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🔆 भारत के स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र में एआई की भूमिका

📍समाचार में क्यों?
एआई भारत के स्वास्थ्य देखभाल के अंतराल को पूरा करने के लिए एक उपकरण के रूप में उभर रहा है — डॉक्टरों की कमी, खराब बुनियादी ढांचा, और असमान पहुंच — लेकिन यह नैतिकता, डेटा गोपनीयता, और समानता के बारे में चिंताएं भी उठाता है।

📍स्वास्थ्य देखभाल में एआई का महत्व
निदान – एआई स्कैन में सूक्ष्म असामान्यताओं का पता लगाता है (जैसे Nature में स्तन कैंसर पहचान अध्ययन)।
व्यक्तिगत उपचार – आनुवंशिक, जीवनशैली, चिकित्सा डेटा का उपयोग कर सटीक चिकित्सा (जैसे IBM Watson Oncology)।
दवा खोज – एआई अणु डिजाइन को तेज करता है (जैसे Insilico Medicine ने 46 दिनों में फाइब्रोसिस दवा बनाई)।
क्लिनिकल वर्कफ़्लोज़ – NLP EHR प्रबंधन, शेड्यूलिंग, प्रतीक्षा समय कम करने में मदद करता है।
टेलीमेडिसिन और दूरस्थ देखभाल – एआई पहनने योग्य उपकरण, IoT डिवाइस वाइटल्स के लिए; WHO का Sarah चैटबोट स्वास्थ्य प्रचार के लिए।
चिकित्सा प्रशिक्षण – सर्जनों के लिए एआई + VR/AR सिमुलेटर, मेडिकल छात्रों के लिए अनुकूलित सीखना।

📍भारत में चुनौतियां
बुनियादी ढांचा अंतर – कई ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में बिजली और इंटरनेट की कमी।
डेटा समस्याएं – खराब गुणवत्ता, खंडित EHRs, एकीकरण की कमी।
डिजिटल विभाजन – 45% जनसंख्या ऑफ़लाइन (2023)।
नियामक शून्यता – DISHA अधिनियम लंबित, स्पष्ट एआई-स्वास्थ्य नियम नहीं।
नैतिक चिंताएं – पक्षपात, सहमति, गोपनीयता जोखिम।
उच्च लागत – भारत के कम स्वास्थ्य व्यय (1.8% GDP) के मुकाबले एआई सिस्टम महंगे।
भाषाई बाधाएं – 22 आधिकारिक भाषाएं, सैकड़ों बोलियां।

📍ICMR दिशानिर्देश (2023)
10 सिद्धांत – जवाबदेही, स्वायत्तता, गोपनीयता, सहयोग, सुरक्षा, समानता, डेटा अनुकूलन, निष्पक्षता, विश्वसनीयता, पारदर्शिता

📍आगे का रास्ता
एआई-तैयार प्रोटोकॉल के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य संसाधन डेटाबेस को मजबूत करें।
स्थानीय डेटा का उपयोग कर भारत-विशिष्ट एआई मॉडल बनाएं (जैसे IIT-दिल्ली का मलेरिया और टीबी के लिए एआई)।
स्तरीय एआई उपयोग – शहरों में उन्नत एआई, ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत कम-कनेक्टिविटी उपकरण।
नियंत्रित एआई परीक्षण के लिए नियामक सैंडबॉक्स
चिकित्सा प्रशिक्षण में एआई शिक्षा को शामिल करें।
MoHFW के तहत एआई नैतिकता समिति स्थापित करें।
ग्रामीण केंद्रों में डिजिटल स्वास्थ्य अवसंरचना को उन्नत करें।
विश्वास के लिए सार्वजनिक जागरूकता अभियान (जैसे पल्स पोलियो)।

📍UPSC सिविल सेवा परीक्षा – पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs)

प्रारंभिक परीक्षा
प्रश्न 1. वर्तमान विकास की स्थिति के साथ, कृत्रिम बुद्धिमत्ता निम्नलिखित में से कौन-सा प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)
 औद्योगिक इकाइयों में बिजली की खपत कम करना
 अर्थपूर्ण लघु कहानियां और गीत बनाना
 रोग निदान
 टेक्स्ट-टू-स्पीच रूपांतरण
 बिजली की वायरलेस ट्रांसमिशन
नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनें:
(a) 1, 2, 3 और 5 केवल
(b) 1, 3 और 4 केवल
(c) 2, 4 और 5 केवल
(d) 1, 2, 3, 4 और 5
उत्तर: (b)


प्रश्न 2. निम्नलिखित जोड़ों पर विचार करें: (2018)
समाचार में कभी-कभी देखे जाने वाले शब्द — संदर्भ/विषय
1. Belle II प्रयोग — कृत्रिम बुद्धिमत्ता
2. ब्लॉकचेन तकनीक — डिजिटल/क्रिप्टोकरेंसी
3. CRISPR–Cas9 — कण भौतिकी
उपरोक्त जोड़ों में से कौन-सा/से सही मेल खाते हैं?
(a) 1 और 3 केवल
(b) 2 केवल
(c) 2 और 3 केवल
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (b)


मुख्य परीक्षा
प्रश्न 1. वे कौन से श्रम क्षेत्र हैं जिन्हें रोबोट स्थायी रूप से प्रबंधित कर सकते हैं? उन पहलों पर चर्चा करें जो प्रमुख अनुसंधान संस्थानों में सार्थक और लाभकारी नवाचार के लिए अनुसंधान को प्रोत्साहित कर सकती हैं। (2015)


प्रश्न 2. "चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल क्रांति) के उदय ने ई-गवर्नेंस को सरकार का अभिन्न हिस्सा बना दिया है।" चर्चा करें। (2020)


#GS3 #DigitalHealth #PYQ #science_and_technology #ethics



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🔆 “Breaking the Mould: Reimagining India’s Economic Future” – रघुराम राजन व रोहित लांबा
📘 भारत की अर्थव्यवस्था की चुनौतियाँ और संभावनाएँ

रोज़गार पर
🗨️ “भारत की सबसे बड़ी चुनौती विकास नहीं, बल्कि अपने करोड़ों युवाओं के लिए अच्छे रोज़गार पैदा करना है।”
📌 निबंध में उपयोग: जनसांख्यिकीय लाभांश, रोजगार, समावेशी विकास

सुधार पर
🗨️ “भारत में सुधार कभी बड़े धमाके की तरह नहीं हुए; वे हमेशा क्रमिक रहे हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: नीतिगत सुधार, शासन, क्रियान्वयन की चुनौतियाँ

असमानता पर
🗨️ “न्याय के बिना विकास टिकाऊ नहीं हो सकता।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, समावेशी अर्थव्यवस्था, विकास मॉडल

संस्थानों पर
🗨️ “समृद्धि के लिए मज़बूत व्यक्ति नहीं, मज़बूत संस्थाएँ ज़्यादा आवश्यक हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: क़ानून का शासन, संस्थागत मज़बूती, लोकतंत्र

भारत के भविष्य पर
🗨️ “यदि भारत 21वीं सदी में अग्रणी बनना चाहता है तो उसे पुराने सोच का साँचा तोड़ना होगा।”
📌 निबंध में उपयोग: नवाचार, नेतृत्व, राष्ट्र-निर्माण

#essay
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🔆 यूपीएससी मेन्स मॉडल उत्तर – जीएस पेपर III (अर्थव्यवस्था)

📍 प्रश्न: डिसइन्वेस्टमेंट क्या है? क्या लाभकारी सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का डिसइन्वेस्टमेंट भारत जैसे समाजवादी लोकतंत्र के लिए हानिकारक है? अपने विचार प्रस्तुत करें। (10 अंक)

📍 परिचय
डिसइन्वेस्टमेंट का अर्थ है सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) में सरकार के स्वामित्व वाले शेयरों को बेचना या समाप्त करना। इसका मुख्य उद्देश्य वित्तीय बोझ कम करना, राजस्व बढ़ाना और निजी क्षेत्र की दक्षता को प्रोत्साहित करना है।

📍 लाभकारी PSUs के डिसइन्वेस्टमेंट से हानि क्यों नहीं होती
दक्षता और प्रतिस्पर्धा – निजी स्वामित्व बेहतर प्रबंधन और जवाबदेही लाता है।
उदाहरण: IRCTC IPO ने संचालन में सुधार किया।

राजस्व सृजन – विकास के लिए बड़ा गैर-कर राजस्व प्रदान करता है।
उदाहरण: एयर इंडिया की बिक्री ₹18,000 करोड़ में हुई, जिसमें से ₹2700 करोड़ सरकार को मिले।

बाजार अनुशासन – पारदर्शिता और बेहतर शासन।
उदाहरण: नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड का निजीकरण सफल रहा।

मुख्य गतिविधियों पर ध्यान – सरकार नीति निर्माण, विनियमन और जनकल्याण पर ध्यान केंद्रित कर सकती है।

📍 डिसइन्वेस्टमेंट की चिंताएं और जोखिम
सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान – कम मूल्यांकन और सस्ते दामों पर बिक्री का जोखिम।
उदाहरण: लक्ष्मी विलास केस।

सामाजिक उद्देश्य प्रभावित – PSUs रोजगार और किफायती सेवाएं प्रदान करते हैं।
उदाहरण: PSU नौकरियां 17.3 लाख (2013) से घटकर 14.6 लाख (2022) हो गईं।

एकाधिकार/ओलिगोपोली जोखिम – प्रतिस्पर्धा कम हो सकती है।
उदाहरण: एयर इंडिया की टाटा को बिक्री → विमानन में द्वि-एकाधिकार का खतरा।

अल्पकालिक दृष्टिकोण – निजी कंपनियां लाभ को जनकल्याण से ऊपर रख सकती हैं।

📍 आगे का रास्ता
मजबूत PSUs (नवरत्न/मिनिरत्न) को रणनीतिक स्वायत्तता दें।
MNCs के साथ प्रौद्योगिकी सहयोग को प्रोत्साहित करें।
गैर-मुख्य PSUs तक डिसइन्वेस्टमेंट सीमित रखें; रणनीतिक क्षेत्रों में नियंत्रण बनाए रखें।

📍 निष्कर्ष
डिसइन्वेस्टमेंट एक दोधारी तलवार है। यह दक्षता और राजस्व बढ़ाता है, लेकिन अनियंत्रित निजीकरण सामाजिक समानता के लिए खतरा है। भारत के समाजवादी-लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप एक सावधान, पारदर्शी और सुव्यवस्थित डिसइन्वेस्टमेंट नीति आवश्यक है।

#UPSCMains #GS3 #Economy #PSU #Disinvestment
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🔆 “Everybody Loves a Good Drought” – पी. साईनाथ
📘 ग्रामीण भारत, गरीबी और शासन की सच्चाई

गरीबी पर
🗨️ “भारत के गरीब कोई समस्या नहीं हैं जिन्हें हल किया जाए, वे ऐसे नागरिक हैं जिनके अधिकारों का सम्मान होना चाहिए।”
📌 निबंध में उपयोग: गरीबी उन्मूलन, मानव गरिमा, अधिकार आधारित दृष्टिकोण

शासन पर
🗨️ “नीतियाँ डिज़ाइन में नहीं, बल्कि क्रियान्वयन में असफल होती हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: क्रियान्वयन की कमी, शासन सुधार, कल्याणकारी योजनाएँ

ग्रामीण भारत पर
🗨️ “गाँव धन की कमी से नहीं, बल्कि ध्यान और जवाबदेही की कमी से पीड़ित हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: ग्रामीण विकास, विकेंद्रीकरण, पंचायत राज

असमानता पर
🗨️ “विकास उन लोगों को छोड़कर आगे बढ़ गया जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी।”
📌 निबंध में उपयोग: समावेशी विकास, सामाजिक न्याय, समानता

मानव विकास पर
🗨️ “सूखा केवल प्राकृतिक आपदा नहीं है, यह मानवीय विफलता भी है।”
📌 निबंध में उपयोग: आपदा प्रबंधन, पर्यावरणीय न्याय, नीतिगत असफलता
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🔆 “The Idea of India” – सुनील खिलनानी
📘 लोकतंत्र, पहचान और आधुनिक भारत पर विचार

राष्ट्र-निर्माण पर
🗨️ “भारत कोई नाज़ुक जोड़ नहीं, बल्कि लोकतंत्र से बंधी अनेक पहचानों की टिकाऊ मोज़ेक है।”
📌 निबंध में उपयोग: एकता में विविधता, राष्ट्र-निर्माण, बहुलतावाद

लोकतंत्र पर
🗨️ “भारत अकेला देश था जिसने जन्म के समय ही सार्वभौमिक मताधिकार दिया, न कि किसी दूर के वादे के रूप में।”
📌 निबंध में उपयोग: लोकतांत्रिक स्थिरता, राजनीतिक समानता, नेतृत्व दृष्टि

बहुलता पर
🗨️ “भारतीय प्रयोग यह दिखाता है कि पहचानें सीमित नहीं, बल्कि विस्तृत हो सकती हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: सहिष्णुता, सामाजिक सौहार्द, सांस्कृतिक समावेशिता

आधुनिकता और परंपरा पर
🗨️ “भारतीय राज्य को आधुनिकता से समझौता करते हुए गहरे पारंपरिक समाज में जड़ें जमानी पड़ीं।”
📌 निबंध में उपयोग: शासन की दुविधा, सामाजिक सुधार, नीतिगत चुनौतियाँ

भारत के भविष्य पर
🗨️ “चुनौती केवल अस्तित्व की नहीं है, बल्कि स्वतंत्रता को करोड़ों लोगों के जीवन में सार्थक बनाने की है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, विकास, संवैधानिक मूल्य

#essay
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doc2025910632701.pdf
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🔆 मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र के लिए राष्ट्रीय अभियान (NAMASTE)
स्वच्छता कर्मचारियों को सुरक्षा और गरिमा के लिए सशक्त बनाना

📍 योजना के बारे में
जुलाई 2023 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) द्वारा शुरू की गई।
उद्देश्य: स्वच्छता कार्य में शून्य मृत्यु दर, खतरनाक सफाई का अंत, और मशीनीकृत, सुरक्षित प्रथाओं को बढ़ावा देना
व्यय: ₹349.7 करोड़ (2023–26), जो सभी 4800+ शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को कवर करता है।

📍 प्रमुख उपलब्धियां (अगस्त 2025 तक)
84,902 सीवर और सेप्टिक टैंक कर्मचारी (SSWs) सत्यापित।
37,980 कूड़ा चुनने वाले सत्यापित और एकीकृत।
45,871 पीपीई किट्स वितरित; 354 सुरक्षा उपकरण किट्स ERSUs को।
54,140 लाभार्थी आयुष्मान भारत–PMJAY और राज्य योजनाओं के तहत कवर।
₹20.36 करोड़ पूंजी सब्सिडी 707 स्वच्छता कर्मचारियों को वितरित।
1,089 कार्यशालाएं खतरनाक सफाई की रोकथाम पर आयोजित।

📍 प्रमुख घटक
SSWs और कूड़ा चुनने वालों का प्रोफाइलिंग और आईडी कार्ड।
व्यावसायिक सुरक्षा प्रशिक्षण + पीपीई किट्स।
आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाइयां (ERSUs)।
आयुष्मान भारत–PMJAY के तहत स्वास्थ्य बीमा।
स्वच्छता उद्यमी योजना (SUY) के माध्यम से आजीविका और उद्यम समर्थन।
SRMS, SBM, DAY-NULM, NSKFDC के साथ समन्वय।
कूड़ा चुनने वालों की गणना ऐप (जून 2025) लॉन्च की गई, जिसमें 2.5 लाख कूड़ा चुनने वालों का प्रोफाइल बनाया जाएगा।

📍 प्रासंगिकता
कर्मचारियों को विषाक्त व्यावसायिक खतरों से सुरक्षा।
गरिमा, सामाजिक सुरक्षा और कौशल विकास प्रदान करता है।
मशीनीकरण + उद्यमिता को प्रोत्साहित करता है (“Sanipreneurs”)।
समावेशी और सतत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करता है।

📍 आगे का रास्ता
कूड़ा चुनने वालों का औपचारिक एकीकरण मटेरियल रिकवरी फैसिलिटीज (MRFs) में।
मजबूत सुरक्षा संस्कृति, जागरूकता अभियान और मंत्रालयों का समन्वय
सामाजिक न्याय, पर्यावरणीय स्थिरता और आजीविका सुरक्षा सुनिश्चित करना

#Governance #SocialJustice
#goverment_schemes
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🔆 तमिलनाडु के वीओसी पोर्ट में ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्रोजेक्ट

📍 लॉन्च विवरण
केंद्रीय मंत्री सरबनंदा सोनोवाल ने तुतीकोरिन के वी.ओ. चिदंबरनार (VOC) पोर्ट पर भारत का पहला पोर्ट-आधारित ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्रोजेक्ट उद्घाटित किया।
लागत: ₹3.87 करोड़, क्षमता 10 Nm³/घंटासड़क लाइट्स और ईवी चार्जिंग स्टेशन को ऊर्जा प्रदान करता है। VOC भारत का पहला पोर्ट है जो ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करता है

📍 अतिरिक्त परियोजनाएं
ग्रीन मेथनॉल बंकरिंग और रिफ्यूलिंग सुविधा (750 m³, ₹35.34 करोड़) के लिए नींव रखी गई।
400 KW रूफटॉप सोलर → पोर्ट की क्षमता को 1.04 MW (भारतीय पोर्ट्स में सबसे अधिक) तक बढ़ाया।
₹24.5 करोड़ कोयला कन्वेयर प्रोजेक्ट से दक्षता में 0.72 MMTPA की वृद्धि।
नींव पत्थर: 6 MW विंड फार्म, ₹90 करोड़ मल्टी-कार्गो बर्थ, 3.37 किमी सड़क, समुद्री विरासत संग्रहालय

📍 रणनीतिक महत्व
कोस्टल ग्रीन शिपिंग कॉरिडोर (कांडला–तुतीकोरिन) का हिस्सा, VOC को दक्षिण भारत में ग्रीन बंकरिंग हब के रूप में स्थापित करने के लिए।
प्रधानमंत्री मोदी के विजन का समर्थन: भारत को 2030 तक शीर्ष 10 शिपबिल्डिंग देशों में, 2047 तक शीर्ष 5 में लाना।
शिपिंग और पोर्ट सेक्टर में रोजगार, निवेश, स्थिरता और आत्मनिर्भरता का लक्ष्य।

📍 तमिलनाडु की वृद्धि
सागरमाला के तहत, 11 वर्षों में 98 परियोजनाएं ₹93,715 करोड़ की (50 पूर्ण)।
तमिलनाडु के पोर्ट्स के आधुनिकीकरण में ₹16,000 करोड़ से अधिक निवेश।

📍 विरासत श्रद्धांजलि
सोनोवाल ने वीओ चिदंबरनार को उनकी 154वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी, उनके स्वदेशी भावना को आज की ग्रीन एनर्जी पहल से जोड़ा।


#gs3 #prelims
#environment #economy #energy

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🔆 आईसीटी और भारत – मेन्स परिप्रेक्ष्य (GS2/GS3/निबंध)

🔆 प्रमुख तकनीकें
5G और 6G, वाई-फाई डायरेक्ट, लाई-फाई
सुपरकंप्यूटर, क्लाउड कंप्यूटिंग, 4D प्रिंटिंग
एआई, बिग डेटा, आईओटी, ब्लॉकचेन

🔆 आईसीटी के अनुप्रयोग

📍 शिक्षा
SWAYAM, DIKSHA, समर्थ → मुफ्त और समावेशी शिक्षा
SWAYAM प्रभा, रेडियो/DTH → दूरस्थ शिक्षा
वर्चुअल लैब्स, NEAT → एआई-सक्षम प्रयोग
हाशिए पर रहने वाले समूहों के लिए डिजिटल समावेशन

📍 कृषि
डिजिटल कृषि मिशन → एआई, ड्रोन, प्रिसिजन फार्मिंग
मेघदूत → मौसम पूर्वानुमान
ई-नाम, निंजाकार्ट → बेहतर बाजार लिंक
कृषि सखी → महिला नेतृत्व वाली विस्तार सेवाएं

📍 स्वास्थ्य सेवा
अभा आईडी और ABDM → एकीकृत स्वास्थ्य रिकॉर्ड
ई-संजीवनी, आरोग्य सेतु → टेली कंसल्टेशन
निदान में एआई, पूर्वानुमान स्वास्थ्य सेवा
U-WIN पोर्टल, आईओटी उपकरण → टीकाकरण और दीर्घकालिक देखभाल प्रबंधन

📍 रक्षा
एआई + क्वांटम + 6G → युद्धक्षेत्र संचार, पूर्वानुमान बुद्धिमत्ता
नेवी और टैक्टिकल ऑप्स के लिए SDRs
नेटवर्क सुरक्षा संचालन केंद्र (NSOC)
एआई के लिए CoE – IAF राजोकरी

📍 संवेदनशील समूहों का उत्थान
माय फार्म इन्फो, सागू बागू → समय पर फसल सलाह
ई-नाम → किसान-शिल्पकार उचित मूल्य निर्धारण
यूपीआई और मोबाइल बैंकिंग → वित्तीय समावेशन
ई-लर्निंग ऐप्स → कौशल विकास और रोजगार
महिला सशक्तिकरण → डिजिटल साक्षरता, उद्यमिता

🔆 भारत में सुपरकंप्यूटर
NSM (परम, प्रत्यूष, मिहिर)
उपयोग → मौसम 🌦️ | जीनोम अनुक्रमण 🧬 | रक्षा 🚀 | परमाणु ⚛️ | प्रदूषण 🌫️

🔆 चुनौतियां
डिजिटल विभाजन – केवल 38% घर डिजिटल साक्षर
गोपनीयता चिंताएं – व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग
साइबर सुरक्षा खतरे – मैलवेयर, रैंसमवेयर, फिशिंग
दूरसंचार समस्याएं – उच्च इन्फ्रा लागत, कम ARPU
आयात निर्भरता – चिपसेट, हार्डवेयर चीन से

🔆 योजनाएं और पहल
डिजिटल इंडिया (2015) – 9 स्तंभ
भारतनेट – 2.5 लाख ग्राम पंचायत, ग्रामीण ब्रॉडबैंड बैकबोन
राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन
पीएमजीडीआईएसएचए – 6.39 करोड़ डिजिटल साक्षरता में प्रशिक्षित
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन – चिप्स इकोसिस्टम
समर्थ – घरेलू आईसीटी निर्माण

🔆 आगे का रास्ता
डिजिटल विभाजन को पाटना – भारतनेट + क्षेत्रीय सामग्री
एआई, क्लाउड, एमएल, सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देना
साइबर सुरक्षा को मजबूत करना – मजबूत फ्रेमवर्क + DPDPA 2023
डिजिटल शासन को बेहतर बनाना – तेज और पारदर्शी सेवा
अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना – अटल लैब्स, नवाचार केंद्र, स्टार्टअप
ग्रीन आईसीटी – सतत, ऊर्जा-कुशल आईटी

🔆 UPSC PYQs (आईसीटी संबंधित)
1️⃣ डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 का संदर्भ और प्रमुख विशेषताएं बताइए। (2024)
2️⃣ राजमार्गों पर इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के लिए कौन सी तकनीक उपयोग की जा रही है? इसके लाभ और सीमाएं क्या हैं? इस प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए प्रस्तावित बदलाव क्या हैं? क्या इस संक्रमण में कोई संभावित खतरे हो सकते हैं? (2024)
3️⃣ सरकारी व्यवसायों के लिए क्लाउड होस्टिंग बनाम इन-हाउस मशीन आधारित होस्टिंग के लाभ और सुरक्षा प्रभावों पर चर्चा करें। (2015)
4️⃣ 3D प्रिंटिंग तकनीक कैसे काम करती है? इस तकनीक के लाभ और हानियां सूचीबद्ध करें। (2013)
5️⃣ डिजिटल हस्ताक्षर क्या है? इसका प्रमाणीकरण क्या अर्थ रखता है? डिजिटल हस्ताक्षर की विभिन्न प्रमुख अंतर्निहित विशेषताएं बताइए। (2013)

#मेन्स
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🔆 आचार्य विनोबा भावे – गांधीवादी सुधारक

📍 प्रारंभिक जीवन और प्रभाव
1895, महाराष्ट्र में जन्मे भावे पर महात्मा गांधी के अहिंसा और सत्याग्रह के दर्शन का गहरा प्रभाव पड़ा।
गांधी द्वारा 1925 में केरल में हरिजनों के लिए वैकोम मंदिर प्रवेश आंदोलन का नेतृत्व करने का दायित्व सौंपा गया।

📍 स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका
गांधी द्वारा चुने गए पहले व्यक्तिगत सत्याग्रही (1940) बने।
भारत छोड़ो आंदोलन (1942) में भाग लिया, 5 वर्ष जेल में रहे।
गांधी के रचनात्मक कार्यक्रम के तहत खादी, नई तालीम, स्वच्छता, ग्रामीण उद्योगों का समर्थन किया।

📍 दर्शन और संस्थान
सर्वोदय (सभी का कल्याण) का प्रचार किया।
महाराष्ट्र में ब्रह्म विद्या मंदिर (1959) की स्थापना की, जो महिलाओं के सशक्तिकरण और अहिंसा पर केंद्रित था।
ईशावास्यवृत्ति जैसी रचनाएँ उनके आध्यात्मिक-सामाजिक दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।

📍 भूमदान और ग्रामदान आंदोलन
भूमदान आंदोलन (1951) की शुरुआत पोचमपल्ली (तेलंगाना) में हुई → ज़मीनदारों से भूमिहीनों को जमीन दान करने का आग्रह किया।
इसे ग्रामदान (1954) तक बढ़ाया गया – पूरे गांवों ने सामूहिक रूप से जमीन दान की।
1,000 से अधिक गांवों में जमीन का पुनर्वितरण हुआ, जिससे ग्रामीण समानता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला।

📍 विरासत
1982 (समाधि मरण) में निधन हुआ।
उन्हें “राष्ट्रीय गुरु” के रूप में याद किया जाता है और अहिंसा, सतत जीवन और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया जाता है।

प्रारंभिक प्रश्न
भूमदान आंदोलन सबसे पहले कहाँ शुरू हुआ था:
A. वर्धा, महाराष्ट्र
B. पोचमपल्ली, तेलंगाना
C. चंपारण, बिहार
D. सेवाग्राम, महाराष्ट्र
उत्तर: B


मुख्य प्रश्न
भारत में ग्रामीण असमानता को दूर करने में विनोबा भावे के भूमदान और ग्रामदान आंदोलनों का महत्व और वर्तमान भूमि सुधारों के संदर्भ में उनकी प्रासंगिकता पर चर्चा करें। (150 शब्द)

#ModernIndian #History #SocialReform
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🔆 जीवाश्म पत्तियाँ और मानसून का विकास

📍 क्यों ध्यान में?
नागालैंड के लैसोंग फॉर्मेशन में पाए गए लगभग 34 मिलियन वर्ष पुराने जीवाश्म पत्ते यह बताते हैं कि अंटार्कटिक हिमनद ने भारतीय मानसून को कैसे आकार दिया
यह अध्ययन बिरबल साहनी संस्थान ऑफ पेलियोसाइंसेज (लखनऊ) और वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (देहरादून) द्वारा किया गया है।

📍 मुख्य बिंदु
जीवाश्म दिखाते हैं कि नागालैंड में कभी गर्म, नम जलवायु थी जिसमें बहुत अधिक वर्षा होती थी।
इसका समय अंटार्कटिक आइस शीट्स के गठन के साथ मेल खाता है, जिसने वैश्विक हवा और वर्षा के पैटर्न को आईटीसीजेड (इंटरट्रॉपिकल कन्वर्जेंस ज़ोन) को उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की ओर स्थानांतरित करके बदल दिया।
इसने भारतीय मानसून प्रणाली के प्रारंभिक विकास को प्रेरित किया।
उपयोग की गई विधि: CLAMP (क्लाइमेट लीफ एनालिसिस मल्टीवेरिएट प्रोग्राम) से अतीत के जलवायु का पुनर्निर्माण।
अध्ययन चेतावनी देता है: आधुनिक अंटार्कटिक हिम पिघलने के साथ, आईटीसीजेड फिर से स्थानांतरित हो सकता है, जिससे उष्णकटिबंधीय मानसून प्रभावित होंगे → भारत में कृषि और जल सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा।

प्रीलिम्स प्रश्न:
हाल ही में खबरों में आया CLAMP तरीका किस लिए उपयोग किया जाता है:
A. अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में भूजल क्षरण का अनुमान
B. जीवाश्म पत्तियों का उपयोग कर अतीत के जलवायु का पुनर्निर्माण
C. उपग्रह डेटा से टेक्टोनिक बदलाव मापन
D. दलदली क्षेत्रों में कार्बन संचयन विश्लेषण
उत्तर: B


मेन्स प्रश्न:
चर्चा करें कि जीवाश्म साक्ष्यों का उपयोग कर प्राचीन जलवायु अध्ययन कैसे भारतीय मानसून प्रणाली के विकास को समझने में मदद करता है। ऐसे ज्ञान से भारत की आधुनिक जलवायु परिवर्तन के प्रति प्रतिक्रिया कैसे मार्गदर्शित हो सकती है?


#IndianMonsoon #ClimateChange #Geography
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🔆 भारत की नवीकरणीय ऊर्जा पहल – मुख्य हाइलाइट्स (PIB, सितंबर 2025)

📍 स्वदेशी सौर लक्ष्य
भारत का लक्ष्य है 2028 तक स्वदेशी सौर सेल्स बनाना, मॉड्यूल से आगे बढ़कर घरेलू वेफर्स और इंगॉट्स तक।
उद्देश्य: आयात निर्भरता कम करना, रोजगार सृजन करना, और स्वच्छ ऊर्जा नेतृत्व को मजबूत करना।

📍 वर्तमान प्रगति
भारत ने 251.5 GW गैर-जीवाश्म क्षमता पार कर ली है – जो पहले से ही 2030 के लक्ष्य (500 GW) का 50% है
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना: लगभग 20 लाख परिवारों को लाभ मिला। आधे परिवारों को शून्य बिजली बिल मिलता है।
प्रधानमंत्री-कुसुम योजना: आवंटित 49 लाख सौर पंपों में से 16 लाख स्थापित/सौरित, जिससे डीजल उपयोग में 1.3 अरब लीटर/वर्ष की कमी और 40 मिलियन टन CO₂ की कटौती हुई।

📍 योजनाएं और समर्थन
सौर पीवी मॉड्यूल के लिए PLI योजना – ₹24,000 करोड़ का आवंटन; 100 GW निर्माण क्षमता, ₹50,000 करोड़ निवेश, और 12,600+ नौकरियां सृजित।
प्रधानमंत्री-कुसुम योजना का चरण 2 मार्च 2026 के बाद शुरू होगा।
नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण/सेवाओं पर GST कटौती 12% से 5% तक, जिससे सौर, पवन, बायोगैस सस्ते हुए।

📍 नीति दिशा
राज्यों को RPOs, PPAs, भूमि आवंटन में तेजी लाने का आग्रह; नवीकरणीय ऊर्जा के लिए सिंगल-विंडो क्लियरेंस अपनाने को कहा।
पवन ऊर्जा के लिए समयबद्ध रोडमैप की मांग।
सामूहिक कार्रवाई पर जोर – केंद्र, राज्य, उद्योग और नागरिक।

#RenewableEnergy #UPSC
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🔆 “Guns, Germs and Steel” – जैरेड डायमंड
📘 मानव इतिहास, असमानता और विकास

असमानता पर
🗨️ “इतिहास अलग-अलग समाजों में अलग दिशा में इसलिए चला क्योंकि उनके वातावरण अलग थे, न कि उनकी जीवविज्ञान में भिन्नता थी।”
📌 निबंध में उपयोग: असमानता, भूगोल और विकास, सामाजिक न्याय

पर्यावरण और विकास पर
🗨️ “भूगोल वह मंच है जिस पर इतिहास का नाटक खेला जाता है।”
📌 निबंध में उपयोग: सतत विकास, क्षेत्रीय विषमताएँ, जलवायु और अर्थव्यवस्था

मानव प्रगति पर
🗨️ “पौधों और जानवरों का वशीकरण मानव इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।”
📌 निबंध में उपयोग: कृषि, खाद्य सुरक्षा, सभ्यताओं की प्रगति

प्रौद्योगिकी पर
🗨️ “तकनीकी प्रगति एक-दूसरे पर आधारित होती है, इसलिए जिन समाजों को शुरुआती बढ़त मिली, वे तेज़ी से आगे बढ़े।”
📌 निबंध में उपयोग: डिजिटल डिवाइड, नवाचार की खाई, वैश्वीकरण

वैश्विक इतिहास पर
🗨️ “आधुनिक दुनिया की असमानताओं की जड़ें भूगोल और पर्यावरण की घटनाओं में हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: उत्तर-दक्षिण विभाजन, भारत का विकास मार्ग, वैश्विक न्याय

#essay
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🔆 भारतीय संविधान में संशोधन

📍 संवैधानिक आधार और प्रक्रिया
अनुच्छेद 368 संशोधनों के लिए ढांचा प्रदान करता है, कठोरता और लचीलापन के बीच संतुलन बनाता है।
प्रकार:
सरल बहुमत → उदाहरण के लिए, तेलंगाना का निर्माण (2014)
विशेष बहुमत → उदाहरण के लिए, 42वां संशोधन (1976)
विशेष + राज्य की स्वीकृति → संघीय प्रावधान
केवल संसद में शुरू → दोनों सदनों द्वारा पारित → राष्ट्रपति की स्वीकृति।

📍 प्रमुख संशोधन
1ला (1951): 9वीं अनुसूची; मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध → भूमि सुधार।
42वां (1976): “मिनी संविधान”; समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, अखंडता; मौलिक कर्तव्य; न्यायपालिका को सीमित किया।
44वां (1978): लोकसभा की अवधि 5 वर्ष पर पुनर्स्थापित; अनुच्छेद 21 निलंबित नहीं किया जा सकता।
73वां और 74वां (1992): पंचायत राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों को दर्जा; अनुसूचित जाति/जनजाति और महिलाओं के लिए आरक्षण।
97वां (2011): सहकारी संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा।
101वां (2016): जीएसटी; जीएसटी परिषद; सहकारी संघवाद।
102वां (2018): राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा।
103वां (2019): 10% आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटा।
104वां (2020): एंग्लो-इंडियन सीटों को समाप्त किया।
105वां (2021): राज्यों को ओबीसी पहचानने का अधिकार स्पष्ट किया।

🔆 106वां संशोधन (2023) – महिला आरक्षण विधेयक

📍 मुख्य प्रावधान
लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, दिल्ली विधानसभा में 33% आरक्षण (एससी/एसटी सीटें शामिल)।
अवधि: 15 वर्ष (विस्तार योग्य)।
जनगणना और परिसीमन के बाद लागू।

📍 संशोधन की आवश्यकता
🔹 राजनीतिक: लोकसभा में महिलाएं केवल 13.6% (2024)।
🔹 सामाजिक: NFHS-5 → 30% महिलाएं घरेलू हिंसा का सामना करती हैं।
🔹 आर्थिक: मैकिन्से → लिंग समानता से GDP में $770 बिलियन की वृद्धि हो सकती है।
🔹 कानूनी: अनुच्छेद 14, 15(3), 16 को बढ़ावा; CEDAW और SDG 5 के अनुरूप।

📍 चिंताएं
2029 के बाद परिसीमन तक देरी।
ओबीसी महिला उप-कोटा नहीं।
राज्यसभा और विधान परिषद को शामिल नहीं किया।
प्रतिनिधित्व में प्रॉक्सी जोखिम (“सरपंच पति सिंड्रोम”)।
पार्टी टिकट अनिवार्यता नहीं।

📍 आगे का रास्ता
पार्टी आधारित कोटा (कानून आयोग 1999)।
ओबीसी महिला उप-कोटा (रोहिणी आयोग)।
शीघ्र कार्यान्वयन।
नेतृत्व प्रशिक्षण और लैंगिक संवेदनशीलता।
कार्यस्थल सुधार: देखभाल का बोझ कम करें, मातृत्व-पितृत्व समानता सुनिश्चित करें।

📍 सर्वोत्तम प्रथाएं
रवांडा → 61.3% महिला सांसद (विश्व में सबसे अधिक)।
फ्रांस → 50% पार्टी कोटा कानून → >38% महिला सांसद।

📌 UPSC पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs):

1️⃣ 101वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम का महत्व समझाइए। यह संघवाद की समायोजक भावना को किस हद तक दर्शाता है? (2023)


2️⃣ संविधान (एक सौ पहला संशोधन) अधिनियम, 2016 की मुख्य विशेषताओं को समझाइए। क्या आपको लगता है कि यह करों के परस्पर प्रभाव को समाप्त करने और वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए एक सामान्य राष्ट्रीय बाजार प्रदान करने के लिए पर्याप्त प्रभावी है? (2017)

#राजनीति #मुख्य_परीक्षा


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🔆 समुद्र प्रदक्षिणा – भारत की पहली त्रि-सेवा महिला नौकायन परिक्रमा

📍 प्रसंग
रक्षा मंत्री ने समुद्र प्रदक्षिणा (11 सितंबर, 2025) को मुंबई से रवाना किया – पहली बार त्रि-सेवा महिला नौकायन परिक्रमा अभियान

📍 मुख्य तथ्य
10 महिला अधिकारी IASV त्रिवेणी (स्वदेशी निर्मित, 50-फुट यॉट, पुडुचेरी) पर 9 महीने तक नौकायन करेंगी, लगभग 26,000 समुद्री मील की दूरी तय करेंगी।
मार्ग: भूमध्यरेखा दो बार पार, 3 केप्स (लीविन, हॉर्न, गुड होप), साउदर्न ओशन और ड्रेक पासेज।
4 अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह कॉल: फ्रेमेंटल (ऑस्ट्रेलिया), लिट्टेलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टेनली (कनाडा), केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका)।
चालक दल ने 3 वर्षों का प्रशिक्षण लिया जिसमें मुंबई-सेशेल्स अभियान शामिल है।

📍 महत्व
नारी शक्ति, सशस्त्र बलों की एकता और आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक।
पोत कूटनीति मंच के रूप में भी कार्य करता है जो भारत की संस्कृति और सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करता है।
चालक दल NIO के साथ वैज्ञानिक अनुसंधान करेगा – माइक्रोप्लास्टिक्स, समुद्री जीवन, समुद्री स्वास्थ्य।
अभियान कड़ाई से वर्ल्ड सेइलिंग स्पीड रिकॉर्ड काउंसिल के नियमों का पालन करता है (21,600 समुद्री मील, कोई नहर नहीं, केवल पाल नौकायन)।

📍 पृष्ठभूमि
भारत के विरासत अभियान: कैप्टन दिलीप डोंडे (2009–10), कमांडर अभिलाष टोमी (2012–13), नाविका सागर परिक्रमा (2017–18 और 2024–25)।

#NariShakti #AatmanirbharBharat
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🔆 बृहदीश्वर मंदिर, गंगाइकोंडा चोलपुरम (अरियालूर, तमिलनाडु)

📍 मंदिर के बारे में
राजेंद्र चोला प्रथम (1014–1044 ईस्वी) द्वारा उनकी गंगा अभियान की स्मृति में निर्मित।
चोला राजधानी का स्थानांतरण थंजावुर से → गंगाइकोंडा चोलपुरम (1279 ईस्वी तक शाही सीट)।
भगवान शिव (गंगाइकोंडाचोलिस्वरर) को समर्पित।

📍 वास्तुशिल्प और सांस्कृतिक महत्व
परिष्कृत द्रविड़ वास्तुकला का उदाहरण, जो थंजावुर के पहले बृहदीश्वर मंदिर से श्रेष्ठ है।
सैन्य गौरव और धार्मिक भक्ति दोनों का प्रतीक।
वार्षिक आदि थिरुवथिरै उत्सव राजेंद्र के जन्म नक्षत्र का उत्सव थेरुकोथु प्रदर्शन और भेंटों के साथ मनाता है।

📍 इतिहास के स्रोत
शिलालेख: 1027 और 1068 ईस्वी
एसलम ताम्रपत्र (1036 ईस्वी) शाही संरक्षण की पुष्टि करते हैं।
बाद के चोला राजा जैसे विरराजेंद्र ने दान बनाए रखे।

📍 यूनेस्को स्थिति
विश्व धरोहर स्थल (2004) घोषित → एयरावतस्वर मंदिर (दारासुरम) के साथ।
थंजावुर बृहदीश्वर मंदिर (1987) के साथ → महान जीवित चोला मंदिर बनाते हैं।

#चोला_वास्तुकला #भारतीय_संस्कृति
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🔆 भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाएं

📍 प्रसंग
महिलाएं केवल ब्रिटिश औपनिवेशिकता के खिलाफ ही नहीं बल्कि सामाजिक प्रतिबंधों के खिलाफ भी लड़ीं, और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

📍 मुख्य योगदान
जन आंदोलन: असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह, और भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुईं; मार्च, बहिष्कार, भूमिगत रेडियो का नेतृत्व किया।
क्रांतिकारी भूमिका: रानी लक्ष्मीबाई, प्रीतिलता वड्डेदार, कल्पना दत्त जैसे प्रतीक हथियार उठाकर और छापामार कार्रवाई की।
नेतृत्व और संगठन: एआईडब्ल्यूसी जैसी संस्थाएं स्थापित कीं; सरोजिनी नायडू, विजय लक्ष्मी पंडित, सुचेता कृपलानी जैसे नेता राजनीति को आकार दिया।
सामाजिक सुधार: सावित्रीबाई फुले, फातिमा शेख, पंडिता रामाबाई जैसे सुधारकों ने शिक्षा और लैंगिक अधिकारों को राष्ट्रवाद से जोड़ा।

📍 प्रमुख हस्तियां
सरोजिनी नायडू – पहली भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष, नमक मार्च की नेता।
सुचेता कृपलानी – पहली महिला मुख्यमंत्री, भारत छोड़ो आंदोलन की कार्यकर्ता।
उषा मेहता – भूमिगत कांग्रेस रेडियो चलाया।
भिकाजी कामा – विदेश में पहला भारतीय ध्वज फहराया।
मातंगीनी हजरा – भारत छोड़ो आंदोलन की शहीद, तिरंगा थामे।
रानी चेन्नम्मा, कमलादेवी चट्टोपाध्याय, बेगम रुकैया – प्रारंभिक प्रतिरोधक, सांस्कृतिक पुनरुद्धारक, नारीवादी।

📍 निष्कर्ष
महिलाएं केवल सहभागी नहीं थीं, बल्कि स्वतंत्रता की वास्तुकार थीं, जिन्होंने राजनीतिक संघर्ष को सामाजिक सुधार के साथ जोड़ा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया।

📍 यूपीएससी पिछले प्रश्न
प्रारंभिक परीक्षा
प्रश्न: एनी बेसेंट कौन थीं? (2013)
1. होम रूल आंदोलन शुरू करने के लिए जिम्मेदार
2. थियोसोफिकल सोसाइटी की संस्थापक
3. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकीं
नीचे दिए गए कोड का उपयोग कर सही कथन चुनें:
(a) केवल 1
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (c)


प्रश्न: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के संदर्भ में, उषा मेहता किसके लिए जानी जाती हैं? (2011)
(a) भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान गुप्त कांग्रेस रेडियो चलाने के लिए
(b) दूसरे राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिए
(c) भारतीय राष्ट्रीय सेना के एक दस्ते का नेतृत्व करने के लिए
(d) पंडित जवाहरलाल नेहरू के अधीन अंतरिम सरकार के गठन में सहायता करने के लिए
उत्तर: (a)


मुख्य परीक्षा (2016)
प्रश्न: स्वतंत्रता संग्राम में विशेष रूप से गांधीवादी चरण के दौरान महिलाओं की भूमिका पर चर्चा करें।
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🔆 “The Clash of Civilizations and the Remaking of World Order” – सैमुअल पी. हंटिंगटन
📘 सभ्यताओं का संघर्ष और विश्व व्यवस्था का पुनर्निर्माण

वैश्विक संघर्ष पर
🗨️ “शीत युद्ध के बाद की दुनिया में संस्कृति और सांस्कृतिक पहचान ही एकता, विघटन और संघर्ष के पैटर्न तय कर रही हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: भारत की बहुलता, सांप्रदायिक सौहार्द, वैश्वीकरण बनाम पहचान की राजनीति

सभ्यतागत पहचान पर
🗨️ “मानवजाति के बीच सबसे बड़े विभाजन और संघर्ष का प्रमुख स्रोत सांस्कृतिक होगा।”
📌 निबंध में उपयोग: एकता में विविधता, धर्मनिरपेक्षता, सांस्कृतिक लचीलापन

भारत की भूमिका पर
🗨️ “भारत एक ऐसा समाज है जो अपने हिंदू सभ्यतागत आधार और अपने धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक राज्य के बीच बँटा हुआ है।”
📌 निबंध में उपयोग: संवैधानिक नैतिकता, धर्म बनाम राजनीति, भारतीय लोकतंत्र

आधुनिकीकरण बनाम पाश्चात्यकरण पर
🗨️ “आधुनिकीकरण पाश्चात्यकरण से अलग है, और गैर-पश्चिमी समाज बिना अपनी संस्कृति छोड़े आधुनिक हो सकते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी विकास मॉडल, सांस्कृतिक गौरव

सहअस्तित्व पर
🗨️ “सभ्यताओं को सहअस्तित्व सीखना होगा; अन्यथा वे टकराएँगी।”
📌 निबंध में उपयोग: अंतरराष्ट्रीय संबंध, सॉफ्ट पावर, शांति व कूटनीति

#essay
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🔆 “A Theory of Justice” – जॉन रॉल्स
📘 न्याय और समानता पर विचार

न्याय पर
🗨️ “न्याय सामाजिक संस्थाओं का प्रथम गुण है, जैसे सत्य विचार प्रणालियों का।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, सुशासन, सार्वजनिक जीवन में नैतिकता

समानता पर
🗨️ “हर व्यक्ति को अधिकतम बुनियादी स्वतंत्रता का समान अधिकार होना चाहिए, जो दूसरों की समान स्वतंत्रता के साथ संगत हो।”
📌 निबंध में उपयोग: अधिकार बनाम कर्तव्य, स्वतंत्रता, संवैधानिक नैतिकता

असमानता पर
🗨️ “सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाना चाहिए कि वे सबसे वंचित लोगों के लिए अधिकतम लाभकारी हों।”
📌 निबंध में उपयोग: कल्याणकारी राज्य, समावेशी विकास, आरक्षण

न्याय एवं निष्पक्षता पर
🗨️ “न्याय को निष्पक्षता के रूप में समझना यह मान्यता देता है कि सभी सामाजिक मूल्यों का समान वितरण होना चाहिए, जब तक कि असमान वितरण सभी के लाभ के लिए न हो।”
📌 निबंध में उपयोग: वितरणात्मक न्याय, नीतिगत सुधार, समानता

संस्थाओं पर
🗨️ “कानून और संस्थाएँ चाहे कितनी भी कुशल और सुव्यवस्थित हों, यदि वे अन्यायपूर्ण हैं तो उन्हें सुधारा या समाप्त किया जाना चाहिए।”
📌 निबंध में उपयोग: शासन सुधार, क़ानून का शासन, नैतिक राज्य-व्यवस्था

#essay
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2025/10/21 12:04:09
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