामाजिक परिवर्तन
✅ स्वतंत्रता पर
🗨️ “वे सभी निषिद्ध क्षेत्र में चले गए। वे सभी नियम तोड़ दिए। वे सभी उन कानूनों में छेड़छाड़ की जो बताते हैं कि किसे प्यार किया जाना चाहिए, और कैसे।”
📌 निबंधों में उपयोग करें: व्यक्तिगत स्वतंत्रता, लिंग न्याय, प्रेम बनाम कानून
✅ मानव गरिमा पर
🗨️ “चीजें एक दिन में बदल सकती हैं।”
📌 निबंधों में उपयोग करें: आशा, सामाजिक सुधार, मानव सहनशीलता
📘 भारत में प्रेम, हानि, और असमानता की कहानी
✅ असमानता पर
🗨️ “वास्तव में 'बिना आवाज़ वाले' कोई नहीं होते। केवल जानबूझकर चुप कर दिए गए या पसंदीदा रूप से अनसुने होते हैं।”
📌 निबंधों में उपयोग करें: हाशियाकरण, सामाजिक न्याय, प्रतिनिधित्व
✅ जाति और बाधाओं पर
🗨️ “यह अजीब है कि कभी-कभी मृत्यु की याद जीवन की याद से कहीं अधिक समय तक जीवित रहती है जिसे उसने छीन लिया।”
📌 निबंधों में उपयोग करें: जाति उत्पीड़न, ऐतिहासिक अन्याय, असमानता की स्मृति
✅ सामाजिक अन्याय पर
🗨️ “परिवर्तन एक बात है। स्वीकार्यता दूसरी।”
📌 निबंधों में उपयोग करें: सुधार बनाम सामाजिक मानसिकता, समानता के प्रति प्रतिरोध, सामाजिक परिवर्तन
✅ स्वतंत्रता पर
🗨️ “वे सभी निषिद्ध क्षेत्र में चले गए। वे सभी नियम तोड़ दिए। वे सभी उन कानूनों में छेड़छाड़ की जो बताते हैं कि किसे प्यार किया जाना चाहिए, और कैसे।”
📌 निबंधों में उपयोग करें: व्यक्तिगत स्वतंत्रता, लिंग न्याय, प्रेम बनाम कानून
✅ मानव गरिमा पर
🗨️ “चीजें एक दिन में बदल सकती हैं।”
📌 निबंधों में उपयोग करें: आशा, सामाजिक सुधार, मानव सहनशीलता
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⚕️ चिकित्सा उपकरणों को दवाओं के रूप में विनियमित किया जाएगा
📅 सूचना: फरवरी 2019
📍 प्रभावी तिथि: 1 अप्रैल 2020
📍 कानून: दवाएं और कॉस्मेटिक्स अधिनियम, 1940
✅ क्या बदला?
• सभी प्रत्यारोपण योग्य चिकित्सा उपकरण + उच्च स्तरीय उपकरण जैसे CT, PET, MRI मशीनें, डायलिसिस मशीनें कानून के तहत "दवाओं" के रूप में मानी जाएंगी।
✅ सुधार से पहले:
• केवल 23 चिकित्सा उपकरण CDSCO (सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन) द्वारा अधिनियम के तहत विनियमित थे।
• अधिकांश चिकित्सा उपकरण गुणवत्ता नियंत्रण के बाहर थे।
✅ क्यों महत्वपूर्ण?
• चिकित्सा उपकरणों की गुणवत्ता, प्रभावकारिता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
• मरीजों को निम्न गुणवत्ता वाले उपकरणों से बचाता है।
• अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के अनुरूप समान मानक लाता है।
✅ नियामक:
• CDSCO (सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन) – भारत का शीर्ष दवा नियामक।
📅 सूचना: फरवरी 2019
📍 प्रभावी तिथि: 1 अप्रैल 2020
📍 कानून: दवाएं और कॉस्मेटिक्स अधिनियम, 1940
✅ क्या बदला?
• सभी प्रत्यारोपण योग्य चिकित्सा उपकरण + उच्च स्तरीय उपकरण जैसे CT, PET, MRI मशीनें, डायलिसिस मशीनें कानून के तहत "दवाओं" के रूप में मानी जाएंगी।
✅ सुधार से पहले:
• केवल 23 चिकित्सा उपकरण CDSCO (सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन) द्वारा अधिनियम के तहत विनियमित थे।
• अधिकांश चिकित्सा उपकरण गुणवत्ता नियंत्रण के बाहर थे।
✅ क्यों महत्वपूर्ण?
• चिकित्सा उपकरणों की गुणवत्ता, प्रभावकारिता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
• मरीजों को निम्न गुणवत्ता वाले उपकरणों से बचाता है।
• अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के अनुरूप समान मानक लाता है।
✅ नियामक:
• CDSCO (सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन) – भारत का शीर्ष दवा नियामक।
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🔆 डायरेक्ट एक्शन डे और गोपाल ‘पाठा’: 1946 के कलकत्ता हत्याकांड
📍 क्यों चर्चा में?
हाल ही में फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री की फिल्म गोपाल ‘पाठा’ मुखर्जी पर विवाद हुआ है, जो डायरेक्ट एक्शन डे (16 अगस्त 1946) के दौरान हुए ग्रेट कलकत्ता किलिंग्स से जुड़ा है—जो विभाजन से पहले का एक महत्वपूर्ण और हिंसक प्रकरण था।
📍 ऐतिहासिक संदर्भ:
✅ डायरेक्ट एक्शन डे 16 अगस्त 1946 को जिन्ना और मुस्लिम लीग द्वारा पाकिस्तान की मांग को जोर देने के लिए बुलाया गया था।
✅ कलकत्ता में चार दिनों तक सांप्रदायिक हिंसा भड़की, जिसमें लगभग 5,000–10,000 लोग मारे गए, ज्यादातर नागरिक।
✅ ब्रिटिश प्रशासन ने धीमी प्रतिक्रिया दी; गवर्नर फ्रेडरिक बरोस ने सैन्य तैनाती में देरी स्वीकार की।
📍 गोपाल ‘पाठा’ मुखर्जी की भूमिका:
✅ केंद्रीय कलकत्ता के एक हिंदू कसाई और स्थानीय दबंग।
✅ युवाओं को हिंदुओं की रक्षा के लिए संगठित किया, जिनके पास चाकू, तलवार, आग्नेयास्त्र थे।
✅ मुखर्जी ने कहा कि उनके कार्य रक्षात्मक थे, सांप्रदायिक नहीं:
🗨️ “हमने मुस्लिम लीग के किसी पर हमला नहीं किया... लेकिन हमने अपने घरों की रक्षा की।”
✅ कई हिंदुओं के लिए वह एक लोक नायक बन गए।
📍 सुहरावर्दी की भूमिका:
✅ एच.एस. सुहरावर्दी, उस समय बंगाल के प्रीमियर, पर दंगों के दौरान सहयोग या उपेक्षा का आरोप था।
✅ मुस्लिम लीग मुख्यालय में उनकी उपस्थिति ने दंगाइयों को हिम्मत दी।
📍 1946 के कलकत्ता दंगों की विरासत:
✅ इसे विभाजन और भारत में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा की मोड़ माना जाता है।
✅ यह शहरी दंगों की जटिलताओं, अंडरवर्ल्ड प्रभाव, और राज्य की विफलता को उजागर करता है।
✨ #Modern #History #PartitionOfIndia #DirectActionDay #GS1
📍 क्यों चर्चा में?
हाल ही में फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री की फिल्म गोपाल ‘पाठा’ मुखर्जी पर विवाद हुआ है, जो डायरेक्ट एक्शन डे (16 अगस्त 1946) के दौरान हुए ग्रेट कलकत्ता किलिंग्स से जुड़ा है—जो विभाजन से पहले का एक महत्वपूर्ण और हिंसक प्रकरण था।
📍 ऐतिहासिक संदर्भ:
✅ डायरेक्ट एक्शन डे 16 अगस्त 1946 को जिन्ना और मुस्लिम लीग द्वारा पाकिस्तान की मांग को जोर देने के लिए बुलाया गया था।
✅ कलकत्ता में चार दिनों तक सांप्रदायिक हिंसा भड़की, जिसमें लगभग 5,000–10,000 लोग मारे गए, ज्यादातर नागरिक।
✅ ब्रिटिश प्रशासन ने धीमी प्रतिक्रिया दी; गवर्नर फ्रेडरिक बरोस ने सैन्य तैनाती में देरी स्वीकार की।
📍 गोपाल ‘पाठा’ मुखर्जी की भूमिका:
✅ केंद्रीय कलकत्ता के एक हिंदू कसाई और स्थानीय दबंग।
✅ युवाओं को हिंदुओं की रक्षा के लिए संगठित किया, जिनके पास चाकू, तलवार, आग्नेयास्त्र थे।
✅ मुखर्जी ने कहा कि उनके कार्य रक्षात्मक थे, सांप्रदायिक नहीं:
🗨️ “हमने मुस्लिम लीग के किसी पर हमला नहीं किया... लेकिन हमने अपने घरों की रक्षा की।”
✅ कई हिंदुओं के लिए वह एक लोक नायक बन गए।
📍 सुहरावर्दी की भूमिका:
✅ एच.एस. सुहरावर्दी, उस समय बंगाल के प्रीमियर, पर दंगों के दौरान सहयोग या उपेक्षा का आरोप था।
✅ मुस्लिम लीग मुख्यालय में उनकी उपस्थिति ने दंगाइयों को हिम्मत दी।
📍 1946 के कलकत्ता दंगों की विरासत:
✅ इसे विभाजन और भारत में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा की मोड़ माना जाता है।
✅ यह शहरी दंगों की जटिलताओं, अंडरवर्ल्ड प्रभाव, और राज्य की विफलता को उजागर करता है।
✅ प्रारंभिक प्रश्न:
डायरेक्ट एक्शन डे (1946) के पीछे तत्काल राजनीतिक संदर्भ क्या था?
A. कैबिनेट मिशन योजना का अस्वीकार
B. भारत छोड़ो आंदोलन
C. माउंटबेटन योजना
D. साइमन कमीशन विरोध
उत्तर: A
✅ मुख्य प्रश्न:
1946 के ग्रेट कलकत्ता किलिंग्स ने विभाजन पूर्व भारत में गहरे सांप्रदायिक दरारों को उजागर किया। डायरेक्ट एक्शन डे के राजनीतिक और सामाजिक परिणामों की समीक्षा करें।
✨ #Modern #History #PartitionOfIndia #DirectActionDay #GS1
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🔆 अफ्रीका बनाम मर्केटर मानचित्र: एक भू-राजनीतिक मानचित्रण बहस
📍 समाचार में क्यों?
अफ्रीकी संघ (AU) ने “मैप को सही करें” अभियान का समर्थन किया है, जिसमें मर्केटर प्रोजेक्शन को इक्वल अर्थ प्रोजेक्शन जैसे विकल्पों से बदलने की मांग की गई है, क्योंकि यह अफ्रीका के आकार और प्रभाव का विकृत चित्रण करता है।
⸻
✅ मर्केटर मानचित्र की मुख्य समस्याएं
🟩 1569 में नौवहन के लिए विकसित, भूगोल के लिए नहीं।
🟩 यूरोप, उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड के आकार को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाता है, जबकि अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और भारत को छोटा दिखाता है।
🟩 अफ्रीकी शक्ति की सार्वजनिक धारणा को विकृत करता है, औपनिवेशिक मानसिकता को मजबूत करता है।
✅ AU का रुख
🟩 तर्क देता है कि मर्केटर मानचित्र गलत तरीके से अफ्रीका को सीमांत दिखाता है</b।
🟩 यह अभियान भू-सांस्कृतिक गरिमा को पुनः प्राप्त करने के रूप में देखा जाता है।
🟩 बेहतर स्थानिक प्रतिनिधित्व के लिए इक्वल अर्थ प्रोजेक्शन को समर्थन देता है।
✅ विकल्प
🟩 इक्वल अर्थ: आकार और आनुपातिक भूमि क्षेत्र को बनाए रखता है।
🟩 गैल-पीटर्स: महाद्वीपों का आकार बदलता है लेकिन दृश्य को खींचता है।
🟩 गूगल मैप्स पहले ही 2018 में 3D अर्थ मॉडल में बदल चुका है।
📍 समाचार में क्यों?
अफ्रीकी संघ (AU) ने “मैप को सही करें” अभियान का समर्थन किया है, जिसमें मर्केटर प्रोजेक्शन को इक्वल अर्थ प्रोजेक्शन जैसे विकल्पों से बदलने की मांग की गई है, क्योंकि यह अफ्रीका के आकार और प्रभाव का विकृत चित्रण करता है।
⸻
✅ मर्केटर मानचित्र की मुख्य समस्याएं
🟩 1569 में नौवहन के लिए विकसित, भूगोल के लिए नहीं।
🟩 यूरोप, उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड के आकार को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाता है, जबकि अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और भारत को छोटा दिखाता है।
🟩 अफ्रीकी शक्ति की सार्वजनिक धारणा को विकृत करता है, औपनिवेशिक मानसिकता को मजबूत करता है।
✅ AU का रुख
🟩 तर्क देता है कि मर्केटर मानचित्र गलत तरीके से अफ्रीका को सीमांत दिखाता है</b।
🟩 यह अभियान भू-सांस्कृतिक गरिमा को पुनः प्राप्त करने के रूप में देखा जाता है।
🟩 बेहतर स्थानिक प्रतिनिधित्व के लिए इक्वल अर्थ प्रोजेक्शन को समर्थन देता है।
✅ विकल्प
🟩 इक्वल अर्थ: आकार और आनुपातिक भूमि क्षेत्र को बनाए रखता है।
🟩 गैल-पीटर्स: महाद्वीपों का आकार बदलता है लेकिन दृश्य को खींचता है।
🟩 गूगल मैप्स पहले ही 2018 में 3D अर्थ मॉडल में बदल चुका है।
📚 प्रिलिम्स अभ्यास MCQ
प्रश्न: “इक्वल अर्थ” प्रोजेक्शन को मर्केटर प्रोजेक्शन की तुलना में अधिक सटीक माना जाता है क्योंकि:
A) यह नौवहन कोणों को संरक्षित करता है
B) यह दिशा बनाए रखता है लेकिन क्षेत्र को विकृत करता है
C) यह सापेक्ष आकार और भूमि क्षेत्र के आकार को बनाए रखता है ✅
D) यह विकसित देशों को बड़ा दिखाता है
✍️ GS1 मेन्स (150 शब्द)🧠 #GS1 #geography
प्रश्न: चर्चा करें कि मर्केटर प्रोजेक्शन जैसे मानचित्र विकृतियां भू-राजनीतिक धारणा और पहचान को कैसे प्रभावित करती हैं।
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🔆 समुद्री क्षेत्र के लिए समर्पित उपग्रह की घोषणा
📍 समाचार में क्यों?
केंद्रीय मंत्री सरबनंदा सोनोवाल (MoPSW) ने घोषणा की कि भारत एक समर्पित उपग्रह लॉन्च करने या ट्रांसपोंडर प्राप्त करने का पता लगाएगा, जो वास्तविक समय में जहाजों की निगरानी, बंदरगाह सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा के लिए होगा।
⸻
✅ मुख्य बिंदु:
🟩 तटीय यातायात प्रबंधन, खोज और बचाव, और प्रदूषण नियंत्रण में सुधार करेगा
🟩 विदेशी नेविगेशन सिस्टम पर निर्भरता कम करके आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करता है
🟩 अंतरिक्ष-आधारित तकनीकों का उपयोग करके भारत के बंदरगाह अवसंरचना को बढ़ाता है
🧠 #GS3 #Infrastructure #MaritimeSecurity
📍 समाचार में क्यों?
केंद्रीय मंत्री सरबनंदा सोनोवाल (MoPSW) ने घोषणा की कि भारत एक समर्पित उपग्रह लॉन्च करने या ट्रांसपोंडर प्राप्त करने का पता लगाएगा, जो वास्तविक समय में जहाजों की निगरानी, बंदरगाह सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा के लिए होगा।
⸻
✅ मुख्य बिंदु:
🟩 तटीय यातायात प्रबंधन, खोज और बचाव, और प्रदूषण नियंत्रण में सुधार करेगा
🟩 विदेशी नेविगेशन सिस्टम पर निर्भरता कम करके आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करता है
🟩 अंतरिक्ष-आधारित तकनीकों का उपयोग करके भारत के बंदरगाह अवसंरचना को बढ़ाता है
📚 प्रारंभिक अभ्यास MCQ:
प्रश्न: भारत की समुद्री पहलों के बारे में निम्नलिखित पर विचार करें:
1. एक समर्पित समुद्री उपग्रह की योजना बनाई जा रही है।
2. पहल का नेतृत्व इसरो द्वारा किया जा रहा है।
3. यह वास्तविक समय में बंदरगाह और जहाज ट्रैकिंग में सहायता करेगा।
सही उत्तर चुनें:
A) केवल 1 और 2
B) केवल 2 और 3
C) केवल 1 और 3 ✅
D) उपरोक्त सभी
✍️ GS3 मेन्स (150 शब्द)
प्रश्न: अंतरिक्ष-आधारित तकनीकें भारत के समुद्री शासन और बंदरगाह संचालन को कैसे बदल सकती हैं?
🧠 #GS3 #Infrastructure #MaritimeSecurity
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🔆 यूएसए के लिए डाक सेवाओं का अस्थायी निलंबन
✅ मुख्य बिंदु:
🟩 यू.एस. ने 29 अगस्त 2025 से आयात पर यूएसडी 800 तक की ड्यूटी-फ्री छूट वापस ले ली।
🟩 अब सभी अंतरराष्ट्रीय डाक वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी लगेगी (यूएसडी 100 से कम के उपहारों को छोड़कर)।
🟩 यू.एस. एयर कैरियर्स ने संचालन संबंधी अनिश्चितता के कारण डाक सामान स्वीकार करने में असमर्थता व्यक्त की।
🟩 भारत के डाक विभाग द्वारा निगरानी और जल्द से जल्द पूर्ण सेवाओं को पुनः शुरू किया जाएगा।
🧠 #GS3 #अर्थव्यवस्था #व्यापारनीति
✅ मुख्य बिंदु:
🟩 यू.एस. ने 29 अगस्त 2025 से आयात पर यूएसडी 800 तक की ड्यूटी-फ्री छूट वापस ले ली।
🟩 अब सभी अंतरराष्ट्रीय डाक वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी लगेगी (यूएसडी 100 से कम के उपहारों को छोड़कर)।
🟩 यू.एस. एयर कैरियर्स ने संचालन संबंधी अनिश्चितता के कारण डाक सामान स्वीकार करने में असमर्थता व्यक्त की।
🟩 भारत के डाक विभाग द्वारा निगरानी और जल्द से जल्द पूर्ण सेवाओं को पुनः शुरू किया जाएगा।
📚 प्रारंभिक अभ्यास MCQ:
प्रश्न: यू.एस. ने हाल ही में भारत के अंतरराष्ट्रीय डाक सामानों को प्रभावित करने वाली कौन सी छूट वापस ली?
A) सेक्शन 301
B) डि मिनिमिस ड्यूटी-फ्री छूट ✅
C) MFN टैरिफ
D) ट्रेड फैसिलिटेशन एग्रीमेंट
✍️ GS3 मेन्स (150 शब्द)
प्रश्न: विदेशी देशों द्वारा व्यापार नीति में बदलाव के भारत के निर्यात लॉजिस्टिक्स और डाक सेवाओं पर प्रभावों पर चर्चा करें।
🧠 #GS3 #अर्थव्यवस्था #व्यापारनीति
❤4
