Telegram Web Link
सुनों मित्र मेरे साथ छल का परिणाम छल होगा,

आज नहीं तो कल होगा..😊😊
मन होना चाहिए किसी से बात करने का......
बहाना तो अपने आप  बन जाता हैं ।
अगर मन ही ना हो बात करने का तो
वक्त ही बहाना बन जाता है ।।
💫💫
बेवजह रूठ जाना तेरा,मेरे मुकद्दर की तरह,

मान जाने की भी कोई तारीख मुकर्रर कर दो !❤️🥀
याद उसकी अभी भी आती है!
                               बुरी आदत हैं कँहा जाती हैं!!
वो कोई दोस्त था अच्छे दिनों का
जो पिछली रात से याद आ रहा है...❤️
🌻
इज़हार ए मोहब्बत बेधड़क होना चाहिए,
इश्क हो या चाय हो कड़क होना चाहिए।
..!! 🙏🏻
राह तकते है हम उस चांद की
जो रोज नहीं आता

तेरा दीदार भी अब ख़ुदा की
रहमत जैसा लगता है।।❤️🌝
दुनियां के दायरों में
जिस्म तो
ब्याह दिया गया,
मगर मोहब्बत
भटकती रही ताउम्र
उसी के दर पर;

💙
सच में ये जो प्रेम के एहसास की चाहत
जगी है मेरे दिल में तुम्हारे लिए
मेरी प्रिय,, वाकई कमाल की है ,,,💕

तुम्हारे प्रेम का ये एहसास
मुझे फूलों की तरह तरोताजा रखता है
और प्रभात की तरह खिलखिलाता रहता है
ये मन तुम में ही कहीं खोया रहता है अक्सर,,,💕

तुम्हें कभी कोई तकलीफ न हो इस लिए
ये पागल सा लड़का दिल से तुम्हारे लिए प्रार्थना करता है ,,,🧎🙏

इसी तरह तुम्हारे प्रेम का रंग, मुझ पर उम्रभर
चढ़ा रहे दिल बस यही मोन प्रार्थना करता है 💕
अपनेपन का भी
एक रिश्ता होता है
जो कभी भी, किसी से भी
किसी भी उम्र में,
किसी भी उम्र वाले से
या वाली से हो सकता है !!
और उस रिश्ते में शामिल
हमारी मर्जी नहीं,
उस रब की मर्जी होती है !!
कि यह अपनापन कब, कहां
कैसे, किसको मिल जाएं 💜
@dostokimafil
मैं जीवन भर तुम्हारे लिए वह
मनपसंद स्त्री बनकर रहना चाहती हूं

जिसके गले लगकर तुम अपने आंसू भी
बेफ्रिक होकर बहा सको.....।❤️
मंहगे तोहफ़े संभाल कर रखना तुम अपनी पत्नी के लिए....

हम तो बस कांच की चूड़ियां चाहते हैं..!!😍❤️
कहानियाँ लिखने लगा हूँ अब मैं....

शायरियों में अब तुम समाते ही नहीं...!!!! ❤️🌻
छुप’कर , छुपा’कर , तड़पा’कर ..
.
.
मेरा सब्र तुम आज़मा रहे हो जैसे .. !!
खुद को मैने समझा लिया है अब,,

यूं बार बार आकर मेरी उलझने न बढ़ाओ..

मुझे पता है तुम खुश हो उसके साथ,,

ये जता कर मुझे और न तड़पाओ..
उसके साथ जाते देख
मेरी रूह तक रोई है..

और तुम कहते, अब तो खुश हो ना
घुटन कभी कभी भीड़ में नहीं

अकेले में होती है....
अपने पर आ जाऊं तो पलट कर भी न देखूं

तुम मेरे सब्र से अभी वाकिफ ही कहां हो

😁😎
चाहे कहने में सदियों की देरी हो
तुम जब कहना, कहना मेरी हो...❤️🌻
"स्पर्श की स्मृतियों से
कई देर ज़्यादा तक रहता है
स्मृतियों का
स्पर्श..

तुम्हारी
स्मृति का होना ही
तुम्हारा स्पर्श है.!"🌹
2025/07/05 15:43:49
Back to Top
HTML Embed Code: