🔆 “Capital in the Twenty-First Century” – थॉमस पिकेटी
📘 असमानता, अर्थव्यवस्था और न्याय
✅ असमानता पर
🗨️ “जब पूँजी पर प्रतिफल की दर उत्पादन और आय की वृद्धि दर से अधिक होती है, तो पूँजीवाद स्वतः ही अस्थायी और असहनीय असमानताएँ पैदा करता है।”
📌 निबंध में उपयोग: धन असमानता, समावेशी विकास, आर्थिक सुधार
✅ लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था पर
🗨️ “लोकतंत्र को कभी विशेषज्ञों के गणराज्य से प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता — और यह बहुत अच्छी बात है।”
📌 निबंध में उपयोग: लोकतांत्रिक निर्णय-निर्माण, नीतिगत सुधार, सुशासन
✅ असमानता के इतिहास पर
🗨️ “असमानता कोई दुर्घटना नहीं है; यह नीतियों और संस्थाओं की उपज है।”
📌 निबंध में उपयोग: शासन, नीतिगत डिज़ाइन, सामाजिक न्याय
✅ पुनर्वितरण पर
🗨️ “पूँजी को नियंत्रित करने वाली संस्थाओं के बिना, पूँजीवाद अनंत असमानता पैदा करता है।”
📌 निबंध में उपयोग: कल्याणकारी राज्य, सामाजिक सुरक्षा, भारतीय सुधार
✅ सामाजिक न्याय पर
🗨️ “असमानता का इतिहास इस बात से तय होता है कि आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक कारक क्या न्यायसंगत मानते हैं और क्या नहीं।”
📌 निबंध में उपयोग: अर्थव्यवस्था में नैतिकता, समानता, नीतिगत न्याय
#essay
📘 असमानता, अर्थव्यवस्था और न्याय
✅ असमानता पर
🗨️ “जब पूँजी पर प्रतिफल की दर उत्पादन और आय की वृद्धि दर से अधिक होती है, तो पूँजीवाद स्वतः ही अस्थायी और असहनीय असमानताएँ पैदा करता है।”
📌 निबंध में उपयोग: धन असमानता, समावेशी विकास, आर्थिक सुधार
✅ लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था पर
🗨️ “लोकतंत्र को कभी विशेषज्ञों के गणराज्य से प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता — और यह बहुत अच्छी बात है।”
📌 निबंध में उपयोग: लोकतांत्रिक निर्णय-निर्माण, नीतिगत सुधार, सुशासन
✅ असमानता के इतिहास पर
🗨️ “असमानता कोई दुर्घटना नहीं है; यह नीतियों और संस्थाओं की उपज है।”
📌 निबंध में उपयोग: शासन, नीतिगत डिज़ाइन, सामाजिक न्याय
✅ पुनर्वितरण पर
🗨️ “पूँजी को नियंत्रित करने वाली संस्थाओं के बिना, पूँजीवाद अनंत असमानता पैदा करता है।”
📌 निबंध में उपयोग: कल्याणकारी राज्य, सामाजिक सुरक्षा, भारतीय सुधार
✅ सामाजिक न्याय पर
🗨️ “असमानता का इतिहास इस बात से तय होता है कि आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक कारक क्या न्यायसंगत मानते हैं और क्या नहीं।”
📌 निबंध में उपयोग: अर्थव्यवस्था में नैतिकता, समानता, नीतिगत न्याय
#essay
❤5👍2
🔆 “The End of History and the Last Man” – फ्रांसिस फुकुयामा
📘 लोकतंत्र, शासन और मानव प्रगति
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “इतिहास का अंत उस समय होगा जब पश्चिमी उदार लोकतंत्र मानव शासन का अंतिम रूप बन जाएगा।”
📌 निबंध में उपयोग: भारतीय लोकतंत्र, संवैधानिक मूल्य, वैश्विक शासन
✅ मानव गरिमा पर
🗨️ “मान्यता के लिए संघर्ष ही इतिहास का इंजन है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, समानता, नागरिक अधिकार आंदोलन
✅ शासन पर
🗨️ “आर्थिक विकास अपने आप में राजनीतिक लोकतंत्र पैदा नहीं करता।”
📌 निबंध में उपयोग: समावेशी विकास, शासन सुधार, विकास बनाम लोकतंत्र
✅ स्वतंत्रता पर
🗨️ “मनुष्य केवल भौतिक संपत्ति के लिए नहीं लड़ता; वह गरिमा और मान्यता के लिए संघर्ष करता है।”
📌 निबंध में उपयोग: स्वतंत्रता, मानव अधिकार, नैतिक राज्य
✅ स्थिरता पर
🗨️ “लोकतंत्र के लिए सुरक्षित दुनिया विविधता के लिए भी सुरक्षित दुनिया है।”
📌 निबंध में उपयोग: बहुलतावाद, वैश्वीकरण, भारतीय धर्मनिरपेक्षता
#essay
📘 लोकतंत्र, शासन और मानव प्रगति
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “इतिहास का अंत उस समय होगा जब पश्चिमी उदार लोकतंत्र मानव शासन का अंतिम रूप बन जाएगा।”
📌 निबंध में उपयोग: भारतीय लोकतंत्र, संवैधानिक मूल्य, वैश्विक शासन
✅ मानव गरिमा पर
🗨️ “मान्यता के लिए संघर्ष ही इतिहास का इंजन है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, समानता, नागरिक अधिकार आंदोलन
✅ शासन पर
🗨️ “आर्थिक विकास अपने आप में राजनीतिक लोकतंत्र पैदा नहीं करता।”
📌 निबंध में उपयोग: समावेशी विकास, शासन सुधार, विकास बनाम लोकतंत्र
✅ स्वतंत्रता पर
🗨️ “मनुष्य केवल भौतिक संपत्ति के लिए नहीं लड़ता; वह गरिमा और मान्यता के लिए संघर्ष करता है।”
📌 निबंध में उपयोग: स्वतंत्रता, मानव अधिकार, नैतिक राज्य
✅ स्थिरता पर
🗨️ “लोकतंत्र के लिए सुरक्षित दुनिया विविधता के लिए भी सुरक्षित दुनिया है।”
📌 निबंध में उपयोग: बहुलतावाद, वैश्वीकरण, भारतीय धर्मनिरपेक्षता
#essay
👍4
🔆 “Behind the Beautiful Forevers” – कैथरीन बू
📘 शहरी भारत की असमानता, भ्रष्टाचार और जीवन संघर्ष
✅ असमानता पर
🗨️ “आधुनिक भारत में, हर सफलता की कहानी के शिकार गरीब ही होते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: शहरी गरीबी, विकास का विरोधाभास, समावेशी विकास
✅ भ्रष्टाचार पर
🗨️ “झोपड़पट्टी में भ्रष्टाचार ही असली अवसर था।”
📌 निबंध में उपयोग: शासन विफलता, नैतिकता, जवाबदेही
✅ जीवित रहने पर
🗨️ “जहाँ इतनी ज़रूरतें पूरी नहीं होतीं, वहाँ छोटे सपने भी जीवन रेखा बन जाते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: मानव लचीलापन, जमीनी सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय
✅ शिक्षा पर
🗨️ “झोपड़पट्टी में शिक्षा का अवसर अक्सर जीवन-यापन के लिए कुर्बान कर दिया जाता है।”
📌 निबंध में उपयोग: शिक्षा = सशक्तिकरण, एसडीजी, बाल अधिकार
✅ समाज पर
🗨️ “गरीब एक-दूसरे को दोष देने में ज़्यादा तत्पर होते हैं, बजाय इसके कि वे व्यवस्था को दोष दें।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक विभाजन, सामूहिक कार्रवाई, भारतीय लोकतंत्र
#essay
📘 शहरी भारत की असमानता, भ्रष्टाचार और जीवन संघर्ष
✅ असमानता पर
🗨️ “आधुनिक भारत में, हर सफलता की कहानी के शिकार गरीब ही होते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: शहरी गरीबी, विकास का विरोधाभास, समावेशी विकास
✅ भ्रष्टाचार पर
🗨️ “झोपड़पट्टी में भ्रष्टाचार ही असली अवसर था।”
📌 निबंध में उपयोग: शासन विफलता, नैतिकता, जवाबदेही
✅ जीवित रहने पर
🗨️ “जहाँ इतनी ज़रूरतें पूरी नहीं होतीं, वहाँ छोटे सपने भी जीवन रेखा बन जाते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: मानव लचीलापन, जमीनी सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय
✅ शिक्षा पर
🗨️ “झोपड़पट्टी में शिक्षा का अवसर अक्सर जीवन-यापन के लिए कुर्बान कर दिया जाता है।”
📌 निबंध में उपयोग: शिक्षा = सशक्तिकरण, एसडीजी, बाल अधिकार
✅ समाज पर
🗨️ “गरीब एक-दूसरे को दोष देने में ज़्यादा तत्पर होते हैं, बजाय इसके कि वे व्यवस्था को दोष दें।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक विभाजन, सामूहिक कार्रवाई, भारतीय लोकतंत्र
#essay
❤4👍1
🔆 “Dreamers: How Young Indians Are Changing the World” – स्निग्धा पूनम
📘 भारतीय युवा, आकांक्षाएँ और समाज
✅ आकांक्षाओं पर
🗨️ “भारत के युवा पहले से कहीं बड़े सपने देख रहे हैं, भले ही व्यवस्था उनके लिए बनी न हो।”
📌 निबंध में उपयोग: जनसांख्यिकीय लाभांश, शिक्षा, कौशल विकास
✅ असमानता पर
🗨️ “भारतीय युवाओं की चाहत और देश की पेशकश के बीच की खाई बढ़ रही है।”
📌 निबंध में उपयोग: बेरोज़गारी, असमानता, शासन सुधार
✅ उद्यमिता पर
🗨️ “कई युवाओं के लिए ऊपर उठने का सपना किसी अपना काम शुरू करने से जुड़ा है।”
📌 निबंध में उपयोग: स्टार्टअप्स, आत्मनिर्भर भारत, नवाचार
✅ सामाजिक बदलाव पर
🗨️ “युवा संस्थानों के बदलने का इंतजार नहीं कर रहे; वे खुद नियम लिख रहे हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: युवा शक्ति, सुधार, नेतृत्व
✅ राजनीति पर
🗨️ “भारत की राजनीति पर युवाओं की अधीरता का असर बढ़ता जा रहा है।”
📌 निबंध में उपयोग: लोकतंत्र, चुनावी राजनीति, सामाजिक आंदोलन
#essay
📘 भारतीय युवा, आकांक्षाएँ और समाज
✅ आकांक्षाओं पर
🗨️ “भारत के युवा पहले से कहीं बड़े सपने देख रहे हैं, भले ही व्यवस्था उनके लिए बनी न हो।”
📌 निबंध में उपयोग: जनसांख्यिकीय लाभांश, शिक्षा, कौशल विकास
✅ असमानता पर
🗨️ “भारतीय युवाओं की चाहत और देश की पेशकश के बीच की खाई बढ़ रही है।”
📌 निबंध में उपयोग: बेरोज़गारी, असमानता, शासन सुधार
✅ उद्यमिता पर
🗨️ “कई युवाओं के लिए ऊपर उठने का सपना किसी अपना काम शुरू करने से जुड़ा है।”
📌 निबंध में उपयोग: स्टार्टअप्स, आत्मनिर्भर भारत, नवाचार
✅ सामाजिक बदलाव पर
🗨️ “युवा संस्थानों के बदलने का इंतजार नहीं कर रहे; वे खुद नियम लिख रहे हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: युवा शक्ति, सुधार, नेतृत्व
✅ राजनीति पर
🗨️ “भारत की राजनीति पर युवाओं की अधीरता का असर बढ़ता जा रहा है।”
📌 निबंध में उपयोग: लोकतंत्र, चुनावी राजनीति, सामाजिक आंदोलन
#essay
👍2
CSE EXAM
https://aratt.ai/@cse_exam_upsc
Anmol vachan https://aratt.ai/@anmol_vachan1
Pib UPSC
https://aratt.ai/@pib_upsc
Mapping geography
https://aratt.ai/@mapping_prelims_mains_upsc
https://aratt.ai/@cse_exam_upsc
Anmol vachan https://aratt.ai/@anmol_vachan1
Pib UPSC
https://aratt.ai/@pib_upsc
Mapping geography
https://aratt.ai/@mapping_prelims_mains_upsc
👍1
🔆 “The Great Indian Middle Class” – पवन के. वर्मा
📘 भारतीय समाज, मूल्य और आकांक्षाएँ
✅ भौतिकवाद पर
🗨️ “नए मध्यम वर्ग ने उपभोक्तावाद को प्रगति समझ लिया है।”
📌 निबंध में उपयोग: उपभोक्तावाद, विकास बनाम मूल्य, समाज में नैतिकता
✅ असमानता पर
🗨️ “मध्यम वर्ग लोकतंत्र की बात करता है, लेकिन गरीबों की दुर्दशा पर चुप रहता है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, असमानता, लोकतांत्रिक जिम्मेदारी
✅ पहचान पर
🗨️ “भारतीय मध्यम वर्ग दो दुनियाओं में जीता है—परंपरा में जड़ें और आधुनिकता की भूख।”
📌 निबंध में उपयोग: संस्कृति बनाम आधुनिकता, सामाजिक परिवर्तन, शहरीकरण
✅ शासन पर
🗨️ “उसकी आवाज़ बाज़ार में तेज़ है, लेकिन सुधार और जिम्मेदारी के मामलों में धीमी।”
📌 निबंध में उपयोग: सुशासन, नागरिक जिम्मेदारी, नागरिकता
✅ मूल्यों पर
🗨️ “समृद्धि यदि नैतिक दिशा-सूचक के बिना हो तो समाज में रिक्तता पैदा करती है।”
📌 निबंध में उपयोग: नैतिकता, राष्ट्र-निर्माण, सतत विकास
#essay
📘 भारतीय समाज, मूल्य और आकांक्षाएँ
✅ भौतिकवाद पर
🗨️ “नए मध्यम वर्ग ने उपभोक्तावाद को प्रगति समझ लिया है।”
📌 निबंध में उपयोग: उपभोक्तावाद, विकास बनाम मूल्य, समाज में नैतिकता
✅ असमानता पर
🗨️ “मध्यम वर्ग लोकतंत्र की बात करता है, लेकिन गरीबों की दुर्दशा पर चुप रहता है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, असमानता, लोकतांत्रिक जिम्मेदारी
✅ पहचान पर
🗨️ “भारतीय मध्यम वर्ग दो दुनियाओं में जीता है—परंपरा में जड़ें और आधुनिकता की भूख।”
📌 निबंध में उपयोग: संस्कृति बनाम आधुनिकता, सामाजिक परिवर्तन, शहरीकरण
✅ शासन पर
🗨️ “उसकी आवाज़ बाज़ार में तेज़ है, लेकिन सुधार और जिम्मेदारी के मामलों में धीमी।”
📌 निबंध में उपयोग: सुशासन, नागरिक जिम्मेदारी, नागरिकता
✅ मूल्यों पर
🗨️ “समृद्धि यदि नैतिक दिशा-सूचक के बिना हो तो समाज में रिक्तता पैदा करती है।”
📌 निबंध में उपयोग: नैतिकता, राष्ट्र-निर्माण, सतत विकास
#essay
❤1
🔆 “Caste: The Origins of Our Discontents” – इज़ाबेल विल्करसन
📘 जाति, असमानता और सामाजिक न्याय
✅ जाति बनाम वर्ग पर
🗨️ “जाति हड्डियाँ हैं, नस्ल त्वचा है।”
📌 निबंध में उपयोग: भारतीय जाति व्यवस्था, असमानता, सामाजिक स्तरीकरण
✅ अन्याय पर
🗨️ “जाति का अर्थ है सम्मान, प्रतिष्ठा, संसाधन, गरिमा और यहाँ तक कि जीने के अधिकार का दिया या छीना जाना।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, आरक्षण, मानव गरिमा
✅ सामाजिक व्यवस्था पर
🗨️ “जाति इसलिए ख़तरनाक है क्योंकि यह छिपी हुई है; यह नफ़रत नहीं है, और ज़रूरी नहीं कि व्यक्तिगत हो।”
📌 निबंध में उपयोग: भारत में छिपी असमानताएँ, संरचनात्मक भेदभाव
✅ समाज पर
🗨️ “जाति मानव पदानुक्रम का ढांचा है, वह मचान जिस पर हर स्तर टिका हुआ है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक पदानुक्रम, भारतीय सामाजिक संरचना, संविधान बनाम वास्तविकता
✅ न्याय पर
🗨️ “एक ऐसी दुनिया जहाँ जाति न हो, वहाँ हर कोई स्वतंत्र होगा।”
📌 निबंध में उपयोग: संवैधानिक नैतिकता, समानता, भारतीय लोकतंत्र
#essay
📘 जाति, असमानता और सामाजिक न्याय
✅ जाति बनाम वर्ग पर
🗨️ “जाति हड्डियाँ हैं, नस्ल त्वचा है।”
📌 निबंध में उपयोग: भारतीय जाति व्यवस्था, असमानता, सामाजिक स्तरीकरण
✅ अन्याय पर
🗨️ “जाति का अर्थ है सम्मान, प्रतिष्ठा, संसाधन, गरिमा और यहाँ तक कि जीने के अधिकार का दिया या छीना जाना।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, आरक्षण, मानव गरिमा
✅ सामाजिक व्यवस्था पर
🗨️ “जाति इसलिए ख़तरनाक है क्योंकि यह छिपी हुई है; यह नफ़रत नहीं है, और ज़रूरी नहीं कि व्यक्तिगत हो।”
📌 निबंध में उपयोग: भारत में छिपी असमानताएँ, संरचनात्मक भेदभाव
✅ समाज पर
🗨️ “जाति मानव पदानुक्रम का ढांचा है, वह मचान जिस पर हर स्तर टिका हुआ है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक पदानुक्रम, भारतीय सामाजिक संरचना, संविधान बनाम वास्तविकता
✅ न्याय पर
🗨️ “एक ऐसी दुनिया जहाँ जाति न हो, वहाँ हर कोई स्वतंत्र होगा।”
📌 निबंध में उपयोग: संवैधानिक नैतिकता, समानता, भारतीय लोकतंत्र
#essay
❤1👍1
भारतीय इतिहास के तीन अहम मोड़ बने पानीपत के युद्ध—
⚔️ 1526 - पहला युद्ध
बाबर बनाम इब्राहीम लोदी।
बाबर की जीत से मुग़ल साम्राज्य की नींव रखी गई।
⚔️ 1556 - दूसरा युद्ध
अकबर बनाम हेमचंद्र विक्रमादित्य (हेमू)।
अकबर की जीत से मुग़लों की सत्ता और मज़बूत हुई।
⚔️ 1761 - तीसरा युद्ध
अहमद शाह अब्दाली बनाम मराठा।
भीषण संघर्ष, मराठों की हार और लाखों मौतें।
यही हार आगे चलकर अंग्रेज़ों के लिए रास्ता बनी।
⚔️ 1526 - पहला युद्ध
बाबर बनाम इब्राहीम लोदी।
बाबर की जीत से मुग़ल साम्राज्य की नींव रखी गई।
⚔️ 1556 - दूसरा युद्ध
अकबर बनाम हेमचंद्र विक्रमादित्य (हेमू)।
अकबर की जीत से मुग़लों की सत्ता और मज़बूत हुई।
⚔️ 1761 - तीसरा युद्ध
अहमद शाह अब्दाली बनाम मराठा।
भीषण संघर्ष, मराठों की हार और लाखों मौतें।
यही हार आगे चलकर अंग्रेज़ों के लिए रास्ता बनी।
❤6
🔆 धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25–28)
📌 संवैधानिक प्रावधान
✅ अनु. 25: विवेक की स्वतंत्रता और धर्म को मानने, अभ्यास करने, प्रचारित करने का अधिकार (सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता, स्वास्थ्य के अधीन)।
✅ अनु. 26: धार्मिक संस्थानों का स्वायत्त प्रबंधन, लेकिन राज्य धर्मनिरपेक्ष पहलुओं को नियंत्रित कर सकता है।
✅ अनु. 27: धर्म प्रचार के लिए कराधान निषेध, वित्तीय तटस्थता सुनिश्चित करता है।
✅ अनु. 28: सरकारी संस्थानों में धार्मिक शिक्षा प्रतिबंधित; सहायता प्राप्त/ट्रस्ट आधारित संस्थानों में अनुमति।
📌 अधिकार की आवश्यकता
✅ बहुलता की रक्षा करता है और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व सुनिश्चित करता है (सर्व धर्म समभाव)।
✅ व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आस्था चुनने का अधिकार सुरक्षित करता है।
✅ भेदभावपूर्ण प्रथाओं को समाप्त करता है; समानता को बढ़ावा देता है।
✅ सार्वजनिक व्यवस्था के साथ स्वतंत्रता का संतुलन कर साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखता है।
📌 आवश्यक प्रथाओं का सिद्धांत
✅ शिरूर मठ मामला (1954): सर्वोच्च न्यायालय ने धर्म में आवश्यक प्रथाओं को शामिल माना।
✅ अनु. 25 के दुरुपयोग को रोकने में मदद करता है जैसे अस्पृश्यता, लिंग भेदभाव।
✅ मुद्दे: न्यायिक अतिक्रमण, एकरूप मानदंडों की कमी, असंगति (जैसे सबरीमाला)।
✅ आगे का रास्ता: स्पष्ट मानदंड विकसित करना, अंतरधार्मिक संवाद को प्रोत्साहित करना, धर्मनिरपेक्ष संतुलन बनाए रखना।
📌 चुनौतियां
✅ “आवश्यक प्रथाओं” की परिभाषा में अस्पष्टता।
✅ सार्वजनिक व्यवस्था और धार्मिक स्वतंत्रता के बीच संघर्ष।
✅ धार्मिक मामलों में अत्यधिक राज्य हस्तक्षेप।
✅ बढ़ती साम्प्रदायिक असहिष्णुता और हिंसा।
✅ अल्पसंख्यक अधिकारों की चिंताएं जो अविश्वास पैदा करती हैं।
📌 धार्मिक स्वतंत्रता को मजबूत करना
✅ आवश्यक प्रथाओं पर न्यायिक स्पष्टता।
✅ अंतरधार्मिक संवाद और मूल्य आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना।
✅ अनु. 26 की स्वायत्तता का सम्मान करते हुए संतुलित राज्य नियंत्रण।
✅ हिंसा को रोकने के लिए मजबूत कानूनी प्रवर्तन और शांति समितियां।
📌 निष्कर्ष
✅ धर्म का अधिकार भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बनाए रखता है, विश्वास की स्वतंत्रता सुनिश्चित करते हुए सामाजिक व्यवस्था का संतुलन करता है।
✅ प्रभावी कार्यान्वयन के लिए न्यायिक स्पष्टता, समावेशी नीतियां और सम्मानजनक अंतरधार्मिक सहभागिता आवश्यक है।
#mains #polity
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📌 संवैधानिक प्रावधान
✅ अनु. 25: विवेक की स्वतंत्रता और धर्म को मानने, अभ्यास करने, प्रचारित करने का अधिकार (सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता, स्वास्थ्य के अधीन)।
✅ अनु. 26: धार्मिक संस्थानों का स्वायत्त प्रबंधन, लेकिन राज्य धर्मनिरपेक्ष पहलुओं को नियंत्रित कर सकता है।
✅ अनु. 27: धर्म प्रचार के लिए कराधान निषेध, वित्तीय तटस्थता सुनिश्चित करता है।
✅ अनु. 28: सरकारी संस्थानों में धार्मिक शिक्षा प्रतिबंधित; सहायता प्राप्त/ट्रस्ट आधारित संस्थानों में अनुमति।
📌 अधिकार की आवश्यकता
✅ बहुलता की रक्षा करता है और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व सुनिश्चित करता है (सर्व धर्म समभाव)।
✅ व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आस्था चुनने का अधिकार सुरक्षित करता है।
✅ भेदभावपूर्ण प्रथाओं को समाप्त करता है; समानता को बढ़ावा देता है।
✅ सार्वजनिक व्यवस्था के साथ स्वतंत्रता का संतुलन कर साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखता है।
📌 आवश्यक प्रथाओं का सिद्धांत
✅ शिरूर मठ मामला (1954): सर्वोच्च न्यायालय ने धर्म में आवश्यक प्रथाओं को शामिल माना।
✅ अनु. 25 के दुरुपयोग को रोकने में मदद करता है जैसे अस्पृश्यता, लिंग भेदभाव।
✅ मुद्दे: न्यायिक अतिक्रमण, एकरूप मानदंडों की कमी, असंगति (जैसे सबरीमाला)।
✅ आगे का रास्ता: स्पष्ट मानदंड विकसित करना, अंतरधार्मिक संवाद को प्रोत्साहित करना, धर्मनिरपेक्ष संतुलन बनाए रखना।
📌 चुनौतियां
✅ “आवश्यक प्रथाओं” की परिभाषा में अस्पष्टता।
✅ सार्वजनिक व्यवस्था और धार्मिक स्वतंत्रता के बीच संघर्ष।
✅ धार्मिक मामलों में अत्यधिक राज्य हस्तक्षेप।
✅ बढ़ती साम्प्रदायिक असहिष्णुता और हिंसा।
✅ अल्पसंख्यक अधिकारों की चिंताएं जो अविश्वास पैदा करती हैं।
📌 धार्मिक स्वतंत्रता को मजबूत करना
✅ आवश्यक प्रथाओं पर न्यायिक स्पष्टता।
✅ अंतरधार्मिक संवाद और मूल्य आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना।
✅ अनु. 26 की स्वायत्तता का सम्मान करते हुए संतुलित राज्य नियंत्रण।
✅ हिंसा को रोकने के लिए मजबूत कानूनी प्रवर्तन और शांति समितियां।
📌 निष्कर्ष
✅ धर्म का अधिकार भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बनाए रखता है, विश्वास की स्वतंत्रता सुनिश्चित करते हुए सामाजिक व्यवस्था का संतुलन करता है।
✅ प्रभावी कार्यान्वयन के लिए न्यायिक स्पष्टता, समावेशी नीतियां और सम्मानजनक अंतरधार्मिक सहभागिता आवश्यक है।
#mains #polity
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👍2
🔆 “The Crisis Within” – गणेश देवी
📘 भारत में ज्ञान और शिक्षा पर विचार
✅ ज्ञान पर
🗨️ “भारत का असली संकट अर्थव्यवस्था या राजनीति का नहीं, बल्कि ज्ञान का है।”
📌 निबंध में उपयोग: शिक्षा सुधार, नई शिक्षा नीति (NEP 2020), मानव पूंजी
✅ भाषा पर
🗨️ “लोगों की भाषाओं को नज़रअंदाज़ करना, उन्हें गरिमा से वंचित करना है।”
📌 निबंध में उपयोग: मातृभाषा में शिक्षा, सांस्कृतिक विविधता, समावेशन
✅ असमानता पर
🗨️ “असमान समाज को केवल समान शिक्षा से ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन असमान शिक्षा उसे अवश्य नष्ट कर देगी।”
📌 निबंध में उपयोग: शिक्षा में समानता, सामाजिक न्याय, विकास
✅ संस्कृति पर
🗨️ “संस्कृति से कटकर ज्ञान केवल परायापन पैदा करता है।”
📌 निबंध में उपयोग: भारतीय संस्कृति, आधुनिकता बनाम परंपरा, पहचान
✅ युवा और भविष्य पर
🗨️ “भारत का भविष्य इस पर निर्भर करता है कि हम अगली पीढ़ी को कैसे शिक्षित करते हैं, न कि हम उनका कैसे शोषण करते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: जनसांख्यिकीय लाभांश, युवा शक्ति, राष्ट्र-निर्माण
#essay
📘 भारत में ज्ञान और शिक्षा पर विचार
✅ ज्ञान पर
🗨️ “भारत का असली संकट अर्थव्यवस्था या राजनीति का नहीं, बल्कि ज्ञान का है।”
📌 निबंध में उपयोग: शिक्षा सुधार, नई शिक्षा नीति (NEP 2020), मानव पूंजी
✅ भाषा पर
🗨️ “लोगों की भाषाओं को नज़रअंदाज़ करना, उन्हें गरिमा से वंचित करना है।”
📌 निबंध में उपयोग: मातृभाषा में शिक्षा, सांस्कृतिक विविधता, समावेशन
✅ असमानता पर
🗨️ “असमान समाज को केवल समान शिक्षा से ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन असमान शिक्षा उसे अवश्य नष्ट कर देगी।”
📌 निबंध में उपयोग: शिक्षा में समानता, सामाजिक न्याय, विकास
✅ संस्कृति पर
🗨️ “संस्कृति से कटकर ज्ञान केवल परायापन पैदा करता है।”
📌 निबंध में उपयोग: भारतीय संस्कृति, आधुनिकता बनाम परंपरा, पहचान
✅ युवा और भविष्य पर
🗨️ “भारत का भविष्य इस पर निर्भर करता है कि हम अगली पीढ़ी को कैसे शिक्षित करते हैं, न कि हम उनका कैसे शोषण करते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: जनसांख्यिकीय लाभांश, युवा शक्ति, राष्ट्र-निर्माण
#essay
❤3👍1
🔆 “The Great Derangement” – अमिताव घोष
📘 जलवायु परिवर्तन, समाज और ज़िम्मेदारी
✅ जलवायु परिवर्तन पर
🗨️ “जलवायु परिवर्तन संस्कृति का संकट है, और इस प्रकार कल्पना का भी।”
📌 निबंध में उपयोग: पर्यावरण, सतत विकास, नैतिकता
✅ ज़िम्मेदारी पर
🗨️ “जलवायु संकट, शासन का भी संकट है।”
📌 निबंध में उपयोग: सुशासन, जवाबदेही, नीतिगत सुधार
✅ असमानता पर
🗨️ “गरीब लोग जलवायु परिवर्तन से सबसे पहले प्रभावित होते हैं, जबकि इसके लिए वे सबसे कम ज़िम्मेदार हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: जलवायु न्याय, समानता, सतत विकास लक्ष्य (SDGs)
✅ समाज पर
🗨️ “भविष्य की पीढ़ियाँ हमारी इस अवधि को ‘विकृत युग’ के रूप में देख सकती हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: अंतर-पीढ़ी न्याय, नैतिकता, स्थिरता
✅ विकास पर
🗨️ “प्रकृति को निष्क्रिय मानना हमारे अपने अस्तित्व को नकारना है।”
📌 निबंध में उपयोग: पारिस्थितिक संतुलन, भारतीय विकास मॉडल, हरित अर्थव्यवस्था
#essay
📘 जलवायु परिवर्तन, समाज और ज़िम्मेदारी
✅ जलवायु परिवर्तन पर
🗨️ “जलवायु परिवर्तन संस्कृति का संकट है, और इस प्रकार कल्पना का भी।”
📌 निबंध में उपयोग: पर्यावरण, सतत विकास, नैतिकता
✅ ज़िम्मेदारी पर
🗨️ “जलवायु संकट, शासन का भी संकट है।”
📌 निबंध में उपयोग: सुशासन, जवाबदेही, नीतिगत सुधार
✅ असमानता पर
🗨️ “गरीब लोग जलवायु परिवर्तन से सबसे पहले प्रभावित होते हैं, जबकि इसके लिए वे सबसे कम ज़िम्मेदार हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: जलवायु न्याय, समानता, सतत विकास लक्ष्य (SDGs)
✅ समाज पर
🗨️ “भविष्य की पीढ़ियाँ हमारी इस अवधि को ‘विकृत युग’ के रूप में देख सकती हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: अंतर-पीढ़ी न्याय, नैतिकता, स्थिरता
✅ विकास पर
🗨️ “प्रकृति को निष्क्रिय मानना हमारे अपने अस्तित्व को नकारना है।”
📌 निबंध में उपयोग: पारिस्थितिक संतुलन, भारतीय विकास मॉडल, हरित अर्थव्यवस्था
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