🔆 Bharati: कृषि-खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए Apeda का धक्का 🌾🌍
📍 समाचार में क्यों?
2 सितंबर 2025 को, अपेडा ने पीयूष गोयल और यूएई के डॉ। थानी अल ज़ेयौदी की अध्यक्षता में फूड एंड बेवरेज सेक्टर स्टेकहोल्डर्स मीटिंग के दौरान कृषि-खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत पहल शुरू की।
📍key सुविधाएँ
✅ Bharati = Agritech, लचीलापन, उन्नति और तकनीक ऊष्मायन के लिए भारत का केंद्र
✅ लक्ष्य: पायलट के तहत 100 एग्री-फूड स्टार्टअप (सितम्बर 2025)
✅ लक्ष्य: 2030 तक $ 50 बिलियन का निर्यात प्राप्त करें
✅ पर ध्यान केंद्रित करें:
• जीआई-टैग्ड, ऑर्गेनिक, आयुष, प्रोसेस्ड फूड्स
• एआई-आधारित गुणवत्ता, ब्लॉकचेन ट्रेसबिलिटी, आईओटी कोल्ड चेन, समुद्री प्रोटोकॉल
✅ द्वारा समर्थित: IITs, NITs, Agri-Inversities, State Boards
📍objectives
✅ उच्च-मूल्य, टेक-चालित कृषि निर्यात को बढ़ावा देना
✅ उद्यमशीलता, नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा दें
✅ स्केलेबल, लागत प्रभावी निर्यात समाधान का निर्माण करें
✅ आत्मनिर्धरभर भारत के साथ संरेखित, स्थानीय के लिए मुखर, स्टार्टअप इंडिया
📍Prelims MCQ
Q. भारत पहल हाल ही में Apeda द्वारा लॉन्च की गई है:
A) कृषि भूमि रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करें
बी) बाजरा उत्पादन को बढ़ावा देना
ग) कृषि-खाद्य निर्यात स्टार्टअप को संभाला
घ) ग्रामीण खाद्य प्रसंस्करण पार्क स्थापित करें
✅ उत्तर: c) कृषि-खाद्य निर्यात स्टार्टअप को संभाला
📍mains GS3 प्रश्न
Q. भारत जैसी पहल भारत की मदद भारत को कृषि-खाद्य निर्यात में वैश्विक नेता बनने में कैसे कर सकती है? स्टार्टअप नवाचार और निर्यात सक्षम होने के संदर्भ में चर्चा करें।
#Bharati #agriculture
#goverment_schemes
📍 समाचार में क्यों?
2 सितंबर 2025 को, अपेडा ने पीयूष गोयल और यूएई के डॉ। थानी अल ज़ेयौदी की अध्यक्षता में फूड एंड बेवरेज सेक्टर स्टेकहोल्डर्स मीटिंग के दौरान कृषि-खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत पहल शुरू की।
📍key सुविधाएँ
✅ Bharati = Agritech, लचीलापन, उन्नति और तकनीक ऊष्मायन के लिए भारत का केंद्र
✅ लक्ष्य: पायलट के तहत 100 एग्री-फूड स्टार्टअप (सितम्बर 2025)
✅ लक्ष्य: 2030 तक $ 50 बिलियन का निर्यात प्राप्त करें
✅ पर ध्यान केंद्रित करें:
• जीआई-टैग्ड, ऑर्गेनिक, आयुष, प्रोसेस्ड फूड्स
• एआई-आधारित गुणवत्ता, ब्लॉकचेन ट्रेसबिलिटी, आईओटी कोल्ड चेन, समुद्री प्रोटोकॉल
✅ द्वारा समर्थित: IITs, NITs, Agri-Inversities, State Boards
📍objectives
✅ उच्च-मूल्य, टेक-चालित कृषि निर्यात को बढ़ावा देना
✅ उद्यमशीलता, नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा दें
✅ स्केलेबल, लागत प्रभावी निर्यात समाधान का निर्माण करें
✅ आत्मनिर्धरभर भारत के साथ संरेखित, स्थानीय के लिए मुखर, स्टार्टअप इंडिया
📍Prelims MCQ
Q. भारत पहल हाल ही में Apeda द्वारा लॉन्च की गई है:
A) कृषि भूमि रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करें
बी) बाजरा उत्पादन को बढ़ावा देना
ग) कृषि-खाद्य निर्यात स्टार्टअप को संभाला
घ) ग्रामीण खाद्य प्रसंस्करण पार्क स्थापित करें
✅ उत्तर: c) कृषि-खाद्य निर्यात स्टार्टअप को संभाला
📍mains GS3 प्रश्न
Q. भारत जैसी पहल भारत की मदद भारत को कृषि-खाद्य निर्यात में वैश्विक नेता बनने में कैसे कर सकती है? स्टार्टअप नवाचार और निर्यात सक्षम होने के संदर्भ में चर्चा करें।
#Bharati #agriculture
#goverment_schemes
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🔆 “The White Tiger” – अरविंद अडिगा
📘 गरीबी, भ्रष्टाचार, असमानता और महत्वाकांक्षा की कहानी
✅ असमानता पर
🗨️ “एक गरीब आदमी की ज़िंदगी की कहानी उसके शरीर पर गहरे अक्षरों में लिखी होती है।”
📌 निबंध में उपयोग: गरीबी, सामाजिक न्याय, असमानता
✅ भ्रष्टाचार पर
🗨️ “दुनिया में दो तरह के आदमी हैं — बड़े पेट वाले और छोटे पेट वाले। और उनकी दो ही तकदीरें हैं: खाना, या खा लिए जाना।”
📌 निबंध में उपयोग: भ्रष्टाचार, शासन की विफलता, सार्वजनिक जीवन में नैतिकता
✅ सामाजिक गतिशीलता पर
🗨️ “जिस क्षण आप दुनिया की सुंदरता को पहचान लेते हैं, उसी क्षण आप गुलाम रहना छोड़ देते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: शिक्षा, सशक्तिकरण, स्वतंत्रता
✅ विकास पर
🗨️ “भारत दो देशों में बँटा हुआ है: एक उजाले का भारत और दूसरा अंधेरे का भारत।”
📌 निबंध में उपयोग: क्षेत्रीय असमानता, समावेशी विकास, सामाजिक विषमता
✅ नैतिकता और महत्वाकांक्षा पर
🗨️ “आप यह उम्मीद नहीं कर सकते कि जो आदमी गंदगी में जी रहा है, वह सुगंधित महके।”
📌 निबंध में उपयोग: नैतिक दुविधा, सामाजिक पतन, विकास का विरोधाभास
#essay
📘 गरीबी, भ्रष्टाचार, असमानता और महत्वाकांक्षा की कहानी
✅ असमानता पर
🗨️ “एक गरीब आदमी की ज़िंदगी की कहानी उसके शरीर पर गहरे अक्षरों में लिखी होती है।”
📌 निबंध में उपयोग: गरीबी, सामाजिक न्याय, असमानता
✅ भ्रष्टाचार पर
🗨️ “दुनिया में दो तरह के आदमी हैं — बड़े पेट वाले और छोटे पेट वाले। और उनकी दो ही तकदीरें हैं: खाना, या खा लिए जाना।”
📌 निबंध में उपयोग: भ्रष्टाचार, शासन की विफलता, सार्वजनिक जीवन में नैतिकता
✅ सामाजिक गतिशीलता पर
🗨️ “जिस क्षण आप दुनिया की सुंदरता को पहचान लेते हैं, उसी क्षण आप गुलाम रहना छोड़ देते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: शिक्षा, सशक्तिकरण, स्वतंत्रता
✅ विकास पर
🗨️ “भारत दो देशों में बँटा हुआ है: एक उजाले का भारत और दूसरा अंधेरे का भारत।”
📌 निबंध में उपयोग: क्षेत्रीय असमानता, समावेशी विकास, सामाजिक विषमता
✅ नैतिकता और महत्वाकांक्षा पर
🗨️ “आप यह उम्मीद नहीं कर सकते कि जो आदमी गंदगी में जी रहा है, वह सुगंधित महके।”
📌 निबंध में उपयोग: नैतिक दुविधा, सामाजिक पतन, विकास का विरोधाभास
#essay
👍2
🔆 सौर ऊर्जा: भारत का उगता हुआ क्षेत्र
📚 GS3 – भूगोल | पर्यावरण | ऊर्जा संक्रमण
📍सौर ऊर्जा क्या है?
✅ फोटोवोल्टाइक (PV): सिलिकॉन-आधारित सौर कोशिकाओं का उपयोग करके सूर्य की रोशनी को DC बिजली में परिवर्तित करता है, जिसे बाद में AC में बदला जाता है।
✅ कंसंट्रेटेड सोलर पावर (CSP): दर्पण/लेंस का उपयोग करके गर्मी उत्पन्न करता है → भाप → टरबाइन।
📍भारत की स्थिति (2025)
✅ स्थापित क्षमता: 100.33 GW (2014 में 2.82 GW से)।
✅ 84.10 GW कार्यान्वयनाधीन + 47.49 GW टेंडर में।
✅ भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में 47% योगदान।
✅ प्रमुख राज्य: राजस्थान (भदला सोलर पार्क), गुजरात, कर्नाटक।
📍फायदे
✅ शून्य उत्सर्जन और जल संरक्षण → शुष्क क्षेत्रों के लिए आदर्श।
✅ लागत प्रभावी → PV की लागत में एक दशक में 90% की गिरावट।
✅ स्थापना, रखरखाव और अनुसंधान एवं विकास में रोजगार सृजन।
✅ ऊर्जा सुरक्षा → जीवाश्म ईंधन आयात कम करता है।
✅ विकेंद्रीकृत रूफटॉप सोलर → ग्रिड विफलताओं के खिलाफ मजबूत।
📍चुनौतियाँ
✅ सूरज की रोशनी पर निर्भरता → रात/बादल वाले दिन बिजली नहीं।
✅ भंडारण लागत → बैटरियां अभी भी महंगी।
✅ बड़े सौर फार्मों की भूमि और पारिस्थितिक प्रभाव।
✅ सौर पैनलों के निर्माण और पुनर्चक्रण की चुनौतियाँ।
📍उभरते रुझान
✅ एग्री-वोल्टाइक: एक ही जमीन पर सौर ऊर्जा + फसलें।
✅ BIPV: भवन-एकीकृत फोटोवोल्टाइक (छत, मुखौटे)।
✅ फ्लोटवोल्टाइक: जलाशयों पर सौर पैनल, वाष्पीकरण कम करता है।
✅ पेरोव्स्काइट कोशिकाएं: अगली पीढ़ी के उच्च दक्षता वाले सामग्री।
📍मुख्य सरकारी योजनाएं
✅ राष्ट्रीय सौर मिशन (2010): प्रमुख सौर प्रोत्साहन।
✅ PM-KUSUM (2019): सौर पंप + विकेंद्रीकृत ग्रामीण ऊर्जा (लक्ष्य ~35 लाख पंप)।
✅ PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (2024): 2027 तक 1 करोड़ घरों के लिए रूफटॉप सोलर।
✅ सोलर पार्क योजना: डेवलपर्स के लिए प्लग-एंड-प्ले इन्फ्रा।
✅ PLI योजना: घरेलू सोलर मॉड्यूल निर्माण को बढ़ावा।
📍निष्कर्ष
✅ 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म क्षमता के लक्ष्य के साथ, सौर ऊर्जा भारत की ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु प्रतिबद्धताओं, और हरित रोजगार का केंद्र है। नवाचार + भंडारण + नीति समर्थन भारत को वैश्विक सौर नेता बनाएंगे।
#SolarEnergy #UPSCMains #EnergyTransition #GS3 #GS1
📚 GS3 – भूगोल | पर्यावरण | ऊर्जा संक्रमण
📍सौर ऊर्जा क्या है?
✅ फोटोवोल्टाइक (PV): सिलिकॉन-आधारित सौर कोशिकाओं का उपयोग करके सूर्य की रोशनी को DC बिजली में परिवर्तित करता है, जिसे बाद में AC में बदला जाता है।
✅ कंसंट्रेटेड सोलर पावर (CSP): दर्पण/लेंस का उपयोग करके गर्मी उत्पन्न करता है → भाप → टरबाइन।
📍भारत की स्थिति (2025)
✅ स्थापित क्षमता: 100.33 GW (2014 में 2.82 GW से)।
✅ 84.10 GW कार्यान्वयनाधीन + 47.49 GW टेंडर में।
✅ भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में 47% योगदान।
✅ प्रमुख राज्य: राजस्थान (भदला सोलर पार्क), गुजरात, कर्नाटक।
📍फायदे
✅ शून्य उत्सर्जन और जल संरक्षण → शुष्क क्षेत्रों के लिए आदर्श।
✅ लागत प्रभावी → PV की लागत में एक दशक में 90% की गिरावट।
✅ स्थापना, रखरखाव और अनुसंधान एवं विकास में रोजगार सृजन।
✅ ऊर्जा सुरक्षा → जीवाश्म ईंधन आयात कम करता है।
✅ विकेंद्रीकृत रूफटॉप सोलर → ग्रिड विफलताओं के खिलाफ मजबूत।
📍चुनौतियाँ
✅ सूरज की रोशनी पर निर्भरता → रात/बादल वाले दिन बिजली नहीं।
✅ भंडारण लागत → बैटरियां अभी भी महंगी।
✅ बड़े सौर फार्मों की भूमि और पारिस्थितिक प्रभाव।
✅ सौर पैनलों के निर्माण और पुनर्चक्रण की चुनौतियाँ।
📍उभरते रुझान
✅ एग्री-वोल्टाइक: एक ही जमीन पर सौर ऊर्जा + फसलें।
✅ BIPV: भवन-एकीकृत फोटोवोल्टाइक (छत, मुखौटे)।
✅ फ्लोटवोल्टाइक: जलाशयों पर सौर पैनल, वाष्पीकरण कम करता है।
✅ पेरोव्स्काइट कोशिकाएं: अगली पीढ़ी के उच्च दक्षता वाले सामग्री।
📍मुख्य सरकारी योजनाएं
✅ राष्ट्रीय सौर मिशन (2010): प्रमुख सौर प्रोत्साहन।
✅ PM-KUSUM (2019): सौर पंप + विकेंद्रीकृत ग्रामीण ऊर्जा (लक्ष्य ~35 लाख पंप)।
✅ PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (2024): 2027 तक 1 करोड़ घरों के लिए रूफटॉप सोलर।
✅ सोलर पार्क योजना: डेवलपर्स के लिए प्लग-एंड-प्ले इन्फ्रा।
✅ PLI योजना: घरेलू सोलर मॉड्यूल निर्माण को बढ़ावा।
📍निष्कर्ष
✅ 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म क्षमता के लक्ष्य के साथ, सौर ऊर्जा भारत की ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु प्रतिबद्धताओं, और हरित रोजगार का केंद्र है। नवाचार + भंडारण + नीति समर्थन भारत को वैश्विक सौर नेता बनाएंगे।
#SolarEnergy #UPSCMains #EnergyTransition #GS3 #GS1
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🔆 भारत–थाईलैंड संयुक्त सैन्य अभ्यास मैत्री–XIV मेघालय में शुरू 🪖🇮🇳🇹🇭
📍मुख्य विशेषताएँ
✅ फोकस: कंपनी-स्तरीय आतंकवाद विरोधी संचालन अर्ध-शहरी इलाके में संयुक्त राष्ट्र चार्टर अध्याय VII के तहत
✅ शामिल हैं:
• सामरिक अभ्यास
• संयुक्त योजना
• विशेष हथियार कौशल
• शारीरिक फिटनेस और छापा संचालन
✅ 48 घंटे की सत्यापन अभ्यास के साथ समाप्त जो वास्तविक संचालन का अनुकरण करता है
✅ भारतीय दल: 120 कर्मी (मद्रास रेजिमेंट)
✅ थाई दल: 53 कर्मी (1ला इन्फैंट्री बटालियन, 14वीं ब्रिगेड)
✅ पिछला (13वां) संस्करण थाईलैंड (टक प्रांत) में आयोजित
✅ 2006 में स्थापित, मैत्री द्विपक्षीय सैन्य संबंधों और क्षेत्रीय शांति को मजबूत करता है
#ExerciseMAITREE #IndiaThailandDefence
📍मुख्य विशेषताएँ
✅ फोकस: कंपनी-स्तरीय आतंकवाद विरोधी संचालन अर्ध-शहरी इलाके में संयुक्त राष्ट्र चार्टर अध्याय VII के तहत
✅ शामिल हैं:
• सामरिक अभ्यास
• संयुक्त योजना
• विशेष हथियार कौशल
• शारीरिक फिटनेस और छापा संचालन
✅ 48 घंटे की सत्यापन अभ्यास के साथ समाप्त जो वास्तविक संचालन का अनुकरण करता है
✅ भारतीय दल: 120 कर्मी (मद्रास रेजिमेंट)
✅ थाई दल: 53 कर्मी (1ला इन्फैंट्री बटालियन, 14वीं ब्रिगेड)
✅ पिछला (13वां) संस्करण थाईलैंड (टक प्रांत) में आयोजित
✅ 2006 में स्थापित, मैत्री द्विपक्षीय सैन्य संबंधों और क्षेत्रीय शांति को मजबूत करता है
📍प्रारंभिक MCQ
प्रश्न. अभ्यास मैत्री भारत और किसके बीच द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है:
A) म्यांमार
B) वियतनाम
C) थाईलैंड
D) श्रीलंका
✅ उत्तर: C) थाईलैंड
#ExerciseMAITREE #IndiaThailandDefence
❤1
🔆 भारती: एपीडा की कृषि-खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने की पहल 🌾🌍
📍समाचार में क्यों?
2 सितंबर 2025 को, एपीडा ने भारती पहल शुरू की, कृषि-खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, फूड एंड बेवरेज सेक्टर स्टेकहोल्डर्स मीटिंग के दौरान, जिसकी अध्यक्षता पियूष गोयल और यूएई के डॉ. थानी अल ज़ेयौदी ने की।
📍मुख्य विशेषताएं
✅ भारती = भारत का एग्रीटेक, लचीलापन, उन्नति और तकनीकी इनक्यूबेशन केंद्र
✅ लक्ष्य: पायलट के तहत 100 कृषि-खाद्य स्टार्टअप्स को सशक्त बनाना (सितंबर 2025)
✅ लक्ष्य: 2030 तक $50 बिलियन निर्यात
✅ फोकस:
• GI टैग वाले, जैविक, आयुष, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ
• AI आधारित गुणवत्ता, ब्लॉकचेन ट्रेसबिलिटी, IoT कोल्ड चेन, समुद्री प्रोटोकॉल
✅ समर्थित: IITs, NITs, कृषि विश्वविद्यालय, राज्य बोर्ड
📍उद्देश्य
✅ उच्च-मूल्य, तकनीक संचालित कृषि निर्यात को बढ़ावा देना
✅ उद्यमिता, नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देना
✅ स्केलेबल, लागत प्रभावी निर्यात समाधान बनाना
✅ आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल, स्टार्टअप इंडिया के साथ संरेखित
#BHARATI #agriculture
#goverment_schemes
📍समाचार में क्यों?
2 सितंबर 2025 को, एपीडा ने भारती पहल शुरू की, कृषि-खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, फूड एंड बेवरेज सेक्टर स्टेकहोल्डर्स मीटिंग के दौरान, जिसकी अध्यक्षता पियूष गोयल और यूएई के डॉ. थानी अल ज़ेयौदी ने की।
📍मुख्य विशेषताएं
✅ भारती = भारत का एग्रीटेक, लचीलापन, उन्नति और तकनीकी इनक्यूबेशन केंद्र
✅ लक्ष्य: पायलट के तहत 100 कृषि-खाद्य स्टार्टअप्स को सशक्त बनाना (सितंबर 2025)
✅ लक्ष्य: 2030 तक $50 बिलियन निर्यात
✅ फोकस:
• GI टैग वाले, जैविक, आयुष, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ
• AI आधारित गुणवत्ता, ब्लॉकचेन ट्रेसबिलिटी, IoT कोल्ड चेन, समुद्री प्रोटोकॉल
✅ समर्थित: IITs, NITs, कृषि विश्वविद्यालय, राज्य बोर्ड
📍उद्देश्य
✅ उच्च-मूल्य, तकनीक संचालित कृषि निर्यात को बढ़ावा देना
✅ उद्यमिता, नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देना
✅ स्केलेबल, लागत प्रभावी निर्यात समाधान बनाना
✅ आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल, स्टार्टअप इंडिया के साथ संरेखित
📍प्रारंभिक MCQ
प्रश्न. एपीडा द्वारा हाल ही में शुरू की गई भारती पहल का उद्देश्य है:
A) कृषि भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण
B) बाजरा उत्पादन को बढ़ावा देना
C) कृषि-खाद्य निर्यात स्टार्टअप्स का इनक्यूबेशन
D) ग्रामीण खाद्य प्रसंस्करण पार्क स्थापित करना
✅ उत्तर: C) कृषि-खाद्य निर्यात स्टार्टअप्स का इनक्यूबेशन
📍मुख्य GS3 प्रश्न
प्रश्न. भारती जैसी पहलों से भारत को कृषि-खाद्य निर्यात में वैश्विक नेता बनने में कैसे मदद मिल सकती है? स्टार्टअप नवाचार और निर्यात सशक्तिकरण के संदर्भ में चर्चा करें।
#BHARATI #agriculture
#goverment_schemes
👍1
🔆 आदि वाणी – भारत की पहली AI-संचालित जनजातीय भाषाओं के लिए अनुवादक
📍 शुरुआत की गई: जनजातीय कार्य मंत्रालय (01 सितम्बर 2025, नई दिल्ली)
📍 कार्यक्रम: डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में जनजातीय गौरव वर्ष समारोह का हिस्सा
✅ आदि वाणी क्या है?
• भारत का पहला AI-संचालित जनजातीय भाषा अनुवादक
• IIT दिल्ली के नेतृत्व में गठबंधन द्वारा विकसित, जिसमें BITS पिलानी, IIIT हैदराबाद, IIIT नव रायपुर, और जनजातीय अनुसंधान संस्थान (झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मेघालय) शामिल हैं
✅ मुख्य विशेषताएँ:
• हिंदी, अंग्रेजी और जनजातीय भाषाओं के बीच रीयल-टाइम टेक्स्ट और स्पीच अनुवाद
• छात्रों के लिए इंटरैक्टिव लर्निंग मॉड्यूल
• लोककथाओं, मौखिक परंपराओं और विरासत का डिजिटलीकरण
• जनजातीय भाषाओं में स्वास्थ्य सलाह, प्रधानमंत्री के भाषण, सरकारी संदेश के सबटाइटल
• संताली, भीली, मुंडारी, गोंडी का समर्थन (कुई और गारो विकासाधीन)
✅ महत्व:
• दूरदराज के जनजातीय क्षेत्रों में संचार अंतर को पाटता है
• शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और शासन तक पहुंच बढ़ाता है
• जनजातीय उद्यमिता को सशक्त बनाता है
• कम लागत वाली नवाचार (~व्यावसायिक उपकरणों की 1/10 लागत)
• अनुमानित लाभार्थी: 20 लाख+ जनजातीय युवा और परिवर्तन नेता
📍 दृष्टि 2047:
डिजिटल इंडिया, एक भारत श्रेष्ठ भारत, पीएम जनमन, आदि कर्मयोगी अभियान, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के साथ मेल खाता है → जनजातीय विरासत को संरक्षित करते हुए एक समावेशी विकसित भारत का निर्माण।
📍 शुरुआत की गई: जनजातीय कार्य मंत्रालय (01 सितम्बर 2025, नई दिल्ली)
📍 कार्यक्रम: डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में जनजातीय गौरव वर्ष समारोह का हिस्सा
✅ आदि वाणी क्या है?
• भारत का पहला AI-संचालित जनजातीय भाषा अनुवादक
• IIT दिल्ली के नेतृत्व में गठबंधन द्वारा विकसित, जिसमें BITS पिलानी, IIIT हैदराबाद, IIIT नव रायपुर, और जनजातीय अनुसंधान संस्थान (झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मेघालय) शामिल हैं
✅ मुख्य विशेषताएँ:
• हिंदी, अंग्रेजी और जनजातीय भाषाओं के बीच रीयल-टाइम टेक्स्ट और स्पीच अनुवाद
• छात्रों के लिए इंटरैक्टिव लर्निंग मॉड्यूल
• लोककथाओं, मौखिक परंपराओं और विरासत का डिजिटलीकरण
• जनजातीय भाषाओं में स्वास्थ्य सलाह, प्रधानमंत्री के भाषण, सरकारी संदेश के सबटाइटल
• संताली, भीली, मुंडारी, गोंडी का समर्थन (कुई और गारो विकासाधीन)
✅ महत्व:
• दूरदराज के जनजातीय क्षेत्रों में संचार अंतर को पाटता है
• शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और शासन तक पहुंच बढ़ाता है
• जनजातीय उद्यमिता को सशक्त बनाता है
• कम लागत वाली नवाचार (~व्यावसायिक उपकरणों की 1/10 लागत)
• अनुमानित लाभार्थी: 20 लाख+ जनजातीय युवा और परिवर्तन नेता
📍 दृष्टि 2047:
डिजिटल इंडिया, एक भारत श्रेष्ठ भारत, पीएम जनमन, आदि कर्मयोगी अभियान, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के साथ मेल खाता है → जनजातीय विरासत को संरक्षित करते हुए एक समावेशी विकसित भारत का निर्माण।
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🔆 कृषि मंत्री संघ की उच्च स्तरीय बैठक किसानों की शिकायतों पर
📍 शिवराज सिंह चौहान द्वारा मुख्य घोषणाएं:
✅ किसानों की शिकायतों, सुझावों और सहायता के लिए समर्पित पोर्टल स्थापित किया जाएगा।
✅ मंत्री व्यक्तिगत रूप से शिकायतों की समीक्षा करेंगे ताकि त्वरित समाधान हो सके।
✅ नकली/अधिमान्य उर्वरक, बीज और कीटनाशकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई।
✅ किसानों को नुकसान से बचाने के लिए केवल प्रमाणित बायोस्टिमुलेंट्स की बिक्री होगी।
✅ अधिकारियों को शिकायतों के निपटान में पारदर्शिता, विश्वसनीयता और संवेदनशीलता सुनिश्चित करने के निर्देश।
📍 अन्य निर्देश:
• किसानों में सूचित बायोस्टिमुलेंट्स के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी।
• पीएम-किसान सम्मान निधि और पीएमएफबीवाई के तहत शिकायतों का त्वरित समाधान और किसान प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।
• सख्त अनुपालन के लिए अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ समन्वय बनाए रखना होगा।
📍 स्वदेशी संकल्प:
• बैठक का समापन अधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वदेशी अपनाओ’ आह्वान के अनुरूप स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और बढ़ावा देने के संकल्प के साथ हुआ।
📍 प्रारंभिक निष्कर्ष:
• किसानों की शिकायत निवारण डिजिटल पोर्टल और प्रमाणित इनपुट विनियमन से जुड़ा है।
• योजनाओं का महत्व: पीएम-किसान सम्मान निधि और पीएम फसल बीमा योजना।
#governance
📍 शिवराज सिंह चौहान द्वारा मुख्य घोषणाएं:
✅ किसानों की शिकायतों, सुझावों और सहायता के लिए समर्पित पोर्टल स्थापित किया जाएगा।
✅ मंत्री व्यक्तिगत रूप से शिकायतों की समीक्षा करेंगे ताकि त्वरित समाधान हो सके।
✅ नकली/अधिमान्य उर्वरक, बीज और कीटनाशकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई।
✅ किसानों को नुकसान से बचाने के लिए केवल प्रमाणित बायोस्टिमुलेंट्स की बिक्री होगी।
✅ अधिकारियों को शिकायतों के निपटान में पारदर्शिता, विश्वसनीयता और संवेदनशीलता सुनिश्चित करने के निर्देश।
📍 अन्य निर्देश:
• किसानों में सूचित बायोस्टिमुलेंट्स के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी।
• पीएम-किसान सम्मान निधि और पीएमएफबीवाई के तहत शिकायतों का त्वरित समाधान और किसान प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।
• सख्त अनुपालन के लिए अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ समन्वय बनाए रखना होगा।
📍 स्वदेशी संकल्प:
• बैठक का समापन अधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वदेशी अपनाओ’ आह्वान के अनुरूप स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और बढ़ावा देने के संकल्प के साथ हुआ।
📍 प्रारंभिक निष्कर्ष:
• किसानों की शिकायत निवारण डिजिटल पोर्टल और प्रमाणित इनपुट विनियमन से जुड़ा है।
• योजनाओं का महत्व: पीएम-किसान सम्मान निधि और पीएम फसल बीमा योजना।
📍 मुख्य प्रश्न:
किसान कल्याण योजनाओं को मजबूत करने में शिकायत निवारण तंत्र का महत्व चर्चा करें। कृषि शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी कैसे मदद कर सकती है?
#governance
🔆 शास्त्रीय वास्तुकला और आधुनिकता पर इसका प्रभाव
📍 संदर्भ
✅ पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कार्यकारी आदेश (EO) “फेडरल वास्तुकला को फिर से सुंदर बनाना” (2020, संशोधित 2025) ने वाशिंगटन डीसी और अन्य जगहों पर संघीय भवनों को एथेंस और रोम से प्रेरित शास्त्रीय शैलियों को अपनाने का आदेश दिया।
✅ यह EO आधुनिक वास्तुकला में शास्त्रीय सिद्धांतों की प्रासंगिकता पर बहस को पुनर्जीवित करता है।
📍 शास्त्रीय वास्तुकला
✅ उत्पत्ति: एथेनियन लोकतंत्र और रोमन इंजीनियरिंग से उत्पन्न।
✅ विशेषताएँ: स्तंभ, मेहराब, गुंबद, सजी हुई पत्थर की बनावट, सममिति, भव्य आकार, "कमरों का समाज"।
✅ दर्शन: मानवाकृति डिजाइन – भवन मानव शरीर के अनुपातों पर आधारित।
✅ सामग्री का उपयोग: ग्रीकों ने लकड़ी की जगह पत्थर का उपयोग स्थायित्व के लिए किया।
📍 आधुनिकता पर प्रभाव
✅ ले कॉर्बुज़िए, अलवार आल्टो, मीज़ वान डेर रोहे जैसे वास्तुकारों ने शास्त्रीय सिद्धांतों को अपनाया।
✅ बार्सिलोना पवेलियन (1929) और विला सावोये जैसे आधुनिकता के प्रतीकों ने शास्त्रीय संतुलन को नई सामग्रियों (स्टील, ग्लास, कंक्रीट) के साथ जोड़ा।
📍 लगातार प्रासंगिकता
✅ अनुपात, आकार और क्रम के कालातीत मानक प्रदान करता है।
✅ गगनचुंबी इमारतें, टावर, पुल को स्टील फ्रेम, क्रॉस-वेंटिलेशन, और ग्लास फसाड में नवाचारों के साथ आकार देता है।
✅ स्थायित्व (शास्त्रीयता) और प्रयोग (आधुनिकता) के संयोजन को दर्शाता है।
✨ #art_and_culture #Modernism
📍 संदर्भ
✅ पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कार्यकारी आदेश (EO) “फेडरल वास्तुकला को फिर से सुंदर बनाना” (2020, संशोधित 2025) ने वाशिंगटन डीसी और अन्य जगहों पर संघीय भवनों को एथेंस और रोम से प्रेरित शास्त्रीय शैलियों को अपनाने का आदेश दिया।
✅ यह EO आधुनिक वास्तुकला में शास्त्रीय सिद्धांतों की प्रासंगिकता पर बहस को पुनर्जीवित करता है।
📍 शास्त्रीय वास्तुकला
✅ उत्पत्ति: एथेनियन लोकतंत्र और रोमन इंजीनियरिंग से उत्पन्न।
✅ विशेषताएँ: स्तंभ, मेहराब, गुंबद, सजी हुई पत्थर की बनावट, सममिति, भव्य आकार, "कमरों का समाज"।
✅ दर्शन: मानवाकृति डिजाइन – भवन मानव शरीर के अनुपातों पर आधारित।
✅ सामग्री का उपयोग: ग्रीकों ने लकड़ी की जगह पत्थर का उपयोग स्थायित्व के लिए किया।
📍 आधुनिकता पर प्रभाव
✅ ले कॉर्बुज़िए, अलवार आल्टो, मीज़ वान डेर रोहे जैसे वास्तुकारों ने शास्त्रीय सिद्धांतों को अपनाया।
✅ बार्सिलोना पवेलियन (1929) और विला सावोये जैसे आधुनिकता के प्रतीकों ने शास्त्रीय संतुलन को नई सामग्रियों (स्टील, ग्लास, कंक्रीट) के साथ जोड़ा।
📍 लगातार प्रासंगिकता
✅ अनुपात, आकार और क्रम के कालातीत मानक प्रदान करता है।
✅ गगनचुंबी इमारतें, टावर, पुल को स्टील फ्रेम, क्रॉस-वेंटिलेशन, और ग्लास फसाड में नवाचारों के साथ आकार देता है।
✅ स्थायित्व (शास्त्रीयता) और प्रयोग (आधुनिकता) के संयोजन को दर्शाता है।
📍 प्रारंभिक प्रश्न
प्रश्न: शास्त्रीय वास्तुकला के संदर्भ में निम्नलिखित पर विचार करें:
1. इसने सममिति, स्तंभ, और मानवाकृति डिजाइन पर जोर दिया।
2. इसकी उत्पत्ति एथेंस और रोम में हुई।
3. इसके सिद्धांतों ने ले कॉर्बुज़िए जैसे आधुनिकतावादी वास्तुकारों को प्रभावित किया।
उपरोक्त में से कौन सही है?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) 1, 2 और 3 ✅
(d) केवल 1
📍 मुख्य प्रश्न
प्रश्न: चर्चा करें कि शास्त्रीय वास्तुकला के सिद्धांत आधुनिक शहरी नियोजन और डिजाइन को कैसे प्रभावित करते हैं। भारत और विदेशों के उदाहरणों के साथ समझाएं। (10 अंक, GS-1)
✨ #art_and_culture #Modernism
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🔆मृदा प्रदूषण
✅मृदा प्रदूषण को मृदा में विषाक्त रसायनों (प्रदूषक या संदूषक) की उपस्थिति के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो इतनी उच्च सांद्रता में होते हैं कि वे मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं।
मृदा प्रदूषण के कारण :
✅ औद्योगिक अपशिष्ट; उर्वरक, कीटनाशक, और खाद
✅ प्लास्टिक; खनन गतिविधियाँ; लैंडफिल
✅ निर्माण गतिविधियाँ; माइक्रोबीड्स
मृदा प्रदूषण का प्रभाव :
✅ संदूषित मृदा भूजल और खाद्य श्रृंखलाओं में प्रदूषक छोड़ती है।
✅ प्रदूषण मृदा जैव विविधता को प्रभावित करता है, इसकी कार्बनिक पदार्थ और छानने की क्षमता को कम करता है।
✅ फसल उत्पादन और खाद्य सुरक्षा को कम करता है, साथ ही मृदा सूक्ष्मजीवों को नुकसान पहुंचाता है और मृदा उर्वरता को घटाता है।
✅ विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे सिरदर्द से लेकर अंगों को नुकसान पहुंचाने जैसी गंभीर स्थितियाँ।
सरकारी उपाय :
✅ मृदा स्वास्थ्य कार्ड (SHC) योजना
✅ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
✅ सतत कृषि पर राष्ट्रीय मिशन
✅ पीएम-प्रणाम योजना
✅ पारंपरिक कृषि विकास योजना (PKVY)
#पर्यावरण
#मुख्य_परीक्षा
जुड़ें @CSE_EXAM
@Upsc_4_environment
✅मृदा प्रदूषण को मृदा में विषाक्त रसायनों (प्रदूषक या संदूषक) की उपस्थिति के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो इतनी उच्च सांद्रता में होते हैं कि वे मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं।
मृदा प्रदूषण के कारण :
✅ औद्योगिक अपशिष्ट; उर्वरक, कीटनाशक, और खाद
✅ प्लास्टिक; खनन गतिविधियाँ; लैंडफिल
✅ निर्माण गतिविधियाँ; माइक्रोबीड्स
मृदा प्रदूषण का प्रभाव :
✅ संदूषित मृदा भूजल और खाद्य श्रृंखलाओं में प्रदूषक छोड़ती है।
✅ प्रदूषण मृदा जैव विविधता को प्रभावित करता है, इसकी कार्बनिक पदार्थ और छानने की क्षमता को कम करता है।
✅ फसल उत्पादन और खाद्य सुरक्षा को कम करता है, साथ ही मृदा सूक्ष्मजीवों को नुकसान पहुंचाता है और मृदा उर्वरता को घटाता है।
✅ विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे सिरदर्द से लेकर अंगों को नुकसान पहुंचाने जैसी गंभीर स्थितियाँ।
सरकारी उपाय :
✅ मृदा स्वास्थ्य कार्ड (SHC) योजना
✅ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
✅ सतत कृषि पर राष्ट्रीय मिशन
✅ पीएम-प्रणाम योजना
✅ पारंपरिक कृषि विकास योजना (PKVY)
#पर्यावरण
#मुख्य_परीक्षा
जुड़ें @CSE_EXAM
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Press Release_Press Information Bureau (14).pdf
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🔆 भारत ने पहली बार मेड-इन-इंडिया सेमीकंडक्टर चिप्स का अनावरण किया 🧠💻
📍समाचार में क्यों?
2 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेड-इन-इंडिया सेमीकंडक्टर चिप्स का पहला सेट केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा सेमिकॉन इंडिया 2025 में प्रस्तुत किया गया। यह भारत की तकनीकी स्वायत्तता की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
📍मुख्य बिंदु
✅ इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) दिसंबर 2021 में लॉन्च हुआ — अब केवल 3.5 वर्षों में उत्पादन चरण में प्रवेश
✅ 12 प्रमुख एमओयू डिज़ाइन, निर्माण और कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए हस्ताक्षरित
✅ फोकस क्षेत्र: कैमरा मॉड्यूल्स, MEMS माइक्रोफोन, सिक्योर चिप्स, IoT चिपसेट्स, पैकेजिंग, और माइक्रोकंट्रोलर्स
✅ ISM 2.0 लॉन्च किया गया है ताकि फैब्स, OSATs, कैपिटल उपकरण, और सामग्री का विस्तार किया जा सके
📍डीप टेक अलायंस लॉन्च
✅ $1 बिलियन प्रतिबद्धता निम्नलिखित क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए:
– क्वांटम कंप्यूटिंग
– क्लीन एनर्जी
– बायोटेक
– स्पेस
📍लागत लाभ और वैश्विक विश्वास
✅ भारत की चिप उत्पादन अब वैश्विक स्तर पर 15–30% अधिक लागत-कुशल
✅ वैश्विक दिग्गज जैसे ASML, Applied Materials, Merck, Lam Research ने भाग लिया
✅ भारत का आईपी-सम्मानित, भरोसेमंद मॉडल वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में इसकी मूल्यवृद्धि करता है
📍प्रतिभा और नवाचार
✅ 78+ विश्वविद्यालय ईडीए टूल्स का उपयोग कर रहे हैं
✅ भारतीय छात्रों द्वारा डिज़ाइन किए गए 20 चिप्स प्रधानमंत्री को प्रस्तुत किए गए
✅ भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर कार्यबल का लगभग 20% योगदान देता है
✅ IIT मद्रास, इंडीसेमिक, केन्स, L&T सेमिकॉन जैसे स्टार्टअप आईपी निर्माण को बढ़ावा दे रहे हैं
📍आगे की दृष्टि
✅ लक्ष्य: 2030 तक $1 ट्रिलियन वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग
✅ भारत खुद को दुनिया का सेमीकंडक्टर हब के रूप में स्थापित कर रहा है
#SemiconIndia #economy #science_and_technology
📍समाचार में क्यों?
2 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेड-इन-इंडिया सेमीकंडक्टर चिप्स का पहला सेट केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा सेमिकॉन इंडिया 2025 में प्रस्तुत किया गया। यह भारत की तकनीकी स्वायत्तता की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
📍मुख्य बिंदु
✅ इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) दिसंबर 2021 में लॉन्च हुआ — अब केवल 3.5 वर्षों में उत्पादन चरण में प्रवेश
✅ 12 प्रमुख एमओयू डिज़ाइन, निर्माण और कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए हस्ताक्षरित
✅ फोकस क्षेत्र: कैमरा मॉड्यूल्स, MEMS माइक्रोफोन, सिक्योर चिप्स, IoT चिपसेट्स, पैकेजिंग, और माइक्रोकंट्रोलर्स
✅ ISM 2.0 लॉन्च किया गया है ताकि फैब्स, OSATs, कैपिटल उपकरण, और सामग्री का विस्तार किया जा सके
📍डीप टेक अलायंस लॉन्च
✅ $1 बिलियन प्रतिबद्धता निम्नलिखित क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए:
– क्वांटम कंप्यूटिंग
– क्लीन एनर्जी
– बायोटेक
– स्पेस
📍लागत लाभ और वैश्विक विश्वास
✅ भारत की चिप उत्पादन अब वैश्विक स्तर पर 15–30% अधिक लागत-कुशल
✅ वैश्विक दिग्गज जैसे ASML, Applied Materials, Merck, Lam Research ने भाग लिया
✅ भारत का आईपी-सम्मानित, भरोसेमंद मॉडल वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में इसकी मूल्यवृद्धि करता है
📍प्रतिभा और नवाचार
✅ 78+ विश्वविद्यालय ईडीए टूल्स का उपयोग कर रहे हैं
✅ भारतीय छात्रों द्वारा डिज़ाइन किए गए 20 चिप्स प्रधानमंत्री को प्रस्तुत किए गए
✅ भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर कार्यबल का लगभग 20% योगदान देता है
✅ IIT मद्रास, इंडीसेमिक, केन्स, L&T सेमिकॉन जैसे स्टार्टअप आईपी निर्माण को बढ़ावा दे रहे हैं
📍आगे की दृष्टि
✅ लक्ष्य: 2030 तक $1 ट्रिलियन वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग
✅ भारत खुद को दुनिया का सेमीकंडक्टर हब के रूप में स्थापित कर रहा है
📍प्रिलिम्स प्रश्न
प्रश्न: इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन कब लॉन्च हुआ था:
A) 2019
B) 2021
C) 2023
D) 2025
✅ उत्तर: B) 2021
📍मेन्स GS3 प्रश्न
प्रश्न: जांच करें कि भारत का सेमीकंडक्टर मिशन और संबंधित पहलें आत्मनिर्भर भारत और रणनीतिक तकनीकी स्वायत्तता के लक्ष्यों में कैसे योगदान देती हैं।
#SemiconIndia #economy #science_and_technology
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🔆 “A Matter of the Heart: Education in India” – अनुराग बेहार
📘 शिक्षा और भारत की जमीनी हकीकत पर विचार
✅ शिक्षा और समानता पर
🗨️ “यदि शिक्षा सबसे वंचित बच्चे की सेवा नहीं करती, तो उसने अपना उद्देश्य खो दिया है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, समावेशी विकास, शिक्षा में समानता
✅ शिक्षक पर
🗨️ “अच्छा शिक्षक वह नहीं है जो केवल ज्ञान दे, बल्कि वह है जो आत्मविश्वास पैदा करे।”
📌 निबंध में उपयोग: मानव पूंजी, शिक्षक प्रशिक्षण, शिक्षा की नैतिकता
✅ ग्रामीण भारत पर
🗨️ “दूरदराज़ गाँव का स्कूल केवल पढ़ाई की जगह नहीं है, यह गरिमा का स्थान है।”
📌 निबंध में उपयोग: ग्रामीण विकास, जमीनी सशक्तिकरण, शिक्षा = सशक्तिकरण
✅ लोकतंत्र और नागरिकता पर
🗨️ “लोकतंत्र तभी जीवित रहता है जब शिक्षा नागरिकों को सवाल पूछने योग्य बनाती है।”
📌 निबंध में उपयोग: आलोचनात्मक सोच, नागरिक मूल्य, संवैधानिक नैतिकता
✅ विकास पर
🗨️ “कोई भी समाज तब तक प्रगति नहीं कर सकता जब तक वह अपने बच्चों के दिमाग में निवेश नहीं करता।”
📌 निबंध में उपयोग: मानव विकास, कल्याणकारी राज्य, दीर्घकालिक विकास
#essay
📘 शिक्षा और भारत की जमीनी हकीकत पर विचार
✅ शिक्षा और समानता पर
🗨️ “यदि शिक्षा सबसे वंचित बच्चे की सेवा नहीं करती, तो उसने अपना उद्देश्य खो दिया है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, समावेशी विकास, शिक्षा में समानता
✅ शिक्षक पर
🗨️ “अच्छा शिक्षक वह नहीं है जो केवल ज्ञान दे, बल्कि वह है जो आत्मविश्वास पैदा करे।”
📌 निबंध में उपयोग: मानव पूंजी, शिक्षक प्रशिक्षण, शिक्षा की नैतिकता
✅ ग्रामीण भारत पर
🗨️ “दूरदराज़ गाँव का स्कूल केवल पढ़ाई की जगह नहीं है, यह गरिमा का स्थान है।”
📌 निबंध में उपयोग: ग्रामीण विकास, जमीनी सशक्तिकरण, शिक्षा = सशक्तिकरण
✅ लोकतंत्र और नागरिकता पर
🗨️ “लोकतंत्र तभी जीवित रहता है जब शिक्षा नागरिकों को सवाल पूछने योग्य बनाती है।”
📌 निबंध में उपयोग: आलोचनात्मक सोच, नागरिक मूल्य, संवैधानिक नैतिकता
✅ विकास पर
🗨️ “कोई भी समाज तब तक प्रगति नहीं कर सकता जब तक वह अपने बच्चों के दिमाग में निवेश नहीं करता।”
📌 निबंध में उपयोग: मानव विकास, कल्याणकारी राज्य, दीर्घकालिक विकास
#essay
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🔆 आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बाढ़ : चरम मौसम और शासकीय खामियाँ
📍 प्रसंग
✅ 2024 में आंध्र प्रदेश में 2 दिनों में वार्षिक वर्षा का 27% दर्ज हुआ।
✅ विजयनगरम ने अगस्त में 46% अतिरिक्त वर्षा दर्ज की।
✅ लगातार वर्षों में अत्यधिक वर्षा से मानसून पैटर्न में बदलाव दिख रहा है।
📍 बाढ़ के कारण
✅ जलाशयों पर दबाव – श्रीशैलम (94%) और नागार्जुन सागर (96%) पहले से भरे हुए।
✅ इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमज़ोरियाँ – प्राकाशम बैराज का टूटा गेट, भद्राचलम के पास कमजोर तटबंध।
✅ शहरी समस्याएँ – अतिक्रमित नालियाँ, कंक्रीट सतहें, अधूरा डीसिल्टिंग।
✅ छोटी नदियों की अनदेखी – बरसात में ये ही गला घोंटने वाली बाधा बनती हैं।
📍 शासन संबंधी खामियाँ
✅ आपदा प्रबंधन ने जीवन बचाए, पर जोखिम कम करने में ढील।
✅ हर साल राहत राशि (जैसे तेलंगाना में ₹1 करोड़ प्रति जिला) तो मिलती है, लेकिन तटबंध मज़बूती और डायवर्जन चैनल अधूरे रहते हैं।
✅ लगातार विजयवाड़ा में जलभराव, अधूरे बुडमेरु कार्यों की ओर इशारा करता है।
📍 आगे का रास्ता
✅ जलाशय प्रबंधन – रीयल-टाइम मॉडलिंग, पहले से जल स्तर कम करना।
✅ शहरी नियोजन – नालों का संरक्षण, जल सोखने योग्य भूमि सुरक्षित करना।
✅ इन्फ्रास्ट्रक्चर रख-रखाव – तटबंध और स्लूइस का नियमित मेंटेनेंस, राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त।
✅ चरम मौसम को स्वीकारें, पर भाग्यवादिता से बचें—संरचनात्मक सुधार से नुकसान घटाया जा सकता है।
📍 UPSC प्रासंगिकता
• GS1 (भूगोल): मानसून अस्थिरता व चरम वर्षा।
• GS3 (आपदा प्रबंधन): बाढ़ नियंत्रण व संस्थागत तैयारी।
• GS2 (शासन): राहत बनाम दीर्घकालिक लचीलापन।
#governance #geography
📍 प्रसंग
✅ 2024 में आंध्र प्रदेश में 2 दिनों में वार्षिक वर्षा का 27% दर्ज हुआ।
✅ विजयनगरम ने अगस्त में 46% अतिरिक्त वर्षा दर्ज की।
✅ लगातार वर्षों में अत्यधिक वर्षा से मानसून पैटर्न में बदलाव दिख रहा है।
📍 बाढ़ के कारण
✅ जलाशयों पर दबाव – श्रीशैलम (94%) और नागार्जुन सागर (96%) पहले से भरे हुए।
✅ इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमज़ोरियाँ – प्राकाशम बैराज का टूटा गेट, भद्राचलम के पास कमजोर तटबंध।
✅ शहरी समस्याएँ – अतिक्रमित नालियाँ, कंक्रीट सतहें, अधूरा डीसिल्टिंग।
✅ छोटी नदियों की अनदेखी – बरसात में ये ही गला घोंटने वाली बाधा बनती हैं।
📍 शासन संबंधी खामियाँ
✅ आपदा प्रबंधन ने जीवन बचाए, पर जोखिम कम करने में ढील।
✅ हर साल राहत राशि (जैसे तेलंगाना में ₹1 करोड़ प्रति जिला) तो मिलती है, लेकिन तटबंध मज़बूती और डायवर्जन चैनल अधूरे रहते हैं।
✅ लगातार विजयवाड़ा में जलभराव, अधूरे बुडमेरु कार्यों की ओर इशारा करता है।
📍 आगे का रास्ता
✅ जलाशय प्रबंधन – रीयल-टाइम मॉडलिंग, पहले से जल स्तर कम करना।
✅ शहरी नियोजन – नालों का संरक्षण, जल सोखने योग्य भूमि सुरक्षित करना।
✅ इन्फ्रास्ट्रक्चर रख-रखाव – तटबंध और स्लूइस का नियमित मेंटेनेंस, राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त।
✅ चरम मौसम को स्वीकारें, पर भाग्यवादिता से बचें—संरचनात्मक सुधार से नुकसान घटाया जा सकता है।
📍 UPSC प्रासंगिकता
• GS1 (भूगोल): मानसून अस्थिरता व चरम वर्षा।
• GS3 (आपदा प्रबंधन): बाढ़ नियंत्रण व संस्थागत तैयारी।
• GS2 (शासन): राहत बनाम दीर्घकालिक लचीलापन।
#governance #geography
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