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🔆 ग्लैंडर्स उन्मूलन के लिए संशोधित राष्ट्रीय कार्य योजना
📍 क्यों फोकस में?
मछली पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने ग्लैंडर्स नामक घातक और संक्रामक अश्व रोग से लड़ने के लिए संशोधित राष्ट्रीय कार्य योजना शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य पूरे देश में निगरानी, नियंत्रण और उन्मूलन प्रयासों को मजबूत करना है।
📍 मुख्य विशेषताएं:
✅ संक्रमित क्षेत्र में कमी: संक्रमित क्षेत्र को 5 किमी से घटाकर 2 किमी किया गया; निगरानी क्षेत्र को बढ़ाकर 10 किमी किया गया।
✅ सशक्त निगरानी और रिपोर्टिंग: अश्वों का अनिवार्य परीक्षण और प्रारंभिक पहचान के लिए बेहतर निदान।
✅ कठोर क्वारंटीन और गतिशीलता नियंत्रण: प्रभावित क्षेत्रों से पशुओं की आवाजाही पर कड़े प्रतिबंध।
✅ त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र: संक्रमित पशुओं के शीघ्र नियंत्रण और मानवीय प्रबंधन के लिए SOP।
✅ क्षमता निर्माण: ग्लैंडर्स की पहचान और रिपोर्टिंग के लिए पशु चिकित्सकों और क्षेत्रीय कर्मचारियों का प्रशिक्षण।
✅ सार्वजनिक जागरूकता: घोड़ों के मालिकों, प्रजनकों और हितधारकों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम।
📍 चुनौतियां / मुद्दे / प्रभाव:
✅ कई एजेंसियों के साथ समन्वय: विभिन्न राज्य और केंद्रीय निकायों के बीच प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना।
✅ सार्वजनिक सहभागिता: रोग की रिपोर्टिंग और रोकथाम में सभी हितधारकों की जागरूकता और भागीदारी बढ़ाना।
✨ #Glanders #AnimalHealth #Biosecurity #goverment_schemes #health
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📍 क्यों फोकस में?
मछली पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने ग्लैंडर्स नामक घातक और संक्रामक अश्व रोग से लड़ने के लिए संशोधित राष्ट्रीय कार्य योजना शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य पूरे देश में निगरानी, नियंत्रण और उन्मूलन प्रयासों को मजबूत करना है।
📍 मुख्य विशेषताएं:
✅ संक्रमित क्षेत्र में कमी: संक्रमित क्षेत्र को 5 किमी से घटाकर 2 किमी किया गया; निगरानी क्षेत्र को बढ़ाकर 10 किमी किया गया।
✅ सशक्त निगरानी और रिपोर्टिंग: अश्वों का अनिवार्य परीक्षण और प्रारंभिक पहचान के लिए बेहतर निदान।
✅ कठोर क्वारंटीन और गतिशीलता नियंत्रण: प्रभावित क्षेत्रों से पशुओं की आवाजाही पर कड़े प्रतिबंध।
✅ त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र: संक्रमित पशुओं के शीघ्र नियंत्रण और मानवीय प्रबंधन के लिए SOP।
✅ क्षमता निर्माण: ग्लैंडर्स की पहचान और रिपोर्टिंग के लिए पशु चिकित्सकों और क्षेत्रीय कर्मचारियों का प्रशिक्षण।
✅ सार्वजनिक जागरूकता: घोड़ों के मालिकों, प्रजनकों और हितधारकों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम।
📍 चुनौतियां / मुद्दे / प्रभाव:
✅ कई एजेंसियों के साथ समन्वय: विभिन्न राज्य और केंद्रीय निकायों के बीच प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना।
✅ सार्वजनिक सहभागिता: रोग की रिपोर्टिंग और रोकथाम में सभी हितधारकों की जागरूकता और भागीदारी बढ़ाना।
✅ प्रारंभिक प्रश्न (MCQ शैली):
प्रश्न: संशोधित राष्ट्रीय कार्य योजना के अनुसार, अश्वों में ग्लैंडर्स का मुख्य कारण बनने वाला जीवाणु कौन सा है?
A) बर्कहोल्डेरिया माली
B) ई. कोली
C) साल्मोनेला एंटेरिका
D) मायकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस
उत्तर: A
✅ मुख्य प्रश्न:
प्रश्न: ग्लैंडर्स उन्मूलन के लिए संशोधित राष्ट्रीय कार्य योजना का महत्व और इसका भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य और पशुधन सुरक्षा पर संभावित प्रभाव पर चर्चा करें।
✨ #Glanders #AnimalHealth #Biosecurity #goverment_schemes #health
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🔆 भारत की रक्षा रणनीति: तकनीकी प्रगति और आत्मनिर्भरता पर ध्यान
📍 क्यों फोकस में?
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने रन संवाद सेमिनार को संबोधित करते हुए रक्षा में आत्मनिर्भरता के महत्व और आधुनिक युद्ध में नई तकनीकों के निरंतर अनुकूलन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस के लिए संयुक्त सिद्धांत और टेक्नोलॉजी परिप्रेक्ष्य एवं क्षमता रोडमैप जारी किया।
📍 मुख्य विशेषताएं:
✅ आधुनिक युद्ध की जटिलता: भविष्य के संघर्षों में तकनीक, खुफिया और अनुकूलनशीलता पर जोर।
✅ तकनीक का महत्व: AI, ड्रोन, साइबर-हमले, और हाइपरसोनिक मिसाइलें भविष्य की लड़ाइयों की कुंजी हैं।
✅ स्वदेशी उपलब्धियां: ऑपरेशन सिंदूर और तेजस, आकाश मिसाइल, और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट जैसे प्लेटफार्मों में भारत की आत्मनिर्भरता को उजागर करता है।
✅ रक्षा उद्योग की वृद्धि: वित्तीय वर्ष 2024-25 में रक्षा उत्पादन ₹1.5 लाख करोड़, जो 2014 में ₹46,425 करोड़ था।
📍 चुनौतियां / मुद्दे / प्रभाव:
✅ तेजी से तकनीकी प्रगति रक्षा अवसंरचना के विकास से आगे निकल सकती है।
✅ वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए उच्च मानकों को बनाए रखते हुए स्वदेशी विकास सुनिश्चित करना।
✅ भविष्य की तत्परता के लिए सेनाओं में संयुक्तता और रणनीतिक संचार में सुधार आवश्यक।
✨ #DefenceReforms #AatmanirbharBharat #security #ModernWarfare #UPSC2025
📍 क्यों फोकस में?
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने रन संवाद सेमिनार को संबोधित करते हुए रक्षा में आत्मनिर्भरता के महत्व और आधुनिक युद्ध में नई तकनीकों के निरंतर अनुकूलन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस के लिए संयुक्त सिद्धांत और टेक्नोलॉजी परिप्रेक्ष्य एवं क्षमता रोडमैप जारी किया।
📍 मुख्य विशेषताएं:
✅ आधुनिक युद्ध की जटिलता: भविष्य के संघर्षों में तकनीक, खुफिया और अनुकूलनशीलता पर जोर।
✅ तकनीक का महत्व: AI, ड्रोन, साइबर-हमले, और हाइपरसोनिक मिसाइलें भविष्य की लड़ाइयों की कुंजी हैं।
✅ स्वदेशी उपलब्धियां: ऑपरेशन सिंदूर और तेजस, आकाश मिसाइल, और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट जैसे प्लेटफार्मों में भारत की आत्मनिर्भरता को उजागर करता है।
✅ रक्षा उद्योग की वृद्धि: वित्तीय वर्ष 2024-25 में रक्षा उत्पादन ₹1.5 लाख करोड़, जो 2014 में ₹46,425 करोड़ था।
📍 चुनौतियां / मुद्दे / प्रभाव:
✅ तेजी से तकनीकी प्रगति रक्षा अवसंरचना के विकास से आगे निकल सकती है।
✅ वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए उच्च मानकों को बनाए रखते हुए स्वदेशी विकास सुनिश्चित करना।
✅ भविष्य की तत्परता के लिए सेनाओं में संयुक्तता और रणनीतिक संचार में सुधार आवश्यक।
✅ प्रारंभिक प्रश्न (MCQ शैली):
प्रश्न: हाल की कौन सी पहल भारत की रक्षा रणनीति को भूमि, समुद्र, वायु, अंतरिक्ष, साइबर और संज्ञानात्मक क्षेत्रों में एकीकृत संचालन के माध्यम से मजबूत करने का लक्ष्य रखती है?
A) इंटीग्रेटेड डिफेंस स्ट्रेटेजी (IDS)
B) मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस के लिए संयुक्त सिद्धांत
C) टेक्नोलॉजी परिप्रेक्ष्य एवं क्षमता रोडमैप
D) आत्मनिर्भर रक्षा रोडमैप
उत्तर: B
✅ मुख्य प्रश्न (GS-2 / सुरक्षा):
प्रश्न: भारत की रक्षा रणनीति के निर्माण में आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति का महत्व चर्चा करें। भारत में आधुनिक युद्ध के लिए ऑपरेशन सिंदूर किस प्रकार एक मॉडल के रूप में कार्य करता है?
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भारत आज एक खाद्य अधिशेष देश है, जो दूध, दालों और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक तथा खाद्यान्न, फल, सब्जियाँ, कपास, चीनी, चाय और मत्स्य पालन का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
भारत दूध, दालें, बागवानी, झींगा और मसालों सहित उत्पादों की एक विस्तृत शृंखला का निर्यात करता है, जिससे वैश्विक पोषण को बढ़ावा मिलता है तथा आर्थिक लाभ होता है
भारत दूध, दालें, बागवानी, झींगा और मसालों सहित उत्पादों की एक विस्तृत शृंखला का निर्यात करता है, जिससे वैश्विक पोषण को बढ़ावा मिलता है तथा आर्थिक लाभ होता है
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doc2025829623101.pdf
1.3 MB
🔆राष्ट्रीय बांस मिशन
बांस के माध्यम से भारत की हरित अर्थव्यवस्था को मजबूत करना
✅पुनर्गठित राष्ट्रीय बांस मिशन 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में बांस की खेती, प्रसंस्करण और विपणन को बढ़ावा देता है।
✅यह मिशन वित्तीय सहायता, एफपीओ के गठन और कौशल विकास के माध्यम से किसानों और एमएसएमई को सहायता प्रदान करता है।
✅एनबीएम अगरबत्ती क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और आयात पर निर्भरता कम करने में भी सहायता करता है।
✅मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और असम की सफलता की कहानियाँ ग्रामीण आजीविका और महिला सशक्तिकरण पर सकारात्मक प्रभाव दर्शाती हैं।
बांस के माध्यम से भारत की हरित अर्थव्यवस्था को मजबूत करना
✅पुनर्गठित राष्ट्रीय बांस मिशन 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में बांस की खेती, प्रसंस्करण और विपणन को बढ़ावा देता है।
✅यह मिशन वित्तीय सहायता, एफपीओ के गठन और कौशल विकास के माध्यम से किसानों और एमएसएमई को सहायता प्रदान करता है।
✅एनबीएम अगरबत्ती क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और आयात पर निर्भरता कम करने में भी सहायता करता है।
✅मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और असम की सफलता की कहानियाँ ग्रामीण आजीविका और महिला सशक्तिकरण पर सकारात्मक प्रभाव दर्शाती हैं।
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🔆 “Price of the Modi Years” – आकार पटेल
📘 भारत में लोकतंत्र, शासन और विकास का मूल्यांकन
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “लोकतंत्र का मूल्यांकन केवल चुनावों से नहीं, बल्कि उन स्वतंत्रताओं से होता है जिनका नागरिक वास्तव में आनंद लेते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: लोकतांत्रिक मूल्य, नागरिक स्वतंत्रता, संवैधानिकता
✅ शासन पर
🗨️ “संस्थाओं का स्वास्थ्य व्यक्तियों की शक्ति से कहीं अधिक मायने रखता है।”
📌 निबंध में उपयोग: कानून का शासन, संस्थागत मजबूती, शक्ति संतुलन
✅ अर्थव्यवस्था और समाज पर
🗨️ “समावेशिता के बिना आर्थिक विकास सामाजिक अशांति का कारण बनता है।”
📌 निबंध में उपयोग: समावेशी विकास, समानता, सामाजिक स्थिरता
✅ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर
🗨️ “स्वतंत्रता की असली कसौटी सहमति में नहीं, बल्कि असहमति को सहन करने में है।”
📌 निबंध में उपयोग: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, बहुलतावाद, लोकतांत्रिक स्थिरता
✅ भारत के भविष्य पर
🗨️ “राष्ट्र का मूल्यांकन उसके नारों से नहीं, बल्कि उसके सबसे कमजोर वर्ग को दिए गए अवसरों से होता है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, समानता, राष्ट्र-निर्माण
#essay
📘 भारत में लोकतंत्र, शासन और विकास का मूल्यांकन
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “लोकतंत्र का मूल्यांकन केवल चुनावों से नहीं, बल्कि उन स्वतंत्रताओं से होता है जिनका नागरिक वास्तव में आनंद लेते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: लोकतांत्रिक मूल्य, नागरिक स्वतंत्रता, संवैधानिकता
✅ शासन पर
🗨️ “संस्थाओं का स्वास्थ्य व्यक्तियों की शक्ति से कहीं अधिक मायने रखता है।”
📌 निबंध में उपयोग: कानून का शासन, संस्थागत मजबूती, शक्ति संतुलन
✅ अर्थव्यवस्था और समाज पर
🗨️ “समावेशिता के बिना आर्थिक विकास सामाजिक अशांति का कारण बनता है।”
📌 निबंध में उपयोग: समावेशी विकास, समानता, सामाजिक स्थिरता
✅ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर
🗨️ “स्वतंत्रता की असली कसौटी सहमति में नहीं, बल्कि असहमति को सहन करने में है।”
📌 निबंध में उपयोग: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, बहुलतावाद, लोकतांत्रिक स्थिरता
✅ भारत के भविष्य पर
🗨️ “राष्ट्र का मूल्यांकन उसके नारों से नहीं, बल्कि उसके सबसे कमजोर वर्ग को दिए गए अवसरों से होता है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, समानता, राष्ट्र-निर्माण
#essay
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Major Milestone in India’s Semiconductor Journey as one of India’s first end-to-end OSAT Pilot Line Facility Launched in Sanand, Gujarat
By 2032 World to Face 1 Million Semiconductor Talent Shortfall; India Poised to Bridge the Gap and Lead in Semiconductor Talent: Shri Ashwini Vaishnaw
#prelims
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By 2032 World to Face 1 Million Semiconductor Talent Shortfall; India Poised to Bridge the Gap and Lead in Semiconductor Talent: Shri Ashwini Vaishnaw
#prelims
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🔆 “Democrats and Dissenters” – रामचंद्र गुहा
📘 लोकतंत्र, असहमति और न्याय पर निबंध
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “भारत में लोकतंत्र इसलिए जीवित है क्योंकि राजनेताओं ने इसे बचाया नहीं, बल्कि जनता ने इसे संभाला है।”
📌 निबंध में उपयोग: लोकतांत्रिक स्थायित्व, संस्थाएँ, जनविश्वास
✅ असहमति पर
🗨️ “असहमति रहित लोकतंत्र असल में लोकतंत्र नहीं है।”
📌 निबंध में उपयोग: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विरोध का अधिकार, बहुलतावाद
✅ पर्यावरण पर
🗨️ “भारत के पर्यावरणीय आंदोलन हमें याद दिलाते हैं कि विकास यदि टिकाऊ नहीं है तो वह आत्मघाती है।”
📌 निबंध में उपयोग: सतत विकास, जलवायु न्याय, नीतिगत सुधार
✅ समानता पर
🗨️ “भारत महानता का दावा नहीं कर सकता यदि उसकी आधी आबादी न्याय और गरिमा से वंचित है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, लैंगिक समानता, समावेशी विकास
✅ इतिहास और नागरिकता पर
🗨️ “अच्छा लोकतांत्रिक बनने के लिए पहले अच्छा नागरिक बनना जरूरी है, जो इतिहास के बोझ और विशेषाधिकार दोनों को समझता हो।”
📌 निबंध में उपयोग: नागरिक जिम्मेदारी, संवैधानिक नैतिकता, राष्ट्र-निर्माण
#essay
📘 लोकतंत्र, असहमति और न्याय पर निबंध
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “भारत में लोकतंत्र इसलिए जीवित है क्योंकि राजनेताओं ने इसे बचाया नहीं, बल्कि जनता ने इसे संभाला है।”
📌 निबंध में उपयोग: लोकतांत्रिक स्थायित्व, संस्थाएँ, जनविश्वास
✅ असहमति पर
🗨️ “असहमति रहित लोकतंत्र असल में लोकतंत्र नहीं है।”
📌 निबंध में उपयोग: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विरोध का अधिकार, बहुलतावाद
✅ पर्यावरण पर
🗨️ “भारत के पर्यावरणीय आंदोलन हमें याद दिलाते हैं कि विकास यदि टिकाऊ नहीं है तो वह आत्मघाती है।”
📌 निबंध में उपयोग: सतत विकास, जलवायु न्याय, नीतिगत सुधार
✅ समानता पर
🗨️ “भारत महानता का दावा नहीं कर सकता यदि उसकी आधी आबादी न्याय और गरिमा से वंचित है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, लैंगिक समानता, समावेशी विकास
✅ इतिहास और नागरिकता पर
🗨️ “अच्छा लोकतांत्रिक बनने के लिए पहले अच्छा नागरिक बनना जरूरी है, जो इतिहास के बोझ और विशेषाधिकार दोनों को समझता हो।”
📌 निबंध में उपयोग: नागरिक जिम्मेदारी, संवैधानिक नैतिकता, राष्ट्र-निर्माण
#essay
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🔆 भारत में भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण
📍 परिचय
भूमि क्षरण प्राकृतिक और मानवीय गतिविधियों के कारण भूमि की गुणवत्ता और उत्पादकता में गिरावट है, जबकि मरुस्थलीकरण का अर्थ है शुष्क क्षेत्रों में उपजाऊ भूमि का अधिक शुष्क हो जाना। 2015–2019 के बीच, भारत ने 30.51 मिलियन हेक्टेयर स्वस्थ भूमि खोई, जो कि इसके कुल भूमि क्षेत्रफल का लगभग 9.45% है।
📍 भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण के कारण
✅ कृषि कारण: अत्यधिक खेती, उर्वरकों का अधिक उपयोग, तीव्र सिंचाई, एक फसल प्रणाली (जैसे पंजाब–हरियाणा चावल-गेहूं चक्र)।
✅ पर्यावरणीय कारण: वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक चराई (घास के मैदान में 2005–15 के बीच 18 से 12 मिलियन हेक्टेयर की कमी)।
✅ भौगोलिक कारण: तीव्र ढालों पर खेती, खारी/क्षारीय मिट्टियाँ, अनियमित वर्षा, शुष्क/अर्ध-शुष्क परिस्थितियाँ (जैसे थार मरुस्थल)।
✅ मानवजनित कारण: खनन, शहरीकरण, बाढ़ के मैदानों पर अतिक्रमण (जैसे बेंगलुरु शहरी विस्तार 2000–10)।
✅ प्राकृतिक कारण: वायु/जल कटाव, प्राकृतिक खारीकरण, बाढ़ (जैसे केरल बाढ़ 2018)।
✅ जलवायु परिवर्तन: अत्यधिक वर्षा, समुद्र स्तर में वृद्धि, सूखा (जैसे बुंदेलखंड, मराठवाड़ा)।
📍 प्रभाव
✅ सामाजिक: गरीबी, खाद्य असुरक्षा, जबरन पलायन, अधिकार असुरक्षा।
✅ पर्यावरणीय: जैव विविधता की हानि, कार्बन अवशोषण में कमी, मिट्टी का कटाव, चरम मौसम।
✅ आर्थिक: उत्पादकता में गिरावट, बाजार अस्थिरता, गरीबी के जाल।
✅ स्वास्थ्य: विषाक्त मिट्टी के संपर्क, श्वसन और जलजनित रोग, कुपोषण, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ।
📍 सरकारी उपाय
✅ नेशनल मिशन फॉर ग्रीन इंडिया (GIM) – क्षतिग्रस्त पारिस्थितिक तंत्रों की पुनर्स्थापना।
✅ कंपेनसेटरी अफोरेस्टेशन (CAMPA) – वन हानि की भरपाई।
✅ सॉइल हेल्थ कार्ड योजना – सतत मिट्टी प्रबंधन को बढ़ावा।
✅ बॉन चैलेंज कमिटमेंट – 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर क्षतिग्रस्त भूमि की पुनर्स्थापना।
📍 वैश्विक पहलें
✅ UNCCD (1994) – वैश्विक स्तर पर मरुस्थलीकरण से लड़ना।
✅ लैंड डिग्रेडेशन न्यूट्रैलिटी फंड (2018) – पुनर्स्थापना परियोजनाओं के लिए वित्त।
✅ UN डिकेड ऑन इकोसिस्टम रेस्टोरेशन (2021–30)।
📍 आगे का रास्ता
✅ सतत भूमि प्रबंधन और वृक्षारोपण को बढ़ावा दें।
✅ प्रौद्योगिकी अपनाएं: पृथ्वी अवलोकन, एआई, ड्रोन।
✅ स्थानीय शासन और समुदाय की भागीदारी को मजबूत करें।
✅ जल संचयन, वर्षा जल प्रबंधन का विस्तार करें।
✅ पुनर्स्थापना के लिए आर्थिक प्रोत्साहन और नवोन्मेषी वित्त जुटाएं।
📍 निष्कर्ष
26 मिलियन हेक्टेयर पुनर्स्थापना के 2030 लक्ष्य को पूरा करने के लिए, भारत को नीति समन्वय (MGNREGS, PMKSY), प्रौद्योगिकी का उपयोग और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना होगा। एक प्रौद्योगिकी-संचालित, समावेशी दृष्टिकोण पारिस्थितिक तंत्रों की सुरक्षा और SDGs 2, 3, 6 & 15 सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
#Geography #Environment #GS3 #GS1
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📍 परिचय
भूमि क्षरण प्राकृतिक और मानवीय गतिविधियों के कारण भूमि की गुणवत्ता और उत्पादकता में गिरावट है, जबकि मरुस्थलीकरण का अर्थ है शुष्क क्षेत्रों में उपजाऊ भूमि का अधिक शुष्क हो जाना। 2015–2019 के बीच, भारत ने 30.51 मिलियन हेक्टेयर स्वस्थ भूमि खोई, जो कि इसके कुल भूमि क्षेत्रफल का लगभग 9.45% है।
📍 भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण के कारण
✅ कृषि कारण: अत्यधिक खेती, उर्वरकों का अधिक उपयोग, तीव्र सिंचाई, एक फसल प्रणाली (जैसे पंजाब–हरियाणा चावल-गेहूं चक्र)।
✅ पर्यावरणीय कारण: वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक चराई (घास के मैदान में 2005–15 के बीच 18 से 12 मिलियन हेक्टेयर की कमी)।
✅ भौगोलिक कारण: तीव्र ढालों पर खेती, खारी/क्षारीय मिट्टियाँ, अनियमित वर्षा, शुष्क/अर्ध-शुष्क परिस्थितियाँ (जैसे थार मरुस्थल)।
✅ मानवजनित कारण: खनन, शहरीकरण, बाढ़ के मैदानों पर अतिक्रमण (जैसे बेंगलुरु शहरी विस्तार 2000–10)।
✅ प्राकृतिक कारण: वायु/जल कटाव, प्राकृतिक खारीकरण, बाढ़ (जैसे केरल बाढ़ 2018)।
✅ जलवायु परिवर्तन: अत्यधिक वर्षा, समुद्र स्तर में वृद्धि, सूखा (जैसे बुंदेलखंड, मराठवाड़ा)।
📍 प्रभाव
✅ सामाजिक: गरीबी, खाद्य असुरक्षा, जबरन पलायन, अधिकार असुरक्षा।
✅ पर्यावरणीय: जैव विविधता की हानि, कार्बन अवशोषण में कमी, मिट्टी का कटाव, चरम मौसम।
✅ आर्थिक: उत्पादकता में गिरावट, बाजार अस्थिरता, गरीबी के जाल।
✅ स्वास्थ्य: विषाक्त मिट्टी के संपर्क, श्वसन और जलजनित रोग, कुपोषण, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ।
📍 सरकारी उपाय
✅ नेशनल मिशन फॉर ग्रीन इंडिया (GIM) – क्षतिग्रस्त पारिस्थितिक तंत्रों की पुनर्स्थापना।
✅ कंपेनसेटरी अफोरेस्टेशन (CAMPA) – वन हानि की भरपाई।
✅ सॉइल हेल्थ कार्ड योजना – सतत मिट्टी प्रबंधन को बढ़ावा।
✅ बॉन चैलेंज कमिटमेंट – 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर क्षतिग्रस्त भूमि की पुनर्स्थापना।
📍 वैश्विक पहलें
✅ UNCCD (1994) – वैश्विक स्तर पर मरुस्थलीकरण से लड़ना।
✅ लैंड डिग्रेडेशन न्यूट्रैलिटी फंड (2018) – पुनर्स्थापना परियोजनाओं के लिए वित्त।
✅ UN डिकेड ऑन इकोसिस्टम रेस्टोरेशन (2021–30)।
📍 आगे का रास्ता
✅ सतत भूमि प्रबंधन और वृक्षारोपण को बढ़ावा दें।
✅ प्रौद्योगिकी अपनाएं: पृथ्वी अवलोकन, एआई, ड्रोन।
✅ स्थानीय शासन और समुदाय की भागीदारी को मजबूत करें।
✅ जल संचयन, वर्षा जल प्रबंधन का विस्तार करें।
✅ पुनर्स्थापना के लिए आर्थिक प्रोत्साहन और नवोन्मेषी वित्त जुटाएं।
📍 निष्कर्ष
26 मिलियन हेक्टेयर पुनर्स्थापना के 2030 लक्ष्य को पूरा करने के लिए, भारत को नीति समन्वय (MGNREGS, PMKSY), प्रौद्योगिकी का उपयोग और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना होगा। एक प्रौद्योगिकी-संचालित, समावेशी दृष्टिकोण पारिस्थितिक तंत्रों की सुरक्षा और SDGs 2, 3, 6 & 15 सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
✅ मुख्य प्रश्न
“भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण भारत की खाद्य सुरक्षा और सतत विकास के लिए गंभीर खतरा हैं। कारणों, प्रभावों और उठाए गए उपायों का गंभीरता से विश्लेषण करें, साथ ही नवोन्मेषी समाधान सुझाएं।” (250 शब्द)
#Geography #Environment #GS3 #GS1
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Press Release_Press Information Bureau (9).pdf
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🔆 भारत–अफ्रीका द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक दोगुना करेगा
📍 क्यों ध्यान में?
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने 20वीं CII भारत–अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव में घोषणा की कि भारत और अफ्रीका का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना करना है, जिसमें मूल्य संवर्धन, प्रौद्योगिकी और सतत साझेदारी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
📍 मुख्य बिंदु:
✅ वर्तमान व्यापार: भारत का निर्यात $42.7 बिलियन, आयात $40 बिलियन — काफी संतुलित लेकिन अप्रयुक्त संभावनाओं के साथ।
✅ प्राथमिक क्षेत्र: कृषि, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा, महत्वपूर्ण खनिज, नवीकरणीय ऊर्जा, आईटी, दूरसंचार और गतिशीलता समाधान।
✅ ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं: अफ्रीका वार्षिक $20 बिलियन का आयात करता है, लेकिन भारत केवल $2 बिलियन की आपूर्ति करता है।
✅ भारत यूपीआई डिजिटल भुगतान, चिकित्सा पर्यटन, लागत-कुशल सेवाएं प्रदान करता है; अफ्रीका महत्वपूर्ण खनिज, पेट्रोलियम और कृषि वस्तुएं प्रदान करता है।
✅ साझा जनसांख्यिकीय लाभ — दोनों क्षेत्रों की युवा आबादी भविष्य की वृद्धि को प्रेरित करती है।
📍 चुनौतियां / प्रभाव:
✅ कच्चे माल के निर्यात से मूल्य संवर्धित उत्पादन की ओर बदलाव की आवश्यकता।
✅ अफ्रीकी संसाधन हितों की सुरक्षा करते हुए संतुलित व्यापार सुनिश्चित करना।
✅ बहुपक्षीय मंचों (WTO, ग्लोबल साउथ) पर सहयोग बढ़ाना।
✨ #IndiaAfrica #TradeRelations #ir
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📍 क्यों ध्यान में?
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने 20वीं CII भारत–अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव में घोषणा की कि भारत और अफ्रीका का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना करना है, जिसमें मूल्य संवर्धन, प्रौद्योगिकी और सतत साझेदारी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
📍 मुख्य बिंदु:
✅ वर्तमान व्यापार: भारत का निर्यात $42.7 बिलियन, आयात $40 बिलियन — काफी संतुलित लेकिन अप्रयुक्त संभावनाओं के साथ।
✅ प्राथमिक क्षेत्र: कृषि, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा, महत्वपूर्ण खनिज, नवीकरणीय ऊर्जा, आईटी, दूरसंचार और गतिशीलता समाधान।
✅ ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं: अफ्रीका वार्षिक $20 बिलियन का आयात करता है, लेकिन भारत केवल $2 बिलियन की आपूर्ति करता है।
✅ भारत यूपीआई डिजिटल भुगतान, चिकित्सा पर्यटन, लागत-कुशल सेवाएं प्रदान करता है; अफ्रीका महत्वपूर्ण खनिज, पेट्रोलियम और कृषि वस्तुएं प्रदान करता है।
✅ साझा जनसांख्यिकीय लाभ — दोनों क्षेत्रों की युवा आबादी भविष्य की वृद्धि को प्रेरित करती है।
📍 चुनौतियां / प्रभाव:
✅ कच्चे माल के निर्यात से मूल्य संवर्धित उत्पादन की ओर बदलाव की आवश्यकता।
✅ अफ्रीकी संसाधन हितों की सुरक्षा करते हुए संतुलित व्यापार सुनिश्चित करना।
✅ बहुपक्षीय मंचों (WTO, ग्लोबल साउथ) पर सहयोग बढ़ाना।
✅ प्रारंभिक प्रश्न:
निम्नलिखित में से कौन सा क्षेत्र 20वीं CII भारत–अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव 2025 में भारत–अफ्रीका व्यापार सहयोग के प्रमुख क्षेत्र के रूप में उजागर किया गया था?
A. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी
B. ऑटोमोबाइल और किफायती गतिशीलता समाधान
C. परमाणु ऊर्जा उत्पादन
D. समुद्री सीमा सुरक्षा
उत्तर: B
✅ मुख्य प्रश्न:
“भारत–अफ्रीका संबंध साझा इतिहास और पूरकताओं में निहित हैं। 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा करें।” (250 शब्द)
✨ #IndiaAfrica #TradeRelations #ir
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🔆 “The Ministry of Utmost Happiness” – अरुंधति रॉय
📘 जीवन, गरिमा और प्रतिरोध की कहानी
✅ अन्याय पर
🗨️ “हमारे समय में सामान्यता ही भयावह हो गई है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, मानव अधिकार, असमानता
✅ मानवीय गरिमा पर
🗨️ “प्यार करना। प्यार पाना। अपनी नगण्यता को कभी न भूलना।”
📌 निबंध में उपयोग: मानवीय मूल्य, नैतिकता, सहानुभूति
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “एकमात्र आशा वही आवाज़ है जो चुप होने से इनकार करती है।”
📌 निबंध में उपयोग: असहमति, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक स्थायित्व
✅ अल्पसंख्यकों और हाशिये पर
🗨️ “अन्याय के बाद आने वाली खामोशी ही सबसे भयानक चीज़ है।”
📌 निबंध में उपयोग: हाशियाकरण, सामाजिक सद्भाव, समावेशी लोकतंत्र
✅ प्रतिरोध पर
🗨️ “अंत में केवल छोटी-छोटी बातें मायने रखती हैं। बड़ी बातें तो बस कहानियों में होती हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: जमीनी परिवर्तन, व्यक्तिगत जिम्मेदारी, नैतिक जीवन
#essay
📘 जीवन, गरिमा और प्रतिरोध की कहानी
✅ अन्याय पर
🗨️ “हमारे समय में सामान्यता ही भयावह हो गई है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, मानव अधिकार, असमानता
✅ मानवीय गरिमा पर
🗨️ “प्यार करना। प्यार पाना। अपनी नगण्यता को कभी न भूलना।”
📌 निबंध में उपयोग: मानवीय मूल्य, नैतिकता, सहानुभूति
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “एकमात्र आशा वही आवाज़ है जो चुप होने से इनकार करती है।”
📌 निबंध में उपयोग: असहमति, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक स्थायित्व
✅ अल्पसंख्यकों और हाशिये पर
🗨️ “अन्याय के बाद आने वाली खामोशी ही सबसे भयानक चीज़ है।”
📌 निबंध में उपयोग: हाशियाकरण, सामाजिक सद्भाव, समावेशी लोकतंत्र
✅ प्रतिरोध पर
🗨️ “अंत में केवल छोटी-छोटी बातें मायने रखती हैं। बड़ी बातें तो बस कहानियों में होती हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: जमीनी परिवर्तन, व्यक्तिगत जिम्मेदारी, नैतिक जीवन
#essay
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🔆 मन की बात (125वां एपिसोड) से मुख्य बातें
📍 क्यों ध्यान में?
प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक आपदाओं, सांस्कृतिक मील के पत्थरों, और खेल तथा नवाचार में उपलब्धियों के बीच राष्ट्र को संबोधित किया।
📍 मुख्य विशेषताएं:
✅ आपदा राहत: बाढ़ और भूस्खलन को स्वीकार किया; NDRF, सेना, स्थानीय लोगों की प्रशंसा की जिन्होंने ड्रोन, जीवन डिटेक्टर, हेलीकॉप्टर के साथ बचाव किया।
✅ जम्मू-कश्मीर खेल मील के पत्थर: पुलवामा में पहला डे-नाइट क्रिकेट मैच; डल झील में पहला खेलो इंडिया जल क्रीड़ा महोत्सव।
✅ युवा और UPSC: UPSC के निकट-क्वालिफायर्स को निजी क्षेत्र में नौकरी खोजने में मदद के लिए प्रतिभा सेतु पोर्टल का शुभारंभ।
✅ सांस्कृतिक कूटनीति: रूस में रामायण प्रदर्शनियां, इटली में वाल्मीकि की मूर्ति, कनाडा में श्री राम की मूर्ति।
✅ जमीनी कहानियां:
• सोलर दीदी (बिहार की देवकी) ने सौर पंप के साथ गांव की खेती को बदला।
• जितेंद्र सिंह राठौर (सूरत) प्रथम विश्व युद्ध से शहीदों की कहानियां/फोटो संरक्षित कर रहे हैं।
📍 संदेश:
प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल, आत्मनिर्भर भारत, और खेल और संस्कृति के माध्यम से एकता पर जोर दिया।
✨ #MannKiBaat #DisasterRelief #PratibhaSetu
📍 क्यों ध्यान में?
प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक आपदाओं, सांस्कृतिक मील के पत्थरों, और खेल तथा नवाचार में उपलब्धियों के बीच राष्ट्र को संबोधित किया।
📍 मुख्य विशेषताएं:
✅ आपदा राहत: बाढ़ और भूस्खलन को स्वीकार किया; NDRF, सेना, स्थानीय लोगों की प्रशंसा की जिन्होंने ड्रोन, जीवन डिटेक्टर, हेलीकॉप्टर के साथ बचाव किया।
✅ जम्मू-कश्मीर खेल मील के पत्थर: पुलवामा में पहला डे-नाइट क्रिकेट मैच; डल झील में पहला खेलो इंडिया जल क्रीड़ा महोत्सव।
✅ युवा और UPSC: UPSC के निकट-क्वालिफायर्स को निजी क्षेत्र में नौकरी खोजने में मदद के लिए प्रतिभा सेतु पोर्टल का शुभारंभ।
✅ सांस्कृतिक कूटनीति: रूस में रामायण प्रदर्शनियां, इटली में वाल्मीकि की मूर्ति, कनाडा में श्री राम की मूर्ति।
✅ जमीनी कहानियां:
• सोलर दीदी (बिहार की देवकी) ने सौर पंप के साथ गांव की खेती को बदला।
• जितेंद्र सिंह राठौर (सूरत) प्रथम विश्व युद्ध से शहीदों की कहानियां/फोटो संरक्षित कर रहे हैं।
📍 संदेश:
प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल, आत्मनिर्भर भारत, और खेल और संस्कृति के माध्यम से एकता पर जोर दिया।
✅ प्रारंभिक प्रश्न:
निम्नलिखित में से कौन सी पहल UPSC के निकट-क्वालिफायर्स को नौकरी के अवसर प्रदान करने के लिए शुरू की गई?
A. मिशन कर्मयोगी
B. प्रतिभा सेतु
C. डिजिटल इंडिया पोर्टल
D. स्किल इंडिया कनेक्ट
उत्तर: B
✨ #MannKiBaat #DisasterRelief #PratibhaSetu
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🔆 अवैध आव्रजन और नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019
📍 UPSC पिछले वर्ष का प्रश्न
अवैध सीमा पार आव्रजन भारत की सुरक्षा के लिए किस प्रकार खतरा उत्पन्न करता है? इसे रोकने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करें, साथ ही उन कारकों को उजागर करें जो इस प्रकार के आव्रजन को प्रोत्साहित करते हैं। (2014)
📍 अवैध आव्रजन
नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार, अवैध प्रवासी वह विदेशी है जो वैध दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश करता है या अनुमत अवधि से अधिक रहता है। उत्पीड़न, गरीबी और सामाजिक-आर्थिक कारणों से प्रेरित, अवैध आव्रजन एक संवेदनशील मुद्दा है जो सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है।
📍 अवैध आव्रजन के कारण
✅ आर्थिक कठिनाई – गरीबी, बेरोजगारी → प्रवासी विदेश में जीविका की तलाश करते हैं।
✅ बेहतर जीवन स्तर – बेहतर परिस्थितियों का आकर्षण, "अमेरिकन ड्रीम।"
✅ मानव तस्करी नेटवर्क – कम पकड़ के जोखिम के साथ लाभकारी तस्करी।
✅ राजनीतिक/धार्मिक उत्पीड़न – शरणार्थी उत्पीड़न से भागते हैं (जैसे रोहिंग्या)।
✅ जनसंख्या दबाव – उच्च घनत्व, सीमित संसाधन आव्रजन को बढ़ावा देते हैं।
✅ प्राकृतिक आपदाएं – बाढ़, चक्रवात जीवित रहने के लिए आव्रजन को प्रेरित करते हैं।
✅ सामाजिक नेटवर्क – मौजूदा प्रवासी समुदाय नए प्रवासियों को आकर्षित करते हैं।
📍 अवैध आव्रजन के प्रभाव
✅ आर्थिक शोषण – प्रवासी अनौपचारिक नौकरियों में, शोषण के प्रति संवेदनशील।
✅ मानवाधिकार उल्लंघन – अमानवीय व्यवहार, जबरन वसूली, यौन हिंसा।
✅ गिरफ्तारी/निर्वासन का खतरा – हिरासत में कठोर परिस्थितियां।
✅ सामाजिक तनाव – जनसांख्यिकीय बदलाव, नौकरी/संसाधन प्रतिस्पर्धा।
✅ संगठित अपराध को बढ़ावा – तस्करी और मानव तस्करी नेटवर्क फलते-फूलते हैं।
📍 आव्रजन से निपटने में चुनौतियां
✅ अपर्याप्त डेटा → प्रवाह को ट्रैक करना कठिन।
✅ छिद्रपूर्ण सीमाएं → आसान पारगमन।
✅ कमजोर नियमन → अनैतिक यात्रा एजेंसियां।
✅ समन्वय की कमी → वैश्विक सहयोग की आवश्यकता।
✅ संगठित अपराध की भागीदारी।
✅ कानूनी/विधायी अंतर → कोई व्यापक कानून ढांचा नहीं।
📍 अवैध आव्रजन को रोकने के उपाय
✅ अंतरराष्ट्रीय सहयोग – सीमा पार सहयोग, मानवाधिकार संरक्षण।
✅ मानव तस्करी से मुकाबला – कड़ी कानून प्रवर्तन समन्वय (इंटरपोल)।
✅ स्थानीय एजेंसियों की क्षमता निर्माण – सुरक्षित जाऐं प्रशिक्षित जाऐं के तहत प्रशिक्षण।
✅ संगठित अपराध का मुकाबला – UNTOC प्रोटोकॉल का उपयोग कर सिंडिकेट पर कार्रवाई।
✅ शरणार्थियों और प्रवासियों में अंतर – उत्पीड़न से शरण के रूप में भारत की भूमिका बनाए रखना।
✅ सीमा प्रबंधन – बाड़, फ्लडलाइटिंग, एंटी-टनलिंग ऑपरेशन, CIBMS तैनाती।
✨ #Migration #InternalSecurity #GS2 #GS1 #security #mains
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📍 UPSC पिछले वर्ष का प्रश्न
अवैध सीमा पार आव्रजन भारत की सुरक्षा के लिए किस प्रकार खतरा उत्पन्न करता है? इसे रोकने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करें, साथ ही उन कारकों को उजागर करें जो इस प्रकार के आव्रजन को प्रोत्साहित करते हैं। (2014)
📍 अवैध आव्रजन
नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार, अवैध प्रवासी वह विदेशी है जो वैध दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश करता है या अनुमत अवधि से अधिक रहता है। उत्पीड़न, गरीबी और सामाजिक-आर्थिक कारणों से प्रेरित, अवैध आव्रजन एक संवेदनशील मुद्दा है जो सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है।
📍 अवैध आव्रजन के कारण
✅ आर्थिक कठिनाई – गरीबी, बेरोजगारी → प्रवासी विदेश में जीविका की तलाश करते हैं।
✅ बेहतर जीवन स्तर – बेहतर परिस्थितियों का आकर्षण, "अमेरिकन ड्रीम।"
✅ मानव तस्करी नेटवर्क – कम पकड़ के जोखिम के साथ लाभकारी तस्करी।
✅ राजनीतिक/धार्मिक उत्पीड़न – शरणार्थी उत्पीड़न से भागते हैं (जैसे रोहिंग्या)।
✅ जनसंख्या दबाव – उच्च घनत्व, सीमित संसाधन आव्रजन को बढ़ावा देते हैं।
✅ प्राकृतिक आपदाएं – बाढ़, चक्रवात जीवित रहने के लिए आव्रजन को प्रेरित करते हैं।
✅ सामाजिक नेटवर्क – मौजूदा प्रवासी समुदाय नए प्रवासियों को आकर्षित करते हैं।
📍 अवैध आव्रजन के प्रभाव
✅ आर्थिक शोषण – प्रवासी अनौपचारिक नौकरियों में, शोषण के प्रति संवेदनशील।
✅ मानवाधिकार उल्लंघन – अमानवीय व्यवहार, जबरन वसूली, यौन हिंसा।
✅ गिरफ्तारी/निर्वासन का खतरा – हिरासत में कठोर परिस्थितियां।
✅ सामाजिक तनाव – जनसांख्यिकीय बदलाव, नौकरी/संसाधन प्रतिस्पर्धा।
✅ संगठित अपराध को बढ़ावा – तस्करी और मानव तस्करी नेटवर्क फलते-फूलते हैं।
📍 आव्रजन से निपटने में चुनौतियां
✅ अपर्याप्त डेटा → प्रवाह को ट्रैक करना कठिन।
✅ छिद्रपूर्ण सीमाएं → आसान पारगमन।
✅ कमजोर नियमन → अनैतिक यात्रा एजेंसियां।
✅ समन्वय की कमी → वैश्विक सहयोग की आवश्यकता।
✅ संगठित अपराध की भागीदारी।
✅ कानूनी/विधायी अंतर → कोई व्यापक कानून ढांचा नहीं।
📍 अवैध आव्रजन को रोकने के उपाय
✅ अंतरराष्ट्रीय सहयोग – सीमा पार सहयोग, मानवाधिकार संरक्षण।
✅ मानव तस्करी से मुकाबला – कड़ी कानून प्रवर्तन समन्वय (इंटरपोल)।
✅ स्थानीय एजेंसियों की क्षमता निर्माण – सुरक्षित जाऐं प्रशिक्षित जाऐं के तहत प्रशिक्षण।
✅ संगठित अपराध का मुकाबला – UNTOC प्रोटोकॉल का उपयोग कर सिंडिकेट पर कार्रवाई।
✅ शरणार्थियों और प्रवासियों में अंतर – उत्पीड़न से शरण के रूप में भारत की भूमिका बनाए रखना।
✅ सीमा प्रबंधन – बाड़, फ्लडलाइटिंग, एंटी-टनलिंग ऑपरेशन, CIBMS तैनाती।
✅ मुख्य प्रश्न:
अवैध आव्रजन भारत में जनसांख्यिकीय, सुरक्षा और सामाजिक-आर्थिक चुनौतियां उत्पन्न करता है। सीमा सुरक्षा और मानवीय चिंताओं के बीच संतुलन बनाने के लिए भारत कौन से उपाय अपना सकता है? (250 शब्द)
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🔆 “The Battle of Belonging” – शशि थरूर
📘 राष्ट्रवाद, पहचान और लोकतंत्र पर विचार
✅ राष्ट्रवाद पर
🗨️ “राष्ट्रवाद कभी बहिष्करणकारी विचार नहीं बनना चाहिए; भारतीय होने के लिए यह समावेशी होना चाहिए।”
📌 निबंध में उपयोग: देशभक्ति बनाम अंधराष्ट्रवाद, बहुलतावाद, राष्ट्र की अवधारणा
✅ पहचान पर
🗨️ “भारत की पहचान हमेशा बहुस्तरीय, बहुल और समावेशी रही है — न कभी एकरूपी, न ही सांप्रदायिक।”
📌 निबंध में उपयोग: एकता में विविधता, संस्कृति, सामाजिक सद्भाव
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “लोकतंत्र केवल वोट डालने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है जो बहुमत नहीं बना सकते।”
📌 निबंध में उपयोग: संवैधानिक नैतिकता, अल्पसंख्यक अधिकार, क़ानून का शासन
✅ नागरिकता पर
🗨️ “सच्चा भारतीय वही है जो भाषा, धर्म, जाति और समुदाय के सभी भेदों को स्वयं का हिस्सा मानता है।”
📌 निबंध में उपयोग: समावेशी लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, सहिष्णुता
✅ अस्तित्व पर
🗨️ “अस्तित्व की असली लड़ाई इस बात पर है कि भारत की परिभाषा कौन तय करेगा — बहिष्कृत करने वाले कुछ लोग, या समावेशी बहुसंख्यक।”
📌 निबंध में उपयोग: राष्ट्र-निर्माण, पहचान, संवैधानिक मूल्य
#essay
📘 राष्ट्रवाद, पहचान और लोकतंत्र पर विचार
✅ राष्ट्रवाद पर
🗨️ “राष्ट्रवाद कभी बहिष्करणकारी विचार नहीं बनना चाहिए; भारतीय होने के लिए यह समावेशी होना चाहिए।”
📌 निबंध में उपयोग: देशभक्ति बनाम अंधराष्ट्रवाद, बहुलतावाद, राष्ट्र की अवधारणा
✅ पहचान पर
🗨️ “भारत की पहचान हमेशा बहुस्तरीय, बहुल और समावेशी रही है — न कभी एकरूपी, न ही सांप्रदायिक।”
📌 निबंध में उपयोग: एकता में विविधता, संस्कृति, सामाजिक सद्भाव
✅ लोकतंत्र पर
🗨️ “लोकतंत्र केवल वोट डालने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है जो बहुमत नहीं बना सकते।”
📌 निबंध में उपयोग: संवैधानिक नैतिकता, अल्पसंख्यक अधिकार, क़ानून का शासन
✅ नागरिकता पर
🗨️ “सच्चा भारतीय वही है जो भाषा, धर्म, जाति और समुदाय के सभी भेदों को स्वयं का हिस्सा मानता है।”
📌 निबंध में उपयोग: समावेशी लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, सहिष्णुता
✅ अस्तित्व पर
🗨️ “अस्तित्व की असली लड़ाई इस बात पर है कि भारत की परिभाषा कौन तय करेगा — बहिष्कृत करने वाले कुछ लोग, या समावेशी बहुसंख्यक।”
📌 निबंध में उपयोग: राष्ट्र-निर्माण, पहचान, संवैधानिक मूल्य
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भारत में स्वास्थ्य बीमा की वृद्धि:
✅pmjay (2018): 58.8 करोड़ व्यक्तियों (2023-24) को कवर करते हुए, इन-पेशेंट देखभाल के लिए प्रति वर्ष प्रति घरेलू 5 लाख कवर प्रदान करता है।
✅STATE SCHEMES (SHIPS): अधिकांश राज्य समानांतर कार्यक्रम चलाते हैं, साथ में ~ of 16,000 करोड़ के बजट के साथ एक समान आबादी को कवर करते हैं।
✅combined व्यय: ~ ₹ ₹ 28,000 करोड़ सालाना, वास्तविक शब्दों में 8-25% (2018-2024) में बढ़ रहा है।
✅Coverage बनाम उपयोग: जबकि आधिकारिक कवरेज अधिक है, केवल 35% बीमाकृत अस्पताल के रोगी वास्तव में योजनाओं का उपयोग कर सकते हैं (HCES 2022-23)।
#स्वास्थ्य
✅pmjay (2018): 58.8 करोड़ व्यक्तियों (2023-24) को कवर करते हुए, इन-पेशेंट देखभाल के लिए प्रति वर्ष प्रति घरेलू 5 लाख कवर प्रदान करता है।
✅STATE SCHEMES (SHIPS): अधिकांश राज्य समानांतर कार्यक्रम चलाते हैं, साथ में ~ of 16,000 करोड़ के बजट के साथ एक समान आबादी को कवर करते हैं।
✅combined व्यय: ~ ₹ ₹ 28,000 करोड़ सालाना, वास्तविक शब्दों में 8-25% (2018-2024) में बढ़ रहा है।
✅Coverage बनाम उपयोग: जबकि आधिकारिक कवरेज अधिक है, केवल 35% बीमाकृत अस्पताल के रोगी वास्तव में योजनाओं का उपयोग कर सकते हैं (HCES 2022-23)।
#स्वास्थ्य