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भारत और वासेनार अरेंजमेंट
वासेनार समझौता परमाणु अप्रसार और हथियार नियंत्रण में भारत की भूमिका को मज़बूत करता है। यह भारत के विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकी (SCOMET) निर्यात नियंत्रणों को वैश्विक मानदंडों के अनुरूप बनाता है।
यह अंतरिक्ष, रक्षा और डिजिटल क्षेत्रों के लिये संवेदनशील दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों तक पहुँच को सुगम बनाता है तथा नो मनी फॉर टेररिज़्म (NMFT) जैसी पहलों सहित आतंकवाद-रोधी कूटनीति का समर्थन करता है।
वासेनार अरेंजमेंट भारत की परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (NSG) में प्रवेश की योग्यता को मज़बूत करती है, जहाँ चीन ने भारत की सदस्यता को रोक रखा है।
यह परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर न करने के बावजूद वैश्विक अप्रसार मानदंडों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है।
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🔆 भारत की व्यापार नीति: संरक्षणवाद से उदारीकरण तक

📍 परिचय
भारत की विदेशी व्यापार नीति ने अंतर्मुखी संरक्षणवाद से बहिर्मुखी उदारीकरण की ओर विकास किया है, जो आर्थिक विकास और निर्यात संवर्धन का मार्गदर्शन करती है।

📍 भारत की व्यापार नीति का विकास
प्रारंभिक वर्ष (1947–1960 के दशक): घरेलू उद्योगों की रक्षा के लिए आयात प्रतिस्थापन, टैरिफ, कोटा।
1960–1980 के दशक: सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का विकास, संरक्षणवाद जारी (FERA 1974, MRTP अधिनियम 1969)।
1991 आर्थिक सुधार: संकट-प्रेरित उदारीकरण, टैरिफ में कटौती, निर्यात उन्मुखीकरण।
2000 से वर्तमान: डिजिटल अर्थव्यवस्था, मुक्त व्यापार समझौते, द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर ध्यान।

📍 विकास को प्रेरित करने वाले प्रमुख क्षेत्र
आईटी और सॉफ्टवेयर सेवाएं – प्रमुख बीपीओ और आईटी निर्यातक।
फार्मास्यूटिकल्स – आवश्यक दवाओं और टीकों का निर्यात।
ऑटोमोबाइल और घटक – यात्री कारें, दोपहिया वाहन, ऑटो पार्ट्स।
वस्त्र और परिधान – परिधान, यार्न, कपड़े।
रसायन और पेट्रोकेमिकल्स – फार्मा, उर्वरक, पेट्रोलियम।
कृषि उत्पाद और खाद्य प्रसंस्करण – चावल, मसाले, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ।

📍 व्यापार विस्तार में चुनौतियां
भू-राजनीतिक तनाव: जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य पूर्व संकट।
नीति और नियामक मुद्दे: WTO अनुपालन, नौकरशाही में देरी।
व्यापार असंतुलन: कई देशों के साथ लगातार घाटा।
प्रतिस्पर्धात्मकता के मुद्दे: सस्ते वैश्विक विकल्पों की तुलना में उच्च लागत।
गुणवत्ता मानक: MSMEs को वैश्विक अनुपालन में कठिनाई।

📍 आगे का रास्ता
इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स – बंदरगाह, गोदाम, आपूर्ति श्रृंखलाएं।
द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार समझौते – गहरे FTAs।
अनुसंधान एवं विकास और प्रौद्योगिकी अपनाना – IoT, स्वचालन, डिजिटल प्लेटफॉर्म।
ब्रांड इंडिया का प्रचार – सरकार + उद्योग पहल।
आकार की अर्थव्यवस्थाएं – कम लागत, उच्च प्रतिस्पर्धात्मकता।

📍 निष्कर्ष
विदेशी व्यापार नीति 2023 के साथ, भारत 2030 तक $2 ट्रिलियन निर्यात प्राप्त करने का लक्ष्य रखता है, जिसमें UPI, ब्रांड इंडिया, FTAs, और डिजिटल ट्रेड प्लेटफॉर्म जैसे सुधार मददगार हैं।

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🔆 “The Republic” – प्लेटो
📘 न्याय, शासन और आदर्श समाज

न्याय पर
🗨️ “न्याय का अर्थ है अपनी ही जिम्मेदारी निभाना और दूसरों के काम में दखलअंदाजी नहीं करना।”
📌 निबंध में उपयोग: न्याय, संवैधानिक मूल्य, शासन में नैतिकता

शासन पर
🗨️ “जो व्यक्ति अच्छा शासक नहीं है, उसे शासक नहीं बनना चाहिए।”
📌 निबंध में उपयोग: नेतृत्व, जवाबदेही, शासन में नैतिकता

समानता पर
🗨️ “समानता का मतलब यह नहीं है कि हर किसी को समान दिया जाए, बल्कि इसका मतलब है कि प्रत्येक को वह दिया जाए जो उसे प्राप्त करने का हक है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, आरक्षण, न्यायसंगत वितरण

आदर्श समाज पर
🗨️ “आदर्श राज्य वह है जिसमें शासक दार्शनिक होते हैं और दार्शनिक शासक।”
📌 निबंध में उपयोग: कुशल शासन, शिक्षा का महत्व, नेतृत्व में योग्यता

ज्ञान और सत्य पर
🗨️ “अज्ञानता, सारे बुरे कार्यों की जड़ और स्रोत है।”
📌 निबंध में उपयोग: शिक्षा सुधार, आलोचनात्मक सोच, सार्वजनिक तर्क

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🔆 “The Origins of Political Order” – फ्रांसिस फुकुयामा
📘 राजनीति, शासन और विकास

राजनीतिक व्यवस्था पर
🗨️ “राजनीतिक व्यवस्था राज्य, समाज और क़ानून के शासन के बीच परस्पर क्रिया का परिणाम है।”
📌 निबंध में उपयोग: भारतीय राजनीतिक प्रणाली, शासन, क़ानून का शासन

लोकतंत्र पर
🗨️ “सर्वाधिक सफल राजनीतिक प्रणालियाँ वही होती हैं जो राज्य की सत्ता और व्यक्तिगत अधिकारों के बीच तनाव को संतुलित कर सकती हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: भारत में लोकतंत्र, मौलिक अधिकार, संवैधानिक संतुलन

संस्थाओं पर
🗨️ “मज़बूत संस्थाएँ राजनीतिक व्यवस्था की नींव होती हैं, चाहे वे लोकतंत्र हो या निरंकुशता।”
📌 निबंध में उपयोग: संस्थागत मजबूती, शासन सुधार, राजनीतिक स्थिरता

शासन पर
🗨️ “अच्छा शासन केवल सरकार को बेहतर बनाने के बारे में नहीं है; यह इस बारे में है कि राज्य अपने लोगों के प्रति जिम्मेदार हो।”
📌 निबंध में उपयोग: लोक प्रशासन, जवाबदेही, नीति वितरण

विकास पर
🗨️ “आर्थिक विकास के लिए एक स्थिर राजनीतिक व्यवस्था की आवश्यकता होती है जो वृद्धि और नवाचार के लिए आवश्यक शर्तें प्रदान करे।”
📌 निबंध में उपयोग: आर्थिक विकास, विकास की चुनौतियाँ, संस्थागत सुधार

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🔆स्तंभ आदेश और शिलालेख

अशोक के सात स्तंभ आदेश टोपरा (दिल्ली), मेरठ, कौसांभी, रामपुरवा, चंपारण, और मेहरौली में खोजे गए हैं:
अशोक का जन सुरक्षा का विचार स्तंभ आदेश I में निहित है।
स्तंभ आदेश II: धर्म को कम से कम पाप, अधिकतम गुण, करुणा, उदारता, ईमानदारी, और पवित्रता के रूप में परिभाषित करता है।
स्तंभ आदेश III: कठोरता, क्रूरता, क्रोध, और घमंड जैसे पापों को हटाता है।
स्तंभ आदेश IV: राजुकाओं की जिम्मेदारियों को संबोधित करता है।
स्तंभ आदेश V: कुछ दिनों में जिन जानवरों और पक्षियों का वध नहीं किया जाना चाहिए, उनकी सूची और एक अलग सूची जिन प्रजातियों को बिल्कुल नहीं मारना चाहिए।
धर्म नीति छठा स्तंभ आदेश है।
अशोक का धर्म नीति के प्रति कार्य स्तंभ आदेश VII में दर्ज है।

📍लघु स्तंभ शिलालेख

रुम्मिंदेई स्तंभ पर शिलालेख: अशोक का लुम्बिनी दौरा और लुम्बिनी को कर से मुक्त करना।
नेपाल के निगलिसागर स्तंभ पर शिलालेख: अशोक ने बुद्ध कोनाकमना के स्तूप की ऊंचाई को मूल आकार से दोगुना किया।

📍प्रमुख स्तंभ शिलालेख

सारनाथ का सिंह स्तंभ अशोक द्वारा बनवाया गया था, जो धर्मचक्रप्रवर्तन या बुद्ध के पहले उपदेश की स्मृति में वाराणसी में स्थित है।
बिहार के वैशाली स्तंभ पर एकल सिंह है, बिना किसी शिलालेख के।
उत्तर प्रदेश का संकिस्सा स्तंभ
चंपारण, बिहार: लौरिया-नंदनगढ़
चंपारण, बिहार: लौरिया-अराराज
उत्तर प्रदेश का इलाहाबाद स्तंभ

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भारतीय संविधान की छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम के जनजातीय क्षेत्रों को विशेष स्वायत्तता देती है। इसके तहत स्वायत्त जिला व क्षेत्रीय परिषदें बनाई गई हैं जिन्हें भूमि, वन, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि व स्थानीय न्याय पर नियम बनाने का अधिकार है।

इसका उद्देश्य आदिवासी समुदाय की संस्कृति, परंपरा व पहचान की रक्षा करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।

👉 छठी अनुसूची = स्थानीय स्वशासन + सांस्कृतिक संरक्षण + विकास

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🔆 “India Moving: A History of Migration” – चिन्मय तुम्बे
📘 प्रवासन, अर्थव्यवस्था और सामाजिक परिवर्तन

आंतरिक प्रवासन पर
🗨️ “भारत एक गतिशील राष्ट्र है — मानव इतिहास के सबसे बड़े प्रवासों में से एक इसकी सीमाओं के भीतर होता है।”
📌 निबंध में उपयोग: शहरीकरण, श्रमिक अधिकार, जनसांख्यिकीय परिवर्तन

आर्थिक अवसर पर
🗨️ “प्रवास केवल गरीबी से प्रेरित नहीं होता; यह आकांक्षा से भी संचालित होता है।”
📌 निबंध में उपयोग: विकास, युवा शक्ति, असमानता

सामाजिक परिवर्तन पर
🗨️ “प्रवास भारत का मौन सामाजिक क्रांति है।”
📌 निबंध में उपयोग: जाति गतिशीलता, ग्रामीण परिवर्तन, सशक्तिकरण

महिला और कार्य पर
🗨️ “महिला प्रवासियों को आँकड़ों में अक्सर अदृश्य बना दिया जाता है, लेकिन वे भारत की श्रम और देखभाल अर्थव्यवस्था के केंद्र में हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: लैंगिक असमानता, असंगठित क्षेत्र, महिला श्रम

नीति और शासन पर
🗨️ “प्रवास की अनदेखी करना, भारत की अर्थव्यवस्था के इंजन की अनदेखी करना है।”
📌 निबंध में उपयोग: नीतिगत सुधार, शहरी शासन, सामाजिक सुरक्षा

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🔆 “An Uncertain Glory: India and Its Contradictions” – ज्यां द्रेज़ और अमर्त्य सेन
📘 विकास, असमानता और सामाजिक न्याय

विकास के विरोधाभास पर
🗨️ “दुनिया में शायद ही कोई ऐसा देश होगा जिसने इतनी आर्थिक वृद्धि हासिल की हो, लेकिन इतना कम सामाजिक प्रगति की हो।”
📌 निबंध में उपयोग: समावेशी विकास, सामाजिक संकेतक, शासन की विफलता

असमानता पर
🗨️ “भारत में कैलिफोर्निया जैसे द्वीप हैं, जो उप-सहारा अफ्रीका के समुद्र में तैरते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: क्षेत्रीय असमानता, सामाजिक विषमता, मानव विकास

शिक्षा और स्वास्थ्य पर
🗨️ “कोई भी देश बिना शिक्षा और स्वास्थ्य में बड़े निवेश के निरंतर विकास नहीं कर सका है।”
📌 निबंध में उपयोग: मानव पूंजी, लोक नीति, कल्याणकारी राज्य

शासन पर
🗨️ “समस्या योजनाओं की कमी नहीं है, बल्कि जवाबदेही की कमी है।”
📌 निबंध में उपयोग: कार्यान्वयन की खाई, सुशासन, नीति सुधार

लोकतंत्र और न्याय पर
🗨️ “लोकतंत्र केवल मतपेटी तक सीमित नहीं है; यह सुनिश्चित करता है कि हर आवाज़ मायने रखती है।”
📌 निबंध में उपयोग: भागीदारी वाला लोकतंत्र, सामाजिक न्याय, संवैधानिक नैतिकता

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भारत में कुष्ठ रोग: रोग-मुक्त भविष्य की ओर
भारत सरकार ने कुछ सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन, मुनाफे और रणनीतिक महत्व के आधार पर ‘नवरत्न’ का दर्जा दिया है। इसका उद्देश्य उन्हें अधिक स्वायत्तता देकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है।

ये कंपनियां भारत की आर्थिक प्रगति और आत्मनिर्भरता की मजबूत आधारशिला हैं
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🔆 “The Clash Within” – मार्था सी. नुसबाम
📘 लोकतंत्र, धार्मिक सहिष्णुता और नैतिक समाज

भारतीय लोकतंत्र पर
🗨️ “भारत का लोकतंत्र पश्चिम से मिला हुआ उपहार नहीं है, बल्कि इसकी अपनी नैतिक परंपराओं में निहित उपलब्धि है।”
📌 निबंध में उपयोग: लोकतांत्रिक स्थिरता, भारतीय राजनीति, सभ्यतागत मूल्य

धार्मिक सौहार्द पर
🗨️ “धार्मिक हिंसा अपरिहार्य नहीं है; यह भारत की लंबे समय से चली आ रही सहिष्णु नैतिक परंपरा के साथ विश्वासघात है।”
📌 निबंध में उपयोग: धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक सौहार्द, समाज में नैतिकता

नागरिकता पर
🗨️ “लोकतंत्र तभी फलता-फूलता है जब नागरिक एक-दूसरे को प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि समान नागरिक के रूप में देखते हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: नागरिकता, संवैधानिक नैतिकता, समावेशिता

शिक्षा और नैतिकता पर
🗨️ “शिक्षा को आलोचनात्मक सोच और करुणा की क्षमता विकसित करनी चाहिए — दोनों ही लोकतंत्र के अस्तित्व के लिए आवश्यक हैं।”
📌 निबंध में उपयोग: मूल्य शिक्षा, नैतिकता, लोकतांत्रिक संस्थाएँ

न्याय पर
🗨️ “किसी लोकतंत्र की असली कसौटी यह है कि वह अपने अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार करता है।”
📌 निबंध में उपयोग: सामाजिक न्याय, शासन, मानव अधिकार

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2025/10/20 03:40:58
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