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तबियत एक की ख़राब हो,

और चेहरे दोनों के बीमार नज़र आए..!! 🦋
वो है प्रेम..🤌❤️😊
3💯1😘1
Prem tension nhi hai
prem to sukoon hai,
kuch ummid rakhoge to
jarur tension hogi.
Tum bus prem kro ummid kyo karate ho.
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यह धारणा गलत है कि
प्रेम मनुष्य को पूरा कर देता है,

मैं और भी अकेली हो गई हूं
       तुमसे मिलकर....💔
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किसी ने धूल क्या झोंकी आंखों में,
पहले से बेहतर दिखने लगा है।
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रूह तक रुला गया वो शख्स,, जो कहता था
मुझे तुम्हारी आँखों में आंसू पसंद नहीं
😘2😍1
सुकूॅं है, कैफियत है, खुमार है
दिलबर है,दीद है...

जब तुम नज़र आओ मेरे लिए
वही दिन ईद है...!! 🥀❤️
2😍2👍1🕊1
गाड़ियों से भरी सड़कों पर आते जाते

देखे हैं मैंने लोग खुशियां बेंच कर
खुशियां कमाते।।💛
3😘2🕊1
एक दिन सब मर जाएंगे,

बस पैर में काला धागा बांधने वाली
लड़कियां ही बचेंगी....!! 🖤🤔🙄
🤣81
शहर का अस्तित्व बनावट तक ही सीमित रह गया है,
गांव की साँझ ने समेट रखा है प्रकृत्ति का सारा सौंदर्य..❤️🌻
🔥3😘2
हमेशा देर कर देता हूँ मैं
हमेशा देर कर देता हूँ मैं
हर काम करने में ज़रूरी बात करनी हो,
कोई वादा निभाना हो उसे आवाज़ देनी हो,
उसे वापस बुलाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं
मदद करनी हो उसकी,
यार की ढारस बंधाना हो
बहुत देरीना रस्तों पर किसी से मिलने जाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं
बदलते मौसमों की सैर में दिल को लगाना हो
किसी को याद रखना हो,
किसी को भूल जाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं
किसी को मौत से पहले,
किसी ग़म से बचाना हो हक़ीक़त और थी कुछ, उसको जा के ये बताना हो

हमेशा देर कर देता हूँ मैं हर काम करने में
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पुरुष अहंकारी इतना कि झुक के किसी का आशीर्वाद भी न ले
और प्रेमी इतना कि मनपसंद स्त्री के पैरों में झुककर पायल भी पहना दे

पुरुष जिसे भूख बर्दाश्त न हो कभी,
मनपसंद स्त्री के लिए वो करवाचौथ भी रख ले...

पुरुष जिन्होंने गलती होने पर भी किसी से माफी नहीं मांगी,
मनपसंद स्त्री के आगे बिन गलती के हाथ भी जोड़ ले...

पुरुष जिसे सही से अपनी शर्ट का क्रीज़ बनाना भी नहीं आए,
बख़ूबी बना दे वो अपनी मनपसंद स्त्री के साड़ी की प्लेट भी...

एक पुरुष सागर से भी गहरा प्रेम कर सकता हैं,
अगर वह किसी स्त्री के प्रेम में संपूर्ण रूप से डूबा हो
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शहर का अस्तित्व बनावट तक ही सीमित रह गया है,
गांव की साँझ ने समेट रखा है प्रकृत्ति का सारा सौंदर्य..
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स्त्री प्रेम में दो बार छल करती है.... एक बार तब.... जब प्रेम उसके जीवन में दस्तक देता है और वह.... प्रेम को जीना चाहती है। उस वक्त वह अपने घर परिवार से छल करती है और चोरी छुपे अपने मनपसंद पुरुष से प्रेम करने लग जाती है.... जिससे वह प्रेम करती है उसे सब कुछ मानने लगती है किंतु....

जब प्रेम का अगला पड़ाव आरंभ है:- प्रेम को पाना.... तब वह उस वक्त दूसरी बार छल करती है इस बार वह अपने प्रेमी से छल करती है और.... वो तोड देती है प्रेम में किए गए हजारों वादे और साथ जिने मरने की सारी कसमें हर तरह की उम्मीदें। वो छोड़ देती है प्रेम और अपने प्रेमी को।

इसलिए ये दोनों ही छल स्त्री को समाज, उसके प्रेमी और खुद की नज़रों में उसे गुनहगार बनाते हैं...❤️💯
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क्यूटी" जब भी तुम मुस्कुराती हो तो... ब्रह्माण्ड का हर रंग फिंका हो जाता है

~ तुम्हारी इस हंसी पर, इतराती है प्रकृति भी, ~ तुम्हारी हंसी की इस ध्वनि पर शायद ! पुष्प अपनी सुगंध त्याग देते होंगे जलन में...

🩷❤️
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"इश्क़ का जादू था या कोई ख़्वाबी तिलिस्म,
तेरे होठों पे आकर, मैं तुझमें सिमट गया..."
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पराजित पुरुषों का प्रोत्साहन होती हैं,
उनकी पसंदीदा स्त्रियाँ ।



❣️❣️
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मै घर का बड़ा बेटा हूं
मेरे हिस्से में बस
जिम्मेदारीया आएगी।
🥀🥀
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तुम्हे तो आदत भी नही लगी मेरी,
खैर छोड़ो तुम्हे इश्क़ नहीं हो सकता...
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भूल जाना और भुला देना फक़त एक वहम है

कहां‌ भूलते हैं वो‌ लोग जिन पर चाहतें वारी हों।।

💔🥀
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मैं तुम्हारे लिए झुमके ले आऊंगा ,
तुम मेरे लिए उपहार में किताबें ले आना...😊❤️
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2025/07/14 06:24:32
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