🔆 आचार्य विनोबा भावे – गांधीवादी सुधारक
📍 प्रारंभिक जीवन और प्रभाव
✅ 1895, महाराष्ट्र में जन्मे भावे पर महात्मा गांधी के अहिंसा और सत्याग्रह के दर्शन का गहरा प्रभाव पड़ा।
✅ गांधी द्वारा 1925 में केरल में हरिजनों के लिए वैकोम मंदिर प्रवेश आंदोलन का नेतृत्व करने का दायित्व सौंपा गया।
📍 स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका
✅ गांधी द्वारा चुने गए पहले व्यक्तिगत सत्याग्रही (1940) बने।
✅ भारत छोड़ो आंदोलन (1942) में भाग लिया, 5 वर्ष जेल में रहे।
✅ गांधी के रचनात्मक कार्यक्रम के तहत खादी, नई तालीम, स्वच्छता, ग्रामीण उद्योगों का समर्थन किया।
📍 दर्शन और संस्थान
✅ सर्वोदय (सभी का कल्याण) का प्रचार किया।
✅ महाराष्ट्र में ब्रह्म विद्या मंदिर (1959) की स्थापना की, जो महिलाओं के सशक्तिकरण और अहिंसा पर केंद्रित था।
✅ ईशावास्यवृत्ति जैसी रचनाएँ उनके आध्यात्मिक-सामाजिक दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।
📍 भूमदान और ग्रामदान आंदोलन
✅ भूमदान आंदोलन (1951) की शुरुआत पोचमपल्ली (तेलंगाना) में हुई → ज़मीनदारों से भूमिहीनों को जमीन दान करने का आग्रह किया।
✅ इसे ग्रामदान (1954) तक बढ़ाया गया – पूरे गांवों ने सामूहिक रूप से जमीन दान की।
✅ 1,000 से अधिक गांवों में जमीन का पुनर्वितरण हुआ, जिससे ग्रामीण समानता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला।
📍 विरासत
✅ 1982 (समाधि मरण) में निधन हुआ।
✅ उन्हें “राष्ट्रीय गुरु” के रूप में याद किया जाता है और अहिंसा, सतत जीवन और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया जाता है।
#ModernIndian #History #SocialReform
📍 प्रारंभिक जीवन और प्रभाव
✅ 1895, महाराष्ट्र में जन्मे भावे पर महात्मा गांधी के अहिंसा और सत्याग्रह के दर्शन का गहरा प्रभाव पड़ा।
✅ गांधी द्वारा 1925 में केरल में हरिजनों के लिए वैकोम मंदिर प्रवेश आंदोलन का नेतृत्व करने का दायित्व सौंपा गया।
📍 स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका
✅ गांधी द्वारा चुने गए पहले व्यक्तिगत सत्याग्रही (1940) बने।
✅ भारत छोड़ो आंदोलन (1942) में भाग लिया, 5 वर्ष जेल में रहे।
✅ गांधी के रचनात्मक कार्यक्रम के तहत खादी, नई तालीम, स्वच्छता, ग्रामीण उद्योगों का समर्थन किया।
📍 दर्शन और संस्थान
✅ सर्वोदय (सभी का कल्याण) का प्रचार किया।
✅ महाराष्ट्र में ब्रह्म विद्या मंदिर (1959) की स्थापना की, जो महिलाओं के सशक्तिकरण और अहिंसा पर केंद्रित था।
✅ ईशावास्यवृत्ति जैसी रचनाएँ उनके आध्यात्मिक-सामाजिक दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।
📍 भूमदान और ग्रामदान आंदोलन
✅ भूमदान आंदोलन (1951) की शुरुआत पोचमपल्ली (तेलंगाना) में हुई → ज़मीनदारों से भूमिहीनों को जमीन दान करने का आग्रह किया।
✅ इसे ग्रामदान (1954) तक बढ़ाया गया – पूरे गांवों ने सामूहिक रूप से जमीन दान की।
✅ 1,000 से अधिक गांवों में जमीन का पुनर्वितरण हुआ, जिससे ग्रामीण समानता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला।
📍 विरासत
✅ 1982 (समाधि मरण) में निधन हुआ।
✅ उन्हें “राष्ट्रीय गुरु” के रूप में याद किया जाता है और अहिंसा, सतत जीवन और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया जाता है।
✅ प्रारंभिक प्रश्न
भूमदान आंदोलन सबसे पहले कहाँ शुरू हुआ था:
A. वर्धा, महाराष्ट्र
B. पोचमपल्ली, तेलंगाना
C. चंपारण, बिहार
D. सेवाग्राम, महाराष्ट्र
उत्तर: B
✅ मुख्य प्रश्न
भारत में ग्रामीण असमानता को दूर करने में विनोबा भावे के भूमदान और ग्रामदान आंदोलनों का महत्व और वर्तमान भूमि सुधारों के संदर्भ में उनकी प्रासंगिकता पर चर्चा करें। (150 शब्द)
#ModernIndian #History #SocialReform
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🔆 जीवाश्म पत्तियाँ और मानसून का विकास
📍 क्यों ध्यान में?
✅ नागालैंड के लैसोंग फॉर्मेशन में पाए गए लगभग 34 मिलियन वर्ष पुराने जीवाश्म पत्ते यह बताते हैं कि अंटार्कटिक हिमनद ने भारतीय मानसून को कैसे आकार दिया।
✅ यह अध्ययन बिरबल साहनी संस्थान ऑफ पेलियोसाइंसेज (लखनऊ) और वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (देहरादून) द्वारा किया गया है।
📍 मुख्य बिंदु
✅ जीवाश्म दिखाते हैं कि नागालैंड में कभी गर्म, नम जलवायु थी जिसमें बहुत अधिक वर्षा होती थी।
✅ इसका समय अंटार्कटिक आइस शीट्स के गठन के साथ मेल खाता है, जिसने वैश्विक हवा और वर्षा के पैटर्न को आईटीसीजेड (इंटरट्रॉपिकल कन्वर्जेंस ज़ोन) को उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की ओर स्थानांतरित करके बदल दिया।
✅ इसने भारतीय मानसून प्रणाली के प्रारंभिक विकास को प्रेरित किया।
✅ उपयोग की गई विधि: CLAMP (क्लाइमेट लीफ एनालिसिस मल्टीवेरिएट प्रोग्राम) से अतीत के जलवायु का पुनर्निर्माण।
✅ अध्ययन चेतावनी देता है: आधुनिक अंटार्कटिक हिम पिघलने के साथ, आईटीसीजेड फिर से स्थानांतरित हो सकता है, जिससे उष्णकटिबंधीय मानसून प्रभावित होंगे → भारत में कृषि और जल सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा।
#IndianMonsoon #ClimateChange #Geography
📍 क्यों ध्यान में?
✅ नागालैंड के लैसोंग फॉर्मेशन में पाए गए लगभग 34 मिलियन वर्ष पुराने जीवाश्म पत्ते यह बताते हैं कि अंटार्कटिक हिमनद ने भारतीय मानसून को कैसे आकार दिया।
✅ यह अध्ययन बिरबल साहनी संस्थान ऑफ पेलियोसाइंसेज (लखनऊ) और वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (देहरादून) द्वारा किया गया है।
📍 मुख्य बिंदु
✅ जीवाश्म दिखाते हैं कि नागालैंड में कभी गर्म, नम जलवायु थी जिसमें बहुत अधिक वर्षा होती थी।
✅ इसका समय अंटार्कटिक आइस शीट्स के गठन के साथ मेल खाता है, जिसने वैश्विक हवा और वर्षा के पैटर्न को आईटीसीजेड (इंटरट्रॉपिकल कन्वर्जेंस ज़ोन) को उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की ओर स्थानांतरित करके बदल दिया।
✅ इसने भारतीय मानसून प्रणाली के प्रारंभिक विकास को प्रेरित किया।
✅ उपयोग की गई विधि: CLAMP (क्लाइमेट लीफ एनालिसिस मल्टीवेरिएट प्रोग्राम) से अतीत के जलवायु का पुनर्निर्माण।
✅ अध्ययन चेतावनी देता है: आधुनिक अंटार्कटिक हिम पिघलने के साथ, आईटीसीजेड फिर से स्थानांतरित हो सकता है, जिससे उष्णकटिबंधीय मानसून प्रभावित होंगे → भारत में कृषि और जल सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा।
✅ प्रीलिम्स प्रश्न:
हाल ही में खबरों में आया CLAMP तरीका किस लिए उपयोग किया जाता है:
A. अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में भूजल क्षरण का अनुमान
B. जीवाश्म पत्तियों का उपयोग कर अतीत के जलवायु का पुनर्निर्माण
C. उपग्रह डेटा से टेक्टोनिक बदलाव मापन
D. दलदली क्षेत्रों में कार्बन संचयन विश्लेषण
उत्तर: B
✅ मेन्स प्रश्न:
चर्चा करें कि जीवाश्म साक्ष्यों का उपयोग कर प्राचीन जलवायु अध्ययन कैसे भारतीय मानसून प्रणाली के विकास को समझने में मदद करता है। ऐसे ज्ञान से भारत की आधुनिक जलवायु परिवर्तन के प्रति प्रतिक्रिया कैसे मार्गदर्शित हो सकती है?
#IndianMonsoon #ClimateChange #Geography
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🔆 भारत की नवीकरणीय ऊर्जा पहल – मुख्य हाइलाइट्स (PIB, सितंबर 2025)
📍 स्वदेशी सौर लक्ष्य
✅ भारत का लक्ष्य है 2028 तक स्वदेशी सौर सेल्स बनाना, मॉड्यूल से आगे बढ़कर घरेलू वेफर्स और इंगॉट्स तक।
✅ उद्देश्य: आयात निर्भरता कम करना, रोजगार सृजन करना, और स्वच्छ ऊर्जा नेतृत्व को मजबूत करना।
📍 वर्तमान प्रगति
✅ भारत ने 251.5 GW गैर-जीवाश्म क्षमता पार कर ली है – जो पहले से ही 2030 के लक्ष्य (500 GW) का 50% है।
✅ प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना: लगभग 20 लाख परिवारों को लाभ मिला। आधे परिवारों को शून्य बिजली बिल मिलता है।
✅ प्रधानमंत्री-कुसुम योजना: आवंटित 49 लाख सौर पंपों में से 16 लाख स्थापित/सौरित, जिससे डीजल उपयोग में 1.3 अरब लीटर/वर्ष की कमी और 40 मिलियन टन CO₂ की कटौती हुई।
📍 योजनाएं और समर्थन
✅ सौर पीवी मॉड्यूल के लिए PLI योजना – ₹24,000 करोड़ का आवंटन; 100 GW निर्माण क्षमता, ₹50,000 करोड़ निवेश, और 12,600+ नौकरियां सृजित।
✅ प्रधानमंत्री-कुसुम योजना का चरण 2 मार्च 2026 के बाद शुरू होगा।
✅ नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण/सेवाओं पर GST कटौती 12% से 5% तक, जिससे सौर, पवन, बायोगैस सस्ते हुए।
📍 नीति दिशा
✅ राज्यों को RPOs, PPAs, भूमि आवंटन में तेजी लाने का आग्रह; नवीकरणीय ऊर्जा के लिए सिंगल-विंडो क्लियरेंस अपनाने को कहा।
✅ पवन ऊर्जा के लिए समयबद्ध रोडमैप की मांग।
✅ सामूहिक कार्रवाई पर जोर – केंद्र, राज्य, उद्योग और नागरिक।
#RenewableEnergy #UPSC
📍 स्वदेशी सौर लक्ष्य
✅ भारत का लक्ष्य है 2028 तक स्वदेशी सौर सेल्स बनाना, मॉड्यूल से आगे बढ़कर घरेलू वेफर्स और इंगॉट्स तक।
✅ उद्देश्य: आयात निर्भरता कम करना, रोजगार सृजन करना, और स्वच्छ ऊर्जा नेतृत्व को मजबूत करना।
📍 वर्तमान प्रगति
✅ भारत ने 251.5 GW गैर-जीवाश्म क्षमता पार कर ली है – जो पहले से ही 2030 के लक्ष्य (500 GW) का 50% है।
✅ प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना: लगभग 20 लाख परिवारों को लाभ मिला। आधे परिवारों को शून्य बिजली बिल मिलता है।
✅ प्रधानमंत्री-कुसुम योजना: आवंटित 49 लाख सौर पंपों में से 16 लाख स्थापित/सौरित, जिससे डीजल उपयोग में 1.3 अरब लीटर/वर्ष की कमी और 40 मिलियन टन CO₂ की कटौती हुई।
📍 योजनाएं और समर्थन
✅ सौर पीवी मॉड्यूल के लिए PLI योजना – ₹24,000 करोड़ का आवंटन; 100 GW निर्माण क्षमता, ₹50,000 करोड़ निवेश, और 12,600+ नौकरियां सृजित।
✅ प्रधानमंत्री-कुसुम योजना का चरण 2 मार्च 2026 के बाद शुरू होगा।
✅ नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण/सेवाओं पर GST कटौती 12% से 5% तक, जिससे सौर, पवन, बायोगैस सस्ते हुए।
📍 नीति दिशा
✅ राज्यों को RPOs, PPAs, भूमि आवंटन में तेजी लाने का आग्रह; नवीकरणीय ऊर्जा के लिए सिंगल-विंडो क्लियरेंस अपनाने को कहा।
✅ पवन ऊर्जा के लिए समयबद्ध रोडमैप की मांग।
✅ सामूहिक कार्रवाई पर जोर – केंद्र, राज्य, उद्योग और नागरिक।
#RenewableEnergy #UPSC
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🔆 “Guns, Germs and Steel” – जैरेड डायमंड
📘 मानव इतिहास, असमानता और विकास
✅ असमानता पर
🗨️ “इतिहास अलग-अलग समाजों में अलग दिशा में इसलिए चला क्योंकि उनके वातावरण अलग थे, न कि उनकी जीवविज्ञान में भिन्नता थी।”
📌 निबंध में उपयोग: असमानता, भूगोल और विकास, सामाजिक न्याय
✅ पर्यावरण और विकास पर
🗨️ “भूगोल वह मंच है जिस पर इतिहास का नाटक खेला जाता है।”
📌 निबंध में उपयोग: सतत विकास, क्षेत्रीय विषमताएँ, जलवायु और अर्थव्यवस्था
✅ मानव प्रगति पर
🗨️ “पौधों और जानवरों का वशीकरण मानव इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।”
📌 निबंध में उपयोग: कृषि, खाद्य सुरक्षा, सभ्यताओं की प्रगति
✅ प्रौद्योगिकी पर
🗨️ “तकनीकी प्रगति एक-दूसरे पर आधारित होती है, इसलिए जिन समाजों को शुरुआती बढ़त मिली, वे तेज़ी से आगे बढ़े।”
📌 निबंध में उपयोग: डिजिटल डिवाइड, नवाचार की खाई, वैश्वीकरण
✅ वैश्विक इतिहास पर
🗨️ “आधुनिक दुनिया की असमानताओं की जड़ें भूगोल और पर्यावरण की घटनाओं में हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: उत्तर-दक्षिण विभाजन, भारत का विकास मार्ग, वैश्विक न्याय
#essay
📘 मानव इतिहास, असमानता और विकास
✅ असमानता पर
🗨️ “इतिहास अलग-अलग समाजों में अलग दिशा में इसलिए चला क्योंकि उनके वातावरण अलग थे, न कि उनकी जीवविज्ञान में भिन्नता थी।”
📌 निबंध में उपयोग: असमानता, भूगोल और विकास, सामाजिक न्याय
✅ पर्यावरण और विकास पर
🗨️ “भूगोल वह मंच है जिस पर इतिहास का नाटक खेला जाता है।”
📌 निबंध में उपयोग: सतत विकास, क्षेत्रीय विषमताएँ, जलवायु और अर्थव्यवस्था
✅ मानव प्रगति पर
🗨️ “पौधों और जानवरों का वशीकरण मानव इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।”
📌 निबंध में उपयोग: कृषि, खाद्य सुरक्षा, सभ्यताओं की प्रगति
✅ प्रौद्योगिकी पर
🗨️ “तकनीकी प्रगति एक-दूसरे पर आधारित होती है, इसलिए जिन समाजों को शुरुआती बढ़त मिली, वे तेज़ी से आगे बढ़े।”
📌 निबंध में उपयोग: डिजिटल डिवाइड, नवाचार की खाई, वैश्वीकरण
✅ वैश्विक इतिहास पर
🗨️ “आधुनिक दुनिया की असमानताओं की जड़ें भूगोल और पर्यावरण की घटनाओं में हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: उत्तर-दक्षिण विभाजन, भारत का विकास मार्ग, वैश्विक न्याय
#essay
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🔆 भारतीय संविधान में संशोधन
📍 संवैधानिक आधार और प्रक्रिया
✅ अनुच्छेद 368 संशोधनों के लिए ढांचा प्रदान करता है, कठोरता और लचीलापन के बीच संतुलन बनाता है।
✅ प्रकार:
• सरल बहुमत → उदाहरण के लिए, तेलंगाना का निर्माण (2014)
• विशेष बहुमत → उदाहरण के लिए, 42वां संशोधन (1976)
• विशेष + राज्य की स्वीकृति → संघीय प्रावधान
✅ केवल संसद में शुरू → दोनों सदनों द्वारा पारित → राष्ट्रपति की स्वीकृति।
📍 प्रमुख संशोधन
✅ 1ला (1951): 9वीं अनुसूची; मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध → भूमि सुधार।
✅ 42वां (1976): “मिनी संविधान”; समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, अखंडता; मौलिक कर्तव्य; न्यायपालिका को सीमित किया।
✅ 44वां (1978): लोकसभा की अवधि 5 वर्ष पर पुनर्स्थापित; अनुच्छेद 21 निलंबित नहीं किया जा सकता।
✅ 73वां और 74वां (1992): पंचायत राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों को दर्जा; अनुसूचित जाति/जनजाति और महिलाओं के लिए आरक्षण।
✅ 97वां (2011): सहकारी संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा।
✅ 101वां (2016): जीएसटी; जीएसटी परिषद; सहकारी संघवाद।
✅ 102वां (2018): राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा।
✅ 103वां (2019): 10% आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटा।
✅ 104वां (2020): एंग्लो-इंडियन सीटों को समाप्त किया।
✅ 105वां (2021): राज्यों को ओबीसी पहचानने का अधिकार स्पष्ट किया।
🔆 106वां संशोधन (2023) – महिला आरक्षण विधेयक
📍 मुख्य प्रावधान
✅ लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, दिल्ली विधानसभा में 33% आरक्षण (एससी/एसटी सीटें शामिल)।
✅ अवधि: 15 वर्ष (विस्तार योग्य)।
✅ जनगणना और परिसीमन के बाद लागू।
📍 संशोधन की आवश्यकता
🔹 राजनीतिक: लोकसभा में महिलाएं केवल 13.6% (2024)।
🔹 सामाजिक: NFHS-5 → 30% महिलाएं घरेलू हिंसा का सामना करती हैं।
🔹 आर्थिक: मैकिन्से → लिंग समानता से GDP में $770 बिलियन की वृद्धि हो सकती है।
🔹 कानूनी: अनुच्छेद 14, 15(3), 16 को बढ़ावा; CEDAW और SDG 5 के अनुरूप।
📍 चिंताएं
❌ 2029 के बाद परिसीमन तक देरी।
❌ ओबीसी महिला उप-कोटा नहीं।
❌ राज्यसभा और विधान परिषद को शामिल नहीं किया।
❌ प्रतिनिधित्व में प्रॉक्सी जोखिम (“सरपंच पति सिंड्रोम”)।
❌ पार्टी टिकट अनिवार्यता नहीं।
📍 आगे का रास्ता
✅ पार्टी आधारित कोटा (कानून आयोग 1999)।
✅ ओबीसी महिला उप-कोटा (रोहिणी आयोग)।
✅ शीघ्र कार्यान्वयन।
✅ नेतृत्व प्रशिक्षण और लैंगिक संवेदनशीलता।
✅ कार्यस्थल सुधार: देखभाल का बोझ कम करें, मातृत्व-पितृत्व समानता सुनिश्चित करें।
📍 सर्वोत्तम प्रथाएं
रवांडा → 61.3% महिला सांसद (विश्व में सबसे अधिक)।
फ्रांस → 50% पार्टी कोटा कानून → >38% महिला सांसद।
📌 UPSC पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs):
#राजनीति #मुख्य_परीक्षा
JOIN @CSE_EXAM
@upsc_polity_Governance
📍 संवैधानिक आधार और प्रक्रिया
✅ अनुच्छेद 368 संशोधनों के लिए ढांचा प्रदान करता है, कठोरता और लचीलापन के बीच संतुलन बनाता है।
✅ प्रकार:
• सरल बहुमत → उदाहरण के लिए, तेलंगाना का निर्माण (2014)
• विशेष बहुमत → उदाहरण के लिए, 42वां संशोधन (1976)
• विशेष + राज्य की स्वीकृति → संघीय प्रावधान
✅ केवल संसद में शुरू → दोनों सदनों द्वारा पारित → राष्ट्रपति की स्वीकृति।
📍 प्रमुख संशोधन
✅ 1ला (1951): 9वीं अनुसूची; मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध → भूमि सुधार।
✅ 42वां (1976): “मिनी संविधान”; समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, अखंडता; मौलिक कर्तव्य; न्यायपालिका को सीमित किया।
✅ 44वां (1978): लोकसभा की अवधि 5 वर्ष पर पुनर्स्थापित; अनुच्छेद 21 निलंबित नहीं किया जा सकता।
✅ 73वां और 74वां (1992): पंचायत राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों को दर्जा; अनुसूचित जाति/जनजाति और महिलाओं के लिए आरक्षण।
✅ 97वां (2011): सहकारी संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा।
✅ 101वां (2016): जीएसटी; जीएसटी परिषद; सहकारी संघवाद।
✅ 102वां (2018): राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा।
✅ 103वां (2019): 10% आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटा।
✅ 104वां (2020): एंग्लो-इंडियन सीटों को समाप्त किया।
✅ 105वां (2021): राज्यों को ओबीसी पहचानने का अधिकार स्पष्ट किया।
🔆 106वां संशोधन (2023) – महिला आरक्षण विधेयक
📍 मुख्य प्रावधान
✅ लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, दिल्ली विधानसभा में 33% आरक्षण (एससी/एसटी सीटें शामिल)।
✅ अवधि: 15 वर्ष (विस्तार योग्य)।
✅ जनगणना और परिसीमन के बाद लागू।
📍 संशोधन की आवश्यकता
🔹 राजनीतिक: लोकसभा में महिलाएं केवल 13.6% (2024)।
🔹 सामाजिक: NFHS-5 → 30% महिलाएं घरेलू हिंसा का सामना करती हैं।
🔹 आर्थिक: मैकिन्से → लिंग समानता से GDP में $770 बिलियन की वृद्धि हो सकती है।
🔹 कानूनी: अनुच्छेद 14, 15(3), 16 को बढ़ावा; CEDAW और SDG 5 के अनुरूप।
📍 चिंताएं
❌ 2029 के बाद परिसीमन तक देरी।
❌ ओबीसी महिला उप-कोटा नहीं।
❌ राज्यसभा और विधान परिषद को शामिल नहीं किया।
❌ प्रतिनिधित्व में प्रॉक्सी जोखिम (“सरपंच पति सिंड्रोम”)।
❌ पार्टी टिकट अनिवार्यता नहीं।
📍 आगे का रास्ता
✅ पार्टी आधारित कोटा (कानून आयोग 1999)।
✅ ओबीसी महिला उप-कोटा (रोहिणी आयोग)।
✅ शीघ्र कार्यान्वयन।
✅ नेतृत्व प्रशिक्षण और लैंगिक संवेदनशीलता।
✅ कार्यस्थल सुधार: देखभाल का बोझ कम करें, मातृत्व-पितृत्व समानता सुनिश्चित करें।
📍 सर्वोत्तम प्रथाएं
रवांडा → 61.3% महिला सांसद (विश्व में सबसे अधिक)।
फ्रांस → 50% पार्टी कोटा कानून → >38% महिला सांसद।
📌 UPSC पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs):
1️⃣ 101वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम का महत्व समझाइए। यह संघवाद की समायोजक भावना को किस हद तक दर्शाता है? (2023)
2️⃣ संविधान (एक सौ पहला संशोधन) अधिनियम, 2016 की मुख्य विशेषताओं को समझाइए। क्या आपको लगता है कि यह करों के परस्पर प्रभाव को समाप्त करने और वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए एक सामान्य राष्ट्रीय बाजार प्रदान करने के लिए पर्याप्त प्रभावी है? (2017)
#राजनीति #मुख्य_परीक्षा
JOIN @CSE_EXAM
@upsc_polity_Governance
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🔆 समुद्र प्रदक्षिणा – भारत की पहली त्रि-सेवा महिला नौकायन परिक्रमा
📍 प्रसंग
✅ रक्षा मंत्री ने समुद्र प्रदक्षिणा (11 सितंबर, 2025) को मुंबई से रवाना किया – पहली बार त्रि-सेवा महिला नौकायन परिक्रमा अभियान।
📍 मुख्य तथ्य
✅ 10 महिला अधिकारी IASV त्रिवेणी (स्वदेशी निर्मित, 50-फुट यॉट, पुडुचेरी) पर 9 महीने तक नौकायन करेंगी, लगभग 26,000 समुद्री मील की दूरी तय करेंगी।
✅ मार्ग: भूमध्यरेखा दो बार पार, 3 केप्स (लीविन, हॉर्न, गुड होप), साउदर्न ओशन और ड्रेक पासेज।
✅ 4 अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह कॉल: फ्रेमेंटल (ऑस्ट्रेलिया), लिट्टेलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टेनली (कनाडा), केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका)।
✅ चालक दल ने 3 वर्षों का प्रशिक्षण लिया जिसमें मुंबई-सेशेल्स अभियान शामिल है।
📍 महत्व
✅ नारी शक्ति, सशस्त्र बलों की एकता और आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक।
✅ पोत कूटनीति मंच के रूप में भी कार्य करता है जो भारत की संस्कृति और सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करता है।
✅ चालक दल NIO के साथ वैज्ञानिक अनुसंधान करेगा – माइक्रोप्लास्टिक्स, समुद्री जीवन, समुद्री स्वास्थ्य।
✅ अभियान कड़ाई से वर्ल्ड सेइलिंग स्पीड रिकॉर्ड काउंसिल के नियमों का पालन करता है (21,600 समुद्री मील, कोई नहर नहीं, केवल पाल नौकायन)।
📍 पृष्ठभूमि
✅ भारत के विरासत अभियान: कैप्टन दिलीप डोंडे (2009–10), कमांडर अभिलाष टोमी (2012–13), नाविका सागर परिक्रमा (2017–18 और 2024–25)।
✨ #NariShakti #AatmanirbharBharat
📍 प्रसंग
✅ रक्षा मंत्री ने समुद्र प्रदक्षिणा (11 सितंबर, 2025) को मुंबई से रवाना किया – पहली बार त्रि-सेवा महिला नौकायन परिक्रमा अभियान।
📍 मुख्य तथ्य
✅ 10 महिला अधिकारी IASV त्रिवेणी (स्वदेशी निर्मित, 50-फुट यॉट, पुडुचेरी) पर 9 महीने तक नौकायन करेंगी, लगभग 26,000 समुद्री मील की दूरी तय करेंगी।
✅ मार्ग: भूमध्यरेखा दो बार पार, 3 केप्स (लीविन, हॉर्न, गुड होप), साउदर्न ओशन और ड्रेक पासेज।
✅ 4 अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह कॉल: फ्रेमेंटल (ऑस्ट्रेलिया), लिट्टेलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टेनली (कनाडा), केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका)।
✅ चालक दल ने 3 वर्षों का प्रशिक्षण लिया जिसमें मुंबई-सेशेल्स अभियान शामिल है।
📍 महत्व
✅ नारी शक्ति, सशस्त्र बलों की एकता और आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक।
✅ पोत कूटनीति मंच के रूप में भी कार्य करता है जो भारत की संस्कृति और सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करता है।
✅ चालक दल NIO के साथ वैज्ञानिक अनुसंधान करेगा – माइक्रोप्लास्टिक्स, समुद्री जीवन, समुद्री स्वास्थ्य।
✅ अभियान कड़ाई से वर्ल्ड सेइलिंग स्पीड रिकॉर्ड काउंसिल के नियमों का पालन करता है (21,600 समुद्री मील, कोई नहर नहीं, केवल पाल नौकायन)।
📍 पृष्ठभूमि
✅ भारत के विरासत अभियान: कैप्टन दिलीप डोंडे (2009–10), कमांडर अभिलाष टोमी (2012–13), नाविका सागर परिक्रमा (2017–18 और 2024–25)।
✨ #NariShakti #AatmanirbharBharat
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🔆 बृहदीश्वर मंदिर, गंगाइकोंडा चोलपुरम (अरियालूर, तमिलनाडु)
📍 मंदिर के बारे में
✅ राजेंद्र चोला प्रथम (1014–1044 ईस्वी) द्वारा उनकी गंगा अभियान की स्मृति में निर्मित।
✅ चोला राजधानी का स्थानांतरण थंजावुर से → गंगाइकोंडा चोलपुरम (1279 ईस्वी तक शाही सीट)।
✅ भगवान शिव (गंगाइकोंडाचोलिस्वरर) को समर्पित।
📍 वास्तुशिल्प और सांस्कृतिक महत्व
✅ परिष्कृत द्रविड़ वास्तुकला का उदाहरण, जो थंजावुर के पहले बृहदीश्वर मंदिर से श्रेष्ठ है।
✅ सैन्य गौरव और धार्मिक भक्ति दोनों का प्रतीक।
✅ वार्षिक आदि थिरुवथिरै उत्सव राजेंद्र के जन्म नक्षत्र का उत्सव थेरुकोथु प्रदर्शन और भेंटों के साथ मनाता है।
📍 इतिहास के स्रोत
✅ शिलालेख: 1027 और 1068 ईस्वी।
✅ एसलम ताम्रपत्र (1036 ईस्वी) शाही संरक्षण की पुष्टि करते हैं।
✅ बाद के चोला राजा जैसे विरराजेंद्र ने दान बनाए रखे।
📍 यूनेस्को स्थिति
✅ विश्व धरोहर स्थल (2004) घोषित → एयरावतस्वर मंदिर (दारासुरम) के साथ।
✅ थंजावुर बृहदीश्वर मंदिर (1987) के साथ → महान जीवित चोला मंदिर बनाते हैं।
✨ #चोला_वास्तुकला #भारतीय_संस्कृति
📍 मंदिर के बारे में
✅ राजेंद्र चोला प्रथम (1014–1044 ईस्वी) द्वारा उनकी गंगा अभियान की स्मृति में निर्मित।
✅ चोला राजधानी का स्थानांतरण थंजावुर से → गंगाइकोंडा चोलपुरम (1279 ईस्वी तक शाही सीट)।
✅ भगवान शिव (गंगाइकोंडाचोलिस्वरर) को समर्पित।
📍 वास्तुशिल्प और सांस्कृतिक महत्व
✅ परिष्कृत द्रविड़ वास्तुकला का उदाहरण, जो थंजावुर के पहले बृहदीश्वर मंदिर से श्रेष्ठ है।
✅ सैन्य गौरव और धार्मिक भक्ति दोनों का प्रतीक।
✅ वार्षिक आदि थिरुवथिरै उत्सव राजेंद्र के जन्म नक्षत्र का उत्सव थेरुकोथु प्रदर्शन और भेंटों के साथ मनाता है।
📍 इतिहास के स्रोत
✅ शिलालेख: 1027 और 1068 ईस्वी।
✅ एसलम ताम्रपत्र (1036 ईस्वी) शाही संरक्षण की पुष्टि करते हैं।
✅ बाद के चोला राजा जैसे विरराजेंद्र ने दान बनाए रखे।
📍 यूनेस्को स्थिति
✅ विश्व धरोहर स्थल (2004) घोषित → एयरावतस्वर मंदिर (दारासुरम) के साथ।
✅ थंजावुर बृहदीश्वर मंदिर (1987) के साथ → महान जीवित चोला मंदिर बनाते हैं।
✨ #चोला_वास्तुकला #भारतीय_संस्कृति
❤2
🔆 भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाएं
📍 प्रसंग
✅ महिलाएं केवल ब्रिटिश औपनिवेशिकता के खिलाफ ही नहीं बल्कि सामाजिक प्रतिबंधों के खिलाफ भी लड़ीं, और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
📍 मुख्य योगदान
✅ जन आंदोलन: असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह, और भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुईं; मार्च, बहिष्कार, भूमिगत रेडियो का नेतृत्व किया।
✅ क्रांतिकारी भूमिका: रानी लक्ष्मीबाई, प्रीतिलता वड्डेदार, कल्पना दत्त जैसे प्रतीक हथियार उठाकर और छापामार कार्रवाई की।
✅ नेतृत्व और संगठन: एआईडब्ल्यूसी जैसी संस्थाएं स्थापित कीं; सरोजिनी नायडू, विजय लक्ष्मी पंडित, सुचेता कृपलानी जैसे नेता राजनीति को आकार दिया।
✅ सामाजिक सुधार: सावित्रीबाई फुले, फातिमा शेख, पंडिता रामाबाई जैसे सुधारकों ने शिक्षा और लैंगिक अधिकारों को राष्ट्रवाद से जोड़ा।
📍 प्रमुख हस्तियां
✅ सरोजिनी नायडू – पहली भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष, नमक मार्च की नेता।
✅ सुचेता कृपलानी – पहली महिला मुख्यमंत्री, भारत छोड़ो आंदोलन की कार्यकर्ता।
✅ उषा मेहता – भूमिगत कांग्रेस रेडियो चलाया।
✅ भिकाजी कामा – विदेश में पहला भारतीय ध्वज फहराया।
✅ मातंगीनी हजरा – भारत छोड़ो आंदोलन की शहीद, तिरंगा थामे।
✅ रानी चेन्नम्मा, कमलादेवी चट्टोपाध्याय, बेगम रुकैया – प्रारंभिक प्रतिरोधक, सांस्कृतिक पुनरुद्धारक, नारीवादी।
📍 निष्कर्ष
✅ महिलाएं केवल सहभागी नहीं थीं, बल्कि स्वतंत्रता की वास्तुकार थीं, जिन्होंने राजनीतिक संघर्ष को सामाजिक सुधार के साथ जोड़ा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया।
✅ मुख्य परीक्षा (2016)
प्रश्न: स्वतंत्रता संग्राम में विशेष रूप से गांधीवादी चरण के दौरान महिलाओं की भूमिका पर चर्चा करें।
📍 प्रसंग
✅ महिलाएं केवल ब्रिटिश औपनिवेशिकता के खिलाफ ही नहीं बल्कि सामाजिक प्रतिबंधों के खिलाफ भी लड़ीं, और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
📍 मुख्य योगदान
✅ जन आंदोलन: असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह, और भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुईं; मार्च, बहिष्कार, भूमिगत रेडियो का नेतृत्व किया।
✅ क्रांतिकारी भूमिका: रानी लक्ष्मीबाई, प्रीतिलता वड्डेदार, कल्पना दत्त जैसे प्रतीक हथियार उठाकर और छापामार कार्रवाई की।
✅ नेतृत्व और संगठन: एआईडब्ल्यूसी जैसी संस्थाएं स्थापित कीं; सरोजिनी नायडू, विजय लक्ष्मी पंडित, सुचेता कृपलानी जैसे नेता राजनीति को आकार दिया।
✅ सामाजिक सुधार: सावित्रीबाई फुले, फातिमा शेख, पंडिता रामाबाई जैसे सुधारकों ने शिक्षा और लैंगिक अधिकारों को राष्ट्रवाद से जोड़ा।
📍 प्रमुख हस्तियां
✅ सरोजिनी नायडू – पहली भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष, नमक मार्च की नेता।
✅ सुचेता कृपलानी – पहली महिला मुख्यमंत्री, भारत छोड़ो आंदोलन की कार्यकर्ता।
✅ उषा मेहता – भूमिगत कांग्रेस रेडियो चलाया।
✅ भिकाजी कामा – विदेश में पहला भारतीय ध्वज फहराया।
✅ मातंगीनी हजरा – भारत छोड़ो आंदोलन की शहीद, तिरंगा थामे।
✅ रानी चेन्नम्मा, कमलादेवी चट्टोपाध्याय, बेगम रुकैया – प्रारंभिक प्रतिरोधक, सांस्कृतिक पुनरुद्धारक, नारीवादी।
📍 निष्कर्ष
✅ महिलाएं केवल सहभागी नहीं थीं, बल्कि स्वतंत्रता की वास्तुकार थीं, जिन्होंने राजनीतिक संघर्ष को सामाजिक सुधार के साथ जोड़ा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया।
📍 यूपीएससी पिछले प्रश्न
✅ प्रारंभिक परीक्षा
प्रश्न: एनी बेसेंट कौन थीं? (2013)
1. होम रूल आंदोलन शुरू करने के लिए जिम्मेदार
2. थियोसोफिकल सोसाइटी की संस्थापक
3. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकीं
नीचे दिए गए कोड का उपयोग कर सही कथन चुनें:
(a) केवल 1
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (c)
प्रश्न: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के संदर्भ में, उषा मेहता किसके लिए जानी जाती हैं? (2011)
(a) भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान गुप्त कांग्रेस रेडियो चलाने के लिए
(b) दूसरे राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिए
(c) भारतीय राष्ट्रीय सेना के एक दस्ते का नेतृत्व करने के लिए
(d) पंडित जवाहरलाल नेहरू के अधीन अंतरिम सरकार के गठन में सहायता करने के लिए
उत्तर: (a)
✅ मुख्य परीक्षा (2016)
प्रश्न: स्वतंत्रता संग्राम में विशेष रूप से गांधीवादी चरण के दौरान महिलाओं की भूमिका पर चर्चा करें।
❤7👍1
🔆 “The Clash of Civilizations and the Remaking of World Order” – सैमुअल पी. हंटिंगटन
📘 सभ्यताओं का संघर्ष और विश्व व्यवस्था का पुनर्निर्माण
✅ वैश्विक संघर्ष पर
🗨️ “शीत युद्ध के बाद की दुनिया में संस्कृति और सांस्कृतिक पहचान ही एकता, विघटन और संघर्ष के पैटर्न तय कर रही हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: भारत की बहुलता, सांप्रदायिक सौहार्द, वैश्वीकरण बनाम पहचान की राजनीति
✅ सभ्यतागत पहचान पर
🗨️ “मानवजाति के बीच सबसे बड़े विभाजन और संघर्ष का प्रमुख स्रोत सांस्कृतिक होगा।”
📌 निबंध में उपयोग: एकता में विविधता, धर्मनिरपेक्षता, सांस्कृतिक लचीलापन
✅ भारत की भूमिका पर
🗨️ “भारत एक ऐसा समाज है जो अपने हिंदू सभ्यतागत आधार और अपने धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक राज्य के बीच बँटा हुआ है।”
📌 निबंध में उपयोग: संवैधानिक नैतिकता, धर्म बनाम राजनीति, भारतीय लोकतंत्र
✅ आधुनिकीकरण बनाम पाश्चात्यकरण पर
🗨️ “आधुनिकीकरण पाश्चात्यकरण से अलग है, और गैर-पश्चिमी समाज बिना अपनी संस्कृति छोड़े आधुनिक हो सकते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी विकास मॉडल, सांस्कृतिक गौरव
✅ सहअस्तित्व पर
🗨️ “सभ्यताओं को सहअस्तित्व सीखना होगा; अन्यथा वे टकराएँगी।”
📌 निबंध में उपयोग: अंतरराष्ट्रीय संबंध, सॉफ्ट पावर, शांति व कूटनीति
#essay
📘 सभ्यताओं का संघर्ष और विश्व व्यवस्था का पुनर्निर्माण
✅ वैश्विक संघर्ष पर
🗨️ “शीत युद्ध के बाद की दुनिया में संस्कृति और सांस्कृतिक पहचान ही एकता, विघटन और संघर्ष के पैटर्न तय कर रही हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: भारत की बहुलता, सांप्रदायिक सौहार्द, वैश्वीकरण बनाम पहचान की राजनीति
✅ सभ्यतागत पहचान पर
🗨️ “मानवजाति के बीच सबसे बड़े विभाजन और संघर्ष का प्रमुख स्रोत सांस्कृतिक होगा।”
📌 निबंध में उपयोग: एकता में विविधता, धर्मनिरपेक्षता, सांस्कृतिक लचीलापन
✅ भारत की भूमिका पर
🗨️ “भारत एक ऐसा समाज है जो अपने हिंदू सभ्यतागत आधार और अपने धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक राज्य के बीच बँटा हुआ है।”
📌 निबंध में उपयोग: संवैधानिक नैतिकता, धर्म बनाम राजनीति, भारतीय लोकतंत्र
✅ आधुनिकीकरण बनाम पाश्चात्यकरण पर
🗨️ “आधुनिकीकरण पाश्चात्यकरण से अलग है, और गैर-पश्चिमी समाज बिना अपनी संस्कृति छोड़े आधुनिक हो सकते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी विकास मॉडल, सांस्कृतिक गौरव
✅ सहअस्तित्व पर
🗨️ “सभ्यताओं को सहअस्तित्व सीखना होगा; अन्यथा वे टकराएँगी।”
📌 निबंध में उपयोग: अंतरराष्ट्रीय संबंध, सॉफ्ट पावर, शांति व कूटनीति
#essay
❤4
🔆 “A Theory of Justice” – जॉन रॉल्स
📘 न्याय और समानता पर विचार
✅ न्याय पर
🗨️ “न्याय सामाजिक संस्थाओं का प्रथम गुण है, जैसे सत्य विचार प्रणालियों का।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, सुशासन, सार्वजनिक जीवन में नैतिकता
✅ समानता पर
🗨️ “हर व्यक्ति को अधिकतम बुनियादी स्वतंत्रता का समान अधिकार होना चाहिए, जो दूसरों की समान स्वतंत्रता के साथ संगत हो।”
📌 निबंध में उपयोग: अधिकार बनाम कर्तव्य, स्वतंत्रता, संवैधानिक नैतिकता
✅ असमानता पर
🗨️ “सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाना चाहिए कि वे सबसे वंचित लोगों के लिए अधिकतम लाभकारी हों।”
📌 निबंध में उपयोग: कल्याणकारी राज्य, समावेशी विकास, आरक्षण
✅ न्याय एवं निष्पक्षता पर
🗨️ “न्याय को निष्पक्षता के रूप में समझना यह मान्यता देता है कि सभी सामाजिक मूल्यों का समान वितरण होना चाहिए, जब तक कि असमान वितरण सभी के लाभ के लिए न हो।”
📌 निबंध में उपयोग: वितरणात्मक न्याय, नीतिगत सुधार, समानता
✅ संस्थाओं पर
🗨️ “कानून और संस्थाएँ चाहे कितनी भी कुशल और सुव्यवस्थित हों, यदि वे अन्यायपूर्ण हैं तो उन्हें सुधारा या समाप्त किया जाना चाहिए।”
📌 निबंध में उपयोग: शासन सुधार, क़ानून का शासन, नैतिक राज्य-व्यवस्था
#essay
📘 न्याय और समानता पर विचार
✅ न्याय पर
🗨️ “न्याय सामाजिक संस्थाओं का प्रथम गुण है, जैसे सत्य विचार प्रणालियों का।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, सुशासन, सार्वजनिक जीवन में नैतिकता
✅ समानता पर
🗨️ “हर व्यक्ति को अधिकतम बुनियादी स्वतंत्रता का समान अधिकार होना चाहिए, जो दूसरों की समान स्वतंत्रता के साथ संगत हो।”
📌 निबंध में उपयोग: अधिकार बनाम कर्तव्य, स्वतंत्रता, संवैधानिक नैतिकता
✅ असमानता पर
🗨️ “सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाना चाहिए कि वे सबसे वंचित लोगों के लिए अधिकतम लाभकारी हों।”
📌 निबंध में उपयोग: कल्याणकारी राज्य, समावेशी विकास, आरक्षण
✅ न्याय एवं निष्पक्षता पर
🗨️ “न्याय को निष्पक्षता के रूप में समझना यह मान्यता देता है कि सभी सामाजिक मूल्यों का समान वितरण होना चाहिए, जब तक कि असमान वितरण सभी के लाभ के लिए न हो।”
📌 निबंध में उपयोग: वितरणात्मक न्याय, नीतिगत सुधार, समानता
✅ संस्थाओं पर
🗨️ “कानून और संस्थाएँ चाहे कितनी भी कुशल और सुव्यवस्थित हों, यदि वे अन्यायपूर्ण हैं तो उन्हें सुधारा या समाप्त किया जाना चाहिए।”
📌 निबंध में उपयोग: शासन सुधार, क़ानून का शासन, नैतिक राज्य-व्यवस्था
#essay
👍2❤1
🔆 जीरो शैडो डे (ZSD) – मुख्य तथ्य
📍 जीरो शैडो डे क्या है?
✅ एक खगोलीय घटना जो साल में दो बार कैंसर रेखा और मकर रेखा के बीच देखी जाती है
✅ इस दिन, सूरज सीधे ऊपर होता है, और खड़े वस्तुएं स्थानीय दोपहर में कोई छाया नहीं डालतीं
📍 यह क्यों होता है?
✅ पृथ्वी के धुरी झुकाव (23.5°) और सूरज के चारों ओर इसके परिक्रमा के कारण
✅ तब होता है जब किसी स्थान की अक्षांश सूरज की विचलन के बराबर होती है
📍 यह कब होता है?
✅ दक्षिणायण → 21 जून (ग्रीष्म संक्रांति) के बाद जब सूरज दक्षिण की ओर बढ़ता है
✅ उत्तरायण → 22 दिसंबर (शीत संक्रांति) के बाद जब सूरज उत्तर की ओर बढ़ता है
✅ दोनों रेखाओं के बीच हर स्थान पर यह साल में दो बार होता है (सटीक तिथियां अक्षांश के अनुसार भिन्न होती हैं)
📍 अवधि
✅ सटीक जीरो शैडो क्षणिक होता है
✅ प्रभाव लगभग 1–1.5 मिनट तक दिखाई देता है
📍 हाल की घटना
✅ इसे कॉस्मोलॉजी एजुकेशन एंड रिसर्च ट्रेनिंग सेंटर (COSMOS), मैसूर द्वारा भारतीय खगोल विज्ञान संस्थान के अंतर्गत देखा गया
#भूगोल #खगोलशास्त्र
📍 जीरो शैडो डे क्या है?
✅ एक खगोलीय घटना जो साल में दो बार कैंसर रेखा और मकर रेखा के बीच देखी जाती है
✅ इस दिन, सूरज सीधे ऊपर होता है, और खड़े वस्तुएं स्थानीय दोपहर में कोई छाया नहीं डालतीं
📍 यह क्यों होता है?
✅ पृथ्वी के धुरी झुकाव (23.5°) और सूरज के चारों ओर इसके परिक्रमा के कारण
✅ तब होता है जब किसी स्थान की अक्षांश सूरज की विचलन के बराबर होती है
📍 यह कब होता है?
✅ दक्षिणायण → 21 जून (ग्रीष्म संक्रांति) के बाद जब सूरज दक्षिण की ओर बढ़ता है
✅ उत्तरायण → 22 दिसंबर (शीत संक्रांति) के बाद जब सूरज उत्तर की ओर बढ़ता है
✅ दोनों रेखाओं के बीच हर स्थान पर यह साल में दो बार होता है (सटीक तिथियां अक्षांश के अनुसार भिन्न होती हैं)
📍 अवधि
✅ सटीक जीरो शैडो क्षणिक होता है
✅ प्रभाव लगभग 1–1.5 मिनट तक दिखाई देता है
📍 हाल की घटना
✅ इसे कॉस्मोलॉजी एजुकेशन एंड रिसर्च ट्रेनिंग सेंटर (COSMOS), मैसूर द्वारा भारतीय खगोल विज्ञान संस्थान के अंतर्गत देखा गया
#भूगोल #खगोलशास्त्र
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🔆 जर्मेनियम (Ge) – मुख्य तथ्य
📍 मूल तथ्य
✅ रासायनिक प्रतीक: Ge | परमाणु संख्या: 32 | श्रेणी: मेटालॉइड
✅ खोज: 1886 में क्लेमेंस विंकलर द्वारा (मेंडेलीयेव ने पहले "एकासिलिकॉन" के रूप में भविष्यवाणी की थी)
✅ रूप: सिल्वर-ग्रे, भंगुर ठोस जिसमें हीरे जैसी संरचना होती है।
📍 मुख्य गुण
✅ गलनांक लगभग 1,100°C | भंगुर, न कि लचीला।
✅ कमरे के तापमान पर स्थिर, 600–700°C पर ऑक्सीकरण होता है।
✅ हैलोजन और मजबूत अम्लों के साथ प्रतिक्रिया करता है; पिघले हुए NaOH/KOH में घुलकर जर्मेनेट बनाता है।
✅ दुर्लभ तत्व: पृथ्वी की पपड़ी में लगभग 1.5 पीपीएम।
📍 उत्पत्ति और उत्पादन
✅ जर्मेनाइट, रेनीराइट, आर्गिरोडाइट, कैनफील्डाइट में पाया जाता है (केवल जर्मेनाइट और रेनीराइट वाणिज्यिक रूप से उपयोग किए जाते हैं)।
✅ जिंक अयस्क और कोयला राख/धुआं धूल के उप-उत्पाद के रूप में निकाला जाता है।
✅ चीन विश्व की लगभग 60% आपूर्ति करता है; अन्य उत्पादकों में कनाडा, फिनलैंड, रूस, यूएसए शामिल हैं।
✅ भारत 100% आयात-निर्भर है।
📍 प्रयोग
✅ इलेक्ट्रॉनिक्स: ट्रांजिस्टर, रेक्टिफायर, फोटोसेल।
✅ इन्फ्रारेड तकनीक: IR विकिरण के लिए पारदर्शिता के कारण विंडोज़ और लेंस।
✅ ऑप्टिक्स: उच्च अपवर्तनांक → वाइड-एंगल लेंस, माइक्रोस्कोप ऑब्जेक्टिव।
✅ मिश्रधातु और प्रकाश: मिश्रधातुओं में उपयोग और फ्लोरोसेंट लैंप में फॉस्फर के रूप में।
#CriticalMinerals
📍 मूल तथ्य
✅ रासायनिक प्रतीक: Ge | परमाणु संख्या: 32 | श्रेणी: मेटालॉइड
✅ खोज: 1886 में क्लेमेंस विंकलर द्वारा (मेंडेलीयेव ने पहले "एकासिलिकॉन" के रूप में भविष्यवाणी की थी)
✅ रूप: सिल्वर-ग्रे, भंगुर ठोस जिसमें हीरे जैसी संरचना होती है।
📍 मुख्य गुण
✅ गलनांक लगभग 1,100°C | भंगुर, न कि लचीला।
✅ कमरे के तापमान पर स्थिर, 600–700°C पर ऑक्सीकरण होता है।
✅ हैलोजन और मजबूत अम्लों के साथ प्रतिक्रिया करता है; पिघले हुए NaOH/KOH में घुलकर जर्मेनेट बनाता है।
✅ दुर्लभ तत्व: पृथ्वी की पपड़ी में लगभग 1.5 पीपीएम।
📍 उत्पत्ति और उत्पादन
✅ जर्मेनाइट, रेनीराइट, आर्गिरोडाइट, कैनफील्डाइट में पाया जाता है (केवल जर्मेनाइट और रेनीराइट वाणिज्यिक रूप से उपयोग किए जाते हैं)।
✅ जिंक अयस्क और कोयला राख/धुआं धूल के उप-उत्पाद के रूप में निकाला जाता है।
✅ चीन विश्व की लगभग 60% आपूर्ति करता है; अन्य उत्पादकों में कनाडा, फिनलैंड, रूस, यूएसए शामिल हैं।
✅ भारत 100% आयात-निर्भर है।
📍 प्रयोग
✅ इलेक्ट्रॉनिक्स: ट्रांजिस्टर, रेक्टिफायर, फोटोसेल।
✅ इन्फ्रारेड तकनीक: IR विकिरण के लिए पारदर्शिता के कारण विंडोज़ और लेंस।
✅ ऑप्टिक्स: उच्च अपवर्तनांक → वाइड-एंगल लेंस, माइक्रोस्कोप ऑब्जेक्टिव।
✅ मिश्रधातु और प्रकाश: मिश्रधातुओं में उपयोग और फ्लोरोसेंट लैंप में फॉस्फर के रूप में।
✅ प्रारंभिक प्रश्न
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार करें जर्मेनियम (Ge) के बारे में:
1. इसे आवर्त सारणी के समूह 14 में मेटालॉइड के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
2. भारत जर्मेनियम के विश्व के शीर्ष पांच उत्पादकों में है।
3. जर्मेनियम का उपयोग इन्फ्रारेड डिटेक्शन और सेमीकंडक्टर उपकरणों में होता है।
उपरोक्त में से कौन से सही हैं?
A. केवल 1 और 2
B. केवल 2 और 3
C. केवल 1 और 3
D. 1, 2 और 3
उत्तर: C
✅ मुख्य प्रश्न
प्रश्न: भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा और ऊर्जा सुरक्षा के लिए जर्मेनियम जैसे दुर्लभ पृथ्वी और महत्वपूर्ण खनिजों के रणनीतिक महत्व की आलोचनात्मक समीक्षा करें। भारत अपनी 100% आयात निर्भरता को कैसे कम कर सकता है? (150 शब्द)
#CriticalMinerals
👍2
🔆 रक्षा खरीद मैनुअल (DPM) 2025 स्वीकृत
📍 क्यों ध्यान में?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा खरीद मैनुअल 2025 को स्वीकृत किया है ताकि सशस्त्र बलों की राजस्व खरीद प्रक्रिया को सुव्यवस्थित, सरल और तर्कसंगत बनाया जा सके, जिसमें आत्मनिर्भरता, आत्मनिर्भर भारत और नवाचार पर विशेष जोर दिया गया है।
📍 मुख्य विशेषताएं:
✅ व्यवसाय करने में आसानी पर ध्यान – एमएसएमई, स्टार्टअप, अकादमिक संस्थान, IIT, IISc और DPSU की भूमिका बढ़ाई गई है।
✅ दंड नियमों में छूट – प्रोटोटाइप चरण के दौरान LD 0.1% तक सीमित; गंभीर देरी में अधिकतम 5-10%।
✅ सहायक वित्तपोषण – विशेष मामलों में 5 वर्ष तक और बढ़ाने योग्य सुनिश्चित आदेश गारंटी।
✅ तेजी से निर्णय लेना – सक्षम वित्तीय प्राधिकरणों (CFA) को अधिक अधिकार दिए गए।
✅ सहयोग को बढ़ावा – अकादमिक-उद्योग सहयोग के माध्यम से R&D को बढ़ावा, स्पेयर/उपकरणों का स्वदेशीकरण।
📍 प्रभाव:
✅ घरेलू रक्षा निर्माण और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा।
✅ समय पर खरीद को प्रोत्साहित करता है और महत्वपूर्ण प्लेटफार्मों के डाउनटाइम को कम करता है।
✅ रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के साथ संरेखित।
✨ #DefenceReforms
📍 क्यों ध्यान में?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा खरीद मैनुअल 2025 को स्वीकृत किया है ताकि सशस्त्र बलों की राजस्व खरीद प्रक्रिया को सुव्यवस्थित, सरल और तर्कसंगत बनाया जा सके, जिसमें आत्मनिर्भरता, आत्मनिर्भर भारत और नवाचार पर विशेष जोर दिया गया है।
📍 मुख्य विशेषताएं:
✅ व्यवसाय करने में आसानी पर ध्यान – एमएसएमई, स्टार्टअप, अकादमिक संस्थान, IIT, IISc और DPSU की भूमिका बढ़ाई गई है।
✅ दंड नियमों में छूट – प्रोटोटाइप चरण के दौरान LD 0.1% तक सीमित; गंभीर देरी में अधिकतम 5-10%।
✅ सहायक वित्तपोषण – विशेष मामलों में 5 वर्ष तक और बढ़ाने योग्य सुनिश्चित आदेश गारंटी।
✅ तेजी से निर्णय लेना – सक्षम वित्तीय प्राधिकरणों (CFA) को अधिक अधिकार दिए गए।
✅ सहयोग को बढ़ावा – अकादमिक-उद्योग सहयोग के माध्यम से R&D को बढ़ावा, स्पेयर/उपकरणों का स्वदेशीकरण।
📍 प्रभाव:
✅ घरेलू रक्षा निर्माण और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा।
✅ समय पर खरीद को प्रोत्साहित करता है और महत्वपूर्ण प्लेटफार्मों के डाउनटाइम को कम करता है।
✅ रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के साथ संरेखित।
✅ मुख्य प्रश्न:
“चर्चा करें कि रक्षा खरीद मैनुअल 2025 भारत के रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के साथ कैसे मेल खाता है। यह व्यवसाय की आसानी और सैन्य तैयारियों के बीच संतुलन कैसे बनाता है?” (150 शब्द)
✨ #DefenceReforms
❤2
🔆 भारत 2025 में अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (IEC) की 89वीं सामान्य बैठक की मेजबानी करेगा
📍 क्यों ध्यान में?
भारत 15-19 सितंबर 2025 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में 89वीं IEC सामान्य बैठक की मेजबानी करेगा, जिसमें 100+ देशों के 2000+ विशेषज्ञ वैश्विक इलेक्ट्रोटेक्निकल मानकों को स्थापित करने के लिए एकत्रित होंगे।
📍 मुख्य विशेषताएं:
✅ भारत लो वोल्टेज डायरेक्ट करंट (LVDC) में मानकीकरण के लिए वैश्विक सचिवालय के रूप में कार्य करेगा – जो स्वच्छ, कुशल ऊर्जा समाधानों के लिए महत्वपूर्ण है।
✅ IEC 170 देशों का प्रतिनिधित्व करता है, जो विश्व की 99% आबादी और 20% वैश्विक व्यापार को कवर करता है।
✅ फोकस क्षेत्र: सतत विद्युतीकरण, एआई नवाचार, ई-मोबिलिटी, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग।
✅ भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, आईटी मैन्युफैक्चरिंग, स्मार्ट लाइटिंग प्रदर्शित करेगा और स्टार्ट-अप्स के लिए नेटवर्किंग प्रदान करेगा।
✅ IEC युवा पेशेवर कार्यक्रम वैश्विक युवाओं को मानकीकरण और प्रौद्योगिकी नेतृत्व में प्रशिक्षित करेगा।
📍 प्रभाव:
✅ वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा मानकों में भारत की भूमिका को “सततता चैंपियन” के रूप में मजबूत करता है।
✅ घरेलू स्टार्ट-अप्स, नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र, और हरित प्रौद्योगिकी नेतृत्व को बढ़ावा देता है।
✅ प्रौद्योगिकी शासन में भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाता है।
✨ #EnergyTransition #GlobalGovernance
📍 क्यों ध्यान में?
भारत 15-19 सितंबर 2025 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में 89वीं IEC सामान्य बैठक की मेजबानी करेगा, जिसमें 100+ देशों के 2000+ विशेषज्ञ वैश्विक इलेक्ट्रोटेक्निकल मानकों को स्थापित करने के लिए एकत्रित होंगे।
📍 मुख्य विशेषताएं:
✅ भारत लो वोल्टेज डायरेक्ट करंट (LVDC) में मानकीकरण के लिए वैश्विक सचिवालय के रूप में कार्य करेगा – जो स्वच्छ, कुशल ऊर्जा समाधानों के लिए महत्वपूर्ण है।
✅ IEC 170 देशों का प्रतिनिधित्व करता है, जो विश्व की 99% आबादी और 20% वैश्विक व्यापार को कवर करता है।
✅ फोकस क्षेत्र: सतत विद्युतीकरण, एआई नवाचार, ई-मोबिलिटी, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग।
✅ भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, आईटी मैन्युफैक्चरिंग, स्मार्ट लाइटिंग प्रदर्शित करेगा और स्टार्ट-अप्स के लिए नेटवर्किंग प्रदान करेगा।
✅ IEC युवा पेशेवर कार्यक्रम वैश्विक युवाओं को मानकीकरण और प्रौद्योगिकी नेतृत्व में प्रशिक्षित करेगा।
📍 प्रभाव:
✅ वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा मानकों में भारत की भूमिका को “सततता चैंपियन” के रूप में मजबूत करता है।
✅ घरेलू स्टार्ट-अप्स, नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र, और हरित प्रौद्योगिकी नेतृत्व को बढ़ावा देता है।
✅ प्रौद्योगिकी शासन में भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाता है।
✅ मुख्य प्रश्न:
“वैश्विक मानकीकरण और सतत प्रौद्योगिकी में नेतृत्व के लिए भारत द्वारा 89वीं अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (IEC) सामान्य बैठक की मेजबानी के महत्व पर चर्चा करें।” (150 शब्द)
✨ #EnergyTransition #GlobalGovernance
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🔆 INS एंड्रोथ भारतीय नौसेना को सौंपा गया
📍 क्यों फोकस में?
भारतीय नौसेना को ‘एंड्रोथ’ प्राप्त हुआ, जो 8 एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट्स (ASW SWCs) में से दूसरा है, 13 सितंबर 2025 को GRSE, कोलकाता में, जो रक्षा जहाज निर्माण में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम है।
📍 मुख्य विशेषताएं:
✅ गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा निर्मित, इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (IRS) नियमों के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया।
✅ 77 मीटर लंबा क्राफ्ट – डीजल इंजन-वाटरजेट कॉम्बो से संचालित सबसे बड़े भारतीय नौसेना युद्धपोत।
✅ हल्के टॉरपीडो, स्वदेशी ASW रॉकेट, शैलो वाटर सोनार से लैस।
✅ सबमरीन डिटेक्शन, तटीय निगरानी और माइन लेइंग क्षमताओं को बढ़ाता है।
✅ 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री, आयात निर्भरता को कम करता है।
✅ नाम ‘एंड्रोथ’ एंड्रोथ द्वीप (लक्षद्वीप) से लिया गया है – समुद्री सुरक्षा प्रतिबद्धता का प्रतीक।
📍 रणनीतिक महत्व:
✅ भारत की तटीय रक्षा और लिटोरल जोन ऑपरेशंस को मजबूत करता है।
✅ नौसेना जहाज निर्माण में स्वावलंबन और रक्षा तैयारियों को बढ़ावा देता है।
✨ #IndianNavy #AatmanirbharBharat
📍 क्यों फोकस में?
भारतीय नौसेना को ‘एंड्रोथ’ प्राप्त हुआ, जो 8 एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट्स (ASW SWCs) में से दूसरा है, 13 सितंबर 2025 को GRSE, कोलकाता में, जो रक्षा जहाज निर्माण में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम है।
📍 मुख्य विशेषताएं:
✅ गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा निर्मित, इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (IRS) नियमों के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया।
✅ 77 मीटर लंबा क्राफ्ट – डीजल इंजन-वाटरजेट कॉम्बो से संचालित सबसे बड़े भारतीय नौसेना युद्धपोत।
✅ हल्के टॉरपीडो, स्वदेशी ASW रॉकेट, शैलो वाटर सोनार से लैस।
✅ सबमरीन डिटेक्शन, तटीय निगरानी और माइन लेइंग क्षमताओं को बढ़ाता है।
✅ 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री, आयात निर्भरता को कम करता है।
✅ नाम ‘एंड्रोथ’ एंड्रोथ द्वीप (लक्षद्वीप) से लिया गया है – समुद्री सुरक्षा प्रतिबद्धता का प्रतीक।
📍 रणनीतिक महत्व:
✅ भारत की तटीय रक्षा और लिटोरल जोन ऑपरेशंस को मजबूत करता है।
✅ नौसेना जहाज निर्माण में स्वावलंबन और रक्षा तैयारियों को बढ़ावा देता है।
✅ मुख्य प्रश्न:
“भारत की समुद्री सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत दृष्टि के लिए स्वदेशी निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट्स (ASW SWCs) के शामिल होने के रणनीतिक महत्व पर चर्चा करें।” (150 शब्द)
✨ #IndianNavy #AatmanirbharBharat
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🔆संयुक्त कमांडरों का सम्मेलन 2025
✅CCC एक द्विवार्षिक शीर्ष स्तरीय मंच है जो सशस्त्र बलों का प्रतिनिधित्व करता है और यह शीर्ष नागरिक और सैन्य नेतृत्व को भविष्य की तैयारियों को आकार देने के लिए एक साथ लाता है।
✅फोकस क्षेत्र: सुधार, परिवर्तन और बदलाव, तथा परिचालन तत्परता।
✅प्रधान मंत्री को ऑपरेशन सिंदूर द्वारा निर्मित “नई सामान्य” में परिचालन तैयारी और उभरती तकनीक और रणनीतियों के बीच युद्ध के भविष्य पर ब्रीफ किया गया।
📍महत्व
✅समग्र समीक्षा और रोडमैप: संरचनात्मक, प्रशासनिक और परिचालन मामलों की समग्र समीक्षा करता है और प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को लागू करने के लिए रोडमैप विकसित करता है।
✅सुधार-केंद्रित आधुनिकीकरण: संस्थागत सुधारों, गहरे एकीकरण, और तकनीकी आधुनिकीकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है ताकि विकसित होती चुनौतियों का सामना किया जा सके।
✅बहु-क्षेत्रीय परिचालन तत्परता
✅चुस्त स्थिति और समावेशी निर्णय-निर्माण
✅CCC एक द्विवार्षिक शीर्ष स्तरीय मंच है जो सशस्त्र बलों का प्रतिनिधित्व करता है और यह शीर्ष नागरिक और सैन्य नेतृत्व को भविष्य की तैयारियों को आकार देने के लिए एक साथ लाता है।
✅फोकस क्षेत्र: सुधार, परिवर्तन और बदलाव, तथा परिचालन तत्परता।
✅प्रधान मंत्री को ऑपरेशन सिंदूर द्वारा निर्मित “नई सामान्य” में परिचालन तैयारी और उभरती तकनीक और रणनीतियों के बीच युद्ध के भविष्य पर ब्रीफ किया गया।
📍महत्व
✅समग्र समीक्षा और रोडमैप: संरचनात्मक, प्रशासनिक और परिचालन मामलों की समग्र समीक्षा करता है और प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को लागू करने के लिए रोडमैप विकसित करता है।
✅सुधार-केंद्रित आधुनिकीकरण: संस्थागत सुधारों, गहरे एकीकरण, और तकनीकी आधुनिकीकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है ताकि विकसित होती चुनौतियों का सामना किया जा सके।
✅बहु-क्षेत्रीय परिचालन तत्परता
✅चुस्त स्थिति और समावेशी निर्णय-निर्माण
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🔆 “The Wretched of the Earth” – फ्रांत्ज़ फैनन
📘 औपनिवेशिकता, मुक्ति और न्याय
✅ औपनिवेशिकता पर
🗨️ “औपनिवेशिकता कोई विचारशील तंत्र नहीं है, यह नग्न हिंसा है।”
📌 निबंध में उपयोग: साम्राज्यवाद, भारत का औपनिवेशिक अतीत, अहिंसा बनाम हिंसा
✅ स्वतंत्रता पर
🗨️ “उपनिवेशित तुरंत देख सकता है कि उपनिवेश-उन्मूलन हो रहा है या नहीं, क्योंकि यह तुरंत उसके जीवन को बदल देता है।”
📌 निबंध में उपयोग: सच्ची स्वतंत्रता, मानसिक उपनिवेश-उन्मूलन, सामाजिक सुधार
✅ राष्ट्रवाद पर
🗨️ “राष्ट्रीय चेतना राष्ट्रवाद नहीं है। यह वही है जो हमें अंतरराष्ट्रीय आयाम देगा।”
📌 निबंध में उपयोग: संवैधानिक देशभक्ति, समावेशी राष्ट्रवाद, वैश्विक न्याय
✅ न्याय पर
🗨️ “उपनिवेशित के लिए जीवन केवल उपनिवेशक की सड़ी-गली लाश से जन्म ले सकता है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, असमानता, ऐतिहासिक अन्याय
✅ मुक्ति पर
🗨️ “उपनिवेश-उन्मूलन वास्तव में नए मनुष्य की रचना है।”
📌 निबंध में उपयोग: सुधार, राष्ट्र-निर्माण, शिक्षा व सशक्तिकरण
#essay
📘 औपनिवेशिकता, मुक्ति और न्याय
✅ औपनिवेशिकता पर
🗨️ “औपनिवेशिकता कोई विचारशील तंत्र नहीं है, यह नग्न हिंसा है।”
📌 निबंध में उपयोग: साम्राज्यवाद, भारत का औपनिवेशिक अतीत, अहिंसा बनाम हिंसा
✅ स्वतंत्रता पर
🗨️ “उपनिवेशित तुरंत देख सकता है कि उपनिवेश-उन्मूलन हो रहा है या नहीं, क्योंकि यह तुरंत उसके जीवन को बदल देता है।”
📌 निबंध में उपयोग: सच्ची स्वतंत्रता, मानसिक उपनिवेश-उन्मूलन, सामाजिक सुधार
✅ राष्ट्रवाद पर
🗨️ “राष्ट्रीय चेतना राष्ट्रवाद नहीं है। यह वही है जो हमें अंतरराष्ट्रीय आयाम देगा।”
📌 निबंध में उपयोग: संवैधानिक देशभक्ति, समावेशी राष्ट्रवाद, वैश्विक न्याय
✅ न्याय पर
🗨️ “उपनिवेशित के लिए जीवन केवल उपनिवेशक की सड़ी-गली लाश से जन्म ले सकता है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, असमानता, ऐतिहासिक अन्याय
✅ मुक्ति पर
🗨️ “उपनिवेश-उन्मूलन वास्तव में नए मनुष्य की रचना है।”
📌 निबंध में उपयोग: सुधार, राष्ट्र-निर्माण, शिक्षा व सशक्तिकरण
#essay
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